विषयसूची:
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09 July 2024 Hindi PIB
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1. भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए अबू धाबी में संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की 12वीं बैठक आयोजित:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी)।
मुख्य परीक्षा: भारत और यूएई सम्बन्ध।
प्रसंग:
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की 12वीं बैठक 09 जुलाई, 2024 को अबू धाबी में आयोजित की गई।
उद्देश्य:
- इस बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को और विस्तृत करने के लिए सहभागिता के व्यापक अवसरों पर चर्चा की।
- बातचीत में प्रशिक्षण, संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा औद्योगिक सहयोग, विषय वस्तु आधारित विशेषज्ञों का आदान-प्रदान और अनुसंधान एवं विकास आदि के क्षेत्रों में विस्तृत तरीके से विचार-विमर्श किया गया।
विवरण:
- दोनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
- चर्चा के दौरान एक-दूसरे देश के अनुभव व ज्ञान का पारस्परिक रूप से लाभ उठाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के उद्देश्य से आपस में यात्राओं के आदान-प्रदान पर भी सहमति व्यक्त की गई।
- इसके अलावा दोनों देशों ने प्रमुख क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने हेतु अवसरों को भी आपस में साझा करने के लिए हामी भरी।
- अबू धाबी में संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की 12वीं बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त सचिव श्री अमिताभ प्रसाद ने किया, जिसमें रक्षा मंत्रालय, सशस्त्र बलों और भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
- यूएई की ओर से ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ जमाल इब्राहिम मोहम्मद अलमाजरूकी ने सह-अध्यक्षता की।
- बैठक में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई और नौसेना और सेना के बीच कार्मिक स्तर पर वार्ता आयोजित की गई।
- संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की बैठक के दौरान दोनों देशों की नौसेना और सेना के बीच कार्मिक स्तर पर भी वार्ता आयोजित की गई। इसके अतिरिक्त, सेवा विशिष्ट सहयोग पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
पृष्ठ्भूमि:
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी।
- शुरुआत से लेकर अब तक कुल 11 दौर की बैठकें संपन्न हो चुकी हैं।
- 12वीं बैठक के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत के रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को और अधिक विस्तार देने का अवसर प्राप्त हुआ, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी पहले से सशक्त हुई है।
2. दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 2
सामाजिक न्याय:
विषय: केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन ,इन अति संवेदन शील वर्गों की रक्षा एवं बहतरी के लिए गठित तंत्र,विधि ,संस्थान एवं निकाय।
मुख्य परीक्षा: आईएसएलआरटीसी और यूनिकी के बीच हुए समझौता ज्ञापन के उद्देश्य पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
उद्देश्य:
- इस समझौते का मुख्य उद्देश्य भारतीय सुगम्यता संबंधी मानकों का उपयोग करके यूनिवर्सल डिजाइन के बारे में प्रशिक्षण प्रदान करना और इन मानकों के ज्ञान के प्रसार के लिए एकीकृत उपकरण बनाना, डीईपीडब्ल्यूडी द्वारा चिन्हित किए गए विभिन्न समूहों को भारतीय सुगम्यता मानकों के बारे में संयुक्त प्रशिक्षण प्रदान करना, सुगम्यता संबंधी शिक्षा के लिए एक सॉफ्टवेयर टूल विकसित करना, सुगम्य भारत अभियान 2.0 का समर्थन करने तथा आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम-2016 एवं अन्य अनिवार्य दिशानिर्देशों को कमजोर करने वाली नीतियों को रेखांकित करने व उन्हें सुधारने में डीईपीडब्ल्यूडी की सहायता करना है।
विवरण:
- पहला समझौता ज्ञापन “डीईपीडब्ल्यूडी” और “‘इनेबल मी’ एक्सेस एसोसिएशन (ईएमए)” के बीच संपन्न हुआ।
- दूसरा समझौता ज्ञापन भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र (आईएसएलआरटीसी) और यूनीकी के बीच किया गया।
- ‘इनेबल मी’ एक्सेस एसोसिएशन के साथ हुए समझौता ज्ञापन में दो उन्नत सुगम्यता संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का शुभारंभ शामिल है।
- ये प्रशिक्षण कार्यक्रम केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के पैनल एक्सेसिबिलिटी ऑडिटरों और इंजीनियरों के लिए होंगे।
- आईएसएलआरटीसी और यूनिकी के बीच हुए समझौता ज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य बधिर समुदाय और उनके युवाओं को मुफ्त एवं सुलभ कौशल प्रदान करना है।
- इस कौशल ज्ञान के साथ, बधिर युवा अपने करियर को आगे बढ़ाने, उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां पाने और अपनी वर्तमान नौकरियों में पदोन्नति हासिल करने में सक्षम होंगे।
- यह कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम बधिर युवाओं को अपने जुनून को पूरा करने, फ्रीलांसिंग के माध्यम से जीविकोपार्जन करने और आजीविका के मामले में आत्मनिर्भर बनने में सक्षम बनाएगा।
पृष्ठ्भूमि:
- इन दो महत्वपूर्ण समझौतों के साथ, डीईपीडब्ल्यूडी ने दिव्यांगजनों के लिए एक समावेशी एवं सशक्त वातावरण बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
- विभाग का लक्ष्य शिक्षा, रोजगार और सामाजिक जीवन में समान अवसर प्रदान करना है ताकि दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और सशक्त नागरिक बनने में समर्थ बनाया जा सके।
3. भारतीय वैज्ञानिकों ने थर्टी मीटर टेलीस्कोप के लिए इन्फ्रारेड स्टार कैटलॉग तैयार करने हेतु ओपन-सोर्स टूल विकसित किया:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारत कि उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: थर्टी मीटर टेलीस्कोप।
प्रसंग:
- भारतीय वैज्ञानिकों ने थर्टी मीटर टेलीस्कोप के लिए इन्फ्रारेड स्टार कैटलॉग तैयार करने के लिए ओपन-सोर्स टूल विकसित किया हैं।
विवरण:
- यह खबर भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा थर्टी मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) के लिए एक नया ओपन-सोर्स टूल विकसित करने के बारे में है, जो कि एक अनुकूली प्रकाशिकी (एओ) प्रणाली के लिए एक व्यापक तारा सूची तैयार करेगा। यह टूल टीएमटी को अधिक स्पष्ट खगोलीय चित्र लेने में सक्षम बनाएगा।
- टीएमटी एक भू-आधारित दूरबीन है, जो अगले दशक में परिचालन में आने वाली सबसे बड़ी दूरबीनों में से एक होगी। इस परियोजना में भारत एक प्रमुख भागीदार है और इसमें भारतीय खगोलभौतिकी संस्थान (आईआईए) एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
- पृथ्वी की सतह पर स्थित दूरबीनें वायुमंडलीय विक्षेप (अशांति) की चुनौती का सामना करती हैं, जिससे उनकी तस्वीरों की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस समस्या को हल करने के लिए, टीएमटी अनुकूली प्रकाशिकी प्रणाली (एओएस) का उपयोग करेगा, जो उच्च गुणवत्ता वाली छवियों को लेने के लिए वायुमंडलीय परिवर्तनों को लगातार महसूस करता है और समायोजित करता है। इस प्रक्रिया में निकट-अवरक्त (एनआईआर) तारों की एक अखिल आकाश कैटेलॉग की आवश्यकता होती है।
- आईआईए के वैज्ञानिकों ने इस जरूरत को पूरा करने के लिए एक ऑनलाइन टूल विकसित किया है, जो निकट-अवरक्त तारों की सूची बनाने में सक्षम है। इस टूल का उपयोग करके, निकट-अवरक्त जे वेवबैंड में तारों के अपेक्षित परिमाणों की गणना की जा सकती है, जो अनुकूली प्रकाशिकी प्रणाली को वायुमंडलीय विक्षेपों को ठीक करने में मदद करेगा।
- इस शोध का नेतृत्व डॉ. सारंग शाह और डॉ. स्मिता सुब्रमण्यन ने किया, और इसके परिणाम एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित हुए।
- इस परियोजना में तीन प्रमुख भारतीय संस्थान शामिल हैं: भारतीय खगोलभौतिकी संस्थान (आईआईए), अंतर-विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी केंद्र (आईयूसीएए), और आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान संस्थान (एआरआईईएस)।
चित्र स्रोत: PIB
दूरबीन में एओ प्रणाली की कार्यप्रणाली को दर्शाने वाला एक योजनाबद्ध आरेख। (चित्र सौजन्य: टीमटी अंतर्राष्ट्रीय वेधशाला)
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. सोलहवें वित्त आयोग ने सलाहकार परिषद का गठन किया:
- सोलहवें वित्त आयोग ने निम्नलिखित सदस्यों के साथ एक सलाहकार परिषद का गठन किया है:
- डॉ. डी.के. श्रीवास्तव
- श्री नीलकंठ मिश्र
- डॉ.पूनम गुप्ता
- सुश्री प्रांजुल भंडारी
- श्री राहुल बाजोरिया
- डॉ. पूनम गुप्ता इस सलाहकार परिषद की संयोजक होंगी।
- इस सलाहकार परिषद की भूमिका और कार्य होंगे:
- किसी भी संदर्भ की शर्तों (टीओआर) या संबंधित प्रासंगिक विषयों पर आयोग को सलाह देना।
- कागजात या शोध अध्ययन की तैयारी में सहायता करना और वित्त आयोग द्वारा शुरू किए गए अध्ययनों की निगरानी या मूल्यांकन करना ताकि आयोग के टीओआर में वर्णित मुद्दों के बारे में उसकी समझ बेहतर हो सके।
- राजकोषीय हस्तांतरण से संबंधित मामलों के बारे में सर्वोत्तम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यप्रणालियों की तलाश करके और आयोग की सिफारिशों की गुणवत्ता, सुलभता एवं कार्यान्वयन को बेहतर करके उसके दायरे व समझ को व्यापक बनाने में मदद करना।
2. प्रो. (डॉ.) सौम्या स्वामीनाथन राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में प्रधान सलाहकार नियुक्त:
- प्रो. (डॉ.) सौम्या स्वामीनाथन को राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में प्रधान सलाहकार नियुक्त किया गया है।
- राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम की प्रधान सलाहकार के रूप में, प्रो. (डॉ.) सौम्या स्वामीनाथन कार्यक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समग्र रणनीति पर तकनीकी सलाह देंगी, नीतिगत दिशा-निर्देश सुझाएंगी और मन मुताबिक परिणामों के लिए आवश्यक क्रियाकलाप में सुधार को लेकर उपाय सुझाएंगी, और अनुसंधान संबंधी रणनीति पर सलाह देंगी।
- प्रो. (डॉ.) सौम्या स्वामीनाथन वैश्विक स्तर पर शीर्ष प्रतिभाओं के साथ विशेषज्ञ समूहों के गठन में भी सहायता करेंगी।
- इसके अतिरिक्त, वे कार्यक्रम के प्रभाव का आकलन करने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, विभिन्न राज्यों के अधिकारियोंऔर विकास से जुड़े भागीदारों का समर्थन करेंगी।
- प्रो. स्वामीनाथन विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक थीं और इससे पहले उन्होंने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की महानिदेशक के रूप में भी काम किया है।
3. प्रधानमंत्री ने रूस का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया:
- रूस के राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के योगदान के लिए क्रेमलिन के सेंट एंड्रयू हॉल में आयोजित एक विशेष समारोह में, उन्हें रूस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार “द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” से सम्मानित किया। इस पुरस्कार की घोषणा वर्ष 2019 में की गई थी।
- इस पुरस्कार स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इसे भारत के लोगों और भारत व रूस के बीच मित्रता के पारंपरिक बंधन को समर्पित किया।
- यह सम्मान दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को प्रदर्शित करता है।
- इस पुरस्कार की शुरुआत 300 साल पहले हुई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय नेता हैं।
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