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19 अप्रैल 2024 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. डीआरडीओ ने स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को सौंपा
  2. ‘आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ’ सम्मेलन

19 April 2024 Hindi PIB
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1.डीआरडीओ ने स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को सौंपा

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत कि उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), तेजस एमके1ए

प्रसंग

  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने स्वदेशी लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंप दिया है।

उपलब्धि

  • यह वैमानिकी प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, लखनऊ ने मौजूदा 83 हल्‍के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए के ऑर्डर को पूरा करने के लिए इनके उत्पादन की तैयारी पहले से ही कर ली है।

विवरण

  • एलसीए-तेजस के सेकेंडरी फ्लाइट कंट्रोल में अत्‍याधुनिक लीडिंग एज स्लैट्स और एयरब्रेक शामिल हैं। यह अतिउन्‍नत सर्वो-वाल्व आधारित इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक सर्वो एक्टयूएटर्स और कंट्रोल मॉड्यूल का दावा करता है। ये उच्च दबाव, नियंत्रण मॉड्यूल, अद्भुत डिजाइन, सटीक विनिर्माण और परीक्षण की विशेषता से लैस हैं तथा स्वदेशी तकनीकी कौशल में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निरंतर अनुसंधान का प्रतीक है।
  • रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) हैदराबाद और केन्द्रीय विनिर्माणकारी प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई) बेंगलुरु के साथ समन्‍वय करके एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इन प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की योजना बना रहा है। लीडिंग एज एक्टयूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स के लिए सफल उड़ान परीक्षणों ने उत्पादन से जुड़े कार्यों का मार्ग प्रशस्त किया है।
  • इन महत्वपूर्ण कलपुर्जों का उत्पादन सहायक उपकरण प्रभाग, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड लखनऊ में किया जा रहा है। यह भारत की विमान और अंतरिक्ष यान विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इस प्रयास में सीईएमआईएलएसी और वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्‍यूए) जैसी प्रमाणन एजेंसियों के साथ-साथ गोदरेज एयरोस्पेस, मुंबई सहित सार्वजनिक और निजी उद्योगों का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

2. ‘आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ’ सम्मेलन

सामान्य अध्ययन: 2

भारतीय शासन एवं राजनीति :

विषय: आपराधिक न्याय प्रणाली

प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023

प्रसंग

  • भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 जैसे विधायी अधिनियमों के बारे में विशेष रूप से हितधारकों और विधिक समुदाय के बीच जागरूकता पैदा करने हेतु विधि एवं न्याय मंत्रालय 20 अप्रैल, 2024 को नई दिल्ली के जनपथ स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में ‘आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ’ शीर्षक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।

उद्देश्य

  • इस सम्मेलन का उद्देश्य इन तीन आपराधिक कानूनों की मुख्य बातों को सामने लाना और तकनीकी तथा प्रश्नोत्तरी सत्रों के माध्यम से सार्थक बातचीत आयोजित करना है।

विवरण

  • भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ मुख्य अतिथि के रूप में इस सम्मेलन में शामिल होंगे। इस सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल, भारत के अटॉर्नी जनरल श्री आर वेंकटरमणी, भारत के सॉलिसिटर जनरल श्री तुषार मेहता तथा भारत सरकार में गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्ला शामिल हैं।
  • इसके अलावा, विभिन्न अदालतों के न्यायाधीश, अधिवक्ता, शिक्षाविद, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी, लोक अभियोजक, जिला प्रशासन के अधिकारी और विधि के छात्र इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
  • दिन भर चलने वाले इस सम्मेलन की शुरुआत उद्घाटन सत्र से होगी और समापन सत्र के साथ इसका समापन होगा। बीच में तीन तकनीकी सत्र आयोजित किये जायेंगे। प्रत्येक कानून पर एक सत्र होगा। उद्घाटन सत्र में तीनों नए आपराधिक कानूनों के व्यापक उद्देश्यों पर प्रकाश डाला जायेगा।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे सम्बंधित कुछ नहीं हैं।

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