विषयसूची:
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16 March 2024 Hindi PIB
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पेटेंट कार्यालय ने एक वर्ष में एक लाख पेटेंट प्रदान किए
सामान्य अध्ययन: 3
आर्थिक विकास
विषय: औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: पेटेंट नियम, 2024
प्रसंग:
- पेटेंट नियम, 2024 को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित कर दिया गया है, जो इनोवेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
विवरण:
- ये नियम पेटेंट प्राप्त करने और मैनेज करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से कई प्रावधान पेश करते हैं, जिससे इनवेंटर्स और क्रिएटर्स के लिए अनुकूल वातावरण की सुविधा मिलती है। विकसित भारत संकल्प को पूरा करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के आर्थिक विकास को गति देने की उम्मीद है।
संशोधित नियमों की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- पेटेंट किए गए इन्वेंशन में इन्वेंटर्स के योगदान को स्वीकार करने के लिए नए ‘सर्टिफिकेट ऑफ इन्वेंटरशिप’ का अनूठा प्रावधान पेश किया गया है।
- धारा 31 के तहत ग्रेस पीरियड के लाभ प्रदान करने के प्रावधान को नए फॉर्म, यानी फॉर्म 31 को शामिल करके सुव्यवस्थित किया गया है।
- फॉर्म 8 में विदेशी आवेदन दाखिल करने का विवरण प्रस्तुत करने की समय सीमा आवेदन दाखिल करने की तारीख से छह महीने से बदलकर पहली परीक्षा रिपोर्ट जारी होने की तारीख से तीन महीने कर दी गई है।
- प्रौद्योगिकी की तेज गति को ध्यान में रखते हुए, परीक्षा के लिए अनुरोध दाखिल करने की समय सीमा आवेदन की प्राथमिकता की तारीख से या आवेदन दाखिल करने की तारीख से, जो भी पहले हो, 48 महीने से घटाकर 31 महीने कर दी गई है।
- समय सीमा बढ़ाने और दाखिल करने में देरी को माफ करने के प्रावधान को और अधिक सरल बनाया गया है और व्यवहार में आसानी लाने के लिए इसे और अधिक स्पष्ट किया गया है। अब, किसी भी कार्य/कार्यवाही करने का समय निर्धारित तरीके से अनुरोध करके छह महीने तक कितनी भी बार बढ़ाया जा सकता है।
- कम से कम 4 वर्ष की अवधि के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से एडवांस पेमेंट करने पर रीन्युअल फी 10प्रतिशत कम कर दिया गया है।
- फॉर्म 27 में पेटेंट के कामकाज का विवरण दाखिल करने की आवृत्ति को एक वित्तीय वर्ष में एक बार से घटाकर हर तीन वित्तीय वर्षों में एक बार कर दिया गया है। इसके अलावा, निर्धारित तरीके से अनुरोध करने पर तीन महीने तक की अवधि के लिए ऐसे विवरण दाखिल करने में देरी को माफ करने का प्रावधान शामिल किया गया है।
- धारा 25(1) के तहत विरोध के माध्यम से प्री-ग्रांट रीप्रजेटेशन दाखिल करने और निपटाने की प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित किया गया है। बेनामी पर अंकुश लगाने और धोखाधड़ीपूर्ण प्री-ग्रांट विरोध के लिए रीप्रजेटेशन के निपटान के तरीके प्रदान करके और साथ ही वास्तविक विरोधों को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के रीप्रजेटेशन को दाखिल करने के लिए फीस तय करके इसे और अधिक स्पष्ट किया गया है।
सरकार देश में आईपी ईकोसिस्टम और प्रशासन को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पेटेंट्स
- भारत में हर 6 मिनट में एक तकनीक आईपी प्रोटेक्शन मांग रही है। 2023 में अब तक के सर्वाधिक 90300 पेटेंट आवेदन प्राप्त हुए। पेटेंट कार्यालय ने पिछले एक वर्ष (15-मार्च-2023 से 14-मार्च-2024) में एक लाख से अधिक पेटेंट प्रदान किए। प्रत्येक कार्य दिवस पर 250 पेटेंट प्रदान किये गये।
भौगोलिक संकेत
- भौगोलिक संकेत यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स (GI) पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना वृद्धि दर्शाती है। आज की तारीख में, भारत में 573 GI पंजीकृत हैं। 2023-24 में, 98 नए GI पंजीकृत किए गए हैं और अन्य 62 31 मार्च 2024 तक पंजीकृत किए जाएंगे। इसके अलावा, 11621 अधिकृत उपयोगकर्ता पंजीकृत हैं, और अतिरिक्त 2575 उपयोगकर्ता 31 मार्च 2024 तक पंजीकृत किए जाएंगे।
कॉपीराइट
- वित्त वर्ष 2023-24 में कॉपीराइट पंजीकरण की रिकॉर्ड-तोड़ संख्या देखी गई, कुल 36,378, इस प्रकार रचनात्मक क्षेत्र के भीतर विशाल संभावनाओं को रेखांकित करता है। रचनात्मक उद्योग में कॉपीराइट की रणनीतिक भूमिका के बारे में जागरूकता को और बढ़ावा देने के उपायों की योजना बनाई गई है।
डिज़ाइन
- वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, 30,450 आवेदनों के अंतिम निपटान के साथ, अब तक की सबसे अधिक संख्या में डिज़ाइन पंजीकरण, कुल 27,819 दर्ज किए गए। जम्मू-कश्मीर एससीईआरटी और भारतीय आईपी कार्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक पहल टॉयकैथॉन में 1.25 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त जम्मू-कश्मीर स्कूल के छात्रों द्वारा 115 नवीन डिजाइन पंजीकृत किए गए।
ट्रेड मार्क्स
- ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्री ट्रेडमार्क आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर परीक्षा रिपोर्ट जारी करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। रजिस्ट्री कम से कम समय में ट्रेडमार्क सुरक्षा प्रदान कर रही है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सैन्य प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सा आधार पर अमान्य किए गए कैडेटों के लिए पुनर्वास सुविधाओं के विस्तार को स्वीकृति दी
- रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सैन्य प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सा आधार पर अमान्य किए गए कैडेटों के लिए पुनर्वास सुविधाओं के विस्तार को स्वीकृति दी। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि कैडेट सशस्त्र बलों में अधिकारी बनने की दृढ़ इच्छा से युवावस्था में सैन्य अकादमियों में प्रवेश पाते हैं, और सैन्य वर्दी में देश की सेवा करने की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं, लेकिन चिकित्सा संबंधी कारणों से अमान्य हो जाते है। दशकों से, कैडेट/उनके माता-पिता ऐसे पुनर्वास अवसरों की मांग कर रहे हैं।
- हर वर्ष, सैन्य अकादमियों में युवा कैडेट सशस्त्र बलों में अधिकारियों के रूप में नियुक्त होने के मुख्य उद्देश्य के साथ शैक्षणिक और सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। वर्तमान नियमानुसार, कैडेट को कमीशनिंग के बाद ही अधिकारी माना जाता है। उदाहरणस्वरूप, जहां कठोर सैन्य प्रशिक्षण के दौरान, कई बार कुछ कैडेटों (प्रति वर्ष 10-20) को सैन्य प्रशिक्षण के कारण या उससे संबंधित कारण से चिकित्सा आधार पर अमान्य कर दिया जाता है।
- इन कैडेटों के लिए अधिक अवसर प्रदान करने के लिए रक्षा मंत्री ने पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के एक और प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें पुनर्वास महानिदेशालय द्वारा संचालित योजनाओं के लाभों को बढ़ाने के लिए स्वीकृति दे दी गई है। इससे उन 500 कैडेटों को सहायता मिलेगी और उनके लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित किया जाएगा, जिन्हें चिकित्सा आधार पर अमान्य कर दिया गया है भविष्य में ऐसी स्थिति वाले कैडेटों को भी समान लाभ प्राप्त हो सकेगा।
- ULLAS-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत पूरे देश में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षा (FLNAT) आयोजित की जाएगी
- स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, ULLAS–(अंडरस्टैंडिंग लाइफलांग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसायटी) – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में 17 मार्च, 2024 को 23 राज्यों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षण (FLNAT) आयोजित करने के लिए तैयार है। इस महत्वपूर्ण राष्ट्रव्यापी मूल्यांकन में लगभग 37 लाख शिक्षार्थी शामिल होंगे।
- FLNAT प्रत्येक भाग लेने वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित की जाएगी, जिसमें जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (DIET) और सरकारी/सहायता प्राप्त स्कूल परीक्षा केंद्र के रूप में काम करेंगे। इस मूल्यांकन में तीन विषय- पढ़ना, लिखना और संख्यात्मकता शामिल हैं। प्रत्येक के कुल 50 अंक होंगे। इस प्रकार परीक्षा के कुल 150 अंक होंगे। यह परीक्षा पंजीकृत गैर-साक्षर शिक्षार्थियों की बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल का मूल्यांकन करने के लिए विकसित की गई है।
- इससे पहले, वर्ष 2023 में दो FLNAT – मार्च और सितंबर में आयोजित किए गए थे। पिछला FLNAT 24 सितंबर, 2023 को आयोजित किया गया था, जिनमें 17,39,097 शिक्षार्थी उपस्थित हुए थे, जिनमें 15,58,696 प्रमाणित हुए थे। अभी तक कुल 36,00,870 शिक्षार्थी प्रमाणित किये जा चुके हैं। यह परीक्षा बहुभाषावाद को बढ़ावा देने और शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा या स्थानीय भाषा का उपयोग करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, शिक्षार्थियों की क्षेत्रीय भाषा में आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा को क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने से भाषाई विविधता को प्रोत्साहन देने और संरक्षित करने में सहायता मिलेगी।
- इस बार, चंडीगढ़, पुदुचेरी, लक्षद्वीप और गोवा सहित कुछ केंद्र शासित प्रदेशों का FLNAT के माध्यम से शत प्रतिशत साक्षरता घोषित करने का लक्ष्य है। यह परीक्षा ULLAS – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में आयोजित प्रशिक्षण-शिक्षण सत्रों के प्रभाव का आकलन करने के लिए बहुत आवश्यक है। योग्य शिक्षार्थियों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा जारी एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करने में उनकी उपलब्धि को मान्यता देगा।
- 17 मार्च, 2024 को आयोजित हो रहा FLNAT विकसित भारत और जन जन साक्षर भारत के विजन को अर्जित करने की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है।
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