विषयसूची:
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1. इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारत और अमेरिका के बीच समझौता:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: “इनोवेशन हैंडशेक”,भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई)।
मुख्य परीक्षा: हाल ही में इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारत और अमेरिका के बीच हुए समझौता ज्ञापन पर टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद संरचना के तहत एक नवोन्मेषी समझौते के माध्यम से इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारत और अमेरिका के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 14 नवंबर 2023 को सैन फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए गए।
उद्देश्य:
- जून 2023 में प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक आधिकारिक राजकीय यात्रा के दौरान नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में “इनोवेशन हैंडशेक” स्थापित करने की घोषणा की गई।
विवरण:
- “डिकोडिंग द “इनोवेशन हैंडशेक’’: अमेरिका–भारत उद्यमिता साझेदारी” विषय पर सैन फ्रांसिस्को में आयोजित किक-ऑफ इंडस्ट्री राउंडटेबल में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षार किए गए।
- यू.एस.-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा सह-आयोजित और नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) और स्टार्टअप इंडिया द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम में प्रमुख आईसीटी कंपनियों के सीईओ, उद्यम पूंजी फर्मों के अधिकारियों और महत्वपूर्ण तथा उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप के संस्थापकों ने इस विषय पर विचार-विमर्श किया कि अमेरिका-भारत प्रौद्योगिकी सहयोग को कैसे आगे बढ़ाया जाए।
- समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर दोनों पक्षों के गतिशील स्टार्टअप इकोसिस्टम को कनेक्ट करने, सहयोग के लिए विशिष्ट नियामक बाधाओं को दूर करने, स्टार्टअप वित्त पोषण के लिए जानकारी और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने तथा विशेष रूप से, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (सीईटी) में नवोन्मेषण और रोजगार वृद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है, जैसी कि महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के लिए भारत-अमेरिका पहल (आईसीईटी) के तहत पहचान की गई है।
- यह समझौता ज्ञापन गहन तकनीकी सेक्टरों में स्टार्टअप इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (सीईटी) में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त प्रतिबद्धता का संकेत है।
- यह आर्थिक कार्यकलापों पर सकारात्मक प्रभाव डालने, निवेश आकर्षित करने और विशेष रूप से सीईटी क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्ट-अप में रोजगार सृजित करने के लिए तैयार है।
- सहयोग के दायरे में हैकाथॉन और “ओपन इनोवेशन’’ कार्यक्रम, सूचना साझाकरण और अन्य गतिविधियों सहित भारत-अमेरिका इनोवेशन हैंडशेक” कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल रहेंगी।
- इस घोषणा ने 2024 की शुरुआत में भारत और अमेरिका में आयोजित होने वाले भविष्य के दो इनोवेशन हैंडशेक कार्यक्रमों के लिए आधार तैयार किया, जिसमें अमेरिकी और भारतीय स्टार्टअप कंपनियां की मदद करने के उद्देश्य से एक निवेश मंच भी शामिल है, जिससे कि वे अपने नवोन्मेषी विचारों और उत्पादों को बाजार और सिलिकॉन वैली में एक “हैकथॉन” में ले जा सकें, जहां अमेरिकी और भारतीय स्टार्टअप कंपनियां वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए विचारों और प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत करेंगी।
- यह ऐतिहासिक कदम नवोन्मेषों को बढ़ावा देने, अवसर सृजित करने और उभरती प्रौद्योगिकियों के गतिशील क्षेत्र में पारस्परिक विकास को बढ़ावा देने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- “इनोवेशन हैंडशेक” अमेरिका और भारत के बीच सहयोग के एक नए युग की आधारशिला रखता है।
- वाणिज्यिक संवाद (सीडी) आर्थिक क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में व्यापार को सुविधाजनक बनाने और निवेश के अवसरों को अधिकतम करने के उद्देश्य से निजी सेक्टर की कंपनियों के साथ बैठकों के संयोजन में दोनों सरकारों के बीच आयोजित की जाने वाली नियमित बैठकों को शामिल करते हुए व्यापारिक समुदायों के बीच संबंधों को गहरा बनाने हेतु नियमित चर्चा करने की सुविधा प्रदान करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच मंत्री स्तर पर एक सहकारी उपक्रम है।
- 5वें भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद का आयोजन 10 मार्च 2023 को वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो की 8-10 मार्च के बीच की गई यात्रा के दौरान किया गया था।
- इस बैठक में आपूर्ति श्रृंखला गतिशीलता, जलवायु एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकी सहयोग, समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और विशेष रूप से एसएमई और स्टार्टअप के लिए महामारी के बाद आर्थिक सुधार को सुगम बनाने पर कार्यनीतिक फोकस के साथ वाणिज्यिक संवाद फिर से शुरू किया गया।
- इसमें वाणिज्यिक संवाद के तहत प्रतिभा, नवोन्मेषण और समावेशी विकास (टीआईआईजी) पर एक नए कार्य समूह को शुरू किया जाना शामिल है।
2. विकसित भारत यात्रा का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई- गवर्नेस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं सीमाएं और संभावनाएं।
प्रारंभिक परीक्षा: पीएजेएवाई प्रधानमंत्री बालिका कल्याण अन्न योजना; दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन; प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण); प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना; प्रधानमंत्री विश्वकर्मा; प्रधानमंत्री किसान सम्मान; किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी); प्रधानमंत्री पोषण अभियान; हर घर जल – जल जीवन मिशन।
मुख्य परीक्षा:’विकसित भारत संकल्प यात्रा’।
प्रसंग:
- जनजातीय नायक बिरसा मुंडा की जयंती के दिन, जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के खूंटी जिले से ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को हरी झंडी दिखाई।
उद्देश्य:
- सरकार के प्रमुख कल्याणकारी कार्यक्रमों के संदेश प्रचारित करने वाली 5 विशेष रूप से डिजाइन की गई आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) वैन खूंटी जिले और आसपास के क्षेत्रों में स्थित बड़ी आदिवासी आबादी वाली विभिन्न ग्राम पंचायतों से रवाना की गईं।
विवरण:
कवर किए जाने वाले विषय:
- विकसित भारत के लिए चार स्तंभों: महिला शक्ति, कृषि शक्ति, युवा शक्ति और गरीबों और मध्यम वर्ग की शक्ति का समर्थन करने के महत्व पर बल दिया।
- इस यात्रा में मुख्य ध्यान लोगों से संपर्क करने, उनमें जागरूकता पैदा करने और उन्हें स्वच्छता सुविधाएं, आवश्यक वित्तीय सेवाएं, बिजली कनेक्शन, एलपीजी सिलेंडर को सुलभ कराने, गरीबों के लिए आवास, खाद्य सुरक्षा, उपयुक्त पोषण, विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छ पेयजल इत्यादि जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने पर होगा।
- जिन योजनाओं को प्रचारित किया जाएगा उनमें आयुष्मान भारत; पीएजेएवाई प्रधानमंत्री बालिका कल्याण अन्न योजना; दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन; प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण); प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना; प्रधानमंत्री विश्वकर्मा; प्रधानमंत्री किसान सम्मान; किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी); प्रधानमंत्री पोषण अभियान; हर घर जल – जल जीवन मिशन; गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण (स्वामित्व); जन धन योजना; जीवन ज्योति बीमा योजना; सुरक्षा बीमा योजना; अटल पेंशन योजना; प्रधानमंत्री प्रणाम; नैनो उर्वरक आदि शामिल हैं।
- सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन; एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में नामांकन; छात्रवृत्ति योजनाएं; वन अधिकार स्वामित्व: व्यक्तिगत एवं सामुदायिक भूमि; वन धन विकास केन्द्र: स्वयं सहायता समूहों को संगठित करने जैसी जनजातीय क्षेत्रों की विशिष्ट चिंताओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
- विकसित भारत अभियान, जोकि अब तक की सबसे बड़ी संपर्क (आउटरीच) पहलों में से एक है, का लक्ष्य अंततः 25 जनवरी 2024 तक देश के हर जिले से गुजरते हुए 2.55 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों और 3,600 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को कवर करना है।
- इस पूरे अभियान की योजना और कार्यान्वयन राज्य सरकारों, जिला अधिकारियों, शहरी स्थानीय निकायों और ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी एवं संलग्नता के साथ ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण से किया जा रहा है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के खूंटी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की 15वीं किस्त जारी की।
- इस महत्वपूर्ण किस्त के जारी करने का उद्देश्य देश भर के किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- यह किस्त ‘फादर ऑफ द लैंड’ श्री भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जारी की गई थी।
- भगवान बिरसा मुंडा की जयंती प्रत्येक वर्ष जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर 24,000 करोड़ रुपये के बजट वाली एक पहल, पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान का शुभारंभ किया।
- इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी समूहों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है।
- 15 नवम्बर, 2000 को झारखंड राज्य ने मूर्त रूप ग्रहण किया और भारत के 28 वें प्रांत के रूप में प्रतिस्थापित हुआ।
- श्री मोदी ने झारखंड के स्थापना दिवस पर, झारखंड में रेल, सड़क, शिक्षा, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे कई क्षेत्रों में 7200 करोड़ रुपये राशि की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए, उलिहातू गांव और रांची में स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की अपनी यात्रा के बारे में बात की।
- प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और श्रद्धेय क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
- झारखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं भी दीं और इसके गठन में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान पर प्रकाश डाला।
- झारखंड राज्य में अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत रेल मार्ग मौजूद हैं।
- श्री मोदी ने कहा कि पीएम जनमन योजना के अंतर्गत, सरकार का लक्ष्य प्राचीन जनजातियों तक पहुंचना है, जिनमें से कई अभी भी जंगलों में रहते हैं।
- प्रधानमंत्री ने बताया कि ऐसे 75 जनजातीय समुदायों और प्राचीन जनजातियों की पहचान की गई है, जिनकी कुल संख्या लाखों में है और वे 22 हजार से अधिक गांवों में रहते हैं।
- केंद्र सरकार इस व्यापक अभियान में 24,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
- प्रधानमंत्री ने जारी पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त के बारे में बात करते हुए बताया कि अब तक किसानों के खातों में 2,75,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजी जा चुकी है।
- पशुपालकों और मछुआरों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, मुफ्त पशुधन टीकाकरण पर 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी खर्च कर रही है।
- मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत मछली पालन के लिए वित्तीय सहायता और 10,000 नए किसान उत्पादन संघों के निर्माण जैसी पहलों का भी उल्लेख किया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने और विदेशी बाजारों में श्री अन्न जैसी भारतीय उपज को प्रोत्साहन प्रदान करने के सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
- पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त जारी करना और पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान का शुभारंभ हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों को प्रदर्शित करता है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई)
- केंद्र सरकार, देश में गरीब लाभार्थियों के वित्तीय बोझ को कम करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) की राष्ट्रव्यापी एकरूपता एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 1 जनवरी 2023 से प्रारंभ होने वाली एक वर्ष की अवधि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के माध्यम से अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) से आने वाले लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है।
- गरीबों के लिए खाद्यान्न की पहुंच, सुविधा और उपलब्धता के संदर्भ में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के प्रावधानों को बल देने तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 (एक राष्ट्र-एक मूल्य-एक राशन) के प्रभावी एवं समान कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया था।
- केंद्र सरकार दो खाद्य सब्सिडी योजनाओं की मदद से राज्यों में निर्धारित किये गए भंडार तक अन्न पहुंचाने के लिए खाद्यान्न की खरीद, आवंटन, परिवहन एवं वितरण के लिए खाद्य सब्सिडी वहन कर करती है।
- जिनमें एफसीआई को खाद्य सब्सिडी और विकेंद्रीकृत खरीद (डीसीपी) राज्यों को खाद्य सब्सिडी देना शामिल है।
- इन तमाम प्रावधानों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रभावी व समान कार्यान्वयन के साथ-साथ देश में खाद्य सुरक्षा नेटवर्क को सशक्त करने के उद्देश्य से इन दो खाद्य सब्सिडी योजनाओं को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के रूप में समाहित किया गया है।
- इस योजना के अंतर्गत 1 जनवरी 2023 से लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के माध्यम से मुफ्त खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है।
- भारत सरकार द्वारा एनएफएसए लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने की अतिरिक्त लागत वहन की जा रही है।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के जरिए ग्रामीण आबादी के 75% तक और शहरी आबादी के 50% तक कवरेज प्रदान की जाती है।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि समाज के सभी कमजोर व जरूरतमंद वर्गों के लोगों को इसका लाभ मिले, अधिनियम के तहत कवरेज को काफी बढ़ाया गया है।
2. इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ):
- केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने 14 नवंबर, 2023 को आईपीईएफ की तीसरी वैयक्तिक मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया।
- इस मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान, केन्द्रीय मंत्री द्वारा अन्य आईपीईएफ भागीदार देशों के मंत्रियों के साथ अपनी तरह के पहले आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला सुदृढ़ता समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- इस समझौते से आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक सुदृढ़, ठोस और बेहतर रुप से समन्वित बनाने और समग्र रूप से इस क्षेत्र के आर्थिक विकास एवं प्रगति में सहायता मिलने की उम्मीद है।
- श्री गोयल ने आईपीईएफ के सामूहिक लक्ष्यों को साकार करने के लिए सहयोग बढ़ाने, आईपीईएफ भागीदारों के बीच सहयोग बढ़ाने का सुझाव पर जोर दिया।
- उन्होंने विशेष रूप से स्वच्छ अर्थव्यवस्था की दिशा में बदलाव हेतु किफायती वित्तपोषण जुटाने और प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
- उन्होंने भारत द्वारा सुझाए गए जैव-ईंधन गठबंधन सहित आईपीईएफ के तहत परिकल्पित सहकारी कार्यों के शीघ्र कार्यान्वयन का भी आग्रह किया।
- इसके अलावा, आईपीईएफ भागीदार देशों के मंत्रियों ने स्तंभ-III (स्वच्छ अर्थव्यवस्था) और स्तंभ-IV (निष्पक्ष अर्थव्यवस्था) पर आईपीईएफ भागीदारों द्वारा की गई पर्याप्त प्रगति पर भी सार्थक चर्चा की।
- इन मंत्रिस्तरीय बैठकों के दौरान, केन्द्रीय मंत्री ने अन्य बातों के अलावा व्यापार, वाणिज्य और निवेश पर द्विपक्षीय सहयोग, बेहतर व्यावसायिक संलग्नता, डब्ल्यूटीओ मामलों और आपसी हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
- आसियान देशों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत के दौरान, केन्द्रीय मंत्री ने एआईटीआईजीए समीक्षा को शीघ्र पूरा करने का सुझाव दिया।
- केन्द्रीय मंत्री और अमेरिकी वाणिज्य सचिव ने एक उद्योग गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की।
- इस गोलमेज सम्मेलन का शीर्षक “डिकोडिंग द ‘इनोवेशन हैंडशेक’: यूएस-इंडिया एंटरप्रेन्योरशिप पार्टनरशिप” था।
- यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) एवं भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा इसकी सह-मेजबानी की गई थी और इसका समर्थन नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) एवं स्टार्टअप इंडिया, प्रमुख आईसीटी कंपनियों के सीईओ, उद्यम पूंजी फर्मों के अधिकारी तथा महत्वपूर्ण एवं उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप के संस्थापकों द्वारा किया गया था।
- दिन भर की व्यस्तताओं के बाद, केन्द्रीय मंत्री ने पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका के भारतीय उद्यमियों के साथ बातचीत की।
- यह बातचीत सन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास द्वारा आईआईटी के पूर्व छात्रों और टीआईई ग्लोबल के सहयोग से आयोजित की गई थी।
- सभा को संबोधित करते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने भारत में मौजूद अपार संभावनाओं और भारत की आर्थिक प्रगति एवं विकास को गति देने में भारतीय प्रवासियों, विशेष रूप से उद्यमियों की भूमिका के बारे में बात की।
- उन्होंने उनसे वोकल फॉर लोकल होने और फिर लोकल को ग्लोबल बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान का समर्थन करने का भी आग्रह किया।
3. भारत का कुल निर्यात अक्टूबर 2023 में 62.26 बिलियन डॉलर होने का अनुमान:
- भारत का कुल निर्यात अक्टूबर 2023 में 62.26 बिलियन डॉलर होने का अनुमान; अक्टूबर 2022 के 56.90 बिलियन डॉलर की तुलना में 9.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गए हैं।
- अक्टूबर 2023* में भारत का कुल निर्यात (वस्तु और सेवाएँ संयुक्त) 62.26 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो अक्टूबर 2022 की तुलना में 9.43 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है।
- अक्टूबर 2023* में कुल आयात 79.35 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो अक्टूबर 2022 की तुलना में 11.10 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है।
- अक्टूबर 2023 में वस्तु निर्यात अक्टूबर 2022 में 31.60 बिलियन डॉलर के मुकाबले 6.21 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 33.57 डॉलर पर पहुंच गया।
- अप्रैल-अक्टूबर 2023 के लिए अनुमानित सेवा निर्यात 192.65 बिलियन डॉलर है, अप्रैल-अक्टूबर 2022 के 181.37 बिलियन डॉलर की तुलना में 6.22 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान।
- अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कुल व्यापार घाटा 2022 के 89.86 बिलियन डॉलर से 35.86 प्रतिशत कम होकर 2023 में 57.64 बिलियन डॉलर हो गया; वस्तु व्यापार घाटा भी अप्रैल-अक्टूबर 2022 के 167.14 बिलियन डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2023 में 147.07 डॉलर हो गया।
- गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात में अक्टूबर 2022 के 21.99 बिलियन डॉलर की तुलना में 11.74 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और अक्टूबर 2023 में यह 24.57 बिलियन डॉलर हो गया।
- अक्टूबर 2023 में निर्यात वृद्धि के प्रमुख योगदानकर्ताओं में औषधि और फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, कॉटन यार्न/फैब्स/मेड-अप्स, हैंडलूम उत्पाद आदि, लौह अयस्क, सिरेमिक उत्पाद और कांच के बर्तन और मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद शामिल हैं।
- अक्टूबर 2023 में औषधि और फार्मा निर्यात 29.31 प्रतिशत बढ़कर 2.42 बिलियन डॉलर हो गया, जो अक्टूबर 2022 में 1.87 बिलियन डॉलर था।
- इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो अक्टूबर 2022 में 7.55 बिलियन डॉलर से बढ़कर अक्टूबर 2023 में 8.09 बिलियन डॉलर हो गया।
- इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात अक्टूबर 2023 के दौरान 28.23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2.38 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि अक्टूबर 2022 में यह 1.85 बिलियन डॉलर था।
- अक्टूबर 2023 में कृषि निर्यात में वृद्धि जारी रही: अनाज की तैयारी और विविध प्रसंस्कृत वस्तुएं (40.95 प्रतिशत), तिलहन (29.7 प्रतिशत), फल और सब्जियां (24.48 प्रतिशत), ऑयल मिल्स (17.32 प्रतिशत), मसाले (10.78 प्रतिशत), कॉफी (8.45 प्रतिशत), चाय (4.12 प्रतिशत), काजू (3.29 प्रतिशत)।
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