विषयसूची:
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1.भारत- संयुक्त अरब अमीरात बिजनेस शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन 2024
मुख्य परीक्षा: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन 2024 के हिस्से के रूप में भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए 10 जनवरी 2024 को भारत-यूएई बिजनेस शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया।
उद्देश्य:
- संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन 2024 में मुख्य अतिथि रहें, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग और संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर देते हैं।
- भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि भारत-यूएई संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत उनके विचारों और प्रयासों की सराहना करता है।
विवरण:
- शिखर सम्मेलन के दौरान सीआईआई इंडिया-संयुक्त अरब अमीरात स्टार्ट-अप पर “अनलॉकिंग आपर्टूनटीज इंडिया-यूएई स्टार्ट-अप इकोसिस्टम कन्वर्जेंस” नामक पहल की भी शुरुआत की गई।
- भारत-यूएई बिजनेस शिखर सम्मेलन में व्यापार वित्त, निवेश सुविधा और क्षेत्रीय सहयोग जैसे क्षेत्रों में अधिक सहयोग के लिए एक केंद्रित चर्चा सत्र की भी सुविधा प्रदान की गई।
- भारतीय और यूएई प्रतिनिधिमंडल में दोनो सरकार और उद्योग के प्रतिनिधि शामिल थे। इस सत्र में भारत मार्ट की एक प्रस्तुति भी शामिल रहीं जो भारतीय निर्यातकों को सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में भारत द्वारा प्रस्तावित भंडारण सुविधा है।
- भारत-यूएई व्यापार 2022 में बढ़कर 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जिससे संयुक्त अरब अमीरात वर्ष 2022-23 के लिए भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार हो गया और भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी बन गया।
- फरवरी 2022 में, भारत ऐसा पहला देश बन गया जिसके साथ संयुक्त अरब अमीरात ने एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं।
- 1 मई 2022 को सीईपीए के लागू होने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- सीईपीए एक ऐतिहासिक समझौता था, जिसे दोनो देशों के बीच सहयोग के एक नए युग को शुरू करने और दीर्घकालिक सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बनाया गया था।
- इससे 80 प्रतिशत से अधिक उत्पाद लाइनों पर टैरिफ को कम करने, व्यापार में बाधाओं को समाप्त करने और निवेश और संयुक्त उद्यमों के लिए नए मार्गों का सृजन करने में मदद मिली है।
- सीईपीए के पहले 12 महीनों में, द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार बढ़कर 50.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
- दोनों देश 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
- सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं (आईएनआर-एईडी) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक ढ़ाचे की स्थापना के बारे में समझौता ज्ञापन पर जुलाई 2023 में भारत और यूएई के केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
- स्थानीय मुद्रा निपटान का विकास दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को निपटाने की व्यवस्था परस्पर विश्वास को दर्शाती है और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं की मजबूती को भी रेखांकित करती है।
- यूएई-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन आपसी प्रगति और समृद्धि के लिए भारत-यूएई द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को गति देने की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. मैरीटाइम इंडिया विजन 2047 को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम:
- देश में अंतर्देशीय जल परिवहन प्रणाली को मजबूत करने के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) की पहली बैठक 8 जनवरी, 2024 को कोलकाता में संपन्न हुई।
- पहली आईडब्ल्यूडीसी बैठक के एजेंडे में नाव्य जलपथ का विकास, आईडब्ल्यूटी में कार्गो और यात्री परिवहन को बेहतर बनाना, आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए नदी क्रूज पर्यटन की क्षमता, गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित पोत संचालन के संदर्भ में दीर्घकालिक प्रथाओं पर केंद्रित सत्र थे।
- बैठक का एक मुख्य आकर्षण श्री सोनोवाल द्वारा हरित नौका – अंतर्देशीय जहाजों के हरित परिवर्तन और नदी क्रूज पर्यटन रोडमैप, 2047 के लिए दिशानिर्देशों – का शुभारंभ था।
- हरित नौका दिशानिर्देशों के साथ, एमओपीएसडब्ल्यू ने प्रणोदन ईंधन के रूप में कम उत्सर्जन वाले ईंधन (सीएनजी/एलएनजी/इलेक्ट्रिक/हाइड्रोजन/मेथनॉल) को अपनाने को बढ़ावा देकर पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ तरीके से जलमार्गों के माध्यम से अंतर्देशीय पोत परिचालन (हरित पोत) के लिए यात्री परिवहन को आगे बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत प्रतिबद्धता जताई है।
- हुगली कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में बिजली से चलने वाले अंतर्देशीय जहाजों के निर्माण के लिए एक नई अत्याधुनिक सुविधा स्थापित की गई है।
- रिवर क्रूज़ टूरिज्म रोडमैप 2047 रिवर क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अवसंरचना, एकीकरण, पहुंच और नीति सहित चार महत्वपूर्ण स्तंभों पर केंद्रित है।
- रोडमैप के एक भाग के रूप में, आगे के विकास के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों के साथ 30 से अधिक संभावित मार्गों और पर्यटक सर्किटों की पहचान की गई है।
- इस बैठक ने राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के प्रतिनिधियों की चिंताओं और सुझावों को केंद्र तक पहुंचाने और केन्द्र की चिंताओं तथा सुझाओं को राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों तक पहुंचाने के लिए एक सफल मंच के रूप में काम किया।
- एमओपीएसडब्ल्यू ने यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य-स्तरीय संस्थागत संरचना और नियमों के महत्व पर बल दिया कि राज्य के अंतर्देशीय जलमार्ग पारिस्थितिकी तंत्र की नियोजन और विकास इसकी अनूठी विशेषताओं और आवश्यकताओं के अनुरूप हो।
- मंत्रालय ने आगे सिफारिश की कि असम, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों द्वारा स्थापित आईडब्ल्यूटी विशिष्ट संस्थागत संरचनाओं पर अन्य राज्यों द्वारा गौर किया जा सकता है और उन्हें अपनाया जा सकता है।
- इसी तरह, कई राज्यों ने आईडब्ल्यूटी-आधारित पर्यटन की संभावना को बताया। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश ने नर्मदा नदी के विस्तार का उल्लेख किया, जबकि असम ने ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे धार्मिक पर्यटन सर्किट विकास पर विचार साझा किए।
- बैठक के प्रतिभागियों ने आईडब्ल्यूटी क्षेत्र के नियामक पहलुओं, विशेष रूप से अंतर्देशीय पोत अधिनियम 2021 (जिसने एक सदी पुराने अधिनियम की जगह ले लिया है) की रूपरेखा और इसके अनुपालन को सुनिश्चित करने में राज्य सरकार की एजेंसियों की भूमिका पर भी विचार-विमर्श किया।
- जैसे ही प्रतिभागियों ने आईडब्ल्यूटी क्षेत्र में अवसंरचना और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप पर विचार-विमर्श किया, वैसे ही आईआईटी खड़गपुर के प्रतिनिधियों ने तेजी से पोंटून परिचालन को सक्षम करने के लिए संस्थान द्वारा विकसित ओपन पोंटून प्रणाली के काम करने के तरीके का कम्प्यूटरीकृत सिमुलेशन प्रस्तुत किया। उत्तर प्रदेश में ऐसी दो ओपन पोंटून प्रणालियों की तैनाती की दिशा में काम चल रहा है।
- केंद्रीय मंत्री श्री सोनोवाल ने अपने समापन भाषण में आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की जलमार्ग प्रणाली के दोहन की कोशिशों में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का समर्थन करना जारी रखेगी।
- उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन करने के महत्व पर भी बल दिया कि किसी भी परियोजना का नियोजन, आकलन, विकास और निष्पादन व्यापक और विवेकपूर्ण तरीके से किया जाए।
2. भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने थर्टी मीटर टेलीस्कोप की प्रगति पर चर्चा के लिए हवाई का दौरा किया:
- एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के हवाई में मौना की का दौरा किया और थर्टी मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) परियोजना की प्रगति में चुनौतियों और उन्हें दूर करने के स्वरूपों पर चर्चा की।
- थर्टी मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) एक 30 मीटर व्यास वाला प्राथमिक दर्पण ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड दूरबीन है जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में हवाई के मौना की में स्थापित किया जा रहा है।
- भारत इस परियोजना में एक संस्थापक-सदस्य के रूप में भागीदार है जिसका उद्देश्य ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड खगोल विज्ञान के माध्यम से ब्रह्मांड में नई संभावनाएं खोलना है।
- इस परियोजना में भारतीय भागीदारी को वर्ष 2014 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई थी।
- प्रोफेसर अभय करंदीकर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हवाई में थर्टी मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) इंटरनेशनल ऑब्जर्वेटरी (टीआईओ) बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर हेनरी यांग, टीआईओ के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर रॉबर्ट किर्शनर और थर्टी मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) परियोजना प्रबंधकों से 9 जनवरी 2024 मुलाकात की।
- चर्चा थर्टी मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) की वर्तमान स्थिति, विशेष रूप से मौना की साइट, सिविल निर्माण की शुरुआत, वर्तमान फंडिंग स्थिति, परियोजना के लिए इन-काइंड डिलिवरेबल्स की दिशा में अब तक की गई प्रगति और वर्तमान परिदृश्य में अपेक्षित समयसीमा के संबंध में पर केंद्रित थी।
- जिन मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें निर्णय लेने में मूल हवाई वासियों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू करना, वर्तमान परिस्थितियों में परियोजना को आगे बढ़ाना शामिल है।
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल को परियोजना के प्रत्येक पहलू, मूल हवाई वासियों को शामिल करने, वित्त पोषण की उपलब्धता और संभावनाओं, सुविधा के नागरिक निर्माण के साथ-साथ थर्टी मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) की स्थापना के लिए विकासात्मक गतिविधियों से अवगत कराया गया।
3. भारतीय राष्ट्रपति ने प्रदान किए ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2023’ पुरस्कार:
- भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 प्रदान किए।
- यहां 13 पुरस्कार विजेताओं को स्वच्छ शहर, सबसे स्वच्छ छावनी, सफाई मित्र सुरक्षा, गंगा टाउन और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य की श्रेणियों के अंतर्गत सम्मानित किया गया।
- इस वर्ष सबसे स्वच्छ शहर पुरस्कार की श्रेणी में दो शहरों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया।
- बंदरगाहों के शहर सूरत ने भी इस बार इंदौर के साथ शीर्ष सम्मान हासिल किया, इससे पहले इंदौर ने लगातार 6 वर्षों तक अकेले शीर्ष स्थान हासिल किया था।
- 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सासवड़, पाटन और लोनावला ने शीर्ष तीन स्थान हासिल किए।
- मध्य प्रदेश के महू छावनी बोर्ड को सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड घोषित किया गया। वाराणसी और प्रयागराज ने सबसे स्वच्छ गंगा टाउन्स में शीर्ष दो पुरस्कार जीते।
- महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य की श्रेणी में शीर्ष तीन पुरस्कार जीते।
- साथ ही चंडीगढ़ को सर्वश्रेष्ठ सफ़ाईमित्र सुरक्षित शहर का पुरस्कार मिला।
- यह स्वच्छ सर्वेक्षण स्वच्छता के स्तर को ऊपर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्ष 2023 का विषय है ‘वेस्ट टु वेल्थ’, यह बहुत अच्छा और उपयोगी विषय है।
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के लिए रिड्यूस, रीयूज़ और रीसाइकल का विषय निर्धारित किया है।
- आज भारत का हर शहर ओडीएफ है।
- यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि एसबीएम एक सरकारी कार्यक्रम से शुरू होकर एक जन आंदोलन बन गया। यह मिशन अंत्योदय से सर्वोदय के दृष्टिकोण का प्रमाण है।
चित्र स्रोत: PIB
- स्वच्छ भारत मिशन की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2014 में कचरे का केवल 15-16% वैज्ञानिक प्रसंस्करण होता था, जबकि आज यह संख्या लगभग 76% है, अगले 2 से 3 वर्षों में 100% हासिल किया जाएगा।
- स्वच्छ सर्वेक्षण के बारे में उन्होंने कहा, “2016 में मामूली शुरुआत से, आज स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक सर्वेक्षण बन गया है।
- स्वच्छ सर्वेक्षण ने शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के अभ्यास को बढ़ावा दिया है और यह एक मजबूत थर्ड-पार्टी असिसमेंट है।
5. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने हिंदुस्तान जिंक के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
- ग्रामीण राजस्थान के वित्तीय परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार एक असाधारण गठबंधन में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल – वेदांता समूह की सहायक कंपनी) ने समावेशी वित्तीय सॉल्यूशनों का पथ प्रदर्शन करने के लिए समझौता किया है।
- यह सहयोग हिंदुस्तान जिंक के परिचालन क्षेत्रों के आसपास सामुदायिक लाभार्थियों के जीवन पर स्थायी प्रभाव बनाने में सुनिश्चित करेगा।
- अपने लाभार्थियों को वित्तीय समावेशन सेवाएं प्रदान करने के लिए हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के साथ सहयोग से आईपीपीबी को भारत में प्रमुख कॉर्पोरेट्स द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) गतिविधियों से लाभान्वित आबादी की सेवा के क्षेत्र में प्रवेश करने में सहायता मिलेगी।
- आईपीपीबी द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रमुख सेवाएं वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करेंगी और बैंक खाते खोलने, पेंशन उत्पादों तक पहुंच, दीर्घकालिक बचत और निवेश योजनाओं के लिए सहायता सुनिश्चित करेंगी।
- इसके अतिरिक्त यह आईपीपीबी बैंकिंग चैनलों के माध्यम से सरकारी सामाजिक कल्याण योजनाओं को भी प्रोत्साहित करेगा और आईपीपीबी के उधार भागीदारों के माध्यम से आय सृजन करने वाले ऋण प्राप्त करने में लाभार्थियों की सहायता करेगा।
- इस सहयोग के साथ डाक विभाग की पब्लिक लिमिटेड कंपनी आईपीपीबी अपनी श्रेणी की सर्वश्रेष्ठ डिजिटल बैंकिंग सेवाओं के साथ अंतिम मील तक पहुंचने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।
- यह साझेदारी हिंदुस्तान जिंक की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है, जो उन क्षेत्रों के सतत विकास में योगदान देती है, जिनमें यह चलाई जाती है और सकारात्मक परिवर्तन लाने में एक नेता के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को सुदृढ बनाता है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बारे में:
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100 प्रतिशत इक्विटी के साथ डाक विभाग, संचार मंत्रालय के अंतर्गत की गई है।
- आईपीपीबी को 1 सितंबर, 2018 को लॉन्च किया गया था।
- बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, सस्ती और विश्वसनीय बैंक बनाने की दृष्टि से की गई है।
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मौलिक अधिदेश बैंक रहित और कम बैंकिंग सुविधा वाले लोगों के लिए बाधाओं को दूर करना और 1,65,000 डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में140,000) और 3,00,000 डाक कर्मचारियों वाले डाक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अंतिम मील तक पहुंचना है।
- आईपीपीबी की पहुंच और इसका परिचालन मॉडल इंडिया स्टैक के प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है – सीबीएस-एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से ग्राहकों के दरवाजे पर सरल और सुरक्षित तरीके से पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति-रहित बैंकिंग को सक्षम बनाना।
- यह कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया के विजन में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- भारत तब समृद्ध होगा जब प्रत्येक नागरिक को आर्थिक रूप से सुरक्षित और सशक्त बनने का समान अवसर मिलेगा। हमारा आदर्श वाक्य सच है – हर ग्राहक महत्वपूर्ण है, हर लेनदेन महत्वपूर्ण है और हर जमा मूल्यवान है।
हिंदुस्तान जिंक के बारे में:
- हिंदुस्तान जिंक, जिंक-लेड और सिल्वर बिजनेस में वेदांता समूह की कंपनी है।
- यह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक और 5वीं सबसे बड़ी चांदी उत्पादक है।
- कंपनी भारत में बढ़ते जस्ता बाजार के लगभग 80 प्रतिशत को नियंत्रित करती है।
- इसका मुख्यालय उदयपुर में है साथ ही राजस्थान राज्य में फैले जस्ता-लीड खदान और गलाने वाले परिसर हैं।
- हिंदुस्तान जिंक कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट के साथ विद्युत में आत्मनिर्भर है और पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना करके हरित ऊर्जा में कदम रखा है।
- हिंदुस्तान जिंक खनन क्षेत्र की एकमात्र भारतीय कंपनी है जो 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य के साथ संरेखण में मान्य और अनुमोदित एसबीटीआई लक्ष्यों के साथ है।
- कंपनी को कुछ सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास लोगों के व्यवहारों और कर्मचारी-केंद्रित पहलों पर गर्व है, जिन्होंने हिंदुस्तान जिंक को ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क 2023’, पीपुल बिजनेस द्वारा ‘ग्रेट प्लेस विद ग्रेट मैनेजर्स 2022’ और ‘पीपुल-फर्स्ट एचआर एक्सीलेंस अवार्ड’ के रूप में प्रमाणित किया है।
- हिंदुस्तान जिंक एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में विभिन्न सामुदायिक विकास पहलों के लिए वित्त वर्ष 2023 में 276.3 करोड़ रुपये के व्यय आधार के साथ राजस्थान और उत्तराखंड राज्यों के 237 गांवों में 1.7 मिलियन लोगों के जीवन को बदलने की दिशा में निरंतर काम कर रहा है और भारत में शीर्ष 10 सीएसआर कंपनियों में से एक है।
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