विषयसूची:
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1. विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (लीड्स) 2023” रिपोर्ट जारी की गई
सामान्य अध्ययन: 3
आर्थिक विकास
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास से संबंधित विषय, बुनियादी ढांचे का विकास
प्रारंभिक परीक्षा: पीएम गतिशक्ति, लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक, यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप), जीएसटी संबंधित तथ्य
मुख्य परीक्षा: लॉजिस्टिक्स जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों का आर्थिक विकास में महत्त्व
प्रसंग:
- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल द्वारा “विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (लीड्स) 2023” रिपोर्ट जारी की गई।
विवरण:
- लीड्स, लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में और क्रांतिकारी सुधार के लिए राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों को गहरी जानकारी प्रदान कर रही है, जिससे देश विकसित भारत के दृष्टिकोण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
- यह रिपोर्ट रणनीतिक जानकारी प्रदान करके लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में हितधारकों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है।
- यह लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- यह पीएम गतिशक्ति बुनियादी ढांचे की योजना, लॉजिस्टिक्स के लिए ‘उद्योग’ का दर्जा, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स में डिजिटल पहल, सिटी लॉजिस्टिक्स योजनाएं, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क आदि जैसी उल्लेखनीय पहलों को भी रेखांकित करता है।
- राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को कौशल विकास, क्षमता निर्माण और लॉजिस्टिक्स नीतियों को औपचारिक बनाना, निगरानी ढांचे का कार्यान्वयन और ग्रीन लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने पर जोर देने की आवश्यकता है।
- लॉजिस्टिक्स क्षेत्र भारत को 2047 तक 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 10 गुना बढ़ाकर 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाने के प्रयासों का आधार-स्तंभ होगा।
- डिजिटलीकरण का लाभ उठाने से लॉजिस्टिक्स लागत में काफी कमी आएगी।
- पिछले नौ वर्षों में, लॉजिस्टिक्स जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपायों पर बहुत ध्यान दिया गया, जिससे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्रगति हुई।
- कारोबार सुगमता में सुधार, अनुपालन संबंधी बोझ में कमी और विनियमन की लागत कम करने के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला गया।
- लीड्स की परिकल्पना 2018 में विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक की तर्ज पर की गई थी और यह समय के साथ विकसित हुई है।
- यद्यपि एलपीआई पूरी तरह से धारणा आधारित सर्वेक्षणों पर निर्भर करता है, वहीं लीड्स में धारणा के साथ-साथ निष्पक्षता दोनों का समावेशन है जिससे इस कवायद की मजबूती और व्यापकता बढ़ती है।
- लीड्स वार्षिक कवायद का पांचवां संस्करण- लीड्स 2023 रिपोर्ट, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में सुधार के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- यह राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में विभिन्न सुधारों की समग्र हितग्राही धारणा और प्रभाव पर प्रकाश डालता है।
- यह रिपोर्ट, प्रमुख स्तंभों- लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स सर्विसेज और ऑपरेटिंग एवं नियामक पर्यावरण- में राज्यों के प्रदर्शन में सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है, सुविचारित निर्णय लेने और व्यापक विकास के लिए क्षेत्र विशिष्ट गहरी जानकारी प्रदान करके राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को सशक्त बनाती है।
- लीड्स रिपोर्ट का पांचवा संस्करण सहयोगात्मक और परामर्शात्मक तरीके से तैयार किया गया है।
- इससे बुनियादी ढांचे के विकास और प्रक्रिया-संबंधी सुधारों के आकलन में निष्पक्षता आई है।
- 23 राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों ने भी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के अनुरूप ढलने के लिए अपने राज्य लॉजिस्टिक नीति को अधिसूचित किया है।
- इसके अलावा, 16 राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों ने लॉजिस्टिक्स को उद्योग का दर्जा दिया है।
- पीएम गतिशक्ति, लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक, यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप), जीएसटी जैसे डिजिटल सुधार वैश्विक स्तर पर भारत की बेहतर रैंकिंग को आगे बढ़ा रहे हैं।
- कुशल घरेलू लॉजिस्टिक्स राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- लीड्स 2023 में उद्देश्य और धारणा-आधारित डेटा का एकीकरण लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए एक समग्र ढांचा सुनिश्चित करता है।
- नवीनतम संस्करण राज्य की पहलों के व्यापक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए आकलन में निष्पक्षता और सटीकता को सुनिश्चित करता है, जिसमें परियोजना बनाने के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को अपनाना, राज्य लॉजिस्टिक्स नीतियों को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के साथ समन्वित करना, इसके अलावा सिटी लॉजिस्टिक्स योजनाओं को विकसित करना आदि शामिल है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और भारत पर इसके संभावित प्रभाव पर विचार
- बेंगलुरु में मनीकंट्रोल संस्था द्वारा एक फायरसाइड चैट आयोजित हुई, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और भारत पर इसके संभावित प्रभाव पर विचार साझा किए गए।
- इस बात पर प्रकाश डाला गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा सकता है, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा दे सकती है।
- इस बात पर बल दिया गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्टार्टअप्स पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, उनके अवसरों का विस्तार कर सकती है और भारत के समग्र विकास में योगदान दे सकती है।
- अकादमिक, उद्योग और स्टार्टअप अनुसंधान इकोसिस्टम के निर्माण पर स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिसे हम नवाचार और अनुसंधान केंद्र के रूप में संदर्भित करते हैं।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) गणना के दो खंड होंगे: एक निजी क्षेत्र के नेतृत्व में, प्रोत्साहन निवेश के साथ सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के डिजाइन के समान होगा और दूसरे खंड में सी-डैक से उभरने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए स्वदेशी रूप से विकसित सार्वजनिक क्षेत्र की क्षमता शामिल है, जो भारतीय इकोसिस्टम के लिए उपलब्ध होगी।”
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