विषयसूची:
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ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (PGII) और इंडिया- मिडिल ईस्ट- यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) के लिए भागीदारी
सामान्य अध्ययन 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (PGII), इंडिया- मिडिल ईस्ट- यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC)
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जो बाइडेन ने नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन से इतर 9 सितंबर, 2023 को ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (PGII) और इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) पर हुए एक विशेष कार्यक्रम की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।
उद्देश्य:
- इस आयोजन का उद्देश्य भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निवेश को बढ़ावा देना और इसके विभिन्न आयामों में संपर्क को मजबूत बनाना है।
विवरण:
- इस कार्यक्रम में यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के नेताओं के साथ-साथ विश्व बैंक ने भी भागीदारी की।
- PGII एक विकास संबंधी पहल है जिसका उद्देश्य विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने में मदद करना है।
- IMEC में भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला एक ईस्टर्न कॉरिडोर और खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ने वाला एक नॉर्दर्न कॉरिडोर शामिल है। इसमें रेलवे और जहाज-रेल पारगमन नेटवर्क और सड़क परिवहन मार्ग शामिल होंगे।
- अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने भौतिक, डिजिटल और वित्तीय संपर्क के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि IMEC से भारत और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
- IMEC से संबंधित एमओयू पर भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक पल – G-20 समारोह में वैश्विक जैवईंधन गठबंधन की घोषणा
सामान्य अध्ययन 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: वैश्विक जैवईंधन गठबंधन (GBA)।
मुख्य परीक्षा: जैव ईंधन को एनर्जी ट्रांसमिशन की कुंजी के रूप में स्थापित करने में वैश्विक जैवईंधन गठबंधन (GBA) पहल की भूमिका।
प्रसंग:
- G-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वैश्विक जैवईंधन गठबंधन (GBA) की घोषणा के साथ वैश्विक ऊर्जा के क्षेत्र में आज एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ।
विवरण:
- GBA जैव ईंधन को अपनाने की सुविधा के लिए सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योग का गठबंधन विकसित करने के लिए भारत के नेतृत्व वाली एक पहल है।
- जैव ईंधन के विकास और इसकी पहुंच बनाने के लिए जैव ईंधन के सबसे बड़े उपभोक्ताओं और उत्पादकों को एक साथ लाते हुए, इस पहल का उद्देश्य जैव ईंधन को एनर्जी ट्रांसमिशन की कुंजी के रूप में स्थापित करना है। साथ ही नौकरियों और आर्थिक विकास में योगदान देना भी इसका उद्देश्य है।
- GBA की घोषणा G-20 अध्यक्षता और “वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ” का प्रतिनिधित्व करने के रूप में भारत के सकारात्मक एजेंडे की कार्रवाई-उन्मुख प्रकृति को प्रदर्शित करती है।
- GBA मूल्य शृंखला में क्षमता-निर्माण अभ्यास, राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता और नीति पाठ-साझाकरण को बढ़ावा देकर दीर्घकालीन जैव ईंधन के विश्वव्यापी विकास और प्रसार का समर्थन करेगा।
- यह उद्योगों, देशों, ईकोसिस्टम के प्रतिभागियों और प्रमुख हितधारकों को मांग और आपूर्ति की मैपिंग में सहायता करने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को अंतिम उपयोगकर्ताओं से जोड़ने के लिए एक वर्चुअल बाज़ार जुटाने की सुविधा प्रदान करेगा।
- यह जैव ईंधन अपनाने और व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों, कोड, स्थिरता सिद्धांतों और विनियमों के विकास, अपनाने और कार्यान्वयन की सुविधा भी प्रदान करेगा।
- यह पहल भारत के लिए कई मोर्चों पर लाभदायक होगी।
- G-20 की अध्यक्षता के एक ठोस परिणाम के रूप में GBA, विश्व स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।
- इसके अलावा, गठबंधन सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा और प्रौद्योगिकी निर्यात और उपकरण निर्यात के रूप में भारतीय उद्योगों को अधिक अवसर प्रदान करेगा।
- यह भारत के मौजूदा जैव ईंधन कार्यक्रमों जैसे पीएम-जीवनयोजना, सतत और गोबर्धन योजना में तेजी लाने में मदद करेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि, नौकरियां पैदा करने और भारतीय ईकोसिस्टम के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।
- 2022 में वैश्विक इथेनॉल बाजार का मूल्य 99.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 2032 तक 5.1% की CAGR से बढ़ने और 2032 तक 162.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने का अनुमान है।
- IEA के अनुसार, नेट ज़ीरो के लक्ष्य के कारण 2050 तक जैव ईंधन में 3.5-5 गुना वृद्धि की संभावना होगी जो भारत के लिए एक बड़ा अवसर पैदा करेगा।
वे देश और संगठन जो पहले ही GBA में शामिल हो चुके हैं-
19 देश और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन पहले ही इसमें शामिल होने के लिए सहमत हो चुके हैं।
- GBA का समर्थन करने वाले G-20 देश (07): 1. अर्जेंटीना, 2. ब्राज़ील, 3. कनाडा, 4. भारत 5. इटली, 6. दक्षिण अफ़्रीका, 7. संयुक्त राज्य अमेरिका।
- GBA का समर्थन करने वाले G-20 आमंत्रित देश (04): 1. बांग्लादेश, 2. सिंगापुर, 3. मॉरीशस, 4. संयुक्त अरब अमीरात।
- GBA का समर्थन करने वाले गैर G-20 देश (08): 1. आइसलैंड, 2. केन्या, 3. गुयाना, 4. पैराग्वे, 5. सेशेल्स, 6. श्रीलंका, 7. युगांडा और 8. फिनलैंड GBA के सदस्य बनने के लिए सहमत हो गए हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन (12): विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, विश्व आर्थिक मंच, विश्व एलपीजी संगठन, यूएन एनर्जी फॉर ऑल, यूनिडो, बायोफ्यूचर्स प्लेटफॉर्म, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा मंच, अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी, विश्व बायोगैस एसोसिएशन।
- GBA सदस्य जैव ईंधन के प्रमुख उत्पादक और उपभोक्ता हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका (52 प्रतिशत), ब्राज़ील (30 प्रतिशत) और भारत (3 प्रतिशत) इथेनॉल के उत्पादन में लगभग 85 प्रतिशत और खपत में लगभग 81 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- G-20 थिंक द इंडियन नेवी क्विज – सेल बियॉन्ड होराइजन
- G-20 सचिवालय, भारतीय नौसेना और नौसेना कल्याण एंड वेलनेस एसोसिएशन (NWWA) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित G-20 थिंक कार्यक्रम, हजारों युवा प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रेरणादायक बौद्धिक अनुभव प्रदान करने का वादा करता है।
- प्रश्नोत्तरी के राष्ट्रीय दौर में 11700 से अधिक विद्यालयों के नौवीं से बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले स्कूली बच्चे भाग लेंगे।
- इस बौद्धिक यात्रा को शुरू करने के लिए, अभ्यास के दो दौर आयोजित किए जाएंगे।
- अभ्यास का पहला दौर 10 सितंबर, 2023 को और दूसरा दौर 11 सितंबर, 2023 को आयोजित होगा।
- अभ्यास के ये दौर चुनौतीपूर्ण एलिमिनेशन राउंड की नींव रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे प्रतिभागियों को आगे की प्रतियोगिता की तैयारी में अपने ज्ञान और कौशल को सुधारने का अवसर मिलता है।
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