विषयसूची:
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1. भारत-अमेरिका रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी मंत्रिस्तरीय संयुक्त वक्तव्य:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत-अमेरिका रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (SCEP) पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप एस पुरी और अमेरिका की ऊर्जा मंत्री सुश्री जेनिफर ग्रानहोम के बीच नई दिल्ली में भारत-अमेरिका रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (SCEP) की मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
उद्देश्य:
- बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाने में द्विपक्षीय स्वच्छ ऊर्जा संबद्धता और SCEP की उपलब्धियों, स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के अवसरों के सृजन, जलवायु परिवर्तन से निपटने और रोजगार के अवसरों का सृजन करने को रेखांकित करते हुए द्विपक्षीय स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी के बढ़ते महत्व का संज्ञान लिया।
विवरण:
- दोनों पक्षों ने विश्वसनीय, किफायती और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति तक पहुंच को प्राथमिकता देने वाले न्यायसंगत, व्यवस्थित और टिकाऊ ऊर्जा संक्रमण की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
- दोनों पक्षों ने बीते वर्षों में स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, बैटरी भंडारण और स्वैपिंग प्रौद्योगिकियों, गैस हाइड्रेट्स, उन्नत जैव ईंधन, और हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइज़र उत्पादन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने सहित स्वच्छ ऊर्जा कार्य क्षेत्रों की विस्तृत श्रृंखला में सहयोग को गहन और मजबूत बनाने वाले महत्वाकांक्षी और गतिशील SCEP अधिदेश की समीक्षा की।
- इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने ग्लोबल डीकार्बोनाइजेशन के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत के रूप में हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन के उत्पादन के महत्व को पहचाना और एक-दूसरे के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन को सहायता देने पर सहमति व्यक्त की।
- दोनों पक्षों ने दोनों देशों में डीकार्बोनाइजेशन में सहायता देने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग को व्यापक बनाने की दिशा में SCEP के पांच स्तंभों के कार्यों का भी स्वागत किया।
- जिनमें सार्वजनिक-निजी कार्य बल, रिवर्स व्यापार मिशन, मंत्रियों की अध्यक्षता में भारत-अमेरिका व्यापार गोलमेज सम्मेलन और अन्य व्यावसायिक संवाद शामिल हैं।
- पक्षों ने प्रत्येक देश में ऊर्जा तक पहुंच, सामर्थ्य और ऊर्जा न्याय को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।
- उस संदर्भ में, दोनों पक्ष स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में सहायता देने के लिए भारत में नेट जीरो गांवों के विकास की दिशा में काम करने पर सहमत हुए।
- दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बिडेन के 22 जून, 2023 के संयुक्त वक्तव्य में उल्लिखित सकारात्मक एजेंडे को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की, जिसमें ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों को विकसित और तैनात करने, उनसे संबंधित राष्ट्रीय हाइड्रोजन रणनीतियों के समर्थन में सहयोग का विस्तार करने, लागत में कमी के लक्ष्य तथा नई और उभरती नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर सहयोग में तेजी लाने के लिए SCEP के तहत किए गए प्रयासों का स्वागत किया गया है।
- सार्वजनिक-निजी ऊर्जा भंडारण कार्य बल की स्थापना और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में सहायता के लिए आवश्यक नवीकरणीय ऊर्जा के बड़े पैमाने पर एकीकरण का समर्थन करने से संबंधित प्रयास;
- सार्वजनिक-निजी हाइड्रोजन कार्य बल के जरिए राष्ट्रीय हाइड्रोजन रणनीतियों की तैनाती बढ़ाने और उसमें तेजी लाने के लिए गहन सहयोग करने तथा अपनी राष्ट्रीय हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के समर्थन में सामान्य लागत में कमी के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने सहित अन्य प्रयास;
- सामान्य महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख प्रौद्योगिकियों के विकास में तेजी लाने के लिए भारत-अमेरिका की नई और उभरती रिन्यूएबल एनर्जी टेक्नोलॉजीज एक्शन प्लेटफॉर्म (RETAP) का शुभारंभ।
- दोनों मंत्रियों ने बिल्कुल उत्सर्जन नहीं करने वाले वाहनों के माध्यम से परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की नेताओं की प्राथमिकता और ई-मोबिलिटी क्षेत्र के लिए वित्त पोषण हासिल करने और किफायती और सुलभ ऋण और इक्विटी वित्तपोषण को सक्षम करने पर सहयोग जारी रखने का भी स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने “इलेक्ट्रिक वाहन (EV) वित्तपोषण सेवा सुविधा” के महत्व को स्वीकार किया, जो ई-मोबिलिटी के लिए समर्पित निधियों का सृजन करेगी।
- दोनों पक्षों ने भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में संक्रमण के लिए विलक्षण और मूल्यवान संपत्ति के रूप में जैव-इथेनॉल, नवीकरणीय डीजल, टिकाऊ विमानन ईंधन और अन्य उन्नत जैव ईंधनों जैसे उभरते ईंधनों के क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों के उन्नत अनुसंधान, विकास और व्यावसायीकरण को आगे बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका के बीच सहयोग का स्वागत किया।
- मंत्रियों ने इस सप्ताह गोवा में लॉन्च किए जाने वाले वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बिडेन के विजन की पुष्टि की।
- दोनों मंत्रियों ने बाजारों को मजबूत बनाने, वैश्विक जैव ईंधन व्यापार को सुविधाजनक बनाने, ठोस नीतिगत सबक तैयार करने -साझा करने और दुनिया भर में राष्ट्रीय जैव ईंधन कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता के प्रावधान में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की भूमिका पर चर्चा की।
दोनों पक्षों ने निम्नलिखित क्षेत्रों में जारी सहयोग का भी स्वागत किया:
- स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों की विश्वसनीयता, लचीलापन, तन्यकता, सामर्थ्य और स्थिरता में सुधार के लिए बिजली प्रणाली का आधुनिकीकरण;
- इमारतों, उपकरणों और औद्योगिक क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता और संरक्षण को बढ़ावा देना;
- मीथेन उपशमन की जांच और स्वैच्छिक और पारस्परिक स्वीकृत शर्तों के तहत प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण और तैनाती सहित तेल और गैस क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करना ; और
- हार्ड-टू-अबेट क्षेत्रों के विद्युतीकरण और डीकार्बोनाइजेशन की सहायता के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाना।
- उत्सर्जन में कमी लाने के लिए कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण की भूमिका को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों ने मौजूदा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए और भूगर्भिक कार्बन भंडारण क्षमता की खोज सहित नए सहयोग का स्वागत करते हुए इस क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देने पर सहमती प्रकट की।
- दोनों पक्षों ने उभरते ईंधन और प्रौद्योगिकी स्तंभ के तहत कार्य क्षेत्र के रूप में कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण को शामिल किए जाने का स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने उभरती प्रौद्योगिकियों (अर्थात CCUS, हाइड्रोजन), वैकल्पिक ईंधन और मीथेन उपशमन प्रौद्योगिकियों की तैनाती के माध्यम से पूरे क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करने के लिए कम उत्सर्जन गैस टास्क फोर्स के माध्यम से सहयोग का भी स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने भारतीय रेलवे, NTPC ग्रीन नेशनल स्किल्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, स्किल्स काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स और फोरम ऑफ रेगुलेटर्स सहित विभिन्न भारतीय एजेंसियों के साथ USAID के सहयोग को विधिवत स्वीकार किया।
- दोनों पक्षों ने टिकाऊ और स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए ऐसी पहलों के महत्व को स्वीकार करते हुए, NTPC के लिए हरित रसायन की व्यवहार्यता पर USAID की सहायता का स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने टिकाऊ, लचीली और स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा वित्तपोषण नीति के निर्माण में USAID और भारतीय बिजली पीएसयू – NTPC और एसजेवीएन के बीच सहयोग का स्वागत किया।
- दोनों पक्षों ने निम्न कार्बन प्रौद्योगिकियों की लागत और उत्सर्जन का आकलन करने के लिए मजबूत जीवन चक्र मूल्यांकन और मॉडलिंग क्षमता के निर्माण तथा ऊर्जा खपत के मॉडलिंग एवं विश्लेषण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के महत्व को स्वीकार किया।
- दोनों पक्षों ने निम्न कार्बन प्रौद्योगिकियों के जीवन चक्र आकलन तथा भवन निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा उपभोग पर विश्लेषण में भवन मॉडलिंग क्षमता का निर्माण जैसे अनुसंधान विश्लेषण और क्षमता निर्माण गतिविधियों की सहायता करने के लिए भारतीय एजेंसियों और अमेरिकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए साउथ एशिया ग्रुप फॉर एनर्जी (SAGE) लॉन्च किया।
- दोनों पक्षों ने प्रतिस्पर्धी बाजारों के विकास और तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने, उपभोक्ता हितों की सुरक्षा, कार्मिकों के क्षमता निर्माण, नियामकीय संरचना के उन्नयन की दिशा में अपने एमओयू ढांचे के तहत भारत के PNGRB और अमेरिका की FERC द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को नोट किया।
- दोनों पक्षों ने भारत के PNGRB और अमेरिका के ASME द्वारा नीतियों और कार्यक्रमों और प्रक्रियाओं को विकसित करने और स्थापित करने के लिए किए गए कार्यों की भी सराहना की, जो भारत में तेल और गैस के लिए एक ऐसे बाजार को बढ़ावा देंगे और बनाए रखेंगे जो ASME मानकों और प्रमाणन कार्यक्रमों और प्रथाओं के अनुरूप है।
- अंत में, दोनों पक्षों ने कानपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के सह-नेतृत्व में स्टोरेज (यूआई-असिस्ट) के साथ स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के लिए अमेरिका-भारत सहयोगात्मक कंसोर्टियम सहित स्वच्छ ऊर्जा-अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए साझेदारी (PACE-R) के तहत लंबे समय से चले आ रहे संयुक्त अनुसंधान एवं विकास की सराहना की।
- इस तरह की अनुसंधान एवं विकास पहल के महत्व का स्वागत करते हुए, दोनों पक्षों ने अब तक की पेस-आर की सफलताओं का स्वागत किया और उन्नत स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान एवं विकास ट्रैक के अंतिम वर्ष को रेखांकित किया।
- अमेरिका और भारतीय सरकारों की एजेंसियों ने सहयोग के पांच तकनीकी स्तंभों- 1) बिजली और ऊर्जा दक्षता, 2) नवीकरणीय ऊर्जा, 3) उत्तरदायी तेल और गैस, 4) सतत विकास, और 5) उभरता ईंधन और प्रौद्योगिकी – में कई उपलब्धियों का प्रदर्शन किया।
- मंत्रियों ने पुष्टि की कि SCEP दोनों देशों के लिए विकास की स्वस्थ दर सुनिश्चित करते हुए डीकार्बोनाइजेशन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है और उन्होंने उम्मीद जताई कि SCEP के तहत किए गए कार्य एक नए और संभावनापूर्ण भविष्य का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।
2.नीति आयोग ने TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क का अनावरण किया:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी -विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क।
मुख्य परीक्षा: परिपक्वता मैट्रिक्स (TCRM मैट्रिक्स) फ्रेमवर्क किस प्रकार प्रौद्योगिकी मूल्यांकन में क्रांति लाने, नवाचार को बढ़ावा देने तथा भारत में उद्यमिता को प्रोत्साहन देने में सहायक होगा। इसके महत्व पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- नीति आयोग ने भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी-वाणिज्यिक तैयारी और बाजार परिपक्वता मैट्रिक्स (TCRM मैट्रिक्स) फ्रेमवर्क जारी किया हैं।
उद्देश्य:
- नीति आयोग द्वारा नीति कार्ययोजना पत्र श्रृंखला के तहत जारी तकनीकी-वाणिज्यिक तैयारी और बाजार परिपक्वता मैट्रिक्स (TCRM मैट्रिक्स) फ्रेमवर्क एक अग्रणी मूल्यांकन उपकरण है और जिसे प्रौद्योगिकी मूल्यांकन में क्रांति लाने, नवाचार को बढ़ावा देने तथा भारत में उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
विवरण:
- कार्ययोजना पत्र तकनीकी तैयारी स्तर (TRL), व्यावसायीकरण तैयारी स्तर (CRL), और बाजार तैयारी स्तर (MRL) पैमाने समेत प्रौद्योगिकी फ्रेमवर्क के ऐतिहासिक विकास पर प्रकाश डालता है।
- इन फ्रेमवर्क के मूल सिद्धांतों पर निर्माण करके, TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क एक एकीकृत मूल्यांकन मॉडल प्रस्तुत करता है, जो प्रौद्योगिकी विकास चक्र के हर चरण में हितधारकों को गहन अंतर्दृष्टि और कार्रवाई योग्य बुद्धिमत्ता प्रदान करता है।
- कार्ययोजना पत्र, व्यापक नवाचार इकोसिस्टम के अंतर्गत TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क को एकीकृत करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश प्रदान करता है।
- ऐसा करके, नीति निर्माता, रणनीतिकार, शिक्षाविद और निवेशक इसकी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकते हैं और सार्थक बदलाव ला सकते हैं।
- TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क को अपनाने के लिए विशिष्ट राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नवाचार परिदृश्यों के भीतर एक व्यापक विश्लेषण और संदर्भीकरण की आवश्यकता है।
- नीति आयोग ने कहा, “तकनीकी-वाणिज्यिक तैयारी और बाजार परिपक्वता मैट्रिक्स (TCRM मैट्रिक्स) फ्रेमवर्क की शुरूआत भारत के नवाचार और उद्यमिता परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- एक मजबूत मूल्यांकन उपकरण प्रदान करके, हमारा उद्देश्य देश भर में हितधारकों को जानकारी आधारित निर्णय लेने, प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण संभावनाओं को बढ़ाने और नवाचार के क्षेत्र में भारत को विश्व स्तर पर अग्रणी देश बनाने की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाना है।
पृष्ठ्भूमि:
- इस कार्ययोजना पत्र का विमोचन; तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने से जुड़े सरकार के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।
- TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क भारत के नवाचार इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करने और परिवर्तनकारी विचारों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- आईएनएस तूणीर:
- भारत सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” नीति के तहत, 8 एक्स मिसाइल और गोला बारूद (MCA) बार्ज के निर्माण के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय का, मेसर्स सिकोन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के साथ अनुबंध संपन्न हुआ।
- अनुबंध शृंखला का पहला बार्ज LSAM-7 (यार्ड 75) 18 जुलाई 23 को आईएनएस तूणीर के कमांडिंग ऑफिसर की उपस्थिति में भारतीय नौसेना को सौंपा गया था।
- भारतीय शिपिंग रजिस्टर (IRS) वर्गीकरण नियमों के अनुसार 30 साल की सेवा जीवन देने के लिए बार्ज का निर्माण किया गया है।
- स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त सभी प्रमुख/सहायक उपकरणों के साथ, बार्ज रक्षा मंत्रालय की “मेक इन इंडिया” पहल का गौरवशाली ध्वजवाहक है।
- MCA बार्ज के शामिल होने से जेटी और बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय नौसेना के जहाजों की आवाजाही और माल/गोला-बारूद की उतार-चढ़ाव की सुविधा से परिचालन मिशनों के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता में मदद मिलेगी।
- आईएनएस सह्याद्रि और आईएनएस कोलकाता:
- दक्षिण-पूर्वी IOR में तैनात मिशन के दो अग्रणी भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सह्याद्रि और आईएनएस कोलकाता 17 जुलाई, 2023 को जकार्ता पहुंचे।
- भारतीय और इंडोनेशियाई नौसैनिक पेशेवर बातचीत, संयुक्त योग सत्र, खेल कार्यक्रम और क्रॉस-डेक यात्राओं के विस्तृत कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जिसका उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी सहयोग और समझ को मजबूत करना है।
- दोनों जहाज दोनों नौसेनाओं के बीच पहले से मौजूद उच्च स्तर की पारस्परिकता को और मजबूत करने के लिए इंडोनेशियाई नौसेना के साथ समुद्र में समुद्री साझेदारी अभ्यास (MPX) में भी भाग लेंगे।
- आईएनएस सह्याद्रि प्रोजेक्ट-17 श्रेणी का स्वदेश में डिजाइन और निर्मित तीसरा स्टील्थ युद्धपोत है और आईएनएस कोलकाता प्रोजेक्ट-15A श्रेणी का पहला स्वदेश में डिजाइन और निर्मित स्टील्थ विध्वंसक है।
- दोनों जहाजों का निर्माण मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में किया गया है।
- पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन:
- प्रधानमंत्री ने 18 जुलाई 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया।
- मौजूदा टर्मिनल में 4000 पर्यटकों को संभालने की क्षमता थी, और नए टर्मिनल में यह संख्या 11,000 हो गई है और अब हवाई अड्डे पर किसी भी समय 10 विमान पार्क किए जा सकते हैं।
- लगभग 710 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन, इस द्वीपीय संघ शासित प्रदेश की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- लगभग 40,800 वर्गमीटर के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ, नया टर्मिनल भवन सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा।
- पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे पर 80 करोड़ रुपये की लागत से दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 प्रकार के विमानों के लिए उपयुक्त एक एप्रन का भी निर्माण किया गया है, जिससे हवाई अड्डा अब एक ही समय में दस विमानों की पार्किंग के लिए उपयुक्त हो गया है।
- प्रकृति से प्रेरित, हवाई अड्डे के टर्मिनल का वास्तुशिल्पीय डिजाइन समुद्र और द्वीपों को चित्रित करती शंख की संरचना जैसा दिखता है।
- हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन में गर्मी को कम करने के लिए डबल इंसुलेटेड छत प्रणाली, इमारत के अंदर कृत्रिम प्रकाश के उपयोग में कमी लाने के लिए दिन के समय प्रचुर मात्रा में सूरज की रोशनी का अधिकतम प्रवेश प्रदान करने के लिए रोशनदान, LED प्रकाश व्यवस्था और लो हीट गेन ग्लेज़िंग जैसी कई सुविधाएं मौजूद हैं।
- द्वीप समूह के पर्यावरण पर न्यूनतम नकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए एक भूमिगत जल टैंक में वर्षा जल संग्रहण, 100 प्रतिशत शोधित अपशिष्ट जल को भू-निर्माण के लिए पुन: उपयोग करने वाला एक ऑन-साइट सीवेज शोधन संयंत्र और 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र टर्मिनल भवन की कुछ अन्य विशेषताएं हैं।
- अंडमान और निकोबार के प्राचीन द्वीपों के प्रवेश द्वार के रूप में, पोर्ट ब्लेयर पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य स्थल है।
- विशाल नया एकीकृत टर्मिनल भवन हवाई यातायात को बढ़ावा देगी और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ाने में मदद करेगी।
- इससे स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
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