Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

14 नवंबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2023 (आईपीआरडी-2023):
  2. रक्षा मंत्री इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की 10वीं बैठक-प्लस में भाग लेंगे:
  3. ओबीसी तथा अन्य के लिए युवा विजेता योजना (यंग अचीवर्स स्कीम- श्रेयस) के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति:
  4. 15 नवंबर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ (ट्राइबल प्राइड डे):
  5. भारतीय नौसेना की तोपखाना संगोष्ठी 2023:
  6. पिकोसिस्टिस सेलिनरम नामक सबसे छोटा हरा शैवाल:

1. हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2023 (आईपीआरडी-2023):

सामान्य अध्ययन: 3

सुरक्षा:

विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन।

प्रारंभिक परीक्षा: हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2023 (आईपीआरडी-2023) से सम्बन्धित तथ्य।

प्रसंग:

  • भारतीय नौसेना का वार्षिक शीर्ष-स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन – हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद (आईपीआरडी) – 15 से 17 नवंबर 2023 के दौरान नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।

उद्देश्य:

  • इस कार्यक्रम में 15 नवंबर 23 को माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का मुख्य भाषण और विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों व भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के विशेष संबोधनों की एक श्रृंखला शामिल होगी, जो इस मेगा सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्शों को व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु डिजाइन की गई है।

विवरण:

  • आईपीआरडी, गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव 2023 के अनुसरण में है।
    • यह कॉन्क्लेव भारतीय नौसेना द्वारा 29 से 31 अक्टूबर 2023 के दौरान गोवा में आयोजित किया गया था।
    • वैचारिक दृष्टि से, गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना प्रमुखों और समुद्री एजेंसियों के प्रमुखों को एक मंच प्रदान करके रणनीतिक-परिचालन स्तर पर भारतीय नौसेना की सहकारी भागीदारी को पेश करना था।
    • दूसरी ओर, आईपीआरडी रणनीतिक स्तर पर नौसेना की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी की प्रमुख अभिव्यक्ति है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘समग्र’ समुद्री सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करती है।
  • आईपीआरडी के पहले दो संस्करण क्रमशः 2018 और 2019 में नई दिल्ली में आयोजित किए गए थे।
    • आईपीआरडी 2020 को कोविड-19 के प्रकोप के कारण रद्द कर दिया गया था।
    • आईपीआरडी का तीसरा संस्करण 2021 में ऑनलाइन मोड में आयोजित किया गया था और चौथा संस्करण 2022 में नई दिल्ली में भौतिक प्रारूप में आयोजित किया गया था।
  • नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन (एनएमएफ) भारतीय नौसेना का ज्ञान संबंधी भागीदार और आईपीआरडी के प्रत्येक संस्करण का मुख्य आयोजक है, जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भीतर विभिन्न समुद्री रुझानों, क्षेत्रीय अवसरों और वहां उत्पन्न होने वाली चुनौतियों की समीक्षा करना और प्रमुख हितधारकों के बीच समाधान-उन्मुख संवाद के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

आईपीआरडी 2023 का विषय:

  • आईपीआरडी-2023 का व्यापक विषय “हिंद-प्रशांत समुद्री व्यापार और कनेक्टिविटी पर भू-राजनैतिक प्रभाव” है।
    • आईपीआरडी का इस वर्ष का संस्करण पिछले संस्करण पर आधारित है, जो विशेष रूप से “हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) के ‘व्यापार, कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन’ स्तंभ पर ध्यान केन्द्रित करके आईपीओआई को संचालित करने” पर केन्द्रित था।
    • निस्संदेह, ‘व्यापार’ और ‘समुद्री परिवहन’ दोनों समुद्री कनेक्टिविटी के खंड हैं।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 09 अगस्त 2021 को “समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना: अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक मामला” विषय पर यूएनएससी में आयोजित उच्च-स्तरीय खुली बहस में अपने संबोधन में “जिम्मेदार समुद्री कनेक्टिविटी” के सिद्धांत का समर्थन किया था।
    • उस संबोधन में उन्होंने विशेष रूप से समुद्री बुनियादी ढांचे के निर्माण के तीन प्रमुख पहलुओं यानी ऐसी परियोजनाओं की भौतिक स्थिरता, उन देशों की अवशोषण क्षमता जहां इस तरह के बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रस्ताव है, और समुद्री बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए उपयुक्त वैश्विक मानदंडों एवं मानकों पर जोर दिया था।
  • हालांकि भू-राजनैतिक व्यवधान, चाहे वे कहीं भी हों, महत्वपूर्ण समुद्री चुनौतियां पैदा करते हैं, जिनमें व्यापार और समुद्री कनेक्टिविटी पर प्रतिकूल प्रभाव भी शामिल है।
    • ये चुनौतियां हाल के वर्षों में घटित घटनाओं – कोविड-19 महामारी से लेकर बढ़ते तनाव की सामुद्रिक अभिव्यक्तियों के साथ-साथ भू-राजनैतिक होड़ में तेजी से उलझती दुनिया में फैलते सशस्त्र संघर्षों – में स्पष्ट रही हैं।
  • इसलिए, आईपीआरडी-2023, विश्व स्तर पर प्रसिद्ध विषय-वस्तु विशेषज्ञों और प्रख्यात वक्ताओं की एक श्रृंखला की एजेंसी के माध्यम से, तीन-दिवसीय अवधि में विस्तृत छह पेशेवर सत्रों के माध्यम से हिंद-प्रशांत समुद्री व्यापार और कनेक्टिविटी पर भू-राजनैतिक प्रभावों का पता लगाएगा।

ये सत्र हैं:

(1) समुद्री कनेक्टिविटी की गुत्थियां (नोड्स);

(2) हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री कनेक्टिविटी पर चीन का प्रभाव;

(3) नौवहन और व्यापार के माध्यम से समुद्री कनेक्टिविटी;

(4) नौवहन और व्यापार के माध्यम से समुद्री कनेक्टिविटी (भाग 2);

(5) हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री व्यापार और नौवहन की संरक्षा एवं सुरक्षा में निजी उद्योग; और

(6) नियमों पर आधारित, संरक्षित एवं सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की व्यवस्था को बनाए रखना।

  • भारत सरकार, भारतीय रक्षा उद्योग और भारतीय शिक्षा जगत से जुड़े पेशेवर व विषय-विशेषज्ञ भी अपनी उपस्थिति और योगदान से इस सम्मेलन को समृद्ध करेंगे।
  • आईपीआरडी 2023 में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी 16 देशों के प्रतिष्ठित वक्ताओं के माध्यम से होगी।
  • इन वक्ताओं की ओर से इस विषय पर विविध क्षेत्रीय दृष्टिकोणों को पेश किए जाने की उम्मीद है।
  • साथ ही, नई दिल्ली स्थित विभिन्न दूतावासों और उच्च आयोगों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति भी होगी।
  • आईपीआरडी के पिछले संस्करणों की तरह, जीवंत छात्र समुदाय एवं विद्वानों, प्रतिष्ठित नागरिकों, सैन्य अभ्यासकर्ताओं, राजनयिक कोर के सदस्यों और भारत एवं विदेश के थिंक-टैंकों की भागीदारी इस आयोजन में उत्साह का संचार करेगी।

2.रक्षा मंत्री इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान देशों की 10वीं बैठक-प्लस में भाग लेंगे:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान,संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।

प्रारंभिक परीक्षा: आसियान देश,आसियान-प्लस बैठक।

मुख्य परीक्षा: भारत – आसियान संबंधों पर प्रकाश डालिये।

प्रसंग:

  • रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की 10वीं बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) में भाग लेने के लिए 16 से 17 नवंबर, 2023 तक इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे।

उद्देश्य:

  • रक्षा मंत्री 16 नवंबर को प्रारंभ होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर फोरम को संबोधित करेंगे।
  • इंडोनेशिया एडीएमएम-प्लस का अध्यक्ष है और वह इस वर्ष बैठक की मेजबानी कर रहा है।
  • श्री राजनाथ सिंह आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की 10वीं बैठक-प्लस से इतर भी इस आयोजन में भाग लेने वाले देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
  • वे इस दौरान पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को और सशक्त करने के लिए रक्षा सहयोग मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

विवरण:

  • एडीएमएम आसियान देशों के हित में सर्वोच्च रक्षा परामर्श व सहकारी तंत्र है।
  • एडीएमएम-प्लस आसियान सदस्य देशों (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड तथा वियतनाम) के लिए एक महत्वपूर्ण संवाद मंच की भूमिका निभाता है।
  • इसके आठ संवाद भागीदार देशों (भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) के मध्य सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग को सशक्त करने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
  • भारत 1992 में आसियान का संवाद भागीदार देश बना था और एडीएमएम-प्लस का उद्घाटन सत्र 12 अक्टूबर, 2010 को वियतनाम के हनोई में आयोजित किया गया था।
  • एडीएमएम-प्लस के मंत्री वर्ष 2017 से आसियान और प्लस देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक बैठक आयोजित कर रहे हैं।
  • एडीएमएम-प्लस सात विशेषज्ञ कार्य समूहों (ईडब्ल्यूजी) अर्थात् समुद्री सुरक्षा, सैन्य चिकित्सा, साइबर सुरक्षा, शांति स्थापना गतिविधि, आतंकवाद विरोधी प्रयास, मानव को बारूदी सुरंग से बचाने की कार्रवाई और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) के माध्यम से सदस्य देशों के बीच व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाता है।
  • 10वीं एडीएमएम-प्लस के दौरान, 2024-2027 चक्र के लिए सह-अध्यक्षों के अगले समूह की घोषणा भी की जाएगी।
  • भारत 2021-2024 के वर्तमान चक्र में इंडोनेशिया के साथ एचएडीआर पर ईडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्षता कर रहा है।

3.ओबीसी तथा अन्य के लिए युवा विजेता योजना (यंग अचीवर्स स्कीम- श्रेयस) के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति:

सामान्य अध्ययन: 2

सामाजिक न्याय:

विषय: केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन ,इन अति संवेदन शील वर्गों की रक्षा एवं बहतरी के लिए गठित तंत्र,विधि ,संस्थान एवं निकाय।

प्रारंभिक परीक्षा: केंद्रीय क्षेत्र की योजना, श्रेयस योजना।

मुख्य परीक्षा: उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजना-श्रेयस का उदेश्य ओबीसी और ईबीसी छात्रों का शैक्षिक सशक्तिकरण करना है। टिप्पणी कीजिए।

प्रसंग:

  • युवा विजेताओं के लिए उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजना-श्रेयस को 2021-22 से 2025-26 के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तथा अन्य वर्गों के लिए चल रही दो केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं – (i) ओबीसी के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप (ii) अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के लिए विदेश में अध्ययन हेतु शैक्षिक ऋण पर ब्याज अनुदान की डॉ. अम्बेडकर केंद्रीय क्षेत्र योजना के साथ क्रियान्वयित किया जाएगा

उद्देश्य:

  • इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फेलोशिप (वित्तीय सहायता) के साथ ही विदेश में अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज अनुदान प्रदान करके ओबीसी और ईबीसी छात्रों का शैक्षिक सशक्तिकरण करना है।

विवरण:

  • इस योजना में निम्नलिखित 2 घटक शामिल हैं:
    • 1. ओबीसी छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप:
    • इस योजना का उद्देश्य ओबीसी छात्रों को विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और वैज्ञानिक संस्थानों में एम.फिल और पीएचडी जैसी डिग्री के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
    • यह योजना एम.फिल/पीएच.डी. डिग्री, की ओर अग्रसर उन्नत अध्ययन और अनुसंधान करने के लिए ऐसे प्रतिभागियों को प्रति वर्ष कुल 1000 जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है जिन्होंने निम्नलिखित परीक्षाओं में अर्हता प्राप्त की है:
      • i) राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा – मानविकी/सामाजिक विज्ञान के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की जूनियर रिसर्च फेलोशिप (एनईटी–जेआरएफ) अथवा
      • ii) विज्ञान विषयों के लिए यूजीसी-वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) नेट-जेआरएफ संयुक्त परीक्षण
  • यह योजना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों/संस्थानों को समाहित करती है और एम.फिल एवं पीएच.डी. करने वाले शोध छात्रों को दी जाने वाली यूजीसी फैलोशिप की योजना के तरीके पर यूजीसी द्वारा ही कार्यान्वित की जाती है।
  • योजना की मुख्य विशेषताएं:
    • यह योजना अब मंत्रालय द्वारा नामित केंद्रीय नोडल एजेंसी – राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त और विकास निगम (भारत सरकार का उपक्रम, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों/संस्थानों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
  • पात्रता शर्तें यूजीसी-नेट और सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षाओं के लिए अधिसूचना के अनुसार हैं।
    • जेआरएफ स्तर के लिए फ़ेलोशिप की दर 31,000 रुपये प्रति माह है और एसआरएफ स्तर के लिए यह आकस्मिक राशि के अलावा 35,000 रुपये प्रति माह है।
    • ये 1000 स्लॉट सरकार की सामान्य आरक्षण नीति के अंतर्गत चयनित ओबीसी छात्रों के अतिरिक्त होंगे।
    • यूजीसी द्वारा फेलोशिप प्रदान करने के लिए उम्मीदवारों का चयन करते समय कुल सीटों में से कम से कम 5% सीटें दिव्यांग छात्रों के लिए आरक्षित होनी चाहिए।
  • उपलब्धियाँ: 2023-24 के दौरान (तीसरी तिमाही तक) 40.11 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
    • घटक 2. अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के लिए विदेश में अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज अनुदान (सब्सिडी) की डॉ. अम्बेडकर योजना
    • अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) के लिए विदेशी अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी की डॉ .अम्बेडकर योजना”
  • यह अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) से संबंधित छात्रों को परास्नातक (मास्टर्स), एम.फिल और पीएच.डी. स्तर पर विदेश में अध्ययन के अनुमोदित पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा ऋण पर अधिस्थगन (मोरेटोरियम) की अवधि के लिए देय ब्याज पर ब्याज अनुदान (सब्सिडी) प्रदान करने की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
  • योजना की मुख्य विशेषताएं:
    • यह योजना कैनरा बैंक (इस योजना के लिए नोडल बैंक) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
    • यह योजना विदेश में उच्च अध्ययन के लिए लागू है।
      • ब्याज अनुदान भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की वर्तमान शैक्षिक ऋण योजना से जुड़ी होगी और मास्टर्स, एम.फिल और पीएचडी स्तर पर पाठ्यक्रम के लिए नामांकित छात्रों तक सीमित होगी।
    • इसके दिशानिर्देशों में सूचीबद्ध पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों को विदेश में मास्टर्स, एम.फिल या पीएचडी स्तर पर अनुमोदित पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करना चाहिए।
    • ओबीसी उम्मीदवारों के लिए नियोजित उम्मीदवार की अथवा बेरोजगार उम्मीदवार के मामले में उसके माता-पिता/ अभिभावकों की सभी स्रोतों से कुल आय वर्तमान क्रीमी लेयर मानदंड से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
    • ईबीसी उम्मीदवारों के लिए नियोजित उम्मीदवार की अथवा बेरोजगार उम्मीदवार के मामले में उसके माता-पिता/अभिभावकों की सभी स्रोतों से कुल आय 5.00 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, साथ ही कुल वित्तीय सहायता का 50% महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।
    • इस योजना के अंतर्गत, जैसा कि आईबीए की शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत निर्धारित है- इस शिक्षा ऋण का लाभ उठाने वाले छात्रों को अधिस्थगन की अवधि (अर्थात पाठ्यक्रम अवधि के साथ ही नौकरी मिलने के एक साल या छह महीने बाद, जो भी पहले हो) के लिए देय शत प्रतिशत ब्याज को भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
    • अधिस्थगन की अवधि समाप्त होने के बाद, छात्र द्वारा बकाया ऋण राशि पर ब्याज का भुगतान मौजूदा शैक्षिक ऋण योजना के अनुसार किया जाएगा, जिसे समय-समय पर संशोधित किया जा सकता है।
    • अभ्यर्थी अधिस्थगन (मोरेटोरियम) अवधि के बाद मूल किश्तें और ब्याज वहन करेगा। ऋण की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये है I

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.15 नवंबर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ (ट्राइबल प्राइड डे):

  • जनजातीय गौरव दिवस प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर को सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और राष्ट्रीय गौरव, वीरता और आतिथ्य के भारतीय मूल्यों को प्रोत्साहन देने में आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता प्रदान करने के लिए मनाया जाता है।
  • इसी दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर, 2023 को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने और पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त जारी करने के अवसर पर झारखंड में खूंटी के बिरसा महाविद्यालय में उपस्थित रहेंगे।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15.11.2023 को 15वीं किस्त के रूप में 8.0 करोड़ से अधिक किसानों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की जाएगी।
  • योजना की शुरुआत के बाद से लाभार्थी किसानों को हस्तांतरित की गई कुल राशि 2.80 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से अधिक होने की आशा है।
  • यह वित्तीय सहायता किसानों को उनकी कृषि और अन्य आकस्मिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता करेगी।
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाओं में से एक है।
  • भारत सरकार की यह प्रमुख योजना, समावेशी और उत्पादक कृषि क्षेत्र के लिए नीतिगत कार्रवाई शुरू करने की भारत सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
  • यह अधिक आय सीमा के कुछ निषेध मानदंडों के अंतर्गत सभी भूमि-धारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 24 फरवरी 2019 को शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
  • हर चार महीने में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000/- रुपये का वित्तीय लाभ प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में अंतरित की जाती है।
  • देश भर में अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.61 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का लाभ प्रदान किया गया है।
  • 15वीं किस्त जारी करने के लिए, ई-केवाईसी (ई-अपने ग्राहक को जानो) और सक्रिय बैंक खातों के साथ आधार को जोड़ना यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है कि लाभ वास्तविक लाभार्थियों को सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में बिचौलियों की भागीदारी के बिना जारी किया जाए।
  • किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना में ईकेवाईसी पूरा करने की सुविधा प्रदान करने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने चेहरे के प्रमाणीकरण-आधारित ई-केवाईसी की सुविधा के साथ एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है।
  • इस एप्लिकेशन का उपयोग किसान अपना ईकेवाईसी पूरा करने के लिए कर सकते हैं और अपना ईकेवाईसी पूरा कर सकते हैं।
  • यह ऐसा पहला मोबाइल एप्लिकेशन है जो भारत सरकार की किसी भी लाभ अंतरण योजना में चेहरे की प्रमाणीकरण सुविधा का उपयोग करता है।
  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने एक पीएम-किसान आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट (किसान ई-मित्र) भी शुरू किया है, जो किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि योजना से संबंधित उनकी शिकायतों का वन-स्टॉप समाधान प्रदान करेगा।
  • भाषिणी के साथ एकीकृत, यह चैटबॉट आवाज और पाठ सहायता के माध्यम से हिंदी, तमिल, ओडिया, बंगाली जैसी स्थानीय भाषाओं और अंग्रेजी में सहायता प्रदान करता है।
  • इन प्रौद्योगिकी समाधानों का उद्देश्य लाभार्थियों द्वारा उठाए गए सामान्य प्रश्नों और शिकायतों का तुरंत और प्रभावी ढंग से समाधान करना है।
  • चैटबॉट किसानों को उनके सभी योजना-संबंधित प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने में सक्षम बना रहा है, उन्हें सटीक और समय पर जानकारी प्रदान कर रहा है।
  • पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त जारी करना कृषि को प्रोत्साहन देने, किसानों को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय किसानों के कल्याण और सशक्तिकरण तथा भारत में टिकाऊ कृषि पद्धतियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय कृषि उत्पादकता में सुधार, किसानों की आय बढ़ाने और देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल कर रहा है।

2. भारतीय नौसेना की तोपखाना संगोष्ठी 2023:

  • दक्षिणी नौसेना कमान मुख्यालय के तत्वावधान में 13 और 14 नवम्‍बर 23 को नौसेना के तोपखाना और मिसाइल युद्ध उत्कृष्टता केन्‍द्र, आईएनएस द्रोणाचार्य में तोपखाना संगोष्ठी 2023 का आयोजन किया गया।
  • संगोष्ठी हर तीन साल में एक बार आयोजित किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो तोपखाना क्षेत्र के विशेषज्ञों को भविष्य की प्रौद्योगिकियों और सेंसरों के परिचालन संबंधी उपयोग से जुड़े मामलों पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नौसेना अध्‍यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार उपस्थित थे, जो तोपखाना विशेषज्ञ भी हैं।
  • इस वर्ष की संगोष्ठी का मुख्य विषय ‘एमर्जिंग टेक्‍नोलॉजीस इन गनरी एंड मिसाइल वारफेयर’ था और प्रख्यात पैनलिस्टों ने कई पेपर प्रस्तुत किए।
  • संगोष्ठी के दौरान अगली पीढ़ी के मिशन और प्रौद्योगिकियां, आधुनिक नौसेना की विशिष्ट प्रौद्योगिकियों की खोज व भविष्य-रोधी बल के लिए प्रशिक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
  • संगोष्ठी के दौरान प्रस्तुत ‘पत्रों का सार-संग्रह’ भी जारी किया गया।
  • यह कार्यक्रम भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख दिवंगत एडमिरल आर एल परेरा (सेवानिवृत्त) के शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित किया जा रहा है, जो स्‍वयं एक शानदार तोपखाना विशेषज्ञ थे।

3. पिकोसिस्टिस सेलिनरम नामक सबसे छोटा हरा शैवाल:

  • एक युवा शोधकर्ता ने इस रहस्य का पता लगाया है कि पिकोसिस्टिस सेलिनरम नामक सबसे छोटा हरा शैवाल किस प्रकार अत्यधिक खारा-क्षारीय/हाइपरसॉमिक परिस्थितियों में शारीरिक अनुकूलनता का सहारा लेकर सबसे कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रहता है।
    • यह माइक्रोएल्गल बायोप्रोडक्ट्स और पौधों में नमक के प्रति सहनशीलता बढ़ाने जैसे जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के कारण एक आशाजनक भविष्य के उम्मीदवार के लिए सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
  • वैश्विक कार्बन साइकल में इसके महत्व के कारण यह कार्बोनेट भू-वैज्ञानिकों, जीवविज्ञानियों और जलवायु विज्ञानियों के लिए बहुत रुचिकर हैं।
    • अकार्बनिक कार्बन को जैविक रूप से कार्बनिक कार्बन में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को कार्बन निर्धारण के रूप में जाना जाता है।
    • इसे हमारे ग्रह पर व्यापक रूप से जैव-भू-रासायनिक परिवर्तन के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की इंस्पायर फैकल्टी फेलो डॉ. ज्योति सिंह इस एक्सट्रोफाइल्स कार्बोनेट चट्टानों और क्षारीय झीलों जैसे कार्बोनेट प्रभुत्व वाले वातावरण में भी पनपने वाले प्रकाश संश्लेषक साइनोबैक्टीरिया और माइक्रोएल्गे पर विशेष ध्यान देते हुए माइक्रोबियल जीवन की खोज की है।
    • इन सूक्ष्मजीवों के पास अविश्वसनीय रूप से बहुमुखी, जैव-भू-रसायन, सूक्ष्मजीव विविधता, जीवन के विकास, खगोल जीव विज्ञान, पर्यावरणीय स्थिरता, जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों को हल करने की कुंजी हैं।
  • पांडिचेरी विश्वविद्यालय के पृथ्वी विज्ञान विभाग के संकाय ने राजस्थान की हाइपरसैलिन क्षारीय झील सांभर में पाए जाने वाले पी. सेलिनरम नामक एक जीव की विषम परिस्थितियों में भी जीवित रहने की क्षमता के पीछे छिपे रहस्य के बारे में दिलचस्पी पैदा की है।
    • हालांकि यह शैवाल पूरी दुनिया में खारे और क्षारीय झीलों में व्यापक रूप से पाया जाता है, लेकिन इसे पहली बार भारत में केवल सांभर झील में ही देखा गया था।
  • पी. सेलिनरम के लचीलेपन के रहस्य की गहराई में जाते हुए उन्होंने अपनी टीम के साथ ऐसी अत्यधिक विषम परिस्थितियों में अनुकूलनता के आणविक तंत्र की जांच की।
    • उन्होंने उच्च प्रवाह क्षमता लेबल-मुक्त परिमाणीकरण आधारित मात्रात्मक प्रोटिओमिक्स विधि के माध्यम से इसकी प्रोटीन प्रचुरता में आये परिवर्तनों का अध्ययन करके यह पता लगाया है।
  • उनकी टीम ने एक्सट्रोफिलिक शैवाल पी. सेलिनरम के प्रोटीओम में पहला अभियान प्रदान किया, जिससे क्षारीय झीलों में अत्यंत विषम परिस्थितियों में प्रकाश संश्लेषित अनुकूलन और प्रसार के लिए इसके अनुरूप नियामक तंत्र का पता लगा है, जो इस अज्ञात जीव में मौजूद लचीलेपन के आधार को उजागर करता है।
    • यह विशिष्ट जीव स्पष्ट रूप से उच्च लवणता-क्षारीयता के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया के रूप में चैपरोन प्रोटीन के साथ-साथ प्रकाश संश्लेषण और एटीपी संश्लेषण को बढ़ाता है।
    • बहुत खारे-क्षारीय स्थिति में पी. सेलिनरम द्वारा दर्शाई गई प्रकाश संश्लेषक गतिविधि बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिकांश प्रकाश संश्लेषक जीवों में यह गतिविधि प्रकाश संश्लेषण हाइपरऑस्मोटिक परिस्थितियों के तहत दबी हुई है।
  • यह खोज फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी (सेक्शन एक्सट्रीम माइक्रोबायोलॉजी) में प्रकाशित हुई, जो पी. सेलिनरम को जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के लिए एक आशाजनक उम्मीदवार और प्रकाश संश्लेषित अनुकूलन के आणविक तंत्र को समझने के लिए एक मॉडल जीव के रूप में प्रस्तुत करती है।
    • इस टीम ने बाइकार्बोनेट-आधारित एकीकृत कार्बन कैप्चर और बायोमास उत्पादन के लिए इस माइक्रोएल्गा की कुछ दिलचस्प विशेषताओं का भी उपयोग किया है।
    • इस इंस्पायर फैकल्टी फेलो द्वारा किया गया शोध टिकाऊ और संसाधन-कुशल जैव प्रौद्योगिकी प्रक्रियाओं के आगे होने वाले विकास में सहायता प्रदान कर सकता है।

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*