विषय सूची:
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- जलवायु परिवर्तन पर ब्रिक्स की उच्च स्तरीय बैठक
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी:
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
प्रारंभिक परीक्षा: ब्रिक्स
प्रसंग:
- केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने वर्चुअल रूप से आयोजित ब्रिक्स की उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लिया।
विवरण:
- ब्रिक्स उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता चीन के पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री ने की तथा ब्राजील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका सहित ब्रिक्स देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने इसमें भाग लिया।
- केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में सावधानीपूर्वक खपत और अपशिष्ट में कमी पर आधारित स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देने सहित मजबूत जलवायु कार्रवाई के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
- उन्होंने भारत में अक्षय ऊर्जा, स्थायी वास, अतिरिक्त वन और वृक्ष आच्छादन के माध्यम से कार्बन सिंक के निर्माण,टिकाऊ परिवहन में परिवर्तन, ई-मोबिलिटी, जलवायु प्रतिबद्धता हेतु निजी क्षेत्र प्रोत्साहन जैसे महत्त्वपूर्ण कदमों का उल्लेख किया।
- उन्होंने भारत द्वारा ग्रीन हाउस गैस को उत्तरोत्तर कम करने की प्रक्रिया का उल्लेख किया।
- उन्होंने बताया कि विकासशील देशों द्वारा जलवायु कार्रवाइयों का क्रियान्वयन UNFCC और पेरिस समझौते द्वारा अधिदेशित जलवायु वित्त के समुचित वितरण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और अन्य सहायता पर निर्भर है।
- ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन पर सहयोग को सुदृढ़ बनाने और सहयोग की विषय वस्तुओं को व्यापक एवं मजबूत बनाने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसके अतिरिक्त, इन देशों ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में नीतिगत आदान-प्रदान और सहयोग जारी रखने पर भी सहमति जताई।
- “गतिशक्ति संचार” पोर्टल का शुभारंभ
सामान्य अध्ययन: 3
प्रौद्योगिकी:
विषय: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायो-टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरूकता।
प्रारंभिक परीक्षा: गतिशक्ति संचार
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी तथा रेलवे मंत्री ने केंद्रीकृत मार्ग का अधिकार (ROW) अनुमोदन (www.sugamsanchar.gov.in) के लिए “गतिशक्ति संचार” पोर्टल का शुभारंभ किया।
पृष्ठभूमि
- दूरसंचार विभाग (DOT) द्वारा 17 दिसंबर, 2019 को देश भर में विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए सार्वभौमिक और समान पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM) की स्थापना की गई थी। इस परिकल्पना को पूरा करने के लिए यह आवश्यक है कि देश भर में डिजिटल संचार बुनियादी ढांचा के सुचारू और कुशल परिनियोजन को सुगम बनाकर बुनियादी ढांचे का आधार बनाया जाए।
- यह सुनिश्चित करने के लिए, दूरसंचार विभाग, “गतिशक्ति संचार” पोर्टल का शुभारंभ कर रहा है। यह राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2 में परिकल्पित “सभी के लिए ब्रॉडबैंड” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत व्यवस्था प्रदान करेगा।
विवरण:
- इस पोर्टल को राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की परिकल्पना क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है, जो प्रत्येक नागरिक को मुख्य उपयोगिता के रूप में ब्रॉडबैंड बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगे, मांग पर प्रशासन और सेवाएं और विशेष रूप से, हमारे देश के नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण करेंगे।
- यह “पोर्टल प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार दूरसंचार बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए” “व्यापार सुगमता” के उद्देश्य हेतु एक प्रवर्तक के रूप में कार्य करेगा। विभिन्न सेवा और अवसंरचना प्रदाताओं के आरओडब्ल्यू अनुप्रयोगों का समय पर निपटान त्वरित बुनियादी ढांचे के निर्माण को सक्षम करेगा जो 5-जी नेटवर्क के समय पर शुरुआत के लिए भी एक प्रवर्तक होगा।”
- पोर्टल विभिन्न दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) के साथ-साथ अवसंरचना प्रदाताओं (IP) को राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकारों और स्थानीय निकायों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने और मोबाइल टावर लगाने के लिए मार्ग का अधिकार अनुमतियों के लिए एक सामान्य एकल पोर्टल पर आवेदन करने में सक्षम करेगा। चूंकि यह मार्ग का अधिकार अनुमतियों के साथ-साथ अनुमोदन की प्रक्रिया को आसान बनाता है; इसलिए ऐसा माना जाता है कि यह 5-जी सेवाओं की सुगम सुविधा प्रदान करेगा, जिसमें बहुत ही कम अंतराल पर एक बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) स्थापित किया जाता है। यह पोर्टल देश भर में मार्ग का अधिकार आवेदनों की प्रभावी निगरानी के लिए, राज्य और जिलेवार लंबित स्थिति को दर्शाने वाले एक शक्तिशाली डैशबोर्ड से भी सुसज्जित है।
- भारत सरकार “व्यापार सुगमता” की सुविधा के प्रति प्रतिबद्ध है और “गतिशक्ति संचार” पोर्टल का शुभारंभ उस दिशा में एक और कदम है। यह पोर्टल केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी निकायों- दोनों के लिए लाभदायक है। यह आरओडब्ल्यू अनुमोदन प्रक्रिया को आसान बनाएगा, जिसके परिणामस्वरूप:
- अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल को तेजी से बिछाया जाएगा और इस प्रकार फाइबराइजेशन में तेजी आएगी
- टॉवर घनत्व में वृद्धि जो कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी और विभिन्न दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करेगी
- दूरसंचार टावरों के फाइबराइजेशन में वृद्धि, इस प्रकार देश भर में बेहतर ब्रॉडबैंड गति सुनिश्चित होगी
- यह पोर्टल, संचार विभाग की ओर से मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा विकसित किया गया है और इससे देश के ‘आत्मनिर्भर’ अभियान को बढ़ावा देने की आशा है, जो हमारे देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है।
- ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में दूरसंचार विभाग के इन प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव है, जो मजबूत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है, और परिणामस्वरूप निर्बाध डिजिटल पहुंच, सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी और किफायती, परिवर्तनकारी और टिकाऊ प्रौद्योगिकी के आधार पर सभी के लिए डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करेगा।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित कोई समाचार नहीं हैं।
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