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11 सितंबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन (GBA):
  2. एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए नायरा एनर्जी के साथ सहयोग करेगी:
  3. भारत और सऊदी अरब ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर समझौते पर हस्ताक्षर किये:
  4. भारत-ब्रिटेन के बीच नई दिल्ली में 12वीं आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता (ईएफडी) आयोजित:
  5. पूर्वी आर्थिक मंच (ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम) 2023:
  6. BIS का भारतीय मानकों के अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए एक मिशन:

1. वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन (GBA):

सामान्य अध्ययन: 3

बुनियादी ढांचा:

विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा आदि।

प्रारंभिक परीक्षा: वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन,जैव-ईंधन,अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA)।

मुख्य परीक्षा: वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन का उदेश्य जैव-ईंधन को ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के प्रमुख घटक के रूप में स्थापित करना और नौकरियों और आर्थिक विकास में योगदान देना है। टिप्पणी कीजिए।

प्रसंग:

  • वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में इतिहास रचते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 सितम्बर 2023 को जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन (GBA) के शुभारंभ की घोषणा की।

उद्देश्य:

  • GBA, जैव-ईंधन को अपनाने में सुविधा प्रदान करने के क्रम में सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योग जगत का गठबंधन विकसित करने के लिए भारत के नेतृत्व में एक पहल है।
  • जैव-ईंधन के विकास और उपयोग के लिए जैव-ईंधन के सबसे बड़े उपभोक्ताओं और उत्पादकों को एक मंच पर लाते हुए, इस पहल का उद्देश्य जैव-ईंधन को ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के प्रमुख घटक के रूप में स्थापित करना और नौकरियों और आर्थिक विकास में योगदान देना है।

विवरण:

  • 19 देशों और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने पहले ही गठबंधन में शामिल होने की सहमति व्यक्त की है।
  • दूरदर्शी वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन को जी20 देशों और ऊर्जा से संबंधित वैश्विक संगठनों जैसे अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए), अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ), विश्व आर्थिक मंच (डब्ब्ल्यूईओ), और विश्व एलपीजी एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों द्वारा समर्थन दिया गया है।
    • इससे वैश्विक जैव-ईंधन व्यापार और सर्वोत्तम तौर-तरीकों को मजबूत करने तथा सदस्यों को ऊर्जा की न्यायसंगत आपूर्ति में मदद मिलेगी।
    • इस कदम से किसानों को ‘अन्नदाता से ऊर्जादाता’ बनने में मदद मिलेगी और उन्हें आय का एक अतिरिक्त स्रोत भी प्राप्त होगा।
    • 2025 तक ई20 कार्यान्वयन के साथ, भारत तेल आयात में लगभग 45,000 करोड़ रुपये और सालाना 63 मीट्रिक टन तेल की बचत करेगा।
  • GBA, पूरी मूल्य श्रृंखला में क्षमता-निर्माण अभ्यास और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता और नीति अनुभव साझाकरण को बढ़ावा देकर स्थायी जैव-ईंधन के विश्वव्यापी विकास और उपयोग का समर्थन करेगा।
    • यह उद्योगों, देशों, इकोसिस्टम की कंपनियों, प्रमुख हितधारकों को मांग और आपूर्ति के मानचित्रण में सहायता करने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को अंतिम उपयोगकर्ताओं से जोड़ने के लिए एक वर्चुअल बाज़ार जुटाने की सुविधा प्रदान करेगा।
    • यह जैव-ईंधन अपनाने और व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों, कोड, स्थायी सिद्धांतों और विनियमों के विकास, अपनाये जाने और कार्यान्वयन की सुविधा भी प्रदान करेगा।
  • यह पहल, भारत के लिए कई मोर्चों पर फायदेमंद रहेगी।
    • जी20 की अध्यक्षता के एक ठोस परिणाम के रूप में GBA, विश्व स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।
    • इसके अलावा, गठबंधन सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा और प्रौद्योगिकी निर्यात तथा उपकरण निर्यात के रूप में भारतीय उद्योगों को अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा।
    • यह भारत के वर्तमान जैव-ईंधन कार्यक्रमों जैसे पीएम-जीवनयोजना, एसएटीएटी और गोबरधन योजना में तेजी लाने में मदद करेगा, यह किसानों की आय में वृद्धि करने, नौकरियां पैदा करने और भारतीय इकोसिस्टम के समग्र विकास में योगदान देगा।
    • वर्ष 2022 में वैश्विक इथेनॉल बाजार का मूल्य 99.06 बिलियन डॉलर था।
    • अनुमान है कि इथेनॉल बाजार वर्ष 2032 तक 5.1% की सीएजीआर से बढ़ेगा और वर्ष 2032 तक 162.12 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा।
    • आईईए के अनुसार, नेट ज़ीरो के लक्ष्य के कारण वर्ष 2050 तक जैव-ईंधन में 3.5-5 गुनी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे भारत के लिए बड़े अवसर पैदा होंगे।

2. एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए नायरा एनर्जी के साथ सहयोग करेगी:

सामान्य अध्ययन: 3

बुनियादी ढांचा:

विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा आदि।

प्रारंभिक परीक्षा: हरित हाइड्रोजन, एनटीपीसी, नायरा एनर्जी।

प्रसंग:

  • भारत की अग्रणी एकीकृत बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) और अंतरराष्ट्रीय स्तर की नए समय की डाउनस्ट्रीम ऊर्जा कंपनी नायरा एनर्जी ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य हरित हाइड्रोजन और हरित ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों की पड़ताल करना है।
  • यह साझेदारी ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का पता लगाएगी और उन्हें लागू करेगी।

विवरण:

  • MoU में नायरा एनर्जी के अपने इस्तेमाल के लिए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने, डीकार्बोनाइजेशन में तेजी लाने और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए सहयोग की परिकल्पना की गई है।
  • यह सहयोग भारत में हाइड्रोजन परियोजनाओं को विकसित करने के लिए एनटीपीसी की पहल पर किया जा रहा है तथा आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • ग्रीन हाइड्रोजन भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य का एक महत्वपूर्ण तत्व होगा, और इस साझेदारी के साथ, हम ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का पता लगाएंगे और लागू करेंगे, जो स्वच्छ और अधिक लचीले ऊर्जा परिदृश्य में योगदान देगा।
  • ग्रीन हाइड्रोजन की क्षमता का पता लगाने के लिए ग्रीन एनर्जी व्यवसाय में अग्रणी एनटीपीसी के साथ साझेदारी करके एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा रहे हैं।
  • यह सहयोग देश के ऊर्जा परिवर्तन उद्देश्यों को प्राप्त करने में योगदान देगा।

पृष्ठ्भूमि:

  • एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी विद्युत कंपनी है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 73 गीगावॉट से अधिक है।
    • अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो को बढ़ाने के हिस्से के रूप में, उसने ग्रीन हाइड्रोजन, एनर्जी स्टोरेज टेक्नोलॉजीज और राउंड-द-क्लॉक आरई पावर के क्षेत्र में व्यवसायों सहित नवीकरणीय ऊर्जा पार्क और परियोजनाओं को शुरू करने के लिए एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनजीईएल का गठन किया गया है।
    • एनटीपीसी समूह की वर्ष 2032 तक 60 गीगावॉट आरई क्षमता की योजना है और वर्तमान में वह 20+ गीगावॉट की पाइपलाइन पर काम कर रहा है, जिसमें से तीन गीगावॉट से अधिक परिचालन क्षमता है।
  • नायरा एनर्जी रिफाइनिंग से लेकर रिटेल तक हाइड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला में मजबूत उपस्थिति के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर की एक एकीकृत डाउनस्ट्रीम कंपनी है।
    • नायरा एनर्जी 20 एमएमटीपीए की क्षमता के साथ वाडिनार, गुजरात में भारत की दूसरी सबसे बड़ी सिंगल-साइट रिफाइनरी का संचालन करती है।
    • यह 11.8 की सघनता के साथ दुनिया की सबसे आधुनिक और परिष्कृत रिफाइनरियों में से एक है।
    • कंपनी के पूरे भारत में 6,000 से अधिक परिचालन खुदरा आउटलेट हैं।
  • नायरा एनर्जी ऊर्जा उद्योग में एक प्रमुख संस्था है और वह पर्यावरण हितैषी के रूप में सभी व्यवसाय संचालन में गंभीरता से सन्निहित है।

3. भारत और सऊदी अरब ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर समझौते पर हस्ताक्षर किये:

सामान्य अध्ययन: 2,3

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध,बुनियादी ढांचा:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार,बुनियादी ढांचा: ऊर्जा आदि।

मुख्य परीक्षा: भारत और सऊदी अरब ऊर्जा के किन-किन क्षेत्रों में सहयोग करेंगे। चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • भारत सरकार और सऊदी अरब की सरकार के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर 10 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए।

उद्देश्य:

  • इस MoU से भारत और सऊदी अरब के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी विकसित होगी।
  • समझौता ज्ञापन जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में ऊर्जा परिवर्तन और वैश्विक ऊर्जा प्रणाली के परिवर्तन के लिए भारत के प्रयासों का समर्थन करेगा।

विवरण:

समझौता ज्ञापन के अनुसार, भारत और सऊदी अरब निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग करेंगे:

  • नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, हाइड्रोजन, बिजली और दोनों देशों के बीच ग्रिड इंटरकनेक्शन, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, सामरिक पेट्रोलियम भंडार और ऊर्जा सुरक्षा।
  • नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, हाइड्रोजन और भंडारण के क्षेत्र में द्विपक्षीय निवेश को प्रोत्साहित करना; और तेल एवं गैस.
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए सर्कुलर इकोनॉमी और इसकी प्रौद्योगिकियाँ, जैसे: कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण।
  • ऊर्जा के क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन, नवाचार और साइबर-सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देना।
  • ऊर्जा, आपूर्ति श्रृंखला और इसकी प्रौद्योगिकियों के सभी क्षेत्रों से संबंधित सामग्रियों, उत्पादों और सेवाओं को स्थानीयकृत करने के लिए दोनों देशों के बीच गुणात्मक साझेदारी विकसित करने पर काम करना।
  • ऊर्जा के क्षेत्र में विशेषज्ञता वाली कंपनियों के साथ सहयोग को मजबूत करना।
  • ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित कोई अन्य क्षेत्र जिस पर दोनों देश सहमत हों।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. भारत-ब्रिटेन के बीच नई दिल्ली में 12वीं आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता (ईएफडी) आयोजित:

  • भारत-ब्रिटेन आर्थिक और वित्तीय वार्ता का 12वां मंत्रिस्तरीय दौर नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
    • भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने किया और यूके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सांसद और यूके चांसलर ऑफ द एक्सचेकर श्री जेरेमी हंट ने किया।
  • भारत और यूके ने वित्तीय सेवाओं पर अपने सहयोग को गहरा करने, एक-दूसरे की ताकत के साथ आगे बढ़ने और वित्तीय समावेशन और सतत विकास की दिशा में आपसी आकांक्षाओं का समर्थन करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
  • बातचीत में बुनियादी ढांचे के विकास की प्राथमिकताओं, मजबूत फिनटेक साझेदारी और दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों के लिए टिकाऊ वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए भारत और यूके के बीच ज्ञान साझा करने, सहयोग और समर्थन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
  • दोनों पक्षों ने व्यापक आर्थिक और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया।
    • दोनों देशों ने भारत-यूके इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस ब्रिज की घोषणा की, जो भारत की राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के समर्थन में विशेषज्ञता और निवेश का लाभ उठाने के लिए एक सहयोगी पहल है।
  • बैठक में वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के प्रतिनिधियों ने यूके ट्रेजरी, बैंक ऑफ इंग्लैंड और वित्तीय आचरण प्राधिकरण के प्रतिनिधियों के साथ भाग लिया।

2. पूर्वी आर्थिक मंच (ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम) 2023:

  • केंद्रीय पत्तन,पोत परिवहन एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल पूर्वी आर्थिक मंच में भारत का प्रतिनिधित्व करने हेतु रूस के लिए रवाना हुए, जो रूसी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में आयोजित किया जा रहा है।
    • जिसका उद्देश्य मजबूत संबंधों को बनाए रखने और विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक, व्यापार और लॉजिस्टिकल सहयोग को प्रोत्साहन देना है।
  • भारत-रूस संबंधों में इस नए उत्साह को देखते हुए,भारत रूस में व्लादिवोस्तोक के ऐतिहासिक बंदरगाह शहरों और भारत में चेन्नई के बीच एक वैकल्पिक व्यापार मार्ग विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
  • श्री सोनोवाल पूर्वी आर्थिक मंच पर भारत-रूस व्यापार वार्ता को संबोधित करेंगे, जहां वह भारत व रूस के बीच विशिष्ट और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी में स्थिरता को बढ़ावा देने में व्यापार, वाणिज्य और व्यापार की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करेंगे।
  • साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की संभावनाओं पर रूसी संघ के वरिष्ठ मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें उत्तरी समुद्री मार्ग की संभावनाएं तलाशना और बंगाल की खाड़ी में ट्रांस शिपमेंट हब की स्थापना करना शामिल है।
  • पूर्वी समुद्री गलियारे का उद्देश्य हमारे देशों के बीच कार्गो ट्रांजिट समय को कम करना है।
  • भारतीय बंदरगाहों से रूसी सुदूर पूर्व तक की यात्रा में केवल 24 दिन लगते हैं, जबकि नोवोरोस्सिएस्क बंदरगाह से 30 दिन का समय लगता है।
  • यह गलियारा भारत व रूस दोनों के लिए व्यापार और सहयोग के नए अवसरों को खोलने की अपार क्षमता रखता है।

पूर्वी आर्थिक मंच 2023 के बारे में:

  • आठवां पूर्वी आर्थिक मंच 2023 का आयोजन 10 से 13 सितंबर 2023 तक व्लादिवोस्तोक के सुदूर पूर्वी संघीय विश्वविद्यालय (एफईएफयू) परिसर में हो रहा है।
    • पूर्वी आर्थिक मंच रूसी और वैश्विक निवेश समुदायों के बीच संबंधों को स्थापित और मजबूत करने के लिए तथा रूसी सुदूर पूर्व की आर्थिक क्षमता, इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले निवेश के अवसरों और उन्नत विशेष आर्थिक जोन में व्यावसायिक स्थितियों के व्यापक विशेषज्ञ मूल्यांकन के लिए एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मंच है।
  • पूर्वी आर्थिक मंच की स्थापना रूस के सुदूर पूर्व के आर्थिक विकास को सहयोग करने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 2015 में रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश द्वारा की गई।

3. BIS का भारतीय मानकों के अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए एक मिशन:

  • भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने जमीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करने और भारतीय मानकों के अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए एक मिशन आरंभ किया है।
  • गांवों में सरकारी कार्यक्रमों एवं स्कीमों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के प्रयास में, बीआईएस ने देश भर में ग्राम पंचायतों के अध्यक्षों एवं सचिवों को संवेदनशील बनाने के लिए एक व्यापक पहल आरंभ की है।
  • भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय, बीआईएस मानकों को तैयार करने और उत्पादों तथा सेवाओं के अनुरूपता आकलनों के संचालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है।
  • नागरिकों के कल्याण, पर्यावरण तथा उत्पादों एवं सेवाओं की समग्र गुणवत्ता के लिए भारतीय मानकों के पालन के अहम महत्व को स्वीकार करते हुए बीआईएस ने इस लोकसंपर्क कार्यक्रम की शुरुआत की है।
  • इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य ग्राम पंचायतों के बीच भारतीय मानकों के अनुपालन के महत्व की समझ पैदा करना और ग्रामीण स्तर पर सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करते समय इन मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।
    • इसका लक्ष्य ग्राम पंचायतों के बीच मानकीकरण की संस्कृति और भारतीय मानकों के अनुरूप उत्पादों के उपयोग के लाभों को बढ़ावा देना है जो जमीनी स्तर पर विभिन्न सरकारी पहलों के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस पहल की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • 1- 2.4 लाख ग्राम पंचायतों तक पहुंच: बीआईएस ने देश भर के सभी ग्राम पंचायतों से संपर्क किया है।
    • ग्राम पंचायतों को विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण एवं उपयोगी भारतीय मानकों की पुस्तिका उपलब्ध कराई जाती है जो ग्राम पंचायतों द्वारा विभिन्न राज्य/केंद्र सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं को कार्यान्वित करते समय इन मानकों के अनुपालन के महत्व को रेखांकित करती हैं।
  • 2- संवेदीकरण कार्यशालाएं: बीआईएस ने देश भर में राज्य एवं जिला प्राधिकारियों के सहयोग से ग्राम पंचायतों के अध्यक्षों एवं सचिवों के लिए प्रशिक्षण की शुरुआत भी की है।

इस पहल के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • उन्नत गुणवत्ता एवं सुरक्षा: भारतीय मानकों के अनुपालन को बढ़ावा देकर, इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर लागू सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं की समग्र गुणवत्ता एवं सुरक्षा को बढ़ाना है।
  • उपभोक्ता सुरक्षा: मानकों का अनुपालन यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद और सेवाएं उपभोक्ताओं को घटिया और असुरक्षित पेशकशों से बचाते हुए निर्दिष्ट गुणवत्ता और सुरक्षा मानदंडों को पूरा करें।
  • पर्यावरणगत संरक्षण: मानकों का अनुपालन उन प्रक्रियाओं को विनियमित करने के द्वारा पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकता है जिनका पारिस्थितिकी प्रभाव प्रतिकूल हो सकता है।
  • क्षमता निर्माण: संवेदीकरण कार्यशालाओं की रूपरेखा ग्राम पंचायत अधिकारियों को मानकों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों के साथ सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है।
  • राष्ट्रीय प्रगति: यह पहल सभी सेक्टरों में गुणवत्ता एवं सुरक्षा की एक संस्कृति को बढ़ावा देने के जरिये एक समृद्ध तथा प्रगतिशील भारत के विजन के अनुरूप है।

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