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08 दिसंबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. कृषि एवं संबद्ध उद्योगों में स्टार्टअप
  2. दवाओं के मूल्य निर्धारित करने के मानक
  3. पीएमबीजेपी के तहत सुविधा सेनेटरी नैपकिन
  4. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने 13 निर्दिष्ट डार्क पैटर्न को सूचीबद्ध करते हुए डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए ‘डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन दिशानिर्देश, 2023’ जारी किए हैं
  5. भारतीय सेना ने आसियान महिला शांतिरक्षकों के लिए टेबल-टॉप अभ्यास (टीटीएक्स) का आयोजन किया
  6. अंतर्देशीय मछली उत्पादन
  7. अंग प्रत्यारोपण पर नई जानकारी
  8. प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना

1. कृषि एवं संबद्ध उद्योगों में स्टार्टअप

सामान्य अध्ययन: 3

कृषि

विषय: कृषि क्षेत्र में नवाचार एवं स्टार्टअप

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई), नवाचार एवं कृषि-उद्यमिता विकास कार्यक्रम संबंधित तथ्य

मुख्य परीक्षा: कृषि क्षेत्र की दशा सुधारने में स्टार्टअप्स एवं नवाचारों की भूमिका

प्रसंग:

  • कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से ‘नवाचार एवं कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम लागू किया जा रहा है।

विवरण:

  • ‘नवाचार एवं कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम का उद्देश्य देश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करते हुए नवाचार और कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
  • स्टार्टअप के इनक्यूबेशन और इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए 5 नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और 24 आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर (आर-एबीआई) नियुक्त किए गए हैं।
  • स्टार्ट-अप को नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) द्वारा प्रशिक्षित और इनक्यूबेट किया जाता है।
  • भारत सरकार कृषि-स्टार्टअप कॉन्क्लेव, कृषि मेला, प्रदर्शनियों, वेबिनार, कार्यशालाओं सहित विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों का आयोजन करती है जिससे उन्हें विभिन्न हितधारकों के साथ जोड़कर कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके।
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत सहायता प्राप्त कृषि-स्टार्ट-अप ‘योजना’ से लेकर ‘मापन’ और ‘विकास चरण’ कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
  • ये कृषि-स्टार्टअप कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, जैसे कि सटीक कृषि, कृषि मशीनीकरण, कृषि परिचालन एवं आपूर्ति श्रृंखला, कृषि-प्रसंस्करण एवं खाद्य प्रौद्योगिकी, अपशिष्ट से धन, जैविक कृषि, पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन, आदि।
  • कृषि स्टार्टअप्स द्वारा विकसित एवं उभरती प्रौद्योगिकियां कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में विभिन्न सस्ती और अभिनव समाधान प्रदान कर रही हैं।
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत, 2019-20 से 2023-24 तक कुल 1524 कृषि स्टार्टअप को 106.25 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. दवाओं के मूल्य निर्धारित करने के मानक

  • डीपीसीओ 2013 के वर्तमान प्रावधानों के अनुसार, बिक्री के लिए नियत अनुसूचित या गैर-अनुसूचित फार्मूलेशन के प्रत्येक मैन्युफैक्चरर को फार्मूलेशन के कंटेनर के लेबल पर और खुदरा बिक्री के लिए प्रस्तावित उसके न्यूनतम पैक पर अमिट प्रिंट मार्क में उस फार्मूलेशन का अधिकतम खुदरा मूल्य प्रदर्शित करना होगा जिसके आगे ‘अधिकतम खुदरा मूल्य’ शब्द अंकित होगा और उसके बाद ‘सभी करों को सम्मिलित’ शब्द अंकित होगा।
  • इसके अतिरिक्त डीपीसीओ 2013 में यह प्रावधान है कि प्रत्येक मैन्युफैक्चरर, अन्य बातों के साथ-साथ डीलरों को एक मूल्य सूची जारी करेगा, जो इसे उस आधार के विशिष्ट भाग पर प्रदर्शित करेगा जहां वह व्यवसाय करता है।
  • इसमें यह भी प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी उपभोक्ता को वर्तमान मूल्य सूची में निर्दिष्ट मूल्य या कंटेनर या उसके पैक के लेबल पर दर्शाए गए मूल्य, जो भी कम हो, से अधिक मूल्य पर कोई फार्मूलेशन नहीं बेचेगा।
  • राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा डीपीसीओ 2013 के संगत प्रावधानों के अंतर्गत अधिक मूल्य वसूलने के मामलों से निपटा जाता है।
  • तथापि, एमआरपी के भीतर मेडिकल स्टोरों द्वारा ग्राहकों को रियायत का प्रावधान वाणिज्यिक विचार और एक व्यावसायिक प्रथा द्वारा निर्देशित होता है जो नियंत्रण आदेश के दायरे में नहीं आता है।
  • एनपीपीए डीपीसीओ, 2013 के वर्तमान प्रावधानों के अनुसार अनुसूचित फॉर्मूलेशन का अधिकतम मूल्य तय करता है।
  • किसी अनुसूचित फार्मूलेशन का अधिकतम मूल्य पहले एक प्रतिशत या उससे अधिक बाजार हिस्सेदारी वाले उस विशेष फार्मूलेशन के सभी ब्रांडेड-जेनेरिक और जेनेरिक रूपों के संबंध में खुदरा विक्रेता (पीटीआर) को मूल्य का साधारण औसत निर्धारित करके तय किया जाता है।
  • उस विशेष दवा फॉर्मूलेशन के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) अधिसूचित उच्चतम मूल्य और लागू करों से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • इसके अतिरिक्त डीपीसीओ, 2013 में उन मामलों में अधिकतम मूल्य निर्धारित करने का भी प्रावधान है जहां प्रतिस्पर्धा का अभाव है और अनुसूचित फॉर्मूलेशन के वर्तमान निर्माताओं के लिए डीपीसीओ, 2013 में परिभाषित नई दवा के खुदरा मूल्य हैं।

2. पीएमबीजेपी के तहत सुविधा सेनेटरी नैपकिन

  • प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत, सरकार ने महिलाओं के लिए 1/- रुपये प्रति पैड की दर से जन औषधि सुविधा सेनेटरी नैपकिन की शुरुआत की है, ताकि किफायती दरों पर मासिक धर्म स्वास्थ्य सेवाओं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
  • ये पैड देशभर में खोले गए 10 हजार से ज्यादा जन औषधि केंद्रों के जरिए बेचे जा रहे हैं। शुरूआत के बाद से 30 नवंबर 2023 तक, जन औषधि केंद्रों पर 47.87 करोड़ से अधिक जन औषधि सुविधा सेनेटरी पैड बेचे गए हैं।
  • सुविधा सेनेटरी पैड 1/- रुपये प्रति पैड की अत्यधिक रियायती दर पर 10000 से अधिक जन औषधि केंद्रों पर बेचे जा रहे हैं।
  • ये पैड ऑक्सी-बायोडिग्रेडेबल हैं और अच्छी गुणवत्ता मानकों को बनाए रखते हैं।
  • फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई), योजना की कार्यान्वयन एजेंसी महिलाओं के बीच स्वच्छ व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया और प्रचार के अन्य माध्यमों से इन सुविधा सेनेटरी पैड के लिए प्रचार और जागरूकता अभियान चला रही है।

3. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने 13 निर्दिष्ट डार्क पैटर्न को सूचीबद्ध करते हुए डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए ‘डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन दिशानिर्देश, 2023’ जारी किए हैं

  • डार्क पैटर्न में डिज़ाइन और पसंद आर्किटेक्चर/बनावट का उपयोग कर उपभोक्ताओं को धोखा देने, मजबूर करने या ऐसे विकल्प चुनने के लिए प्रभावित करना, जो उनके सर्वोत्तम हित में नहीं हैं, शामिल है।
  • डार्क पैटर्न में ड्रिप मूल्य निर्धारण, प्रच्छन्न विज्ञापन, प्रलोभन युक्ति (बेट एंड स्विच), झूठी तात्कालिकता आदि जैसे हेरफेर प्रथाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
  • ऐसी प्रथाएं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत परिभाषित “अनुचित व्यापार प्रथाओं” की श्रेणी में आती हैं।
  • केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सूचीबद्ध किए हुए 13 निर्दिष्ट डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए 30 नवंबर, 2023 को “डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन दिशानिर्देश, 2023” जारी किए।
  • उपभोक्ताओं को ई-कॉमर्स में अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाने के लिए, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 को भी अधिसूचित किया है।
  • ये नियम अन्य बातों के साथ-साथ ई-कॉमर्स संस्थाओं की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हैं और ग्राहक शिकायत निवारण के प्रावधानों सहित मार्केटप्लेस और इन्वेंट्री ई-कॉमर्स संस्थाओं की देनदारियों को निर्दिष्ट करते हैं।
  • उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने 9 जून, 2022 को भ्रामक विज्ञापनों और भ्रामक विज्ञापनों के समर्थन की रोकथाम दिशानिर्देश, 2022 को अधिसूचित किया है।
  • ये दिशानिर्देश अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रदान करते हैं;
  1. किसी विज्ञापन के गैर-भ्रामक और वैध होने की शर्तें;
  2. प्रलोभन वाले विज्ञापनों और मुफ्त दावे वाले विज्ञापनों के संबंध में कुछ शर्तें;

(c) निर्माता, सेवा प्रदाता, विज्ञापनदाता और विज्ञापन एजेंसी के कर्तव्य।

  • भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ई-कॉमर्स में नकली और भ्रामक समीक्षाओं से उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के लिए 23.11.2022 को ‘ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाएं – उनके संग्रह, मॉडरेशन और प्रकाशन के लिए सिद्धांत और आवश्यकताएं’ पर रूपरेखा अधिसूचित की है।
  • मानक स्वैच्छिक हैं और हर उस ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर लागू होते हैं जो उपभोक्ता समीक्षाएँ प्रकाशित करता है।
  • अखंडता, सटीकता, गोपनीयता, सुरक्षा, पारदर्शिता, पहुंच और जवाबदेही मानक के मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।

4. भारतीय सेना ने आसियान महिला शांतिरक्षकों के लिए टेबल-टॉप अभ्यास (टीटीएक्स) का आयोजन किया

  • लैंगिक समावेशिता को प्रोत्साहन देने और शांति अभियानों में महिला सैन्य कर्मियों की क्षमताओं में वृद्धि करने के लिए भारतीय सेना ने एक ऐतिहासिक पहल की है।
  • इसके अंतर्गत भारतीय सेना ने नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में 4 से 8 दिसंबर 2023 तक दक्षिण – पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (आसियान) की महिला अधिकारियों के लिए एक टेबल-टॉप एक्सरसाइज (टीटीएक्स) का आयोजन किया है।
  • यह अभ्यास शांति मिशनों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और क्षमता निर्माण को मजबूत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें इस क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
  • संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) शांति स्थापना अभियानों में प्रशिक्षण प्रदान करने वाली भारतीय सेना की एक प्रमुख संस्था है।
  • संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) ने पहले 18 से 29 सितंबर 2023 तक आसियान महिला सैन्य अधिकारी पाठ्यक्रम आयोजित किया था।
  • यह टेबल-टॉप एक्सरसाइज (टीटीएक्स) भारत और आसियान सदस्य देशों के बीच चल रहे संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण का अनुवर्ती अभ्यास है।
  • यह अभ्यास विश्व शांति, स्थिरता और लैंगिक समानता के प्रति भारत की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
  • यह अभ्यास प्रतिभागियों के लिए वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को प्रतिबिंबित करते हुए जटिल शांति स्थापना परिदृश्यों पर प्रतिक्रियाओं का अनुकरण और रणनीति बनाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • इसमें महिलाओं की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जटिल परिचालन शांति स्थापना वातावरण और तरीकों का प्रदर्शन भी शामिल था।
  • इस अभ्यास में भारत की समृद्ध और जीवंत संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए दिल्ली का एक धरोहर दौरा भी सम्मिलित है।
  • कार्यक्रम में विभिन्न संयुक्त राष्ट्र मिशनों में तैनात किए जा रहे ‘भारत में निर्मित’ उपकरणों के प्रदर्शन के अलावा संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभ्यास पर व्याख्यान और प्रदर्शन भी सम्मिलित किया गया है।

5. अंतर्देशीय मछली उत्पादन

  • पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में अंतर्देशीय मछली उत्पादन में 7.94 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखी गई और 2022-23 में 131.13 लाख टन का उच्चतम मछली उत्पादन दर्ज किया गया।
  • भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग ने देश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल और कार्यक्रम शुरू किए हैं जिनमें शामिल हैं

(i) केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) का कार्यान्वयन: नीली क्रांति: एकीकृत विकास और 2015-16 से 2019-20 की अवधि के दौरान मत्स्य पालन का प्रबंधन, 3000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ।

(ii) प्रमुख योजना “प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) – भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और उत्तरदायी विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाने की योजना” का कार्यान्वयन 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कवर करेगा।

    • प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) का उद्देश्य भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, गुणवत्तापूर्ण मछली उत्पादन, प्रजातियों के विविधीकरण, निर्यात-उन्मुख प्रजातियों को बढ़ावा देना, ब्रांडिंग, मानकों और प्रमाणन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, उत्पादन के बाद के बुनियादी ढांचे, निर्बाध कोल्ड चेन और आधुनिक मछली पकड़ने के बंदरगाहों और मछली लैंडिंग केंद्रों के विकास पर जोर देते हुए निर्माण के लिए सहायता प्रदान करना है।

(iii) 7522.48 करोड़ रुपये के कुल फंड आकार के साथ मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) का कार्यान्वयन, 2018-19 से 2023-24 तक रियायती वित्त प्रदान करने के लिए 5 साल की अवधि के लिए लागू किया गया।

(iv) मछुआरों और मछली किसानों की पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए वर्ष 2018-19 में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का विस्तार।

  • 2018 के बाद से देश में अंतर्देशीय मछली उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है, जो 2018-19 के 97.20 लाख टन से बढ़कर 2022-23 में 131.13 लाख टन हो गया, जो 2018-19 से 2022-23 के दौरान कुल अंतर्देशीय मछली उत्पादन में 34.9% की रिकॉर्ड वृद्धि दर्शाता है।

6. अंग प्रत्यारोपण पर नई जानकारी

  • भारत सरकार ने देश में अंग दान की दर में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं।
  • इनमें राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम (एनओटीपी) के तहत स्थापित राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ), क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (आरओटीटीओ) और राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एसओटीटीओ) द्वारा सूचना का प्रसार शामिल है।
  • आज़ादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के तहत, अंग दान को सोशल मीडिया के माध्यम से “जन आंदोलन” के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
  • इस संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय माइ गॉव प्लेटफॉर्म पर एक प्रतिज्ञा अभियान और स्लोगन प्रतियोगिता चला रहा है. जुलाई 2023 में शुरू किए गए “अंगदान महोत्सव” के तहत, देश भर में मृतक दाता अंग दान पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
  • किडनी और लीवर की विफलता की रोकथाम पर केंद्रित जुलाई 2023 में अंग और ऊतक दान पर पहला राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया था, जिसमें हजारों चिकित्सा पेशेवरों ने भाग लिया था।
  • जागरूकता पैदा करने के लिए देश भर में गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जैसे कि प्रतिवर्ष भारतीय अंग दान दिवस (आईओडीडी) का उत्सव, सेमिनार, कार्यशालाएँ, वाद-विवाद, खेल आयोजन, वॉकथॉन, मैराथन, नुक्कड़ नाटक, नोटो वैज्ञानिक संवाद 2023 आदि।
  • अंग दान पर डिस्प्ले बोर्ड प्रत्यारोपण/पुनर्प्राप्ति अस्पतालों में आईसीयू और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर प्रदर्शित किए जाते हैं।
  • प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं, ऑडियो और ऑडियो-विज़ुअल संदेशों का प्रसार सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आदि के माध्यम से किया जाता है।
  • स्कूली बच्चों को अंगदान के बारे में जानकारी देने के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा पोस्टर बनाने, विशेष प्रतिज्ञा अभियान चलाने जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और माइ गॉव(एमवाई जीओवी) प्लेटफॉर्म पर स्लोगन प्रतियोगिता आदि।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किडनी प्रत्यारोपण पैकेज को आयुष्मान भारत की पीएम-जेएवाई योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। इसके अलावा, राष्ट्रीय आरोग्य निधि (आरएएन) के तहत 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मंत्रालय द्वारा गरीबी रेखा से नीचे के मरीजों को हृदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि के प्रत्यारोपण के लिए प्रदान की जाती है।
  • मानव अंगों और ऊतकों का प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान या इसके तहत किसी भी नियम के किसी भी शिकायत या उल्लंघन की जांच के लिए प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा एक उपयुक्त प्राधिकारी नियुक्त करने का प्रावधान करता है। स्वास्थ्य और कानून एवं व्यवस्था राज्य के विषय होने के कारण, यह मुख्य रूप से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की जिम्मेदारी है कि वे अवैध ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई करें जो देश में पैसा कमाने वाले नेटवर्क के माध्यम से पहुँच प्रदान करते हैं और अंग उपलब्ध कराते हैं।

7. प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना

  • प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में इस योजना के प्रारंभ होने से लेकर 02.12.2023 तक 3.59 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का नामांकन किया गया है।
  • इसके अलावा, उपर्युक्त अवधि के दौरान, 3.21 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 14,428.35 करोड़ रुपये (केंद्र और राज्य दोनों के हिस्से सहित) से अधिक के मातृत्व लाभ वितरित किए गए हैं।
  • सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के लिए आवेदन प्रक्रिया को एक मोबाइल ऐप और एक समर्पित पोर्टल (पीएमएमवीवाईसॉफ्ट एमआईएस) की शुरुआत करके पूर्णतया डिजिटाइज़ कर दिया है, जिससे आवेदन की प्रक्रिया पेपरलेस हो गई है। पीएमएमवीवाई-सॉफ्ट एमआईएस का यूआरएल https://pmmvy.wcd.gov.in है।
  • ऑनलाइन आवेदन पत्र सरल और समझने में आसान है, जो एक सुसंगत और सीधी प्रक्रिया सुनिश्चित करता है।
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियां (एडब्ल्यूडब्ल्यू) मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) मोबाइल ऐप या पीएमएमवीवाईसॉफ्ट एमआईएस पर ऑनलाइन लाभार्थियों के फॉर्म भरती हैं।
  • इसके अलावा, पीएमएमवीवाईसॉफ्ट एमआईएस पर लाभार्थी के स्व-पंजीकरण का प्रावधान किया गया है ताकि लाभार्थी या लाभार्थी की ओर से कोई व्यक्ति पीएमएमवीवाईसॉफ्ट एमआईएस पर पंजीकरण कर सके।
  • पीएमएमवीवाई के अंतर्गत, लाभार्थियों के आधार का प्रमाणीकरण यूनिक आइडेंटीफिकेशन ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के साथ जुड़ी बैक एंड में एक डिजिटल प्रक्रिया द्वारा पंजीकरण के समय किया जाता है और इसके लिए लाभार्थी को कोई भी प्रयास करना अपेक्षित नहीं है।
  • इससे यह सुनिश्चित होता है कि भुगतान राशि हमेशा वांछित लाभार्थी के पास जाती है। आधार से संबंधित अस्वीकृति केवल तभी होती है जब आवेदक द्वारा दिए गए विवरण और यूआईडीएआई डेटाबेस के बीच कोई मिलान नहीं होता है। पति का आधार देने की अनिवार्यता को भी हटा दिया गया है।
  • पीएमएमवीवाई के अंतर्गत ये लाभ बच्चे के जन्म के समय अनौपचारिक क्षेत्र की महिलाओं सहित समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्ग की 18 वर्ष, 7 माह से लेकर 55 वर्ष के आयु वर्ग की गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए उपलब्ध हैं।
  • यह मंत्रालय योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए प्रत्येक वर्ष मातृ वंदना सप्ताह भी मनाता है।
  • राज्य/संघ राज्य क्षेत्र विभिन्न आईईसी और व्यवहार परिवर्तन संपे्रषण (बीसीसी) कार्यकलाप जैसे प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक, समाचार पत्रों के विज्ञापन, रेडियो जिंगल का प्रसारण, सेल्फी अभियान, डोर टू डोर अभियान, क्षेत्रीय पदाधिकारी स्तर पर सामुदायिक कार्यक्रम आदि करते हैं।
  • इसके अलावा, मंत्रालय पीएमएमवीवाई के तहत सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में आवधिक आधार पर पात्र लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान भी चला रहा है।
  • मंत्रालय पात्र लाभार्थियों तक पहुंच बनाने के लिए सोशल मीडिया पोर्टल का भी उपयोग करता है।
  • लाभार्थियों के नामांकन के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों/प्रत्यायित सामाजिक स्वास्थ्य कर्मी (आशा) को प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जा रही है जो यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि स्कीम का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे।

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