विषयसूची:
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1. भारतीय नौसेना के पोत वाई – 3024 (विन्ध्यागिरी) का 17 अगस्त 2023 को शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: वाई – 3024 (विन्ध्यागिरी), प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट।
प्रसंग:
- राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु 17 अगस्त, 23 को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट के पोत विन्ध्यागिरी का शुभारंभ करेंगी।
उद्देश्य:
- प्रोजेक्ट 17A जहाजों का डिजाइन स्वदेश में ही भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है।
- प्रोजेक्ट 17A पोतों में उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी फर्मों से पूरे किए गए हैं।
विवरण:
- विन्ध्यागिरी पोत का नाम कर्नाटक में पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है और यह प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट का छठवां पोत है।
- प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) के बाद बनाए गए युद्धपोत बेहतर स्टील्थ विशेषता, उन्नत हथियारों और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस हैं।
- पूर्ववर्ती विन्ध्यागिरी ने 08 जुलाई 1981 से 11 जून 2012 तक अपनी 31 साल की सेवा के दौरान कई चुनौतीपूर्ण अभियान और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया था।
- नव-निर्मित विन्ध्यागिरी भारत के अपने समृद्ध नौसेना इतिहास को अंगीकार करने के दृढ़ संकल्प का प्रतीक होने के साथ-साथ भविष्य में स्वदेशी रक्षा क्षमता को प्रेरित करने को भी दर्शाता है।
- प्रोजेक्ट 17A कार्यक्रम के अंतर्गत मैसर्स एमडीएल द्वारा कुल चार पोत और मैसर्स जीआरएसई द्वारा तीन पोत निर्माणाधीन हैं।
- परियोजना के पहले पांच पोतों का एमडीएल और जीआरएसई द्वारा 2019-2022 के बीच शुभारंभ किया गया है।
- प्रोजेक्ट 17A पोत को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा स्वदेश में ही डिजाइन किया गया है, जो सभी युद्धपोत डिजाइन गतिविधियों के लिए एक अग्रणी संगठन है।
- आत्मनिर्भर’ भारत की भावना का अनुपालन करते हुए प्रोजेक्ट 17A पोतों के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी फर्मों से पूर्ण किए गए हैं, जिनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भी शामिल हैं।
- विन्ध्यागिरी का शुभारंभ भारत द्वारा आत्मनिर्भर नौसेना निर्माण करने के प्रति अतुलनीय प्रगति का एक प्रमाण है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक:
- DPDP के सहयोगी कानून को डिजिटल इंडिया अधिनियम के रूप में जाना जाता है, जो 22 साल पुराने आईटी अधिनियम की जगह लेने वाला है ।
- DPDP युवा भारतीयों के अधिकारों की रक्षा करते हुए उनके लिए अधिक से अधिक अवसर पैदा करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- ‘डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक एक विश्वस्तरीय कानून है। 15 अगस्त, 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘टेकेड’ शब्द सामने रखा था, जो छात्रों, युवा भारतीयों के लिए तकनीकी अवसरों से भरे भविष्य के उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो भविष्य के कार्यबल का हिस्सा होंगे।
- 2010 में सदन में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया, जिसमें निजता को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देने की मांग की गई थी।
- यह कानून एक व्यापक मिशन के रूप में एकीकृत होता है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य दायित्वों के साथ-साथ भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप समकालीन और प्रासंगिक कानूनों को स्थापित करना है।
- आगामी कानून को डिजिटल इंडिया अधिनियम के रूप में जाना जाएगा, जो 22 साल पुराने आईटी अधिनियम की जगह लेगा।
- डिजिटल इंडिया अधिनियम प्रौद्योगिकी के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र से सामंजस्य बिठाएगा। पहले देश में डेटा प्राइवेसी की बातचीत GDPR से शुरू और खत्म होती थी।
- लेकिन हमने GDPR से प्रेरणा लेने के बजाय एक भारतीय विधेयक तैयार करने का फैसला किया।
- 830 मिलियन भारतीय इंटरनेट का उपयोग करते हैं और 2025-26 तक यह आंकड़ा 1.2 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
- हम दुनिया में सबसे बड़े कनेक्टेड देश हैं। हम यूरोपीय संघ या अमेरिका का अनुसरण करने के बजाय भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी में अपने स्वयं के मानक स्थापित करने में सक्षम हैं।
- नागरिकों के व्यक्तिगत डिजिटल डेटा को अत्यधिक महत्व देने के लिए पर्याप्त जुर्माना लगाने के महत्व पर जोर दिया गया। यह दंड एक महत्वपूर्ण उद्देश्य प्रदान करते हुए यह सुनिश्चित करता है कि उद्योग और प्लेटफॉर्म इस कानून का पालन करते रहें।
- यह कानून एक नई व्यवस्था का निर्माण कर रहा है।
- कंपनियों और उद्योगों को व्यवस्था परिवर्तन की अवधि का समय दिया जायेगा।
- दुरुपयोग का युग, शोषण का युग, यह मानने का युग कि भारतीय नागरिकों के पास अधिकार नहीं हैं, इस कानून के साथ समाप्त होने जा रहा है।
- यह बिल नवाचार इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने का काम करेगा और व्यवस्था में किसी भी भ्रम की स्थिति को दूर करेगा।
- यह निजता को एक मौलिक अधिकार के रूप में घोषित किए जाने पर किसी इकाई को क्या करना चाहिए इसे स्पष्ट करता है।
- किसी नागरिक के डेटा उल्लंघन के मामले में, उन्हें बस वेबसाइट पर जाना होगा, डेटा सुरक्षा बोर्ड को विवरण प्रदान करना होगा और बोर्ड उल्लंघन करने वाले प्लेटफार्मों पर जुर्माना लगाते हुए जांच शुरू करेगा।
- जुर्माना दंडात्मक हो ताकि यह प्लेटफार्मों को जिम्मेदार होने के लिए प्रोत्साहित करे।
- “संसदध्वनि” नामक कार्यक्रम बेंगलुरु दक्षिण से सांसद और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में एक नागरिक जुड़ाव की पहल है।
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