विषयसूची:
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1. शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम-मालवीय मिशन का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 2
शिक्षा:
विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: मालवीय मिशन।
मुख्य परीक्षा: मालवीय मिशन कार्यक्रम उच्च शिक्षण संस्थानों में संकाय सदस्यों की क्षमता निर्माण के लिए कार्य करेगा। टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली के कौशल भवन में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम – मालवीय मिशन का शुभारंभ किया।
उद्देश्य:
- शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित मालवीय मिशन – शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों के लिए अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराना है।
- यह कार्यक्रम उच्च शिक्षण संस्थानों में संकाय सदस्यों की क्षमता निर्माण के लिए कार्य करेगा।
विवरण:
- शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करते हुए श्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षकों और शिक्षण विधियों में गुणवत्ता और उत्कृष्टता शामिल करके सभी स्तरों पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया।
- उन्होंने मानव संसाधन विकास केंद्रों (HRDC) का नाम बदलकर मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र करने की भी घोषणा की।
- उन्होंने उल्लेख किया कि यह कार्यक्रम निरंतर व्यावसायिक विकास सुनिश्चित करेगा और समयबद्ध तरीके से भारत भर में 111 मालवीय मिशन केंद्रों के माध्यम से HEI के 15 लाख शिक्षकों की क्षमता निर्माण में सहायता करेगा।
- यह कार्यक्रम हमारे शिक्षकों को भारतीय मूल्यों की गहरी समझ के साथ भविष्य के लिए तैयार करने का एक प्रयास है।
- इसका उद्देश्य शिक्षकों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करना, शिक्षकों में नेतृत्व कौशल का निर्माण करना और NEP के लक्ष्यों को साकार करने में सहायता करना है।
- शिक्षकों के लिए करियर में प्रगति के रास्ते सुनिश्चित करने के लिए मालवीय मिशन के तहत क्षमता निर्माण को क्रेडिट ढांचे में शामिल किया जाएगा।
- सामाजिक परिवर्तन केवल शिक्षा के विकास के माध्यम से ही किया जा सकता है और शिक्षक परिवर्तन के उत्प्रेरक हैं।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम के मॉड्यूल में भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल किया गया है।
- दो सप्ताह का ऑनलाइन कार्यक्रम उच्च शिक्षण संस्थानों में संकाय सदस्यों की क्षमता निर्माण के लिए पाठ्यक्रम/सामग्री के लिए पहचाने गए विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- 8 विषयों में समग्र और बहुविषयक शिक्षा, भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS), अकादमिक नेतृत्व, शासन और प्रबंधन, उच्च शिक्षा और समाज, अनुसंधान और विकास, कौशल विकास, छात्र विविधता और समावेशी शिक्षा और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी शामिल हैं।
- इस परिवर्तनकारी यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए यूजीसी ने क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए पंजीकरण करने के लिए संकाय सदस्यों के लिए एक समर्पित पोर्टल भी स्थापित किया है।
2. “भारत की G-20 की अध्यक्षता के अंतर्गत, डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर वैश्विक सहमति हासिल की गई”:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, साइबर सुरक्षा, डिजिटल कौशल।
मुख्य परीक्षा: भारत की G-20 की अध्यक्षता के अंतर्गत डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर वैश्विक सहमति के महत्व पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- अगस्त में आयोजित डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक के महत्वपूर्ण परिणामों में एक ऐतिहासिक कदम में, भारत की अध्यक्षता में, G-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्री भविष्य के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को प्रभावी ढंग से आकार देने के बारे में एक अभूतपूर्व सहमति पर पहुंचे।
उद्देश्य:
- राष्ट्रों के बीच आम सहमति मोटे तौर पर तीन प्रमुख क्षेत्रों – डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, साइबर सुरक्षा और डिजिटल कौशल – पर केंद्रित है।
विवरण:
- DPI, पहली बार, एक वैश्विक सहमति पर पहुंचे कि उनकी परिभाषा, रूपरेखा और सिद्धांत क्या होने चाहिए। यह एक रोमांचक बातचीत है जिसने G-20 के संदर्भ में गति पकड़ी है।
- भारत अब एक के स्टडी है, एक ऐसे राष्ट्र के रूप में जिसने प्रगति और विकास के लिए तकनीकी उपकरणों को नियोजित और तैनात किया है, जो देश पिछड़ गए हैं वे इसे DPI, एक ओपन-सोर्स डिजिटल बुनियादी ढांचे में भारत की अगुवाई का अनुसरण करने और इसका उपयोग करके वही प्रभाव पैदा करने के तरीके के रूप में देखते हैं जो भारत के पास है।
- भारत ने आर्मेनिया, सिएरा लियोन, सूरीनाम, एंटीगुआ, बारबाडोस, त्रिनिदाद और टोबैगो, पापुआ न्यू गिनी और मॉरीशस जैसे देशों के साथ आठ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो उन्हें बिना किसी लागत के और स्रोत तक खुली पहुंच के साथ इंडिया स्टैक और DPI की पेशकश करते हैं।
- इन देशों के पास अब अपनी सीमाओं के भीतर इन संसाधनों को अपनाने और उपयोग करने का अवसर है, जिससे वे अपने अद्वितीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को और विकसित कर सकते हैं।
- साइबर सुरक्षा पर, G-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों ने व्यापक चर्चा की है कि व्यवसायों के लिए सुरक्षा क्यों महत्वपूर्ण है।
- साइबर सुरक्षा दुनिया के सभी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि डिजिटल अर्थव्यवस्था आर्थिक प्रगति और वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा घटक बनती जा रही है।
- सर्वसम्मति का तीसरा बिंदु डिजिटल कौशल था।
- कोविड के बाद की डिजिटल दुनिया में, राष्ट्रों के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि युवाओं के बीच डिजिटल कौशल सिखाया और पोषित किया जाए।
- कोविड के बाद की डिजिटल दुनिया में डिजिटल कौशल की तेजी से आवश्यकता है।
- भारत की प्रतिभाएं हमारे युवाओं के लिए डिजिटल कौशल बनाने पर केंद्रित हैं।
- अनेक देश आने वाली तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए डिजिटल, भविष्य के लिए तैयार कौशल प्रतिभा तैयार करने के लिए एक-दूसरे के साथ और भारत के साथ साझेदारी करने में दिलचस्पी रखते हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- जल जीवन मिशन ने 13 करोड़ ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन लगाने की उपलब्धि हासिल की:
- जल जीवन मिशन (JJM) ने 05 सितम्बर 2023 को 13 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करके एक और उपलब्धि हासिल की है।
- ‘गति और पैमाने’ के साथ काम करते हुए, जीवन बदल देने वाले मिशन ने अगस्त, 2019 में मिशन की शुरुआत में केवल 3.23 करोड़ घरों में ग्रामीण नल कनेक्शन प्रदान किये थे जो 4 वर्षों में बढ़कर 13 करोड़ पर पहुंच चुका है।
- जल जीवन मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से की थी।
- अब तक, 6 राज्यों अर्थात् गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात, पंजाब और हिमाचल प्रदेश) और 3 केंद्र शासित प्रदेशों – पुदुचेरी, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली और अंडमान निकोबार द्वीप समूह ने 100 प्रतिशत कवरेज की सूचना दी है।
- निकट भविष्य में बिहार 96.39 प्रतिशत पर, मिजोरम 92.12 प्रतिशत पर परिपूर्णता प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।
- गोवा, हरियाणा, पंजाब, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी, दादरा व नगर हवेली और दमन और दीव ‘हर घर जल प्रमाणित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं यानी, इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में, ग्रामीणों ने ग्राम सभाओं के माध्यम से पुष्टि की है कि गांव में ‘सभी घर और सार्वजनिक संस्थानों’ को पानी की पर्याप्त, सुरक्षित और नियमित आपूर्ति हो रही है।
- देश के 145 जिलों और 1,86,818 गांवों ने 100 प्रतिशत कवरेज की सूचना दी है।
- मिशन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यक्रम को कार्यान्वित करता है और यह विकास भागीदारों सहित सभी के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है कि रूपांतरकारी बदलाव जमीन पर देखा जाता है।
- हर सेकंड एक नल जल कनेक्शन स्थापित किया जा रहा है जिससे देश का ग्रामीण परिदृश्य बदल रहा है।
- 1 जनवरी 2023 से रोजाना औसतन 87,500 नल कनेक्शन दिए जा रहे हैं।
- उत्तर प्रदेश ने जनवरी 2023 से 61.05 लाख चालू घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) लगाकर चालू वित्त वर्ष में प्रगति चार्ट में शीर्ष पर है।
- केंद्र और राज्य सरकारों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप देश के 9.15 लाख (88.73 प्रतिशत) स्कूलों और 9.52 लाख (84.69 प्रतिशत) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान सुनिश्चित हुआ है। हमारे देश के 112 आकांक्षी जिलों में, मिशन के शुभारंभ के समय, केवल 21.41 लाख (7.86 प्रतिशत) घरों में नल का पानी उपलब्ध था जो अब बढ़कर 1.81 करोड़ (66.48 प्रतिशत) हो गया है।
- जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, 1.79 करोड़ आबादी (आर्सेनिक-1.19 करोड़, फ्लोराइड-0.59 करोड़) वाली 22,016 बस्तियां (आर्सेनिक-14,020, फ्लोराइड-7,996) पेयजल स्रोतों में आर्सेनिक/फ्लोराइड संदूषण से प्रभावित थीं।
- राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के अनुसार, अब सभी आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है।
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