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15 फ़रवरी 2024 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. दूरसंचार विभाग ने एक अद्वितीय उद्यम ‘संगम: डिजिटल ट्विन’ का अनावरण किया:
  2. राष्ट्रीय कोयला सूचकांक:
  3. प्रधानमंत्री 300 मेगावॉट की नोखरा सौर परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे:
  4. डिजिटल इंडिया भविष्य कौशल शिखर सम्मेलन का उद्घाटन:

15 February 2024 Hindi PIB
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1. दूरसंचार विभाग ने एक अद्वितीय उद्यम ‘संगम: डिजिटल ट्विन’ का अनावरण किया:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा की जिंदगी में वैज्ञानिक विकास के प्रभाव।

प्रारंभिक परीक्षा: ‘संगम: डिजिटल ट्विन’ पहल।

मुख्य परीक्षा: डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी।

प्रसंग:

  • दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने ‘संगम: डिजिटल ट्विन’ पहल का अनावरण किया है। यह उद्योग क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों, स्टार्टअप्स, एमएसएमई, शिक्षाविदों, नवप्रवर्तकों और दूरदर्शी विचारकों से रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित करने वाली एक अद्वितीय पहल है।

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य अभिनव बुनियादी ढांचा नियोजन समाधानों के व्यावहारिक कार्यान्वयन को प्रदर्शित करना, तीव्र व अधिक प्रभावी सहयोग की सुविधा के लिए एक मॉडल ढांचा विकसित करना और भविष्य का प्रारूप प्रदान करना है, जो आगामी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सफल रणनीतियों को बढ़ाने व उसे दोहराने के लिए एक रोडमैप के रूप में काम कर सकता है।

विवरण:

  • डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी भौतिक संपत्तियों की वर्चुअल प्रतिकृतियां बनाकर एक समाधान प्रदान करती है, जो सर्वश्रेष्ठ परिणामों को प्राप्त करने को लेकर परिवर्तनों को अनुकूलित करने के लिए प्रयोगात्मक दोहरावों और फीडबैक लूप के लिए रियल टाइम की निगरानी, टिकाऊ अनुकरण व विश्लेषण की अनुमति देती है।
  • संगम: डिजिटल ट्विन एक पीओसी है, जिसे भारत के प्रमुख शहरों में से एक में दो चरणों के तहत वितरित किया जाएगा।
  • पहला चरण ज्ञान सीमा की स्पष्टता के लिए खोज और क्षमता को सामने लाने के लिए रचनात्मक अन्वेषण है।
  • दूसरा चरण विशिष्ट उपयोग के मामलों के व्यावहारिक प्रदर्शन के लिए है, जो भविष्य का प्रारूप तैयार करता है।
  • यह सहभागिता के माध्यम से भविष्य की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सफल रणनीतियों को बढ़ाने और दोहराने के लिए एक रोडमैप के रूप में कार्य कर सकता है।
  • यह पहल विजन- 2047 के लिए प्रयास कर रहे टेकेड युग में संचार, संगणना और संवेदन में पिछले दशक की सफलताओं की पृष्ठभूमि के साथ आती है।
  • भारत ने कम्प्यूटेशनल प्रौद्योगिकियों, प्लेटफार्मों, सेवाओं और उच्च गति कनेक्टिविटी के क्षेत्र में प्रगति देखी है।
  • ‘संगम: डिजिटल ट्विन’ साइलो को तोड़ने और संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण में शामिल होने के लिए सार्वजनिक संस्थाओं, बुनियादी ढांचा योजनाकार, तकनीकी दिग्गज, स्टार्टअप्स व शिक्षाविदों की सामूहिक बुद्धिमत्ता के साथ 5जी, आईओटी, एआई, एआर/वीआर, एआई नेटिव 6जी, डिजिटल ट्विन और अगली पीढ़ी की कम्प्यूटेशनल प्रौद्योगिकियों की शक्ति के संयोजन से बुनियादी ढांचे की योजना व डिजाइन को नया आकार देने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रगति का प्रतीक है।
  • ‘संगम’ सभी हितधारकों को एक मंच पर लाता है, जिसका लक्ष्य अभिनव विचारों को मूर्त समाधानों में बदलना, परिकल्पना व कार्यान्वयन के बीच के अंतर को समाप्त करना और अभूतपूर्व बुनियादी ढांचे की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करना है।
  • ‘संगम; नवाचार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का समर्थन करने के साथ हितधारकों से पारंपरिक सीमाओं से आगे जाकर एकीकृत डेटा और सामूहिक बुद्धिमत्ता का उपयोग करने का अनुरोध करता है।
  • स्मार्ट बुनियादी ढांचे की दिशा में वैश्विक आंदोलनों की गूंज और भारत की भू-स्थानिक प्रगति द्वारा समर्थित संगम ने प्रमुख वैश्विक हस्तियों की गई समान प्रगति को स्वीकार करते हुए डिजिटल बुनियादी ढांचे और नवाचार में भारत के लिए नेतृत्व की स्थिति बनाई है।
  • यह एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान है, जो कुशल, प्रभावी और टिकाऊ विकास के लिए सामाजिक जरूरतों को पूरा करने को लेकर तकनीकी प्रगति के मूल्य को अधिकतम करता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. राष्ट्रीय कोयला सूचकांक:

  • राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (अनंतिम) में दिसंबर 2022 की तुलना में दिसंबर 2023 में 4.75 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है। दिसंबर 2023 में जहां यह सूचकांक 155.44 अंक पर रहा, वहीं दिसंबर 2022 में यह 163.19 अंक पर था।
  • यह उल्लेखनीय कमी बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए बाजार में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता का संकेत देती है।
  • राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (एनसीआई) एक ऐसा मूल्य सूचकांक है जो सभी बिक्री चैनलों यानी अधिसूचित मूल्य, नीलामी मूल्य और आयात मूल्य से कोयले की कीमतों को जोड़ता है।
  • यह विनियमित (बिजली और उर्वरक) और गैर-विनियमित क्षेत्रों में लेनदेन किए जाने वाले विभिन्न ग्रेड के कोकिंग और गैर-कोकिंग कोयले की कीमतों पर विचार करता है।
  • वित्तीय वर्ष 2017-18 के आधार वर्ष के साथ स्थापित, एनसीआई बाजार की गतिशीलता के एक विश्वसनीय संकेतक के रूप में कार्य करता है और मूल्य में उतार-चढ़ाव की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
  • एनसीआई का नीचे की ओर जाना एक अपेक्षाकृत अधिक न्यायसंगत बाजार, आपूर्ति और मांग की गतिशीलता में सामंजस्य का प्रतीक है।
  • कोयले की पर्याप्त उपलब्धता के साथ, देश न केवल बढ़ती मांगों को पूरा कर सकता है, बल्कि अपनी दीर्घकालिक ऊर्जा संबंधी जरूरतों को भी पूरा कर सकता है, जिससे एक अपेक्षाकृत अधिक सुदृढ़ एवं टिकाऊ कोयला उद्योग में मजबूती आएगी और देश के लिए एक समृद्ध भविष्य को बढ़ावा मिलेगा।

2. प्रधानमंत्री 300 मेगावॉट की नोखरा सौर परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे:

  • प्रधानमंत्री 16 फरवरी 2024 को एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की 300 मेगावॉट की नोखरा सौर परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
  • राजस्थान के बीकानेर जिले में 1,550 एकड़ में फैली यह परियोजना 1,803 करोड़ रुपये के निवेश के साथ सीपीएसयू योजना (चरण- II) के तहत क्रियान्वित की जा रही है। इससे तेलंगाना राज्य को हरित ऊर्जा सुनिश्चित किया जाना है।
  • प्रति वर्ष 730 मिलियन यूनिट के उत्पादन के साथ यह परियोजना न केवल 1.3 लाख से अधिक घरों को रोशन करेगी, बल्कि हर साल 6 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन को सीमित करने में भी मदद करेगी।
  • आगे चलकर इस परियोजना की मदद से 25 वर्षों की अवधि में सीओ2 उत्सर्जन को 15 मिलियन टन तक सीमित करने की उम्मीद है।
  • सरकार की महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत इस परियोजना में 13 लाख से अधिक सौर पीवी मॉड्यूल स्थापित किए गए हैं।

3. डिजिटल इंडिया भविष्य कौशल शिखर सम्मेलन का उद्घाटन:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एईआईटीवाय), राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) के माध्यम से 15 फरवरी, 2024 को गुवाहाटी में प्रथम भविष्य कौशल शिखर सम्मेलन की मेजबानी की गई।
  • इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य युवा भारतीयों को कौशल की दुनिया में पूरी तरह से डूबने के लिए प्रेरित करना है।
  • फ्यूचर स्किल्स का उद्देश्‍य आपका ध्‍यान उन क्षेत्रों में मौजूद अवसरों की ओर आकृष्‍ट करना हैं, जिनमें बहुत से कुशल लोगों की आवश्यकता होती है।
  • सेमीकंडक्टर, एआई, इलेक्ट्रॉनिक्स, एचपीसी और साइबर सुरक्षा आदि जैसे उभरते क्षेत्रों में इन फ्यूचर स्किल्स की आवश्यकता है। ये ऐसी प्रौद्योगिकियां हैं, जहां शेष विश्‍व की तरह ही भारत भी शुरुआती अवस्‍था में है।
  • इसके अलावा प्रमुख विषयों पर चार आकर्षक पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। इनमें सेमीकॉन इंडिया, इंडियाएआई, साइबर सुरक्षा व उभरती प्रौद्योगिकियां और वैश्विक कार्यबल के लिए डिजिटल इंडिया योग्यता विषय हैं।
  • इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों द्वारा भारत को एक वैश्विक प्रतिभा केंद्र में बदलना और उत्पन्न अवसरों से लाभान्वित होना है।
  • इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का उद्देश्य देश भर में उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के साथ कई साझेदारियां बनाना भी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाठ्यक्रम उद्योग की मांगों और मानकों के साथ मेल खाता हो।

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