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15 सितंबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. प्रधानमंत्री 17 सितंबर, 2023 को ‘पीएम विश्वकर्मा’ का शुभारंभ करेंगे:
  2. रक्षा क्षेत्र में 45,000 करोड़ रुपये के नौ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी:

1.प्रधानमंत्री 17 सितंबर, 2023 को ‘पीएम विश्वकर्मा’ का शुभारंभ करेंगे:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: विषय:केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन ,इन अति संवेदन शील वर्गों की रक्षा एवं बहतरी के लिए गठित तंत्र,विधि ,संस्थान एवं निकाय।

प्रारंभिक परीक्षा: ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना।

मुख्य परीक्षा: ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना से न केवल कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। टिप्पणी कीजिए।

प्रसंग:

  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर 17 सितंबर, 2023 को “पीएम विश्वकर्मा” नाम से एक नई योजना का शुभारंभ करेंगे।

उद्देश्य:

  • प्रधानमंत्री का पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान करने पर निरंतर ध्‍यान केन्द्रित रहा है।
    • यह फोकस न केवल कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध बनाए रखने की इच्छा से भी प्रेरित है।

विवरण:

  • पीएम विश्वकर्मा को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा।
    • इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निःशुल्क पंजीकरण किया जाएगा।
    • उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान-पत्र, मूलभूत और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक संपार्श्विक-मुक्त ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी।
  • इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले विश्वकर्माओं द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित प्रथा को सुदृढ़ बनाना और पोषित करना है।
    • पीएम विश्वकर्मा का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों।
  • यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।
    • पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत अठारह पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया जाएगा।
    • इनमें (i) बढ़ई; (ii) नौका निर्माता; (iii) शस्‍त्रसाज; (iv) लोहार; (v) हथौड़ा और टूल किट निर्माता; (vi) ताला बनाने वाला; (vii) सुनार; (viii) कुम्हार; (ix) मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला; (x) मोची (जूता/जूता कारीगर); (xi) राजमिस्त्री; (xii) टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर; (xiii) गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); (xiv) नाई; (xv) माला बनाने वाला; (xvi) धोबी; (xvii) दर्जी; और (xviii) मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।

2. रक्षा क्षेत्र में 45,000 करोड़ रुपये के नौ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC), ‘आत्मनिर्भर भारत’,हल्के बख्तरबंद बहुउद्देश्यीय वाहनों (एलएएमवी), एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली (आईएसएटी-एस)।

प्रसंग:

  • रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने लगभग 45,000 करोड़ रुपये के नौ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (NoN) प्रदान की है।

उद्देश्य:

  • इसके लिए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 15 सितंबर, 2023 को डीएसी की बैठक हुई थी।
  • ये सभी खरीद भारतीय विक्रेताओं से (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन विकसित और निर्मित-आईडीएमएम ) खरीदें (भारतीय) श्रेणी के तहत की जाएंगी जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा।

विवरण:

  • आधुनिक मशीनीकृत बलों की सुरक्षा, गतिशीलता, हमले की क्षमता और बढ़ी हुई उत्तरजीविता को बढ़ाने के लिए, डीएसी ने हल्के बख्तरबंद बहुउद्देश्यीय वाहनों (एलएएमवी) और एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली (आईएसएटी-एस) की खरीद के लिए एओएन को मंजूरी दी।
  • डीएसी ने आर्टिलरी गन और रडार की तेजी से तैनाती और तैनाती के लिए हाई मोबिलिटी व्हीकल (एचएमवी) गन टोइंग वाहनों की खरीद के लिए भी एओएन को मंजूरी दे दी।
  • डीएसी ने भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दे दी, जिससे हाइड्रोग्राफिक संचालन करने में इसकी क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी।
  • डीएसी ने भारतीय वायु सेना के प्रस्तावों के लिए भी एओएन को मंजूरी दे दी, जिसमें ऑपरेशन के लिए सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार के लिए डोर्नियर विमान का एवियोनिक अपग्रेडेशन शामिल है।
  • स्वदेशी रूप से निर्मित एएलएच एमके-IV हेलीकॉप्टरों के लिए एक शक्तिशाली स्वदेशी सटीक निर्देशित हथियार के रूप में ध्रुवास्त्र जो हवा से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की मिसाइल है, की खरीद को डीएसी ने मंजूरी दे दी है।
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से संबंधित उपकरणों के साथ 12 एसयू-30 एमकेआई विमानों की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया गया।
  • डीएससी की बैठक के दौरान रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब स्वदेशीकरण की दिशा में युद्ध सामग्री की जरूरतों को उन्नत करने का समय आ गया है।
    • आईडीडीएम परियोजनाओं के लिए 50 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री की सीमा के बजाय न्यूनतम 60-65 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का लक्ष्य रखना चाहिए।
    • रक्षा मंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सेवा प्रमुखों, रक्षा सचिव और डीजी (अधिग्रहण) को भारतीय उद्योग के परामर्श से न्यूनतम स्वदेशी सामग्री सीमा को बढ़ाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे सम्बंधित कुछ नहीं हैं।

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