विषयसूची:
|
1. प्रधानमंत्री की 20 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भागीदारी
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार
प्रारंभिक परीक्षा: आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के बारे में
मुख्य परीक्षा: आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की प्रासंगिकता
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री ने जकार्ता में आयोजित 20 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में भाग लिया।
विवरण:
- आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ बनाने और इसके भविष्य की रूपरेखा तैयार करने पर आसियान भागीदारों के साथ व्यापक चर्चा की।
- प्रधानमंत्री ने भारत-आसियान सहयोग को मजबूत बनाने हेतु कनेक्टिविटी, डिजिटल परिवर्तन, व्यापार और आर्थिक सहभागिता, समकालीन चुनौतियों का समाधान, जनता के बीच आपसी संपर्क और रणनीतिक सहभागिता को प्रगाढ़ बनाने जैसे मुद्दों को शामिल करते हुए एक 12-सूत्री प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जो इस प्रकार है:
- दक्षिण-पूर्व एशिया-भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप को जोड़ने वाले मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और आर्थिक गलियारे की स्थापना
- आसियान साझेदारों के साथ भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक को साझा करने की पेशकश
- डिजिटल परिवर्तन और वित्तीय कनेक्टिविटी में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल भविष्य के लिए आसियान-भारत कोष की घोषणा
- सहभागिता बढ़ाने के लिए ज्ञान साझेदार के रूप में कार्य करने हेतु आसियान और पूर्वी एशिया के आर्थिक और अनुसंधान संस्थान (ERIA) को समर्थन की पुन:स्थापना की घोषणा
- विकासशील देश (ग्लोबल साउथ) के समक्ष आने वाले मुद्दों को बहुपक्षीय मंचों पर सामूहिक रूप से उठाने का आह्वान
- आसियान देशों को भारत में WHO द्वारा स्थापित किए जा रहे ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन में शामिल होने का आमंत्रण
- मिशन लाइफ पर एक साथ काम करने का आह्वान
- जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से लोगों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं प्रदान करने संबंधी भारत के अनुभव को साझा करने की पेशकश
- आतंकवाद, आतंक के वित्तपोषण और साइबर-दुष्प्रचार के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आह्वान
- आसियान देशों को आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रण
- आपदा प्रबंधन में सहयोग का आह्वान
- समुद्री सुरक्षा, संरक्षा और डोमेन कार्य क्षेत्र जागरूकता पर सहयोग बढ़ाने का आह्वान
- दो संयुक्त वक्तव्यों – एक समुद्री सहयोग पर और दूसरा खाद्य सुरक्षा पर – को अंगीकार किया गया।
- 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री ने ईएएस तंत्र के महत्व को दोहराया और इसे और मजबूती प्रदान करने में सहायता देने की फिर से पुष्टि की। प्रधानमंत्री ने आसियान की केंद्रीयता के लिए भारत के समर्थन को रेखांकित किया तथा स्वतंत्र, खुले और नियम आधारित हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
- प्रधानमंत्री ने भारत और आसियान के बीच हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोणों के तालमेल पर प्रकाश डाला और इस बात को रेखांकित किया कि आसियान क्वाड के दृष्टिकोण का केंद्र बिंदु है।
- प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन तथा भोजन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के लिए लचीली आपूर्ति श्रृंखला और ऊर्जा सुरक्षा सहित वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने का भी आह्वान किया।
- उन्होंने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भारत की ओर से उठाए गए कदमों और आईएसए, सीडीआरआई, लाइफ और ओएसओडब्ल्यूओजी जैसी हमारी पहलों पर प्रकाश डाला।
2.भारतीय रेलवे के गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV) वडोदरा और एयरबस के बीच एयरोस्पेस शिक्षा और अनुसंधान के लिए समझौता ज्ञापन
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: रेलवे के गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी)
प्रसंग:
- वडोदरा में भारतीय रेलवे की गति शक्ति यूनिवर्सिटी (GSV) और एयरबस ने भारतीय विमानन क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
उद्देश्य:
- लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजन।
विवरण:
- हाल ही में एयरबस और टाटा ने गुजरात के वडोदरा में भारत में C-295 विमान का डिजाइन, नवाचार, निर्माण और विकास के लिए एक साझेदारी की घोषणा की थी। एयरबस दुनिया में वाणिज्यिक विमानों का सबसे बड़ा निर्माता है और हेलीकॉप्टरों, रक्षा एवं अंतरिक्ष उपकरणों का एक प्रमुख निर्माता है।
- कंपनी भारत को एक विश्व स्तरीय वाणिज्यिक विमानन केंद्र और प्रतिभा और संसाधनों के केंद्र के रूप में देखती है। कंपनी देश में पूरी तरह से एकीकृत विमान विनिर्माण व्यवसाय प्रणाली विकसित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। मेक इन इंडिया सिद्धांत एयरबस की व्यावसायिक रणनीति के मूल में है और कंपनी धीरे-धीरे वैश्विक विनिर्माण में देश के योगदान को बढ़ा रही है।
- यह उद्योग-शैक्षणिक साझेदारी, नियमित छात्रों और कामकाजी पेशेवरों के लिए क्षेत्र-प्रासंगिक कौशल पाठ्यक्रमों एवं कार्यक्रमों, संकाय के लिए संयुक्त अनुसंधान एवं औद्योगिक अनुभव, छात्रों के लिए इंटर्नशिप एवं प्लेसमेंट और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के सह-विकास और सह-वितरण को सक्षम बनाएगा।
- यह उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरुप छात्रों के लिए नौकरी के अवसर उत्पन्न करेगा। एयरबस भारतीय परिचालन में 15,000 छात्रों को नौकरियों के अवसर प्रदान करेगा।
गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV)
- गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV) वडोदरा की स्थापना 2022 में संसद के एक अधिनियम द्वारा पूरे परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ श्रेणी की जनशक्ति एवं प्रतिभा का निर्माण करने के लिए किया गया था। यह केंद्रीय विश्वविद्यालय रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है और रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री, श्री अश्विनी वैष्णव इसके पहले कुलपति हैं।
- परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए, जीएसवी “अपनी तरह का पहला” विश्वविद्यालय है, जिसका उद्देश्य रेलवे, शिपिंग, बंदरगाहों, राजमार्गों, सड़कों, जलमार्गों और विमानन आदि में राष्ट्रीय विकास योजनाओं (पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति 2022) के जनादेश को पूरा करना है। भारतीय रेलवे के सभी केन्द्रीकृत प्रशिक्षण संस्थानों के मांग-संचालित पाठ्यक्रम और अत्याधुनिक अवसंरचना का लाभ उठाते हुए, जीएसवी प्रौद्योगिकी, अर्थशास्त्र, प्रबंधन एवं नीति में पेशेवरों का एक संसाधन पूल तैयार करेगा, जिसमें बहु-विषयक शिक्षण (स्नातक/ मास्टर/ डॉक्टरेट), कार्यकारी प्रशिक्षण और अनुसंधान शामिल हैं। जीएसवी भारतीय रेलवे परिवीक्षाधीनों और सेवारत अधिकारियों को प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान करेगा।
- जीएसवी एक उद्योग-संचालित और नवाचार-आधारित विश्वविद्यालय है और इस कारण वह पहले से ही दुनिया के अग्रणी संस्थानों और उद्योगों के साथ कई प्रकार के सहकार्यों में शामिल है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारत ने एशियाई विकास बैंक के 2023 क्षेत्रीय सहयोग और एकीकरण सम्मेलन में पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को प्रदर्शित किया
- भारत ने जॉर्जिया के त्बिलिसी में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा आयोजित ‘2023 क्षेत्रीय सहयोग और एकीकरण सम्मेलन: आर्थिक गलियारा विकास (ईसीडी) के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग और एकीकरण को मजबूत करना’ में पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को प्रदर्शित किया।
- सम्मेलन का उद्देश्य (i) ईसीडी के साथ स्थानिक परिवर्तन/क्षेत्र-केंद्रित दृष्टिकोण को एकीकृत करने के तरीकों का पता लगाना तथा व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना एवं (ii) निवेश योग्य परियोजनाओं पर आर्थिक गलियारा विकास (ईसीडी) फ्रेमवर्क के अनुप्रयोग और परिचालन दिशा निर्देशों पर ज्ञान साझा करना था।
- पीएम गतिशक्ति – मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान एक मेड इन इंडिया पहल है, जो आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक अवसंरचना के लिए मल्टी-मॉडल इन्फ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी की एकीकृत योजना के लिए एक परिवर्तनकारी ‘संपूर्ण-सरकारी’ दृष्टिकोण है, जिससे लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार होगा। पीएम गति शक्ति के सिद्धांत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के हिस्से के रूप में सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र-आधारित विकास पर आधारित हैं।
- पीएम गतिशक्ति एनएमपी 1400 से अधिक डेटा परतों और 50+ उपकरणों के साथ एक जीआईएस डेटा-आधारित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जो मुख्य और उपयोगिता आधारित अवसंरचना, भूमि उपयोग, मौजूदा संरचनाओं (जैसे, पुल, रेलवे क्रॉसिंग, एक पुलिया), मिट्टी की गुणवत्ता, निवास स्थान का फैलाव, पर्यटन स्थल, वन-संवेदनशील क्षेत्र इत्यादि एवं स्थल उपयुक्तता जैसे डेटा आधारित निर्णय के लिए दृश्य चित्रण प्रस्तुत करता है।
- इसकी संस्थागत व्यवस्था केंद्र और राज्य स्तर पर पूरी तरह से संचालन में है, जिससे योजना निर्माण और फैसले लेने के क्रम में पीएम गति शक्ति सिद्धांतों को अपनाने में सुविधा होती है।
- पीएम गतिशक्ति दृष्टिकोण पड़ोसी देशों के बीच क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और निर्बाध व्यापार को मजबूत करने की दिशा में देश के भीतरी इलाकों के मल्टी मॉडल गलियारे जैसे औद्योगिक सड़क गलियारे, समर्पित रेल माल ढुलाई गलियारे और जलमार्ग नेटवर्क के प्राकृतिक विस्तार की सुविधा प्रदान कर रहा है।
- एक्सरसाइज ब्राइट स्टार- 23:
- आईएनएस सुमेधा ‘एक्सरसाइज ब्राइट स्टार- 23’ में भाग लेने के लिए 06 सितंबर 2023 को मिस्र के पोर्ट अलेक्जेंड्रिया पहुंचा। तीनों सेनाओं के इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास में 34 देशों की भागीदारी होगी। यह मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
- एक्सरसाइज ब्राइट स्टार- 23 को दो चरणों में आयोजित किया जाना है। हार्बर चरण में समुद्री चरण की योजना और संचालन के लिए क्रॉस-डेक विजिट, पेशेवरों का आदान-प्रदान, खेल फिक्स्चर और बातचीत जैसी व्यापक गतिविधियां शामिल हैं। समुद्री चरण में जटिल और उच्च तीव्रता वाले अभ्यास शामिल होंगे, जिनमें क्रॉस डेक फ्लाइंग, एंटी-सरफेस और एंटी-एयर अभ्यास शामिल होंगे जिनमें लाइव हथियार फायरिंग अभ्यास भी शामिल होगा।
- यह अभ्यास भारतीय नौसेना को अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने और प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। यह अपने साझेदार देशों से समुद्री सुरक्षा संचालन में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों से लाभ भी प्राप्त करता है।
- यह एक्सरसाइज ब्राइट स्टार में भारतीय नौसेना की पहली भागीदारी है, जिसमें अन्य मित्रवत विदेशी नौसेनाओं के नौसेना जहाजों की भी भागीदारी होगी। यह अभ्यास गहन संचालन और प्रशिक्षण के साथ दो सप्ताह तक चलेगा, जिसका उद्देश्य भाग लेने वाली नौसेनाओं की एक एकीकृत बल के रूप में एक साथ काम करने की क्षमता की पुष्टि करना और सहयोगात्मक प्रशिक्षण और आपसी समझ के माध्यम से समुद्री सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता के लिए उनकी साझा प्रतिबद्धता को उजागर करना है।
Comments