विषयसूची:
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16 February 2024 Hindi PIB
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1. सुफलम 2024 में नवाचार और सहयोग पर मुख्य जोर
सामान्य अध्ययन: 3
आर्थिक विकास
विषय: कृषि उत्पाद संबंधित विषय, भारत में खाद्य प्रसंस्करण, किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी
प्रारंभिक परीक्षा: स्टार्ट अप फोरम फॉर एस्पायरिंग लीडर्स एंड मेंटर्स (सुफलम) 2024 संबंधित तथ्य
मुख्य परीक्षा: नवाचार-संचालित विकास की दिशा में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं स्टार्ट-अप, उद्योग और शिक्षाविदों के बीच सहयोग का महत्त्व।
प्रसंग:
- स्टार्ट अप फोरम फॉर एस्पायरिंग लीडर्स एंड मेंटर्स (सुफलम) 2024 का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि खाद्य प्रसंस्करण के विभिन्न पहलुओं में नवाचार, सहयोग और उन्नत प्रौद्योगिकियां खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में स्टार्ट-अप को स्थापित खाद्य व्यवसायों में बदलने में प्रमुख प्रेरक की भूमिका निभातीं हैं।
उद्देश्य:
- स्टार्टअप इंडिया की भूमिका, स्टार्टअप इंडिया के तहत मेंटरशिप एवं नवाचारों से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों और देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूती देना इसका उद्देश्य है।
विवरण:
- हाल ही में नई दिल्ली में इस दो-दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस आयोजन में 250 से अधिक हितधारकों की भागीदारी देखी गई, जिसमें स्टार्ट-अप, खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी, एमएसएमई व वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि, उद्यम पूंजीपति और शिक्षाविद शामिल थे।
- दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में तीन ज्ञान सत्र, दो पिचिंग सत्र, दो पैनल चर्चा, नेटवर्किंग सत्र और एक प्रदर्शनी शामिल थी।
- स्टार्ट-अप – सिंहावलोकन एवं लाभों से जुड़े ज्ञान सत्र के दौरान, प्रतिभागियों को स्टार्टअप इंडिया की भूमिका, स्टार्टअप इंडिया के तहत मेंटरशिप एवं नवाचारों से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों और इस पहल द्वारा देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में मदद करने के बारे में बताया गया।
- खाद्य विनियमों से जुड़े अन्य ज्ञान सत्र के दौरान, प्रतिभागियों को एफएसएसएआई एवं ईआईसी नियमों के अनुसार विभिन्न खाद्य उत्पादों के घरेलू उपयोग, आयात और निर्यात में विभिन्न नियमों, प्रमाणपत्रों और अनुपालनों के बारे में उचित जानकारी दी गई।
- ताजा और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा के तहत विभिन्न योजनाओं के बारे में नई जानकारी स्टार्ट-अप के लिए व्यवसाय और वित्तीय मॉडलिंग थी, जिसमें व्यवहार्यता और स्थिरता दिखाने वाली व्यवसाय योजना की तैयारी और किसी भी व्यवसाय की वित्तीय योजना में मुक्त नकदी प्रवाह के महत्व एवं उचित नकदी प्रवाह प्रबंधन पर स्टार्ट-अप को विभिन्न सुझाव दिए गए।
- खाद्य प्रणालियों को बदलने से जुड़ी पैनल चर्चा कच्चे माल के विविधीकरण, शैवाल एवं मिलेट्स जैसे जलवायु-अनुकूल विकल्पों और उद्यमिता में रचनात्मकता पर केंद्रित थी।
- खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा करने एवं आपूर्ति श्रृंखलाओं को अनुकूलित करने हेतु प्रसंस्करण मशीनरी, कच्चे माल और नवीन कृषि-तकनीकी उपायों की डिजाइनिंग पर प्रकाश डाला गया।
- कच्चे माल की सोर्सिंग में हस्तक्षेप, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों और टिकाऊ पैकेजिंग में अवसरों की खोज और निरंतर नवाचारों के लिए सहयोग पर भी चर्चा की गई।
- खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमियों के लिए स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव पर सत्र के दौरान, खाद्य नवाचार केंद्र के रूप में भारत की क्षमता, उद्योग, स्टार्ट-अप और संस्थानों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर बल देते हुए चर्चा की गई।
- मुख्य चर्चाएं उपभोक्ता प्राथमिकताओं और अनुपालन मानकों के अनुरूप टिकाऊ पैकेजिंग के महत्व पर केंद्रित थीं।
- स्टार्ट अप से गुणवत्तापूर्ण कच्चे माल की सोर्सिंग, किसानों के साथ सहयोग करने और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों और किफायती पोषण-आधारित उत्पादों में उद्यम करने में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया गया।
- यह सत्र निरंतर नवाचार के लिए सभी क्षेत्रों में, विशेष रूप से क्रेडिट नवाचार और क्रॉस-उद्योग साझेदारी के माध्यम से सहयोग पर जोर देने के साथ संपन्न हुआ।
- सुफलम 2024 ने परिवर्तनकारी चर्चाओं के एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया है और इन चर्चाओं ने नवाचार-संचालित विकास की दिशा में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का मार्ग प्रशस्त किया है तथा स्टार्ट-अप, उद्योग और शिक्षाविदों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. कोयला मंत्रालय ने उद्योग से जुड़े लोगों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया
- कोयला मंत्रालय ने हैदराबाद में उद्योग से जुड़े लोगों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य पूरे देश में कोयला/गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देना है।
- कार्यक्रम में भारत की ऊर्जा सुरक्षा में कोयले के महत्व और भारत सरकार ने प्राइवेट प्लेयर्स को लाने के लिए जो प्रयास किए हैं, उससे घरेलू कोयला उत्पादन में वृद्धि हुई है, और कोयले के आयात में भारी कमी आई है, के बारे में बताया गया।
- 2019 में आयात 26 प्रतिशत था जो इस वर्ष 19 प्रतिशत (अपेक्षित) तक आ गया है। भारत के ऊर्जा परिवर्तन में कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं के महत्व पर जोर दिया गया।
- स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने और ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने वाली आसान भूमि उपलब्धता, फंडिंग और प्रोत्साहन जैसी पहलों के माध्यम से सरकार के अटूट समर्थन को दोहराते हुए, ग्रीन और स्वच्छ भविष्य की दिशा में प्रौद्योगिकी में निवेश करने का आह्वान किया गया ।
- गैसीकरण के क्षेत्र में सीआईएल की सक्रिय पहल और प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया गया।
- इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी के प्रति सीआईएल की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला गया, साथ ही स्वच्छ ऊर्जा समाधानों की दिशा में बदलाव लाने में इसकी भूमिका को रेखांकित किया गया।
- विशेषज्ञों ने कोयला गैसीकरण अनुसंधान एवं विकास प्रयास, कार्बन पृथक्करण से जुड़ा ब्लू हाइड्रोजन कोयला गैसीकरण; उच्च राख कोयला गैसीकरण और उच्च राख कोयला गैसीकरण में उन्नत अनुसंधान एवं विकास में अवसरों पर बात की।
- इस कार्यक्रम ने कोयला क्षेत्र में इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।
- रणनीतिक पहलों और नीतिगत रूपरेखाओं के माध्यम से, निहित लक्ष्य स्वच्छ और ऊर्जा-कुशल भविष्य के लिए कोयला/गैसीकरण परियोजनाओं में निवेश और तकनीकी प्रगति को उत्प्रेरित करना है।
2. भारत ने अपने ओपन-सोर्स डीपीआई को साझा करने के लिए कोलंबिया के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
- भारत और कोलंबिया ने डिजिटल परिवर्तन के लिए जनसंख्या पैमाने पर कार्यान्वित सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
- यह हस्ताक्षर इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) तथा कोलंबिया के सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के बीच किया गया।
- इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य क्षमता निर्माण कार्यक्रमों व सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के आदान-प्रदान, सार्वजनिक अधिकारियों एवं विशेषज्ञों की अदला-बदली, प्रायोगिक या डेमो समाधानों के विकास तथा दोनों देशों के डिजिटल इकोसिस्टम को पारस्परिक रूप से लाभ पहुंचाने के लिए निजी क्षेत्र के संपर्कों की सुविधा के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन (अर्थात् इंडिया स्टैक) को बढ़ावा देना है।
- दोनों पक्षों ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की। ये आधारभूत ढांचे साझा डिजिटल प्रणाली का एक सेट बनाते हैं, जो सुरक्षित और सुगम सूचनाओं के लेन-देन व उपयोग में सहायक हैं।
- इन्हें सार्वजनिक व निजी सेवाओं तक समान पहुंच प्रदान करने तथा सुलभता से उपलब्ध कराने के लिए खुले मानकों पर बनाया जा सकता है।
- इंडिया स्टैक सॉल्यूशंस सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच एवं वितरण प्रदान करने के लिए जनसांख्यकीय पैमाने पर भारत द्वारा विकसित तथा कार्यान्वित डीपीआई हैं।
- भारत अब कोलंबिया में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को सुचारू रूप से अपनाने के लिए डिजिटल परिवर्तन पर विकास साझेदारी का निर्माण करके कोलंबिया के साथ सहयोग करने का इच्छुक है।
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