विषयसूची:
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1. हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद का 2023 संस्करण (आईपीआरडी-2023)
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा
विषय: सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन
प्रारंभिक परीक्षा: समुद्री सुरक्षा, हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2023
मुख्य परीक्षा: हिंद-प्रशांत समुद्री व्यापार और कनेक्टिविटी पर भूराजनैतिक प्रभाव, समुद्री क्षेत्र में नौवहन, रक्षा उद्योग और अंतरिक्ष-आधारित निगरानी के निहितार्थ
प्रसंग:
- तीन-दिवसीय हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2023 (आईपीआरडी-2023) नई दिल्ली में संपन्न हुआ। इस संवाद में “हिंद-प्रशांत समुद्री व्यापार और कनेक्टिविटी पर भूराजनैतिक प्रभाव” के व्यापक विषय के अंतर्गत कई उप-विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
विवरण:
- इस संवाद में “हिंद-प्रशांत समुद्री व्यापार और कनेक्टिविटी पर भूराजनैतिक प्रभाव” के व्यापक विषय के अंतर्गत कई उप-विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
- इस सम्मेलन के अंतिम दिन में दो पेशेवर सत्र आयोजित किए गए। पहला सत्र “हिंद-प्रशांत समुद्री व्यापार और नौवहन की सुरक्षा में निजी उद्योग” विषय पर केंद्रित था तथा इसमें समुद्री क्षेत्र में नौवहन, रक्षा उद्योग और अंतरिक्ष-आधारित निगरानी के विशिष्ट क्षेत्रों में भारतीय उद्योग के दृष्टिकोण को सामने रखा गया।
- भारतीयों की समुद्री क्षमता को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, जो विभिन्न कारणों से पिछली कुछ शताब्दियों में क्षीण हो गई थी।
- उत्तर-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने और ग्लोबल साउथ की हिमायत पर भारत के ध्यान का भी उल्लेख किया गया, जैसा कि इस साल जनवरी में जी20 की भारत की अध्यक्षता के तत्वावधान में आयोजित वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में दिखाई दिया था।
- यह विशिष्ट विचार-विमर्श इंडो-पैसिफिक में एक क्षेत्रीय एमडीए नेटवर्क के संचालन; समुद्री नियम-आधारित व्यवस्था में व्यवधानों को दूर करने के लिए सहकारी क्षेत्रीय समाधान; हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री कानून के प्रसार को बढ़ावा देने; संपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अंडरवाटर डोमेन पर जागरूकता बढ़ाने; और, लघुपक्षीय निर्माणों की बहुपक्षीय भागीदारी के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहमतिपूर्ण नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था के निर्माण पर केन्द्रित था।
- आईपीआरडी -2023 का आयोजन भारतीय नौसेना के ज्ञान भागीदार के रूप में नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन (एनएमएफ), नई दिल्ली द्वारा किया गया था।
- इस तीन-दिवसीय सम्मेलन के दौरान, एनएमएफ ने हिंद- प्रशांत क्षेत्र में चार प्रमुख थिंक-टैंकों अर्थात्: नेपाल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड एंगेजमेंट (एनआईआईसीई), नेपाल; ग्लोबल सेंटर फॉर पॉलिसी एंड स्ट्रैटेजी (ग्लोसेप्स), केन्या; वियतनाम की डिप्लोमैटिक अकादमी (डीएवी), वियतनाम; और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई), नई दिल्ली के साथ सहयोग के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. 42वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में डिजिटल इंडिया पवेलियन प्रमुख आकर्षण
- डिजिटल इंडिया पवेलियन 14-27 नवंबर, 2023 तक चलने वाले 42वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2023 के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
- इसमें अग्रणी पहलों- डिजीलॉकर, यूपीआई, ई-संजीवनी, भाषिनी तथा मन की बात के प्रदर्शित किया गया है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित डिजिटल इंडिया पवेलियन काफी लोगों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान कर रहा है।
- इसमें इंटरैक्टिव डिस्प्ले, सभी उम्र के लिए आकर्षक अनुभव और विशेषज्ञों से सीधे डिजिटल इंडिया पहल के बारे में जानने का अवसर मिल रहा है।
- डिजीलॉकर कागज रहित युग की शुरुआत करता है, जो नागरिकों को जन्म प्रमाण-पत्र, वसीयत के रिकॉर्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शैक्षिक प्रमाण पत्र आदि से लेकर महत्वपूर्ण डिजिटल दस्तावेजों की एक विस्तृत श्रृंखला तक निर्बाध पहुंच प्रदान करता है।
- डिजिटल दस्तावेज़ प्रबंधन में एक क्रांतिकारी प्लेटफॉर्म डिजीलॉकर पहुंच और सुरक्षा का प्रतीक है।
- अब डिजीलॉकर 200 मिलियन नागरिकों की उंगलियों पर है। यह नवाचारी प्लेटफॉर्म न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाता है बल्कि नौकरशाही की बाधाओं को कम करते हुए दक्षता भी बढ़ाता है।
- भाषिनी का उद्देश्य सभी भारतीयों को अपनी भाषा में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना और भारतीय भाषाओं में सामग्री में वृद्धि करना है।
- भाषिनी समावेशिता को रेखांकित करती है। आगंतुक अपनी मूल भाषा में सामग्री का अनुवाद करने के लिए भाषिनी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।
- ‘भाषा दान’ प्रोजेक्ट भाषिनी के हिस्से के रूप में कई भारतीय भाषाओं के लिए भाषा इनपुट जुटाने की एक पहल है। इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं के लिए बड़े डेटासेट बनाना है, जिसका उपयोग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा सकता है जिसका उपयोग विभिन्न हितधारकों द्वारा समाज की बेहतरी के लिए उत्पाद या सेवाएं बनाने के लिए किया जा सकता है।
- दुनिया के सबसे बड़े नागरिक सहयोग प्लेटफार्म के रूप में माईगोव (MyGov) सच्ची जनभागीदारी के दृष्टिकोण को साझा करता है। डिजिटल इंडिया पवेलियन में प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम- ‘मन की बात’ नागरिकों को सक्रिय रूप से भाग लेने के उत्कृष्ट अवसर की प्रतीक्षा है।
- डिजिटल इंडिया पवेलियन आगंतुकों को प्रौद्योगिकी की शक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। प्रत्येक प्रदर्शनी को डिजिटल नागरिक के अनुरूप तैयार किया गया है, जिससे लोगों की सार्थक सहभागिता और सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सके।
2. अवसंरचना वित्त सचिवालय, डीईए ने “सड़क एवं राजमार्ग क्षेत्र के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) प्रोजेक्ट स्ट्रक्चरिंग टूलकिट” पर एक कार्यशाला का आयोजन किया
- आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले अवसंरचना वित्त सचिवालय (आईएफएस) ने नई दिल्ली में 16-17 नवंबर, 2023 को हाइब्रिड मोड में एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
- इसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि वेब-आधारित पीपीपी संरचना टूलकिट का उपयोग करते हुए पीपीपी परियोजनाओं की संरचना कैसे किया जाए, साथ ही इस पर सड़क और राजमार्ग क्षेत्र के परियोजना प्रायोजन प्राधिकरण (पीएसए) को संवेदनशील बनाना था।
- इस कार्यशाला में केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के 70 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- पीपीपी परियोजनाओं से जुड़ी चुनौतियों को पहचानते हुए, आईएफएस ने पीपीपी स्ट्रक्चरिंग टूलकिट का विकास किया है, जो पीपीपी मोड के लिए परियोजना व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने में परियोजना प्रायोजक अधिकारियों की सहायता के उद्देश्य से वेब-आधारित टूल की पेशकश करती है।
- इस बात पर प्रकाश डाला गया कि बुनियादी ढांचे का विकास कैसे सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में योगदान देता है, साथ ही इनसे जुड़ी जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए पीपीपी परियोजनाओं को उचित स्वरूप दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
3. प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक ने प्रौद्योगिकी-केंद्रित वित्तपोषण के माध्यम से एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक गठबंधन बनाया
- भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने स्वदेशी या आयातित प्रौद्योगिकी के विकास तथा वाणिज्यिक एप्लीकेशन में लगे उद्यमों के लिए ऋण तक आसान पहुंच की सुविधा के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को औपचारिक रूप दिया है।
- टीडीबी और सिडबी ने इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से एक क्रेडिट गठबंधन किया है, जिसमें टीडीबी और सिडबी उन कंपनियों की अतिरिक्त फंडिंग जरूरतों पर विचार को संदर्भित करेंगे जिनका वित्त पोषिण उन्होंने पहले किया है।
- समर्पित प्रमुख संपर्कों के साथ दोनों संगठन निर्बाध रेफरल विनिमय के लिए समन्वय को सुव्यवस्थित करेंगे।
- टीडीबी और सिडबी अपने संबंधित नीति दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पात्र एमएसएमई को वित्तीय सहायता भी देंगे।
- यह सहयोग वित्तीय सहायता से आगे के लिए है। दोनों पक्ष पहल को प्रोत्साहित करने और व्यापक पहुंच के लिए संयुक्त आउटरीच/विपणन गतिविधियों की भी योजना बना रहे हैं।
- टीडीबी और सिडबी के बीच साझेदारी व्यापक पैमाने पर समाज की भलाई के लिए अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने और लागू करने के प्रयासों में एमएसएमई का समर्थन करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
- इस सहयोग से एमएसएमई क्षेत्र में नवाचार, रोजगार सृजन और समग्र आर्थिक विकास में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होने की आशा है।
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