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09 मार्च 2024 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड के चाईबासा में तीन दिवसीय डेरी मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का उदघाटन किया
  2. कोयला क्षेत्र के पीएसयू ने वार्षिक लक्ष्य का 106.74 प्रतिशत हासिल कर वित्त वर्ष 2023-24 के पूंजीगत व्यय लक्ष्य को पीछे छोड़ा
  3. नौसेना कमांडरों का सम्मेलन 24/1

09 March 2024 Hindi PIB
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1. केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड के चाईबासा में तीन दिवसीय डेरी मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का उदघाटन किया

सामान्य अध्ययन: 3

आर्थिक विकास

विषय: कृषि संबंधित विषय, किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी

मुख्य परीक्षा: कृषि क्षेत्र में नवाचार की भूमिका

प्रसंग:

  • केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड के पश्चिमी सिंघभूम जिले के चाईबासा में तीन दिवसीय डेरी मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का उदघाटन किया।

विवरण:

  • डेयरी मेला एक ऐसा मंच है जहां डेयरी विज्ञान की नवीनतम तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है।
  • देश के किसानों और पशुपालकों को दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाने की जरूरत है।
  • किसानों की कड़ी मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों जैसे फसल छिड़काव और फसल निगरानी के लिए कृषि ड्रोन की शुरूआत, के कारण देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है।
  • यह मेला ‘अमृत काल’ उत्सव के हिस्से के रूप में 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लिए पशुधन उत्पादन प्रबंधन एवं डेरी प्रसंस्करण के क्षेत्र में नवोन्मेषी कृषि प्रौद्योगिकी विस्तार द्वारा नये आयाम स्थापित करेगा।
  • इस मेले में लगभग 6 हजार से ज्यादा पशु पालक, किसान, इनपुट डीलर्स, उद्यमी, विद्यार्थी, सरकारी एवं गैर-सरकारी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भाग ले रहे हैं
  • देश के विभिन्न अनुसंधान संस्थानों, जिला स्तरीय विभागों- जिला उद्यान विभाग,पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग, कृषि विभाग, नाबार्ड बैंक, जिला रेशम पालन विभाग, जिला सिंचाई विभाग, महिला-बाल विकास विभाग आदि द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का हितधारकों हेतु प्रदर्शन किया जा रहा है जिसमें 50 से अधिक कृषि प्रौद्योगिकी, गाय, बकरी एवं अन्य पशुओं की प्रदर्शनी स्टाल लगाई गई हैं।
  • जनजातीय क्षेत्र में पशुधन एवं कृषि के चहुमुखी विकास हेतु उन्नत नस्ल के पशुओं की सौन्दर्य प्रतियोगिता के साथ-साथ पशु स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर का आयोजन भी किया गया है।
  • मेले के दौरान किसानों को कृषि एवं पशुपालन प्रौद्योगिकी के नवीनतम पहलुओं से अवगत कराने हेतु कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसमें खेती एवं पशुपालन से सम्बंधित प्रश्नों के त्वरित समाधान प्रस्तुत किये जायेंगे।
  • अनुसूचित जन जाति उपयोजना के तहत कृषकों को कृषि ज्ञान के प्रोत्साहन हेतु सामग्री प्रौद्योगिकी भी उपलब्ध करायी जायेगी।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. कोयला क्षेत्र के पीएसयू ने वार्षिक लक्ष्य का 106.74 प्रतिशत हासिल कर वित्त वर्ष 2023-24 के पूंजीगत व्यय लक्ष्य को पीछे छोड़ा

  • पूंजीगत व्यय
    • कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने में सहायता और योगदान के लिये पूंजीगत व्यय करने में सबसे आगे रहीं हैं।
    • पिछले कुछ सालों के दौरान केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उपक्रम (सीपीएसई) पूंजीगत व्यय के तय लक्ष्य से अधिक प्राप्त करते रहे हैं।
    • कोयला सार्वजनिक उपक्रमों ने वित्त वर्ष 2021-22 में लक्ष्य के मुकाबले 104.86 प्रतिशत हासिल किया।
    • वित्त वर्ष 2022- 23 में भी उनका ऐसा ही प्रदर्शन रहा जब कोयला पीएसयू ने तय लक्ष्य का 109.24 प्रतिशत के आसपास हासिल किया।
    • कोयला पीएसयू की पूंजीगत व्यय में पिछले 3 साल के दौरान साल दर साल वृद्धि होती रही है।
    • कोयला मंत्रालय का वित्त वर्ष 2023-24 के लिये पूंजीगत व्यय लक्ष्य 21,030 करोड़ रूपये है।
    • कोयला पीएसयू ने फरवरी 2024 तक ही 22,448.24 करोड़ रूपये का रिकार्ड पूंजीगत व्यय, यानी वार्षिक लक्ष्य का 106.74 प्रतिशत, करके वित्त वर्ष 2023-24 के लक्ष्य को पहले ही पार कर लिया है।
    • किसी भी वित्त वर्ष के अंतिम दो माह में पूंजीगत व्यय का प्रमुख हिस्सा खर्च होता है, इसलिये माना जा रहा है कि सीआईएल और एनएलसीआईएल वर्ष के दौरान अपनी उपलब्धि में और वृद्धि करेंगे और भारत की आर्थिक वृद्धि को और गति देंगे।
    • पूंजीगत व्यय यानी कैपेक्स किसी भी अर्थव्यवस्था की गतिशीलता के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है, जिसका समूची अर्थव्यवस्था पर कई गुणा और निचले स्तर तक प्रभाव होता है और इससे खपत, मांग और औद्योगिक वृद्धि बढ़ाने, रोजगार सृजन और दीर्घकालिक अवसंरचना को बढ़ावा मिलता है जिसका देश को लंबे समय तक सतत् लाभ मिलता रहता है।
  • परिसंपत्ति का मौद्रीकरण
    • कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 में शुरू संपत्ति मौद्रीकरण के अग्रणी कार्यक्रम के तहत क्षमता से कम उपयोग वाली परिसंत्तियों के मौद्रीकरण की भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना में भी बेहतर प्रदर्शन किया है।
    • वास्तव में, वित्त वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक भारत सरकार की संपत्ति मौद्रीकरण योजना के तहत हासिल कुल मौद्रीकरण में करीब आधा कोयला मंत्रालय का हिस्सा है।
    • इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023- 24 में कोयला मंत्रालय ने फरवरी 2024 तक ही अपने संपत्ति मौद्रीकरण योजना का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
    • कोयला मंत्रालय ने अपने 50,118 करोड़ रूपये के लक्ष्य के मुकाबले फरवरी 2024 तक 55,148.33 करोड़ रूपये का संपत्ति मौद्रीकरण हासिल कर लिया है।
  • जीईएम के माध्यम से हुई खरीद
    • गवर्नमेंट ई-मार्किटप्लेस (जीईएम) ने कोयला मंत्रालय (सीपीएसई सहित) के लिये वित्त वर्ष 2022- 23 के दौरान जीईएम के माध्यम से वस्तुओं एवं सेवाओं की 4,000 करोड़ रूपये की खरीद का लक्ष्य तय किया था।
    • लक्ष्य के मुकाबले कुल उपलब्धि 4,278 करोड़ रूपये रही जो कि 107 प्रतिशत है।

2. नौसेना कमांडरों का सम्मेलन 24/1

  • नौसेना कमांडरों के अर्द्धवार्षिक सम्मेलन 2024 के पहले संस्करण का आयोजन 05 से 08 मार्च, 2024 तक आयोजित किया गया।
  • 6 महीने के अंतराल में आयोजित होने वाला यह सम्मेलन एक संस्थागत मंच की तरह कार्यरत है, जो सैन्य-रणनीतिक स्तर के महत्वपूर्ण समुद्री सुरक्षा मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए अवसर प्रदान करता है।
  • रक्षा मंत्री ने पश्चिम एशिया और आसपास के समुद्री क्षेत्र में हाल की घटनाओं तथा उत्पन्न समस्याओं पर भारतीय नौसेना द्वारा बहादुरी के साथ की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना की।
  • हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में भारतीय नौसेना से अपेक्षित नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित किया गया।
  • इसके अलावा, भविष्य के युद्धक्षेत्र को अनुकूल रूप देने और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए तीनों सेनाओं की संयुक्तता एवं एकीकरण के महत्व पर जोर दिया गया।
  • नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने समुद्री क्षेत्र में समकालीन एवं भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए द्वीप क्षेत्रों में क्षमता वृद्धि सहित मौजूदा और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा की।
  • इस दौरान मौजूदा एवं उभरती सुरक्षा चुनौतियों के बीच राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तत्परता के स्तर को रेखांकित करते हुए परिचालन के माहौल में आकलन को साझा किया गया।
  • इसके लिए तीनों सेनाओं के आपसी तालमेल एवं सहयोग को विस्तार देने के लिए कई क्षेत्र और डोमेन पर भी विचार रखे गए।

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