विषयसूची:
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1. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और सऊदी अरब के बीच हस्ताक्षरित सहयोग ज्ञापन को मंजूरी दी
सामान्य अध्ययन: 3
आर्थिक विकास, प्रौद्योगिकी
विषय: बुनियादी ढाँचा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं रोबोटिक्स
प्रारंभिक परीक्षा: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), क्लाउड कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन
मुख्य परीक्षा: उभरती प्रौद्योगिकियों एवं अभिनव पहलों का महत्त्व
प्रसंग:
- माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सऊदी अरब के संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में सहभागिता पर हस्ताक्षरित सहयोग ज्ञापन (एमओसी) को मंजूरी दी है।
विवरण:
- दोनों देशों के बीच इस सहयोग ज्ञापन का उद्देश्य डिजिटलीकरण, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, ई-शासन, स्मार्ट बुनियादी ढांचे, ई-स्वास्थ्य व ई-शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना, डिजिटल नवाचार में अनुसंधान में साझेदारी को बढ़ावा देना है।
- इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), रोबोट, क्लाउड कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन आदि जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देना है।
- यह सहयोग ज्ञापन डिजिटलीकरण व इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के क्षेत्र में सहभागिता के लिए एक रूपरेखा स्थापित करेगा और भारत व सऊदी अरब के बीच साझेदारी स्थापित करेगा।
- इस सहयोग ज्ञापन का उद्देश्य डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में ई-शिक्षण, ई-शिक्षण व विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से अभिनव प्रशिक्षण और विकास के तरीकों को बढ़ावा देना है।
- इसके अलावा क्षमता निर्माण व उच्च कुशल सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पेशेवरों तक पहुंच के लिए संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करना, व्यापार को बढ़ाने वाला, उद्यम पूंजी और प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स के इन्क्यूबेटरों पर जानकारी साझा करके एसएमई और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम प्रणाली को मजबूत करना है।
- ये अप्रत्यक्ष रूप से दोनों पक्षों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेंगे।
- इस सहयोग ज्ञापन के तहत सहयोग गतिविधियां, डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के क्षेत्र में सहभागिता को बढ़ावा देंगी, जो आत्मनिर्भर भारत के परिकल्पित उद्देश्यों का अभिन्न हिस्सा हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सूरत हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन घोषित करने को स्वीकृति प्रदान की
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सूरत हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन घोषित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
- अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित होने पर सूरत विमान पत्तन न केवल अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार बनेगा, बल्कि यह राज्य के समृद्ध हीरा एवं वस्त्र उद्योगों को भी निर्बाध निर्यात-आयात संचालन की उच्चस्तरीय सुविधा प्रदान करेगा।
- यह रणनीतिक रूप से एक ऐसी विशेष पहल है, जो अभूतपूर्व आर्थिक क्षमता को उजागर करने का सामर्थ्य प्रदान करती है।
- इससे सूरत शहर का विमान पत्तन अंतर्राष्ट्रीय विमानन परिदृश्य में एक प्रमुख हवाई अड्डा बन जाएगा और इस क्षेत्र में समृद्धि के एक नए युग का सूत्रपात भी होगा।
- भारत में तेजी से प्रगति करते सूरत शहर ने उल्लेखनीय आर्थिक कौशल एवं औद्योगिक विकास का प्रदर्शन किया है।
- आर्थिक विकास को तेज करने, विदेशी निवेश को आकर्षित करने और राजनयिक संबंधों को सशक्त करने के उद्देश्य से सूरत हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा देना अपने आप में ही बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है।
- सूरत हवाई अड्डे का अंतर्राष्ट्रीय दर्जा होना यात्री यातायात और कार्गो संचालन में बढ़ोतरी के साथ ही क्षेत्रीय विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
2. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और इटली के बीच औद्योगिक संपत्ति अधिकार के क्षेत्र में सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दी
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग व इटली गणराज्य की मिनिस्ट्री ऑफ इंटरप्राजेज एंड मेड इन इटली के औद्योगिक संपत्ति का संरक्षण महानिदेशालय-इटली पेटेंट एवं ट्रेडमार्क कार्यालय के बीच औद्योगिक संपत्ति अधिकारों के क्षेत्र में सहयोग के संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को अपनी स्वीकृति दे दी है।
- यह समझौता ज्ञापन प्रतिभागियों के बीच एक व्यवस्था की स्थापना को प्रोत्साहन देगा जो उन्हें औद्योगिक संपत्ति और इस क्षेत्र से संबंधित सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग गतिविधियों को विकसित करने में मदद करेगा।
- इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्यमों, विशेष रूप से स्टार्ट-अप और लघु एवं मध्यम उद्यमों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आईपीआर प्रणालियों तक पहुंचने व उनमें भाग लेने में सहायता करना है।
- यह समझौता ज्ञापन आईपीआर अनुप्रयोगों के प्रसंस्करण, आईपी जागरूकता को प्रोत्साहन देने, आईपीआर व्यावसायीकरण और प्रवर्तन को प्रोत्साहित करने से संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने का भी प्रयास करता है।
- इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत गतिविधियां प्रतिभागियों द्वारा अकेले या संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रमों और आयोजनों में भागीदारी के माध्यम से आईपीआर के क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों, अनुभवों व ज्ञान के आदान-प्रदान और प्रसार का अवसर प्रदान करेंगी।
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