Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

10 सितंबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा:
  2. भारत-फ्रांस संयुक्त वक्तव्य:
  3. डीईपीडब्ल्यूडी की समावेशिता का विज़न:
  4. एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की 19वीं बैठक (HACGAM):

1.भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान,संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।

प्रारंभिक परीक्षा: जी20,भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC), नई दिल्ली घोषणापत्र।

मुख्य परीक्षा: प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) का भारतीय सन्दर्भ में महत्व का उल्लेख कीजिए।

प्रसंग:

  • केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने हाल ही भारत में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन और जी20 नेताओं द्वारा स्वीकृत नई दिल्ली घोषणापत्र के परिणामों के बारे में मीडिया को जानकारी दी।इस दौरान उन्होंने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) का विशेष रूप से उल्लेख किया।

उद्देश्य:

  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जी20 के माध्यम से “भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा” विभाजन के बाद इस क्षेत्र में विस्तारित और बहुत दूर तक संपर्क सुविधा बहाल करने की भारत की कल्पना को साकार करता है।
  • यह पहल संबंधित क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा भूमि का इस्तेमाल होने देने से इनकार करने और चीन द्वारा कथित तौर पर कनेक्टिविटी डिजाइनों से उत्पन्न हुई बाधाओं को दूर करेगी।

विवरण:

  • नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम से इतर वैश्विक बुनियादी ढांचे एवं निवेश (PGII) और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के लिए साझेदारी पर अमरीका के राष्ट्रपति श्री जो बाइडेन के साथ एक विशेष कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की घोषणा की।
  • भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे में भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला एक पूर्वी गलियारा और खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ने वाला एक उत्तरी गलियारा शामिल है।
    • इसमें रेलवे और जलपोत-रेल पारगमन नेटवर्क तथा सड़क परिवहन मार्ग शामिल होंगे।
  • भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे से संबंधित समझौता ज्ञापन पर भारत, अमरीका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी ने हस्ताक्षर किए।
  • बेहतर संपर्क सुविधा बहाल होने से न केवल व्यापार बढ़ता है, बल्कि यह बढ़ते हुए विश्वास के स्रोत के रूप में भी कार्य करता है।
    • भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा संबंधित क्षेत्र में पाकिस्तान और चीन द्वारा उनके मंसूबों से उत्पन्न हुई बाधाओं को दूर करने में सहायता करेगा।
  • इसीलिए भारत ने एक रास्ता तलाश लिया है, जिससे वह न केवल आर्थिक गतिविधियों से जुड़ेगा, बल्कि वैश्विक समुदाय के बीच अधिक एकजुटता के कारणों से भी संबंध स्थापित करेगा।
  • घोषणापत्र में स्वीकार किया गया है कि जी20 का जनादेश आर्थिक सहयोग के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना है, लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है कि युद्ध के परिणामस्वरूप आर्थिक संकट उत्पन्न होते हैं।
    • ऐसी स्थिति में हम दुनिया भर में युद्धों और संघर्षों के अत्यधिक मानवीय कष्ट एवं प्रतिकूल प्रभाव पर गहरी चिंता के साथ ध्यान दे रहे हैं।
  • प्रमुख जैव ईंधन उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के रूप में भारत, ब्राजील व अमरीका के नेतृत्व में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन वर्ष 2070 तक नेट जीरो बनने के भारत के एमडीजी लक्ष्यों को हासिल करने में अत्यधिक सहायता करेगा।
  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने जी20 संगठन में अफ्रीकी संघ के शामिल होने की सराहना की।

2. भारत-फ्रांस संयुक्त वक्तव्य:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: भारत के हितों पर भारतीय परिदृश्य पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियां और राजनीति का प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: भारत-फ्रांस संबंधों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में जी-20 के राजनेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

उद्देश्य:

  • इन दोनों राजनेताओं ने जुलाई, 2023 में पेरिस में आयोजित अपनी आखिरी बैठक के बाद से लेकर अब तक द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर व्‍यापक चर्चा की, इसका आकलन किया और फि‍र इसकी समीक्षा की।
  • इसके साथ ही उन्होंने महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।

विवरण:

  • राष्ट्रपति मैक्रों की भारत यात्रा, 14 जुलाई 2023 को फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में 13-14 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री श्री मोदी की पेरिस की ऐतिहासिक यात्रा के बाद हो रही है, जिस दौरान भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मनाई गई।
  • भारत-फ्रांस साझेदारी, जो कि गहन विश्वास, साझा मूल्यों, संप्रभुता एवं सामरिक स्वायत्तता में विश्वास, संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित अंतरराष्ट्रीय कानून एवं सिद्धांतों के प्रति दृढ़ कटिबद्धता, बहुपक्षवाद में अटल विश्वास और एक स्थिर बहु-ध्रुवीय विश्व के लिए पारस्परिक प्रयासों पर आधारित है, की मजबूती को स्वीकार करते हुए दोनों ही राजनेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।
    • उन्होंने भारी उथल-पुथल भरे समय में ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ यानी ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ का संदेश देते हुए सामूहिक रूप से भलाई करने के प्रति अपनी अटूट कटिबद्धता दोहराई, ताकि वैश्विक व्यवस्था को नया स्‍वरूप प्रदान किया जा सके।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान ‘क्षितिज 2047’ रोडमैप, हिंद-प्रशांत रोडमैप, और इसी तरह के अन्य परिणामों को हालिया संदर्भ बिंदु मानते हुए दोनों राजनेताओं ने रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और दोनों देशों की जनता के आपसी संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग के लिए नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में हुई समग्र प्रगति और अगले कदमों पर चर्चा की।
    • उन्होंने अवसंरचना, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, जैव विविधता, स्थायित्व और औद्योगिक परियोजनाओं सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अफ्रीका में भारत-फ्रांस साझेदारी पर अपनी चर्चाओं को आगे बढ़ाया।
    • उन्होंने भारत एवं फ्रांस द्वारा शुरू किए गए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन की रूपरेखा के तहत अपने-अपने सहयोग के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए समाधान प्रदाताओं के रूप में अपनी भूमिका को रेखांकित किया।
  • राष्ट्रपति मैक्रों ने भारत के मिशन चंद्रयान 3 की सफलता पर प्रधानमंत्री श्री मोदी को बधाई दी।
  • दोनों राजनेताओं ने भारत-फ्रांस अंतरिक्ष सहयोग के छह दशकों को स्‍मरण किया और जून 2023 में प्रथम सामरिक अंतरिक्ष संवाद आयोजित करने के बाद से लेकर अब तक इस दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की।
    • उन्होंने मजबूत भारत-फ्रांस असैन्य परमाणु संबंधों, जैतापुर परमाणु संयंत्र परियोजना के लिए हुई चर्चा में अच्छी प्रगति को रेखांकित किया और एसएमआर एवं एएमआर प्रौद्योगिकियों के सह-विकास के लिए साझेदारी करने के साथ-साथ विशेष आशय की घोषणा पर आगामी हस्ताक्षर हेतु द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों की निरंतर सहभागिता का स्वागत किया।
    • फ्रांस ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए अपना दृढ़ और अटूट समर्थन दोहराया।
  • दोनों ही राजनेताओं ने उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों एवं प्लेटफॉर्मों के डिजाइन, विकास, परीक्षण और विनिर्माण में साझेदारी के माध्यम से रक्षा सहयोग को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत एवं उससे परे स्थित अन्‍य देशों सहित भारत में उत्पादन बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
  • इस संदर्भ में उन्होंने ‘रक्षा औद्योगिक रोडमैप’ को शीघ्र अंतिम रूप देने का भी आह्वान किया।
  • डिजिटल, विज्ञान, प्रौद्योगिकीय नवाचार, शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य और पर्यावरण सहयोग जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर देते हुए दोनों ही राजनेताओं ने हिंद-प्रशांत के लिए भारत-फ्रांस कैम्पस की तर्ज पर ही इन क्षेत्रों में आपसी संस्थागत संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया।
    • इस संदर्भ में उन्होंने सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने और संग्रहालयों के विकास में आपस में मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
  • प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता को फ्रांस की ओर से निरंतर समर्थन देने के लिए राष्ट्रपति मैक्रों का धन्यवाद किया, जिसने वैश्विक चुनौतियों से निपटने और अधिक स्थिर वैश्विक व्यवस्था बनाने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में समावेशिता, एकता और एकजुटता को आगे बढ़ाया है।
    • भारत एवं फ्रांस ने जी-20 में अफ्रीकी संघ (AU) की सदस्यता का भी स्वागत किया और अफ्रीका की प्रगति, समृद्धि एवं विकास के लिए AU के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई।

3. डीईपीडब्ल्यूडी की समावेशिता का विज़न:

सामान्य अध्ययन: 2

सामाजिक न्याय:

विषय: केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन ,इन अति संवेदन शील वर्गों की रक्षा एवं बहतरी के लिए गठित तंत्र,विधि ,संस्थान एवं निकाय।

मुख्य परीक्षा: डीईपीडब्ल्यूडी की पहलों में शामिल किये गए कार्यों का उल्लेख कीजिए।

प्रसंग:

  • भारत में दिव्‍यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग (DEPWD) ने एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू की है।

उद्देश्य:

  • अधिक समावेशी समाज की अपनी निरंतर कोशिश में, डीईपीडब्ल्यूडी ने महत्वपूर्ण साझेदारी बनाई है और स्थायी परिवर्तन लाने के लिए अभिनव पहलें लागू की हैं।

विवरण:

  • यूनिक दिव्यांगता आईडी (UDID) पोर्टल के माध्यम से अज्ञात डेटा जारी करने के लिए वास्‍तुकला परिषद के साथ एक अभूतपूर्व समझौता ज्ञापन (MoU) करने से लेकर अनुसंधान उद्देश्यों और पीएम दक्ष पोर्टल की शुरुआत है,जिसे दिव्‍यांग व्यक्तियों को उनके क्षेत्र में सशक्त बनाने, कौशल विकास और रोजगार के अवसरों की खोज के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त, यह एक विस्‍‍तृत पुस्तिका में भारतीय अदालतों द्वारा दिव्‍यांगता के बुनियादी अधिकारों के संबंध में निर्णयों के संकलन की पड़ताल करता है और दिव्‍यांग व्यक्तियों के लिए मुख्य आयुक्त की एक अत्याधुनिक ऑनलाइन केस मॉनिटरिंग पोर्टल के विषय पर जानकारी देता है।
  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में डीएआईसी में नीचे दी गई डीईपीडब्ल्यूडी की पांच पहलों का शुभारंभ करेगा।
    • ये पहल सामूहिक रूप से समावेशिता को बढ़ावा देने, दिव्‍यांगता अधिकारों को आगे बढ़ाने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए डीईपीडब्ल्यूडी की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

डीईपीडब्ल्यूडी की पांच पहलों में कई महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं:

1. वास्तुकला परिषद के साथ समझौता ज्ञापन: विभाग ने वास्तुकला परिषद (COA) के साथ मिलकर बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर कार्यक्रमों में सार्वभौमिक पहुंच वाले पाठ्यक्रमों को अनिवार्य किया है।

    • इस साझेदारी में वास्‍तु शिल्पियों और सिविल इंजीनियरों के लिए प्रमाणित पाठ्यक्रम का विकास करना है जिसमें निर्मित वातावरण में अभिगम्यता ऑडिट करने और मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना शामिल होगा।

2. यूडीआईडी ​​के अज्ञात डेटा को जारी करना: अनुसंधान के लिए यूडीआईडी ​​​​पोर्टल के माध्यम से डीईपीडब्ल्यूडी द्वारा अज्ञात डेटा को जारी करनें से दिव्‍यांगता के क्षेत्र में डेटा-संचालित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है और विभिन्न स्तरों परसमझ बढ़ाने के साथ-साथ लक्षित हस्तक्षेपों को बढ़ाने के लिए विज़न प्रदान करता है।

3. पीएम दक्ष पोर्टल: विभाग ने प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर चाहने वाले दिव्‍यांगों के लिए एक व्यापक डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में पीएम दक्ष पोर्टल पेश किया है, जो निर्बाध पंजीकरण, कौशल प्रशिक्षण विकल्प, नौकरी लिस्टिंग और सुव्यवस्थित प्रशासनिक प्रक्रियाओं की पेशकश करता है।

4. पहुंच का मार्ग: न्यायालय में दिव्‍यांगता अधिकार: भारत के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के उल्लेखनीय निर्णयों को एक पुस्तिका में संकलित किया जाता है जो दिव्‍यांग व्‍यक्‍तियों और दिव्‍यांगता के क्षेत्र में हितधारकों के लिए एक संदर्भ गाइड का काम करती है।

5. सीपीपीडी द्वारा ऑनलाइन केस मॉनिटरिंग पोर्टल: दिव्‍यांग व्‍यक्‍तियों के लिए मुख्य आयुक्त ने दिव्‍यांग व्‍यक्‍तियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों से निपटने के लिए आधुनिक आवेदन पत्र अपनाया है, जिससे पूरी प्रक्रिया पेपरलैस और दक्ष हो गई है, साथ ही निर्बाध ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा है, स्‍वाचालित रिमाइंडर लगे हैं और सरलीकृत सुनवाई अनुसूची शामिल है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की 19वीं बैठक (HACGAM):

  • भारतीय तटरक्षक बल ने 05-08 सितंबर 2023 को इस्तांबुल, तुर्किये में एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की 19 वींबैठक (HACGAM) में भाग लिया।
  • सभी सदस्य देशों के तटरक्षकों के प्रमुखों ने इस तीन दिवसीय उच्च-स्तरीय बैठक में भाग लिया। बैठक के दौरान समुद्री कानून प्रवर्तन, समुद्री जीवों की रक्षा और सुरक्षा, समुद्री पर्यावरण संरक्षण, और समुद्री रास्तों से दवाओं, हथियारों, और मानव तस्करी आदि सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई और एजेंडा तैयार करने के रास्ते तलाशे गए।
  • बैठक में एशियाई तट रक्षकों के बीच समुद्री सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
  • यह बहुपक्षीय मंच नवंबर 1999 में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा समुद्री डाकू जहाज एमवी अलोंद्रा रेनबो को पकड़ने के बाद क्षेत्रीय तटरक्षकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की जापानी पहल का एक हिस्सा है।
    • HACGAM मुख्य रूप से तटरक्षकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
    • सदस्य एशियाई देश इस क्षेत्र में सुरक्षित, संरक्षित और स्वच्छ समुद्रों को सुनिश्चित करेंगे और बढ़ावा देंगे।
    • फोरम में आम समुद्री मुद्दों के प्रति समन्वित प्रतिक्रिया और तालमेल के लिए एक केंद्रित और लक्ष्य-उन्मुख दृष्टिकोण को सक्षम करने के लिए चार कार्य समूह शामिल हैं।
    • भारतीय तटरक्षक खोज और बचाव (SAR) कार्य समूह का अध्यक्ष है और अन्य कार्य समूहों का एक सक्रिय सदस्य है जिसमें पर्यावरण संरक्षण, समुद्र में गैरकानूनी कृत्यों को नियंत्रित करना और सूचना साझा करना शामिल है।
    • HACGAM का अंतिम संस्करण 2022 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*