Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

18 जनवरी 2024 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और नीदरलैंड के बीच आशय ज्ञापन (एमओआई) को मंजूरी दी:
  2. भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंजूरी:
  3. डिजिटल समाधान साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और केन्या के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी:
  4. चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और इक्वाडोर के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी:
  5. भारत और यूरोपीय आयोग के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी:
  6. “राष्ट्रपति जनता के साथ” पहल:
  7. भारतीय रेल में गो ग्रीन पहल:
  8. वस्त्र मंत्रालय ने तकनीकी वस्त्र के विभिन्न क्षेत्रों में 103 करोड़ रुपये मूल्य की 11 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की:

1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और नीदरलैंड के बीच आशय ज्ञापन (एमओआई) को मंजूरी दी:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

मुख्य परीक्षा: चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और नीदरलैंड के बीच हुए समझौते पर प्रकाश डालिये।

प्रसंग:

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और नीदरलैंड के बीच आशय ज्ञापन (एमओआई) को मंजूरी दी।

उद्देश्य:

  • दोनों देशों के नियामक प्राधिकरणों के बीच यह आशय ज्ञापन फार्मास्युटिकल उपयोग के लिए कच्चा माल, जैविक उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और कॉस्मेटिक उत्पादों सहित फार्मास्यूटिकल्स के संबंध में चिकित्सा उत्पादों के विनियमन की बेहतर समझ की सुविधा प्रदान करेगा।
  • यह विनियामक प्रथाओं में समावेश से भारत से दवाओं के निर्यात को बढ़ाने में मदद कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप फार्मास्युटिकल क्षेत्र में शिक्षित पेशेवरों के लिए बेहतर रोजगार के अवसरों के सृजन में सहायता प्रदान कर सकता है।

विवरण:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और मानव विषयों से जुड़े अनुसंधान के बारे में चिकित्‍सा मूल्‍यांकन बोर्ड, स्वास्थ्य और युवा देखभाल निरीक्षणालय, केंद्रीय समिति की ओर से स्वास्थ्य, कल्याण, खेल मंत्रालय, नीदरलैंड के बीच “चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर” हस्ताक्षरित एक आशय पत्र (एमओआई) के बारे में अवगत कराया गया। इस आशय पत्र पर 7 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षर किए गए थे।
  • यह आशय ज्ञापन केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और चिकित्‍सा मूल्‍यांकन बोर्ड, स्वास्थ्य और युवा देखभाल निरीक्षणालय तथा अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियों के अनुरूप चिकित्सा उत्पादों के विनियमन से संबंधित मामलों में मानव विषयों से जुड़े अनुसंधान पर केंद्रीय समिति की ओर से स्वास्थ्य, कल्याण और खेल मंत्रालय नीदरलैंड के बीच उपयोगी सहयोग और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक ढांचा स्थापित करना चाहता है।
  • यह आशय ज्ञापन चिकित्सा उत्पादों के निर्यात की सुविधा प्रदान करेगा जिससे विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि होगी और यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढाया गया कदम होगा।

2. भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंजूरी:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

मुख्य परीक्षा: भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर हुए समझौते का महत्व।

प्रसंग:

  • मंत्रिमंडल ने भारत और डोमिनिकन गणराज्य के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी।

उद्देश्य:

  • यह समझौता ज्ञापन चिकित्सा उत्पादों के निर्यात की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे विदेशी मुद्रा अर्जित होगी। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम होगा।

विवरण:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) तथा डोमिनिकन गणराज्य के चिकित्सा, खाद्य और स्वच्छता उत्पाद संगठन महानिदेशालय, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक सहायक मंत्रालय के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया।
  • इस समझौता ज्ञापन पर 4 अक्टूबर, 2023 को हस्ताक्षर किए गए थे।
  • यह समझौता ज्ञापन चिकित्सा उत्पादों और पक्षकारों के अधिकार क्षेत्र के भीतर प्रासंगिक प्रशासनिक और विनियामक मामलों से संबंधित क्षेत्रों में सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में चल रही घटिया, नकली दवाओं के मुद्दों से निपटने के लिए, समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के माध्यम से विनियामक एजेंसियों के बीच बातचीत की सुविधा प्रदान की जाती है।
  • विनियामक प्रथाओं के संयोजन से भारत से दवाओं का निर्यात बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षित पेशेवरों के लिए फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में रोजगार के बेहतर अवसरों में मदद मिल सकती है।

3. डिजिटल समाधान साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और केन्या के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

मुख्य परीक्षा: डिजिटल समाधान साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और केन्या के बीच हुए समझौते पर टिप्पणी कीजिए।

प्रसंग:

  • कैबिनेट ने डिजिटल परिवर्तन के लिए जनसंख्या स्‍केल पर लागू सफल डिजिटल समाधान साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और केन्या के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी।

उद्देश्य:

  • समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग और डिजिटल परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने में अनुभवों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों-आधारित समाधानों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

विवरण:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और केन्‍या सरकार के सूचना, संचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रालय के बीच डिजिटल परिवर्तन के लिए जनसंख्या स्‍केल पर लागू सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर 5 दिसम्‍बर, 2023 को हस्ताक्षर किए गए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अवगत कराया गया।

कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य:

  • समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों के हस्ताक्षर की तारीख से प्रभावी होगा और 3 साल की अवधि तक लागू रहेगा।

प्रभाव:

  • डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के क्षेत्र में जी2जी और बी2जी दोनों द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाया जाएगा।

लाभार्थियों की संख्या:

  • एमओयू में आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने वाले बेहतर सहयोग की परिकल्पना की गई है।

पृष्ठ्भूमि:

  • एमईआईटीवाई आईसीटी क्षेत्र में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई देशों और बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है।
  • इस अवधि के दौरान, एमईआईटीवाई ने आईसीटी डोमेन में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के अपने समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ एमओयू/एमओसी/समझौते में प्रवेश किया है।
  • यह देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया आदि जैसी विभिन्न पहलों के अनुरूप है।
  • इस बदलते प्रतिमान में, आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से व्यावसायिक अवसरों की खोज करने, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने और डिजिटल क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की तत्काल आवश्यकता है।
  • पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपी) के कार्यान्वयन में अपने नेतृत्व का प्रदर्शन किया है और कोविड महामारी के दौरान भी सफलतापूर्वक जनता को सेवाएं प्रदान की हैं।
  • परिणामस्वरूप, कई देशों ने भारत के अनुभवों से सीखने और भारत के साथ समझौता ज्ञापन में प्रवेश करने में रुचि दिखाई है।
  • इंडिया स्टैक सॉल्यूशंस सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच और वितरण प्रदान करने के लिए जनसंख्या स्‍केल पर भारत द्वारा विकसित और लागू एक डीपीआई है।
  • इसका उद्देश्य कनेक्टिविटी को बढ़ाना, डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देना और सार्वजनिक सेवा तक निर्बाध पहुंच को सक्षम बनाना है। ये खुली प्रौद्योगिकियों पर निर्मित हैं, अंतरसंचालनीय हैं और उद्योग और सामुदायिक भागीदारी का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जो नवीन और समावेशी समाधानों को बढ़ावा देते हैं।
  • हालाँकि, डीपीआई के निर्माण में प्रत्येक देश की विशिष्ट आवश्यकताएँ और चुनौतियाँ हैं, लेकिन बुनियादी कार्यक्षमता समान है, जो वैश्विक सहयोग की अनुमति देती है।

4. चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और इक्वाडोर के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

मुख्य परीक्षा: चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और इक्वाडोर के बीच हुए समझौते का महत्व।

प्रसंग:

  • कैबिनेट ने चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और इक्वाडोर के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी।

उद्देश्य:

  • समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों के बीच नियामक पहलुओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा तथा चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेहतर समन्वय में मदद करेगा।

विवरण:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और एजेंसिया नैशनल डी रेगुलेशन, कंट्रोल वाई विजिलेंसिया सैनिट्रिया – एआरसीएसए, डॉक्टर लियोपोल्डो इज़क्विएटा पेरेज़, इक्वाडोर गणराज्य के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर 07 नवंबर 2023 को हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया।

रोजगार सृजन क्षमता:

  • एमओयू के कारण विनियामक तौर-तरीकों में समन्वय से भारत से दवाओं के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिल सकती है और परिणामस्वरूप औषधि क्षेत्र में शिक्षित पेशेवरों के लिए बेहतर रोजगार के अवसरों के सृजन में मदद मिल सकती है।

आत्मनिर्भर भारत:

  • समझौता ज्ञापन चिकित्सा उत्पादों के निर्यात की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे विदेशी मुद्रा की आय होगी। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम सिद्ध होगा।

पृष्ठ्भूमि:

  • सीडीएससीओ, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग का एक संलग्न कार्यालय है, का एक अधीनस्थ कार्यालय है।
    • सीडीएससीओ भारत में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों के लिए राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण है।
    • एजेंसिया नैशनल डी रेगुलेशन, कंट्रोल वाई विजिलेंसिया सैनिट्रिया – एआरसीएसए, डॉक्टर लियोपोल्डो इज़क्विएटा पेरेज़ इक्वाडोर गणराज्य में इन उत्पादों को विनियमित करने वाली नियामक एजेंसी है।

5. भारत और यूरोपीय आयोग के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: यूरोपीय आयोग।

मुख्य परीक्षा: भारत और यूरोपीय आयोग के बीच हुए समझौते के लाभ।

प्रसंग:

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ईयू-भारत व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तहत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम कार्य व्यवस्था पर भारत और यूरोपीय आयोग के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी।

उद्देश्य:

  • इस एमओयू का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर को बढ़ाने की दिशा में भारत और यूरोपीय संघ के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

विवरण:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को ईयू-भारत व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) के तहत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम, इसकी आपूर्ति श्रृंखला एवं नवाचार पर कार्य व्यवस्था को लेकर भारत सरकार और यूरोपीय आयोग के बीच 21 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अवगत कराया गया।

कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य:

  • यह समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख यानी 21 नवंबर, 2023 से प्रभावी होगा।
  • यह समझौता तब तक जारी रहेगा जब तक कि दोनों पक्ष यह पुष्टि नहीं कर लेते कि इस उपकरण के उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया गया है या जब तक एक पक्ष इस समझौते में अपनी भागीदारी बंद नहीं कर देता।

प्रभाव:

  • सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुनिश्‍चित करने और पूरक शक्तियों का लाभ उठाने में जी2जी और बी2बी दोनों द्विपक्षीय सहयोग मदद करेंगे।

पृष्ठ्भूमि:

  • इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
    • भारत में मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर का विकास और डिस्प्ले इकोसिस्टम को सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से सेमीकंडक्‍टर विकास और डिस्प्ले विनिर्माण परितंत्र प्रोग्राम शुरू किया गया था।
  • इस प्रोग्राम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब, कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स/सिलिकॉन, फोटोनिक्स/सेंसर/डिस्‍क्रिट सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग तथा पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (ओएसएटी) के लिए फैब स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्‍ध करना है।
    • इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण परितंत्र के विकास हेतु भारत की रणनीतियों को आगे बढाने के लिएडिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।
  • इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का भी काम सौंपा गया है।
  • इस उद्देश्य के साथ, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयने द्विपक्षीय सहयोग एवं सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और भारत को विश्वसनीय भागीदार के रूप में उभरने में सक्षम बनाने वाली आपूर्ति श्रृंखला को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन/एमओसी/समझौते किए हैं।
    • सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला तथा पूरक शक्तियों का लाभ उठाने हेतु द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाते हुए, भारत और यूरोपीय संघ ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद सेमीकंडक्टर संबंधित व्यापार के अवसरों और साझेदारी की दिशा में एक और कदम है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. “राष्ट्रपति जनता के साथ” पहल:

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 18 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में उन महिलाओं के एक समूह से बातचीत की, जो प्रमुख स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न की संस्थापक और सह-संस्थापक हैं।
  • यह बैठक “राष्ट्रपति जनता के साथ” पहल के अंतर्गत आयोजित हुई है, जिसका उद्देश्य जनता के साथ गहरा संबंध स्थापित करना और उनके योगदान को मान्‍यता देना है।
  • युवाओं के नवाचारी प्रयासों के कारण आज भारत लगभग 1,17,000 स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ विश्‍व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बन गया है।
  • राष्ट्रपति ने कहा कि उद्यमियों के रूप में उनकी यात्रा और उपलब्धियां लोगों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
  • टेक स्टार्ट-अप से लेकर सामाजिक उद्यमों तक, उनके कार्य ने उद्यमिता की दु‍निया में भारतीय महिलाओं की क्षमताओं के विविध आयामों में एक प्रभावशाली अभिज्ञान प्रदान किया है।
    • उनका योगदान आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है। उन्होंने पारंपरिक बाधाओं को तोड़ा है और भावी पीढ़ियों के लिए सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्‍त किया है।
    • वे एक समावेशी आर्थिक भविष्य की निर्माता हैं जिसमें प्रगति का मार्ग लैंगिक आधार पर नहीं बल्कि प्रतिभा और महत्वाकांक्षा के आधार पर प्रशस्त होता है।
    • राष्ट्रपति ने कहा कि वे केवल बिजनेस लीडर ही नहीं हैं बल्कि परिवर्तन की अग्रदूत भी हैं।

2. भारतीय रेल में गो ग्रीन पहल:

  • रेल मंत्रालय ने 2030 तक भारतीय रेलवे को ग्रीन रेलवे में बदलने के लक्ष्य के साथ ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में कई प्रमुख पहल की हैं।
  • रेलवे विद्युतीकरण, लोकोमोटिव और ट्रेनों तथा फिक्स्ड इंस्टॉलेशन की ऊर्जा दक्षता में सुधार, इंस्टॉलेशन्स/स्टेशनों के लिए ग्रीन सर्टिफिकेशन और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का इस्तेमाल करना, नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने की इसकी रणनीति का हिस्सा है।
  • भारतीय रेल ने गो ग्रीन के लिए कुछ प्रमुख पहल की हैं।
    • सौर ऊर्जा: नॉन ट्रैक्शन + ट्रैक्शन: कुल स्थापित क्षमता 216.36 मेगावाट है।
    • 2023 में 71.37 मेगावाट सौर ऊर्जा (रूफटॉप 21.37 + 50 मेगावाट लैंडबेस्ड) प्रदान की गई।
    • पवन ऊर्जा: कुल स्थापित क्षमता 103.4 मेगावाट है।
  • कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में, नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता पर सहयोग के लिए 14 जून, 2023 को भारतीय रेल, भारत सरकार और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/इंडिया (यूएसएआईडी/इंडिया) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

3. वस्त्र मंत्रालय ने तकनीकी वस्त्र के विभिन्न क्षेत्रों में 103 करोड़ रुपये मूल्य की 11 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की:

  • केंद्रीय वस्त्र, वाणिज्य एवं उद्योग तथा उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) के मिशन संचालन समूह (एमएसजी) की 8वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान श्री गोयल ने तकनीकी वस्त्र उत्पादों के स्वदेशी विकास को बढ़ाने के लिए सरकार और उद्योग के बीच सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • वस्त्र मंत्रालय ने 11 परियोजना प्रस्तावों को स्वीकृति दी, जिनमें 9 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं, मशीन विकास पर 1 परियोजना और उपकरण विकास पर 1 परियोजना शामिल है, जिसका मूल्य लगभग है 103 करोड़ रुपये है।
  • इनमें से एक परियोजना रणनीतिक अनुप्रयोगों के लिए उच्च शक्ति वाले कार्बन फाइबर के विकास पर केंद्रित परियोजना तकनीकी वस्त्र के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है।
  • परियोजनाओं में तकनीकी वस्त्रों के विभिन्न अनुप्रयोग क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनमें प्रोटेक की 2, मेडिटेक की 2, मोबिलटेक की 2, बिल्डटेक की 1, स्मार्ट टेक्सटाइल की 2 और सस्टेनेबल टेक्सटाइल की 1 परियोजना सम्मिलित है।

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*