विषय सूची:
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1. जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के निहितार्थ
प्रसंग:
- जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक का उद्घाटन गांधीनगर, गुजरात में हुआ
विवरण:
- “भविष्य की स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों का अनुमान लगाने, तैयारी और मुकाबला करने के लिए वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि आज की दुनिया परस्पर रूप से संबद्ध है।‘’
- स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच अंतर संबंध को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने जलवायु और स्वास्थ्य पहल की शुरुआत और एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध के खिलाफ प्रयासों की सराहना की। उन्होंने मनुष्यों, पशुओं और पौधों के स्वास्थ्य को एकीकृत करते हुए “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” दृष्टिकोण का समर्थन किया।
- स्वास्थ्य देखरेख में सार्वजनिक भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’भारत के कुष्ठ उन्मूलन अभियान और टीबी उन्मूलन कार्यक्रम से प्रमाणित हो चुका है कि स्वास्थ्य संबंधी पहलों की सफलता में सार्वजनिक भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।‘’
- प्रधानमंत्री ने वैश्विक नवाचार और डिजिटल समाधानों को प्रोत्साहित किया, जिसका उदाहरण भारत का ई-संजीवनी प्लेटफार्म और अभूतपूर्व कोविन प्रणाली है, जिसने एक ऐतिहासिक टीकाकरण अभियान को सुगम बनाया।
- कार्यक्रम में, डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को आगे बढ़ाने और आयुष्मान भारत योजना की सफलता के लिए भारत की सराहना की, जो दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य पहल है। उन्होंने गांधीनगर में एक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWC) का दौरा करने के अपने अनुभव के बारे में बताया और कहा कि कैसे वे एचडब्ल्यूसी द्वारा 1000 घरों को प्रदान की जा रही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं से प्रभावित हुए हैं।
- उन्होंने आगे कहा, “मैं यहां उपलब्ध कराई जा रही टेलीमेडिसिन सेवाओं की सराहना करता हूं, जो स्थानीय स्तर पर उपचार प्रदान करती हैं। यह आज भारत में स्वास्थ्य सेवा की बदलती प्रकृति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने ने कहा, ‘’डिजिटल प्रौद्योगिकी स्थानीय और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव ला सकती है। डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल को भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत शुरू किया जाएगा, जिसे डिजिटल हेल्थ पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का रणनीतिक समर्थन प्राप्त है।’’
2. पशु आहार में क्रांति : टीडीबी-डीएसटी ने नव-प्रवर्तनकारी जैव-ट्रेस खनिज परियोजना के लिए केमलाइफ इनोवेशन के साथ साझेदारी की
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: प्रौद्योगिकी मिशन; पशुपालन संबंधी अर्थशास्त्र।
मुख्य परीक्षा: पशुधन उत्पादकता में वृद्धि, चारा और चारा संसाधनों को अनुकूल बनाने तथा पशुधन प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका
प्रसंग:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के तहत संचालित प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (TDB) ने मेसर्स केमलाइफ इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में है, के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की।
उद्देश्य:
- प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित, इस मिशन का उद्देश्य पशुधन उत्पादकता को बढ़ाना, चारा और चारा संसाधनों को अनुकूल बनाना तथा पशुधन प्रबंधन में प्रौद्योगिकी को शामिल करना है।
विवरण:
- यह साझेदारी “जानवरों के लिए आहार में उपयोग किए जाने वाले बायो-ट्रेस खनिजों का व्यवसायीकरण और विनिर्माण” नामक परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह एक दूरदर्शी प्रयास है जो प्रभावशाली वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड की प्रतिबद्धता के साथ मेल खाता है।
- दीर्घकालिक प्रगति को बढ़ावा देने वाले नवीन समाधानों की वर्तमान आवश्यकता के बीच, इस सहयोग का एक महत्वपूर्ण आयाम राष्ट्रीय पशुधन मिशन के साथ सामंजस्यपूर्ण अनुकूलन है और यह भारत के रणनीतिक ढांचे की आधारशिला है।
- इस राष्ट्रीय रोडमैप के अनुरूप, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड और मेसर्स केमलाइफ इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रवर्तनकारी यात्रा शुरू की है, जो “जानवरों के भोजन में उपयोग किए जाने वाले बायो-ट्रेस खनिजों के व्यवसायीकरण और विनिर्माण” परियोजना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- यह परियोजना तकनीकी नवाचार और टिकाऊ विनिर्माण का उदाहरण है, जो पशु पोषण को बेहतर करने, पशुधन और मुर्गी पालन और डेयरी उत्पादन को बदलाव करने तथा नए पर्यावरण-अनुकूल विनिर्माण मानक स्थापित करती जाएगी। यह सहयोग राष्ट्रीय पशुधन मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो पशु आहार में नवीन जैव-ट्रेस खनिजों के माध्यम से पशु पोषण के महत्वपूर्ण पहलुओं को संबोधित करता है।
- नवप्रवर्तन और दीर्घकालिकता से प्रेरित मेसर्स केमलाइफ इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड का दृष्टिकोण पशु आहार के लिए बायो-ट्रेस खनिजों के निर्माण में क्रांति लाना है। यह विशेष रूप से पशुधन और पोल्ट्री/डेयरी क्षेत्रों को लक्षित करता है। अभूतपूर्व ‘त्वरित प्राकृतिक जैव परिवर्तन’ (ANBOT) प्रौद्योगिकी पर आधारित यह परियोजना एक मालिकाना पोषक माध्यम पेश करती है।
- इस प्रयास के केंद्र में हाइड्रॉक्सी अमीनो अम्ल से भरपूर प्यूपा प्रोटीन का साधारण उपयोग है, जो यीस्ट हाइड्रोलाइज़ेट और मेथिओनिन हाइड्रॉक्सी एनालॉग (MHA) जैसे आयातित लिगेंड का एक किफायती विकल्प प्रदान करता है। यह रणनीतिक बदलाव, न केवल आर्थिक व्यवहार्यता को बढ़ाता है, बल्कि भारत के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के अनुरूप भी है।
- नवाचार के दायरे से परे, यह परियोजना रेशम कीट प्यूपा भोजन का पुनरुत्पादन करके चक्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान देती है, जिससे रेशम उद्योग द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट को कम किया जाता है। फार्मेक्सिल में कंपनी की सदस्यता निर्यात संभावनाओं को बढ़ाती है जिससे आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। रेशम उद्योग से स्थानीय रूप से उपलब्ध उप-उत्पादों का लाभ उठाने से आर्थिक व्यवहार्यता बढ़ती है, जो आयात प्रतिस्थापन उद्देश्यों और संभावित विदेशी मुद्रा बचत के साथ संरेखित होती है।
- वैश्विक प्रमाणपत्रों द्वारा सुदृढ़ व्यापक दृष्टिकोण, हरित रसायन विज्ञान सिद्धांतों और टिकाऊ संसाधन उपयोग के प्रति, उनकी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। मिन बायो जेन जैसे नवोन्मेषी उत्पाद, पशुधन स्वास्थ्य और विकास को अनुकूलित करने में जैव ट्रेस खनिजों – जस्ता, तांबा, मैंगनीज, लोहा और सेलेनियम-अपरिहार्य आवश्यकता का समाधान करते हैं। उपयुक्त रूप से मिन बायो जेन नामक यह उत्पाद जैव उपलब्धता और स्थिरता को सहजता से एकीकृत करता है, जो नवाचार और पर्यावरण प्रबंधन के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. लेह में परीक्षण आधार पर इंट्रासिटी हाइड्रोजन बसों का संचालन शुरू किया जाएगा:
- लद्दाख को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करने के लिए एनटीपीसी हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन और सौर संयंत्र स्थापित कर रहा है तथा लेह शहर के अंदर संचालन के लिए हाइड्रोजन ईंधन वाली पांच बसें प्रदान कर रहा है।
- मैदानी परीक्षणों, सड़कों की स्थिति की जांच और अन्य कानूनी प्रावधानों की तीन महीने लंबी प्रक्रिया के हिस्से के रूप में पहली हाइड्रोजन बस 17 अगस्त, 2023 को लेह पहुंची। यह भारत में सार्वजनिक सड़कों पर चलने वाली हाइड्रोजन बसों की पहली खेप होगी।
- अपने तरह की पहली ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना को 11,562 फीट की ऊंचाई पर दोबारा स्थापित किया गया है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध प्रदान करने के लिए 1.7 मेगावाट का एक समर्पित सौर संयंत्र भी स्थापित किया गया है। इस परियोजना की एक विशिष्ट विशेषता यह है कि ये हाइड्रोजन बसें शून्य से भी कम तापमान पर चलने के लिए डिज़ाइन की गई है।
- एनटीपीसी वर्ष 2032 तक 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने और हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी और ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में अग्रणी होने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी डी-कार्बोनाइजेशन की दिशा में हाइड्रोजन मिश्रण, कार्बन कैप्चर, ईवी बसें और स्मार्ट एनटीपीसी टाउनशिप जैसी कई पहलें कर रही है।
2. जन धन खातों की संख्या 50 करोड़ से अधिक
- वित्तीय समावेशन पर राष्ट्रीय मिशन, जिसे प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के नाम से जाना जाता है, की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को हुई थी और इसने लगभग 9 वर्ष पूरे कर लिए हैं। बैंकों द्वारा प्रस्तुत नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 09 अगस्त 2023 तक जन धन खातों की कुल संख्या 50 करोड़ से अधिक हो गई है।
- इन खातों में से 56 प्रतिशत खाते महिलाओं के और 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं। इन खातों में जमा राशि 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और लगभग 34 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं। PMJDY खातों में औसत बैलेंस 4,076 है और 5.5 करोड़ से अधिक PMJDY खातों को डीबीटी का लाभ मिल रहा है।
- PMJDY योजना देश के वित्तीय परिदृश्य को बदलने में सफल रही है और वयस्कों को बैंक खातों की सुविधा प्रदान की गई है। इसकी सफलता प्रौद्योगिकी, सहयोग और नवाचार के माध्यम से अंतिम छोर तक औपचारिक बैंकिंग प्रणाली को पहुंचाने के प्रयास के साथ योजना की व्यापक प्रकृति में निहित है।
- PMJDY खाताधारकों को विभिन्न लाभ – जैसे कि न्यूनतम बैलेंस रखने की आवश्यकता के बिना बैंक खाता, 2 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा वाला निःशुल्क रुपे डेबिट कार्ड और 10 हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी प्रदान करता है।
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