विषयसूची:
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1. प्रधानमंत्री 17 अक्टूबर को ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 का उद्घाटन करेंगे:
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों को जुटाने, संवृद्धि और विकास से संबंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023
मुख्य परीक्षा: ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 भारतीय समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के किन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। एवं इसके महत्व पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री 17 अक्टूबर, 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (GMIS) 2023 के तीसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे।
उद्देश्य:
- इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री भारतीय समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक रोडमैप ‘अमृत काल विजन 2047’ का अनावरण करेंगे।
- यह रोडमैप बंदरगाह सुविधाओं को बढ़ाने, टिकाऊ कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से रणनीतिक पहल की रूपरेखा तैयार करता है।
- इस अत्याधुनिक योजना के अनुरूप, प्रधानमंत्री 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन, राष्ट्र को समर्पित और शिलान्यास रखेंगे, जो भारतीय समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के लिए ‘अमृत काल विजन 2047’ के अनुरूप हैं।
विवरण:
- शिखर सम्मेलन समुद्री क्षेत्र के प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- सम्मेलन में भविष्य के बंदरगाह, कार्बन उत्सर्जन में कमी; तटीय पोत परिवहन और आईडब्ल्यूटी; जहाज निर्माण; मरम्मत एवं पुनर्चक्रण; वित्त, बीमा तथा मध्यस्थता; समुद्री क्लस्टर; नवाचार एवं प्रौद्योगिकी; समुद्री संरक्षा और सुरक्षा; समुद्री पर्यटन व अन्य विषयों पर विभिन्न सत्र तथा चर्चाएँ आयोजित की जायेंगी।
व्यापक अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व:
- इस शिखर सम्मेलन में बेलारूस, बेल्जियम, भूटान, डेनमार्क, फ्रांस, ईरान, इटली, नीदरलैंड, रूस, सऊदी अरब, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, नॉर्वे, मैक्सिको, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 28 देशों के 115 अधिकारियों की भागीदारी की पुष्टि हुई है।
- प्रधानमंत्री गुजरात में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण में 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाले टूना टेकरा ऑल वेदर डीप ड्राफ्ट टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे।
- इस अत्याधुनिक ग्रीनफील्ड टर्मिनल को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से विकसित किया जाएगा।
- इस टर्मिनल के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है। यह टर्मिनल 18 हजार टीईयू (बीस फुट के बराबर इकाई) से अधिक भावी पीढ़ी के जहाजों का रख-रखाव करेगा, और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) के माध्यम से भारतीय व्यापार के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करेगा।
- इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री समुद्री क्षेत्र में वैश्विक और राष्ट्रीय साझेदारी के लिए 7 लाख करोड़ से अधिक के 300 से अधिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) भी समर्पित करेंगे।
‘अमृत काल के विजन 2047’ का अनावरण:
- यह शिखर सम्मेलन भारत की समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के अगले 25 वर्षों की योजना – ‘अमृत काल का विजन 2047′ – का अनावरण करने के एक मंच के रूप में कार्य करेगा।
- इस योजना में बंदरगाहों से जुड़ी सुविधाओं को बढ़ाने, टिकाऊ कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से विभिन्न रणनीतिक पहलों की रूपरेखा का समावेश है।
- इस विजन के अनुरूप, इस शिखर सम्मेलन के दौरान 23,364 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया जाएगा।
उद्योग एवं निवेश से संबंधित असाधारण विकल्प:
- कुल 27 देशों के 81 से अधिक अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं और 100 से अधिक भारतीय समकक्षों के साथ, यह शिखर सम्मेलन समुद्री उद्योग से जुड़ी विशेषज्ञता का एक केन्द्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
- विश्व के 31 अग्रणी सीईओ सहित 3,000 से अधिक पंजीकृत प्रतिनिधि विभिन्न चर्चाओं में भाग लेंगे।
- निवेश के लिहाज से, इस आयोजन में 7.18 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि के 316 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का निष्पादन होगा, जिसमें लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये की 86 निवेश योग्य परियोजनाओं का समावेश होगा।
विस्तृत प्रदर्शनी और सम्मेलन लाइन-अप:
- सम्मेलन कार्यक्रम, समुद्री उद्योग के भविष्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
- यह शिखर सम्मेलन देश का सबसे बड़ा समुद्री कार्यक्रम है।
- इसमें यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, एशिया (मध्य एशिया, मध्य पूर्व और बिम्सटेक क्षेत्र सहित) देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले दुनिया भर के मंत्री भाग लेंगे।
- यह शिखर सम्मेलन देश के समुद्री क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच भी प्रदान करेगा।
पृष्ठ्भूमि:
- पहला मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन 2016 में मुंबई में आयोजित किया गया था। दूसरा समुद्री शिखर सम्मेलन वर्चुअल माध्यम से 2021 में आयोजित किया गया था।
- यह शिखर सम्मेलन 17 से 19 अक्टूबर तक मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में आयोजित किया जाएगा।
2.विमान नियमावली, 1937 में संशोधन:
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा:
विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
प्रारंभिक परीक्षा: विमान नियमावली, 1937,अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO)।
मुख्य परीक्षा: विमान नियमावली, 1937 में संशोधन का भारत का विमानपत्तन क्षेत्र में होने वाले प्रभावों का आकलन कीजिए।
प्रसंग:
- विमान नियमावली, 1937 में संशोधन को आधिकारिक रूप से 10 अक्टूबर, 2023 को राजपत्र में अधिसूचित किया गया है।
उद्देश्य:
- यह व्यापार को आसान बनाने के कार्य को बढ़ावा देने और विमानन क्षेत्र में सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का सूचक है।
- यह विमान नियमावली, 1937 में संशोधन के साथ विमानन सुरक्षा को मजबूत बनाने तथा विमानन विनियमन में व्यापार को आसान बनाने की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
विवरण:
- विमान नियमावली, 1937 में संशोधन का उद्देश्य मौजूदा नियामक सुरक्षा और संरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक सुधार उपाय उपलब्ध कराना है।
- ये संशोधन अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) के मानकों और अनुशंसित प्रथाओं (SARP) एवं अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ भारत के विमानन नियमों के अनुरूप हैं।
- इन सुधारों के कुछ हिस्से को विमान (भवन और पेड़ों आदि के कारण होने वाली बाधाओं को दूर करना) नियम, 1994 में संशोधन के साथ 13.04.2023 की राजपत्र अधिसूचना के तहत पहले ही अधिसूचित किया जा चुका है।
- विमान नियमावली, 1937 में संशोधन की एक उपलब्धि नियम 39सी में हुआ संशोधन है।
- इस संशोधन के तहत, एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (ATPL) और कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) धारकों के संबंध में लाइसेंस की वैधता पांच साल से बढ़ाकर दस साल कर दी गई है।
- इस परिवर्तन से पायलटों और डीजीसीए जैसे विमानन प्राधिकरणों पर प्रशासनिक बोझ कम होने का अनुमान है, इससे कही अधिक सुव्यवस्थित और कुशल लाइसेंसिंग प्रक्रिया की उपलब्धता को बढ़ावा मिलेगा।
- विमान नियमावली, 1937 में यह संशोधन नियम 66 के तहत एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरूआत करता है, जो हवाई अड्डे के आसपास “फाल्स लाइट” के डिस्पले से संबंधित चिंताओं का समाधान करता है।
- यह अपडेट स्पष्ट करता है कि “प्रकाश” शब्द में लालटेन की रोशनी, विश काइट्स और लेजर लाइट शामिल हैं।
- ऐसी लाइटें प्रदर्शित करने वालों के बारे में सरकार का अधिकार क्षेत्र हवाई अड्डे के आसपास 5 किलोमीटर से 5 नौटिकल माइल्स तक बढ़ा दिया गया है।
- इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया है कि सरकार के पास ऐसी लाइटें प्रदर्शित करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का अधिकार है जो विमान के सुरक्षित संचालन में बाधा डालते हैं या संचालन क्रू के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।
- यदि ऐसी लाइटें 24 घंटे तक बे-रोकटोक जली रहती हैं, तो सरकार को उस स्थान में प्रवेश करने और इन लाइटों को बुझाने का अधिकार है।
- इसके साथ-साथ ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन को भी सूचित किया जाएगा।
- जब ऐसी लाइटों का स्रोत अज्ञात रहता है या उनके स्थलों में बदलाव होता है तो हवाईअड्डा या एयरलाइन ऑपरेटर ऐसे मामलों की त्वरित रिपोर्ट स्थानीय पुलिस स्टेशन में करने के लिए बाध्य है, ताकि संभावित आपराधिक कार्रवाई शुरू की जा सके।
- इसके अलावा, विदेशी लाइसेंस की वैधता के लिए नियम 118 को अनावश्यक होने के कारण हटा दिया गया है।
- यह परिवर्तन विमानन क्षेत्र की उभरती हुई जरूरतों के अनुसार नियमों को अनुरूप बनाने का प्रतीक है।
- इसके अतिरिक्त, अनुसूची III के तहत एयर ट्रैफिक कंट्रोलर लाइसेंस धारकों के लिए लगातार क्षमता सुनिश्चित करते हुए नवीनता और योग्यता की जरूरतों को सरल बनाने के लिए एक क्लोज जोड़ी गई है।
- यह परिवर्तन सीमित गतिविधियों या वॉच ऑवर के साथ स्थितियों के समायोजन के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करती है, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर लाइसेंस धारकों को आपात स्थिति सहित कम से कम दस घंटे के सिम्युलेटेड अभ्यास पूरे करने होंगे।
- इसके बाद, उन्हें दस दिनों तक अपने अभ्यासों को शुरू करने के दौरान अपनी संबंधित रेटिंग के लिए कौशल मूल्यांकन से गुजरना होगा।
- विमान नियमावली, 1937 में ये संशोधन भारत में विमानन क्षेत्र में विमानन सुरक्षा, संरक्षा और व्यापार को आसान बनाने की दिशा में उठाये गए एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है।
- ये सुधार विमानन उद्योग की वृद्धि और स्थिरता को बढ़ाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि यह स्थिति वैश्विक विमानन मानकों में सबसे आगे कायम रहे।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.आईएनएस ब्यास:
- रक्षा मंत्रालय ने कोच्चि स्थित एम/एस कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) के साथ 313.42 करोड़ रुपये की कुल लागत वाले एक अनुबंध पर 16 अक्टूबर, 2023 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।
- इस अनुबंध के तहत “आईएनएस ब्यास” के मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन: सशक्त बनाने का कार्य किया जाएगा।
- आईएनएस ब्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्धपोत होगा जो भाप के स्थान पर डीजल से पुन: संचालित होगा।
- मिड लाइफ अपग्रेड और उसे पुन: सशक्त बनाने का कार्य पूरा होने के बाद, आईएनएस ब्यास आधुनिक हथियार भंडार और उन्नत लड़ाकू क्षमता के साथ 2026 में भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल हो जाएगा।
- पोत को पुन: सशक्त बनाने की यह पहली परिवर्तनकारी परियोजना भारतीय नौसेना के रखरखाव संबंधी दर्शन और मेसर्स सीएसएल की मरम्मत क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाने वाली साबित होगी।
- इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई शामिल होंगे और इससे 3500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
- यह परियोजना भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।
2. नाइजीरिया के लागोस में आईएनएस सुमेधा:
- आईएनएस सुमेधा ने गिनी की खाड़ी में अपनी तैनाती के एक भाग के रूप में 13 अक्टूबर 2023 को नाइजीरिया के लागोस में एक पोर्ट कॉल किया।
- इस यात्रा का उद्देश्य भारत और नाइजीरिया की नौसेनाओं के बीच राजनयिक संबंधों को और सुदृढ़ बनाना, समुद्री सहयोग और और अंतरसंचालनीयता को बढ़ावा देना था।
- सर्वोत्तम प्रणालियों के आदान-प्रदान के लिए पेशेवर विचार-विमर्श, बंदरगाह में योजना निर्धारण सम्मेलन और समुद्र में अभ्यास सहित विभिन्न गतिविधियां निर्धारित की गई हैं।
- भारतीय नौसेना पोत सुमेधा, दोनों नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालनीयता बढ़ाने के उद्देश्य से नाइजीरियन नेवी शिप (NNS) यूनिटी के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास भी करेगा।
- 22 अक्टूबर को आईएनएस तरकश द्वारा जीओजी की पहली गश्ती के बाद समुद्री डकैती की आशंका वाली गिनी की खाड़ी (GOG) गश्ती दल में यह भारतीय नौसेना की दूसरी तैनाती है।
- भारतीय नौसेना का लक्ष्य समुद्री डकैती से निपटने और निर्बाध रूप से व्यापार सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय देशों के साथ साझेदारी करना है।
- आईएनएस सुमेधा, स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित ‘सरयू’ क्लास नेवल ऑफशोर पेट्रोल वेसल (NOPV) का तीसरा पोत है।
- जहाज में स्वतंत्र रूप से और बेड़े संचालन के समर्थन में कई भूमिकाओं में कार्य करने की क्षमता है।
- यह हथियार प्रणालियों, सेंसर, अत्याधुनिक नेविगेशन, संचार प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट्स से सुसज्जित है।
- आईएनएस सुमेधा ने अतीत में विभिन्न बेड़े समर्थन अभियान, तटीय और अपतटीय गश्त, महासागर निगरानी और मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए मिशन चलाए हैं।
- इनमें 23 अप्रैल को युद्ध प्रभावित सूडान से भारतीय प्रवासियों को निकालने के लिए हाल ही में आयोजित ऑपरेशन कावेरी भी शामिल है।
- नाइजीरिया और भारत के बीच पारंपरिक रूप से मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, वे लोकतंत्र, विकास और धर्मनिरपेक्षता के साझा मूल्यों में विश्वास रखते हैं।
- दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए कई द्विपक्षीय व्यवस्थाएँ मौजूद हैं।
- यह तैनाती पश्चिम अफ्रीकी देशों के साथ भारत के मधुर और सौहार्दपूर्ण संबंधों को भी उजागर करती है।
3.प्रधानमंत्री ने एलए ओलंपिक 2028 में क्रिकेट को शामिल करने का स्वागत किया:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 अक्टूबर 2023 को लॉस एंजिल्स ओलंपिक गेम्स 2028 में बेसबॉल-सॉफ्टबॉल, क्रिकेट, फ्लैग फुटबॉल, लैक्रोस और स्क्वैश को शामिल करने का स्वागत किया।
- उन्होंने कहा कि क्रिकेट को शामिल किया जाना इस अद्भुत खेल की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता को दिखाता है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि बेसबॉल-सॉफ्टबॉल, क्रिकेट, फ़्लैग फ़ुटबॉल, लैक्रोस और स्क्वैश खेल @LA28 में शामिल होंगे।
- खिलाड़ियों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। एक क्रिकेट प्रेमी राष्ट्र के रूप में, हम विशेष रूप से क्रिकेट को शामिल करने का स्वागत करते हैं, जो इस अद्भुत खेल की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता को दर्शाता है।
- हाल ही में 13 और 14 अक्टूबर, 2023 को मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के 141वें सत्र से पहले, बीते हफ्ते दो दिनों में आईओसी के कई सदस्यों के साथ बैठकें कीं, जो विश्व भर में विभिन्न खेल संगठनों में प्रमुख पदों पर नियुक्त हैं।
- आईओसी का सत्र अपने 15-17 अक्टूबर, 2023 के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुंबई में चल रहा है।
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