विषयसूची:
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13 March 2024 Hindi PIB
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1. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और भूटान के बीच ऊर्जा,खाद्य सुरक्षा, पेट्रोलियम और संबंधित उत्पादों पर समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: भारत और इसके पडोसी – सम्बन्ध।
मुख्य परीक्षा: भारत-भूटान संबंधों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऊर्जा दक्षता एवं ऊर्जा संरक्षण उपायों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भारत और भूटान के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी।
विवरण:
ऊर्जा समझौता:
- भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो तथा भारत सरकार के ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के ऊर्जा विभाग और भूटान की शाही सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- इस समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में, भारत का लक्ष्य ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा विकसित स्टार लेबलिंग कार्यक्रम को बढ़ावा देकर घरेलू क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में भूटान की सहायता करना है।
- भूटान की जलवायु स्थिति के अनुरूप बिल्डिंग कोड तैयार करने में भारत के अनुभव के आधार पर मदद की जाएगी।
- ऊर्जा लेखा परीक्षकों के प्रशिक्षण को संस्थागत बनाकर भूटान में ऊर्जा पेशेवरों के एक समूह के निर्माण की परिकल्पना की गई है।
- भारत का लक्ष्य मानक व लेबलिंग योजना को विकसित करने और लागू करने के प्रयास में भूटान का समर्थन करना है।
- ज्यादा बिजली खपत करने वाली उपभोक्ता वस्तुओं में तेजी से वृद्धि को देखते हुए, विद्युत ऊर्जा की मांग हर साल बढ़ रही है।
- यदि उपभोक्ता उच्च दक्षता वाले उपकरण पसंद करते हैं तो इस बढ़ती मांग को अनुकूलित किया जा सकता है।
- बीईई देश के स्टार-लेबलिंग कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है जिसमें अब दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले 37 उपकरण शामिल हैं।
- यह समझौता ज्ञापन विद्युत मंत्रालय द्वारा विदेश मंत्रालय (एमईए) और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के परामर्श से तैयार किया गया है।
- यह समझौता ज्ञापन भारत और भूटान के बीच ऊर्जा दक्षता एवं ऊर्जा संरक्षण से संबंधित सूचना, डेटा और तकनीकी विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को सक्षम करेगा।
- इससे भूटान को बाजार में ऊर्जा कुशल उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
- यह समझौता ज्ञापन ऊर्जा दक्षता नीतियों और ऊर्जा दक्षता अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग के क्षेत्र में सहयोग का विश्लेषण करेगा।
खाद्य सुरक्षा:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भूटान फूड एंड ड्रग अथॉरिटी (बीएफडीए), स्वास्थ्य मंत्रालय, रॉयल गवर्नमेंट ऑफ भूटान तथा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के बीच खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग के संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी।
- भूटान फूड एंड ड्रग अथॉरिटी (बीएफडीए), स्वास्थ्य मंत्रालय, रॉयल गवर्नमेंट ऑफ भूटान तथा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर होने से दोनों पड़ोसी देशों के बीच कारोबार में सुगमता आएगी।
- भारत से उत्पादों का निर्यात करते समय बीएफडीए एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के अनुपालन के प्रमाण के रूप में एक स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जारी करेगा।
- इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहन मिलेगा और दोनों पक्षों के लिए अनुपालन लागत कम होगी।
पेट्रोलियम, तेल, स्नेहक (पीओएल) और संबंधित उत्पाद:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत से भूटान को पेट्रोलियम, तेल, स्नेहक (पीओएल) और संबंधित उत्पादों की सामान्य आपूर्ति पर भारत सरकार और भूटान की शाही सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने की मंजूरी दे दी है।
- इसका उद्देश्य विशेष रूप से हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में, किसी भी लैंगिक, वर्ग या आय पूर्वाग्रह के बिना, भूटान के साथ बेहतर आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के जरिये भारत और इसके नागरिकों को लाभ पहुंचाना है।
लाभ:
- समझौता ज्ञापन हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देगा और भूटान को पेट्रोलियम उत्पादों की सुरक्षित और दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
- चूंकि, आत्मनिर्भर भारत को साकार करने में निर्यात महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इस एमओयू से आत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा।
- यह एमओयू, भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति के तहत ऊर्जा सेतु के रूप में रणनीतिक रूप से उपयुक्त सिद्ध होगा।
2. भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोत्साहन योजना 2024 की घोषणा की:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोत्साहन योजना 2024
मुख्य परीक्षा: इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोत्साहन योजना 2024 की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को अपनाने में और तेजी लाने में भूमिका।
प्रसंग:
- देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को अपनाने में और तेजी लाने के लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की मंजूरी के साथ भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोत्साहन योजना 2024 (ईएमपीएस 2024) योजना शुरू की जा रही है।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य देश में हरित गतिशीलता को और अधिक बढ़ावा देने के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
- कुल 500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ यह योजना आगामी 01 अप्रैल से 31 जुलाई 2024 तक लागू की जाएगी।
- यह योजना इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन (ई-2 डब्ल्यू) और तिपहिया वाहन (ई-3 डब्ल्यू) पर लागू होगी।
विवरण:
- देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन (ई-2डब्ल्यू) और तिपहिया वाहन (ई-3 डब्ल्यू) को तेजी से अपनाने के लिए यह एक निधि सीमित (फंड लिमिटेड) योजना है जिसका 01 अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2024 तक 4 महीने की अवधि के लिए कुल परिव्यय 500 करोड़ रूपये है जिससे कि प्रभावी हरित गतिशीलता और इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण इकोसिस्टम के विकास को और अधिक गति प्रदान की जा सकेI
पात्र इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) श्रेणियाँ
- दोपहिया वाहन (ई-2 डब्ल्यू)
- तिपहिया वाहन जिसमें पंजीकृत ई-रिक्शा तथा ई-गाड़ियाँ (ई-कार्ट्स) और एल 5 (ई-3 डब्ल्यू) शामिल हैं I
- जनता के लिए किफायती और पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक परिवहन विकल्प प्रदान करने पर अधिक बल देने के साथ, यह योजना मुख्य रूप से वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए पंजीकृत ई-2 डब्ल्यू और ई-3 डब्ल्यू पर लागू होगी।
- इसके अतिरिक्त व्यावसायिक उपयोग के अलावा, निजी या कॉर्पोरेट स्वामित्व वाली पंजीकृत ई-2 डब्ल्यू भी योजना के अंतर्गत पात्र होगी।
लक्ष्य संख्याएँ:
- इस योजना का लक्ष्य 3,33,387 दो पहिया (ई-2 डब्ल्यू) और 13,590 रिक्शा एवं ई-कार्ट सहित 38,828 तिपहिया (ई-3 डब्ल्यू) और एल 5 श्रेणी में 25,238 तिपहियों (ई-3 डब्ल्यू) सहित 3,72,215 इलेक्ट्रिक वाहनों का समर्थन करना है।
- उन्नत प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करने के लिए इन प्रोत्साहनों का लाभ केवल उन्हीं वाहनों को दिया जाएगा जिनमें उन्नत बैटरी लगी होगी।
आत्मनिर्भर भारत:
- यह योजना देश में एक कुशल, प्रतिस्पर्धी और लचीले ईवी विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देती है, जिससे प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को बढ़ावा मिलता है।
- इस उद्देश्य के लिए, चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) को अपनाया गया है जो घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करता है और ईवी आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करता है।
- इससे मूल्य श्रृंखला में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर भी सृजित होंगे।
- इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोत्साहन योजना 2024 (ईएमपीएस 2024) के लिए अधिसूचना और दिशानिर्देश भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) द्वारा अलग से जारी किए जा रहे हैं।
3. रक्षा मंत्रालय ने ध्रुव एमके III के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 8073 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: सुरक्षा प्रोधोगिकी। विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां;देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: एएलएच ध्रुव एमके III यूटी,हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल),एएलएच एमके III एमआर (समुद्री भूमिका) संस्करण।
प्रसंग:
- रक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की स्वीकृति के बाद 34 उन्नत किस्म के हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) के अधिग्रहण के लिए 13 मार्च 2024 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), बेंगलुरु के साथ खरीदें (भारतीय-आईडीडीएम – स्वदेशी रूप से तैयार, विकसित व निर्मित) श्रेणी के तहत 8073.17 करोड़ रुपये के संयुक्त मूल्य के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्देश्य:
- इस सौदे के अनुसार भारतीय सेना (25 एएलएच) और भारतीय तटरक्षक बल (09 एएलएच) के लिए ऑपरेशनल रोल उपकरण के साथ ध्रुव एमके III रक्षा विनिर्माण में स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विवरण:
- भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया एएलएच ध्रुव एमके III यूटी (यूटिलिटी) संस्करण, राहत एवं बचाव, सैन्य परिवहन, आंतरिक कार्गो, रेकी / हताहत निकासी आदि के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- एएलएच ध्रुव एमके III यूटी ने सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख जैसे अधिकतम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन साबित किया है।
- भारतीय तटरक्षक के लिए एएलएच एमके III एमआर (समुद्री भूमिका) संस्करण, समुद्री निगरानी और अंतर्विरोध, तलाशी व बचाव, रैपलिंग संचालन तथा कार्गो एवं कार्मिक परिवहन हेतु बाहरी कार्गो ले जाने की क्षमता और चिकित्सा हताहत निकासी का उपयोग करके प्रदूषण प्रतिक्रिया के लिए तैयार किया गया है।
- इस हेलीकॉप्टर ने समुद्र और जमीन पर प्रतिकूल वायुमंडलीय परिस्थितियों में भी अपनी क्षमता साबित की है।
- यह परियोजना अपनी अवधि के दौरान श्रम के लिए अनुमानित 190 लाख मानव-घंटे का रोजगार पैदा करेगी।
- इसमें 200 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से उपकरणों की आपूर्ति भी शामिल होगी और 70 स्थानीय विक्रेता स्वदेशीकरण की प्रक्रिया में शामिल होंगे।
- इस पहल से क्षेत्र में रोजगार सृजन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
4. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क समझौते को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क समझौता (आईजीएफए),भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी)।
मुख्य परीक्षा: भारत और संयुक्त अरब अमीरात के आर्थिक संबंधों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क समझौते (आईजीएफए) को पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य:
- आईजीएफए का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना एवं बंदरगाहों, समुद्री तथा लॉजिस्टिक क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाना है।
विवरण:
- भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) को सशक्त बनाने तथा इसके संचालन के लिए सहयोग से संबंधित इस समझौते पर भारत सरकार और संयुक्त अरब अमीरात सरकार के बीच उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान 13 फरवरी, 2024 को हस्ताक्षर किए गए थे।
- आईजीएफए में भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) के विकास के संबंध में भविष्य में संयुक्त निवेश और सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने के उद्देश्य से दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्र शामिल हैं।
- इस समझौते में दोनों देशों के बीच सहयोग की विस्तृत रूपरेखा है।
- यह सहयोग पारस्परिक रूप से सहमत सिद्धांतों, दिशानिर्देशों और दोनों देश के अधिकार क्षेत्रों के तहत प्रासंगिक नियमों एवं विनियमों के अनुरूप समझौतों के एक समुच्चय पर आधारित होगा।
5. भारत की राष्ट्रपति ने मॉरीशस की अपनी यात्रा के दौरान समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: भारत और इसके पडोसी – सम्बन्ध।
प्रारंभिक परीक्षा: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)।
मुख्य परीक्षा: भारत की राष्ट्रपति की मॉरीशस की यात्रा के दौरान हुए समझौतों का महत्व।
प्रसंग:
- भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने मॉरीशस की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा के समापन (13 मार्च, 2024) पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया।
उद्देश्य:
- भारत ने दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
- दोनों देशों के नेताओं की उपस्थिति में 4 समझौतों का आदान-प्रदान किया गया।
इनमें शामिल हैं:
- अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (गिफ्ट सिटी) और वित्तीय सेवा आयोग, मॉरीशस के बीच समझौता ज्ञापन।
- लोक सेवा आयोग, मॉरीशस और संघ लोक सेवा आयोग के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू)
- आधार क्षरण और लाभ स्थानांतरण (बीईपीएस) न्यूनतम मानकों के अनुरूप बनाने के लिए भारत-मॉरीशस दोहरे कर बचाव समझौते (डीटीएए) में संशोधन करने के लिए प्रोटोकॉल ।
- भारत के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और मॉरीशस के भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वतंत्र आयोग के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू)।
विवरण:
- इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु और प्रधानमंत्री जुगनाथ ने वर्चुअल माध्यम से भारत सरकार की ओर से वित्त पोषित 14 सामुदायिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और नई फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का शिलान्यास किया, जिसे भारतीय सहायता से स्थापित किया जा रहा है।
- इसके बाद मॉरीशस के राष्ट्रपति श्री पृथ्वीराजसिंह रूपन ने स्टेट हाउस, रेडुइट में दोपहर के भोजन पर भारत की राष्ट्रपति की मेजबानी की।
- इससे पहले राष्ट्रपति ने अप्रवासी घाट का दौरा किया, जो विशेष रूप से भारत के पहले गिरमिटिया श्रमिकों के वंशजों के लिए काफी महत्व रखता है, जो लगभग दो शताब्दी पहले वहां पहुंचे थे।
- इसके अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दासता संग्रहालय का भी दौरा किया। मॉरीशस से रवाना होने से पहले राष्ट्रपति ने पवित्र गंगा तालाब में मंगलमूर्ति महादेव की पूजा-अर्चना भी की।
- इससे पहले 12 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति ने मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. पूर्वी भारत में होगा शहद क्रांति का आगाज:
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा की पहल पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में पूर्वी भारत में शहद क्रांति का आगाज होने जा रहा है।
- झारखंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर की अत्याधुनिक बड़ी शहद टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी, जिसका शिलान्यास 14 मार्च को केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा करेंगे।
- इस क्षेत्र के हनी हब बनने से शहद उत्पादक हजारों किसानों को घरेलू बाजार में विस्तार के साथ ही निर्यात के अवसर भी प्राप्त होंगे, जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठेगा।
- देश में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों तथा किसानों को प्राथमिकता के क्रम में, झारखंड एवं आसपास के राज्यों- बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा आदि की अनूठी शहद किस्मों को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के संस्थानों द्वारा मंत्री श्री मुंडा की पहल पर अत्याधुनिक वृहद शहद परीक्षण प्रयोगशाला तथा अन्य परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है।
- राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन तथा कृषि विज्ञान केंद्र- खूंटी, रांची, गुमला, सिमडेगा, सराईकेला, पश्चिमी सिंहभूम सहित विभिन्न संस्थान इसमें सहभागी है।
2. भारत और डोमिनिकन गणराज्य ने पहले द्विपक्षीय संस्थागत तंत्र की स्थापना के लिए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए:
- भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति (जेटको) की स्थापना के लिए प्रोटोकॉल पर सैंटो डोमिंगो में डोमिनिकन गणराज्य के विदेश मंत्रालय (एमआईआरईएक्स) में 12 मार्च, 2024 को हस्ताक्षर किए गए।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 जनवरी, 2024 को जेटको की स्थापना के लिए इस कथित प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
- दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 25 वर्षों में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- यह समझौता मौजूदा आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को सुदृढ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- इस प्रोटोकॉल में तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और क्षमता निर्माण के माध्यम से व्यापार, सेवाओं, औद्योगिक प्रौद्योगिकियों और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत और विकसित करने की परिकल्पना की गई है।
- यह दोनों देशों के बीच ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराएगा और व्यापार तथा उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
- भारत डोमिनिकन गणराज्य से मुख्य रूप से सोना आयात करता है और उसे फार्मास्यूटिकल्स, समुद्री उत्पाद, मोटर वाहन, दुपहिया और तिपहिया वाहनों का निर्यात करता है।
- भारत-डोमिनिकन गणराज्य जेटको की पहली बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी।
3. ‘पीएम गति शक्ति- कोयला क्षेत्र में राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ जारी:
- केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कोयला मंत्रालय में एक समारोह में “पीएम गति शक्ति-कोयला क्षेत्र में राष्ट्रीय मास्टर प्लान” जारी किया।
- पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उद्देश्य पीएमजीएस-एनएमपी पोर्टल के कोयला मंत्रालय पेज पर उपलब्ध भू-स्थानिक परतों के माध्यम से कोयला क्षेत्र में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करना है।
- यह महत्वपूर्ण आधारभूत अवसंरचना विकास और एकीकृत योजना के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता उजागर करती है।
पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का महत्व:
- आधारभूत अवसंरचना परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के हमारे दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है।
- पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान, एक व्यापक जीआईएस-आधारित प्लेटफार्म है और यह विभिन्न मंत्रालयों को एक साथ लाता है ताकि लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की समकालिक योजना की सुविधा मिल सके, आर्थिक प्रगति और विकास को उत्प्रेरित करने के लिए ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाया जा सके।
- इसके जारी होने से सभी हितधारकों को कोयला क्षेत्र के भीतर गतिविधियों की योजना बनाने और लागू करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी के साथ सशक्त बनाएगी, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी और समय पर परियोजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।
- यह पहल लागत क्षमता को प्रोत्साहित करके, अवरोधों को कम करके तथा समावेशी विकास को बढ़ावा देकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन के अनुरूप है।
- पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान एक स्मार्ट, एकीकृत और स्थायी कोयला लॉजिस्टिक इकोसिस्टम विकसित करने, पर्याप्त आधारभूत अवसंरचना की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लॉजिस्टिक लागत अनुकूल करने और सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी को अपनाने के माध्यम से आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी किया गया।
पीएम-गति शक्ति परियोजना:
- पीएम-गति शक्ति परियोजना, राष्ट्रीय मास्टर प्लान, एक अग्रणी प्रयास है जिसका उद्देश्य आधारभूत अवसंरचना कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए समकालिक और समग्र योजना को बढ़ावा देना है।
- विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकार के विभागों के अंतर्गत मौजूदा, चल रही और भविष्य की परियोजनाओं का एक व्यापक डेटाबेस प्रदान करके प्रोत्साहित करना है।
- इस परियोजना का लक्ष्य मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है।
- कोयला मंत्रालय ने पीएम-गति शक्ति पोर्टल की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिये विभिन्न परतों और विश्लेषणात्मक उपकरणों को एकीकृत करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
- पोर्टल में महत्वपूर्ण जीआईएस परतें जैसे कोलफील्ड सीमाएं, कोयला निकासी प्रणाली, रेलवे साइडिंग का स्थान और भूमि परिसंपत्ति डेटा शामिल हैं, जो हितधारकों को भारतीय कोयला उद्योग की व्यापक समझ प्रदान करते हैं।
- कोयला क्षेत्र में पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान जारी करना कोयला क्षेत्र को बदलने और आधारभूत अवसंरचना की योजना और क्रियान्वयन को कारगर बनाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- यह सतत विकास को बढ़ावा देने, वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने तथा देश के नागरिकों के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कोयला मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
4. प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान एवं रोजगार आधार जनकल्याण (पीएम-सूरज) पोर्टल लॉन्च किया:
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों को ऋण सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी पहल शुरू की, जहां प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
- कार्यक्रम के दौरान, पीएम ने ‘प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान और रोजगार आधार जनकल्याण’ (पीएम-सूरज) राष्ट्रीय पोर्टल का ऑनलाइन अनावरण किया।
- जो समाज के सबसे वंचित वर्गों के उत्थान के लिए, वंचितों को सबसे आगे रखने में मंत्रालय के समर्पण का प्रतीक है, और वंचित समुदायों से आने वाले एक लाख उद्यमियों को ऋण सहायता का समर्थन करता है।
- प्रधानमंत्री-सूरज को एक परिवर्तनकारी पहल बताया जिसका उद्देश्य समाज के सबसे वंचित वर्गों का उत्थान करना है।
- वंचित वर्गों को ऋण सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रधानमंत्री-सूरज राष्ट्रीय पोर्टल वंचितों (वंचितों को वरियता) को प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
- पूरे देश में पात्र व्यक्तियों को बैंकों, एनबीएफसी-एमएफआई और अन्य संगठनों के माध्यम से ऋण सहायता प्रदान की जाएगी।
- आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड भारत में सरकार द्वारा प्रायोजित स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत जारी किया गया एक पहचान पत्र है।
- यह लाभार्थियों को सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस और पेपरलेस स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है।
- कार्ड में लाभार्थी के बारे में आवश्यक जानकारी होती है, जिसमें उनकी विशिष्ट पहचान संख्या और कवर की गई स्वास्थ्य सेवाओं का विवरण शामिल होता है।
5. केन्या के नैरोबी में खाद्य स्वच्छता पर कोडेक्स समिति के 54वें सत्र में भारत की मानक संचालन प्रक्रिया( एसओपी) पर चर्चा:
- भारत ने 10 मार्च, 2024 को केन्या के नैरोबी में खाद्य स्वच्छता पर कोडेक्स समिति (सीसीएफएच) के 54वें सत्र की सत्र -पूर्व बैठक में फूड स्ट्रीट्स के आधुनिकीकरण के लिए हाल ही में जारी अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) प्रस्तुत की।
- यह प्रस्तुति खाद्य के लिए पारंपरिक बाजारों में खाद्य स्वच्छता नियंत्रण उपायों के लिए प्रस्तावित मसौदा दिशानिर्देशों की तर्ज पर की गई , जो सीसीएफएच के 54 वें सत्र के प्रमुख एजेंडों में एक है।
- अन्य महत्वपूर्ण एजेंडे में, “ताजा पत्तेदार सब्जियों और अंकुरित अनाज में शिगा विष-उत्पादक एस्चेरिचिया कोली (एसटीईसी) के नियंत्रण के लिए दिशानिर्देश” और “मछली तथा मत्स्य उत्पादों, दूध और दुग्ध उत्पाद में खाद्य उत्पादन और प्रसंस्करण में पानी के सुरक्षित उपयोग और पुन: उपयोग के लिए दिशानिर्देश” पर भी चर्चा की जाएगी।
- सीसीएपएच का 54वां सत्र 11 मार्च से 15 मार्च, 2024 तक अमेरिका की सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है और यह बैठक पहली बार केन्या में हो रही है।
- भारतीय शिष्टमंडल का प्रतिनिधित्व भारत के लिए राष्ट्रीय कोडेक्स बिंदु भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अधिकारी कर रहे हैं।
- इस क्षेत्र में भारत के प्रयासों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अन्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच भी एसओपी साझा की गई।
- अगले कुछ दिनों तक विचार-विमर्श जारी रहेगा और भारतीय प्रतिनिधिमंडल खाद्य स्वच्छता और सुरक्षा में वैश्विक मानकों को आगे बढ़ाने तथा सभी के लाभ के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की दिशा में दृढ़ता से काम करेगा।
6. ‘पीएम स्वनिधि योजना’:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 14 मार्च को ‘पीएम स्वनिधि योजना’ के लाभार्थियों को संबोधित करेंगे।
- इसके साथ ही प्रधानमंत्री इस अवसर पर दिल्ली के 5,000 स्ट्रीट वेंडरों (एसवी) सहित 1 लाख स्ट्रीट वेंडरों को इस योजना के तहत ऋण भी वितरित करेंगे।
- महामारी के कारण गहराए वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान समाज के हाशिए पर पड़े तबकों या वर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर 1 जून, 2020 को ‘पीएम स्वनिधि’ योजना लॉन्च की गई थी।
- यह योजना हाशिए पर पड़े स्ट्रीट वेंडरों के समुदायों के लिए रूपांतरकारी साबित हुई है।
- अब तक देशभर में 62 लाख से भी अधिक स्ट्रीट वेंडरों को 10,978 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि के 82 लाख से अधिक ऋण वितरित किए जा चुके हैं।
- यह योजना अब भी उन लोगों के लिए वित्तीय समावेशन और समग्र कल्याण का प्रतीक बनी हुई है जो सदैव ही इससे कमोबेश वंचित रहे हैं।
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