विषयसूची:
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1. ऊर्जा दक्षता के मामले में कोयला क्षेत्र की प्रगति; कार्बन तटस्थता की दिशा में कदम
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण
प्रारंभिक परीक्षा: एनडीसी संबंधित तथ्य
मुख्य परीक्षा: वैश्विक पर्यावरणीय स्थिरता लक्ष्यों की प्राप्ति में ऊर्जा प्रबंधन पहलों का महत्व
प्रसंग:
- अद्यतन एनडीसी के अनुसार भारत 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विवरण:
- इसके अनुरूप, कोयला क्षेत्र ऊर्जा संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के सर्वोपरि महत्व को पहचानते हुए, ऊर्जा संरक्षण एवं दक्षता से जुड़े उपायों को अपनाने के मामले में अग्रणी है।
- इस प्रयास का महत्व यह है कि, आम तौर पर, खपत के स्तर पर ऊर्जा की एक इकाई की बचत संभावित रूप से नई क्षमता निर्माण की आवश्यकता को 2 से 2.5 गुना तक कम कर सकती है।
- पिछले तीन वर्षों के दौरान, कोयला/लिग्नाइट के सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) ने ऊर्जा ऑडिट, ऊर्जा की दृष्टि से किफायती एलईडी लाइटों में परिवर्तन, स्टार-रेटेड उपकरणों को अपनाने, कैपेसिटर बैंक स्थापित करने, स्ट्रीट लाइट में ऑटो-टाइमर का उपयोग करने, ऊर्जा की दृष्टि से किफायती पंपों एवं इलेक्ट्रिक वाहनों को तैनात करने सहित ऊर्जा संरक्षण एवं दक्षता से जुड़े विभिन्न उपायों को कुशलतापूर्वक अपनाया है।
- ऊर्जा प्रबंधन की इस तरह की पहल वैश्विक पर्यावरणीय स्थिरता लक्ष्यों के अनुरूप, सीधे तौर पर कार्बन उत्सर्जन में पर्याप्त कमी लाती है।
- कोल इंडिया लिमिटेड ने सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों में व्यापक ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम लागू करने हेतु एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
- इस पहल में बिल्डिंग एनर्जी एफिशिएंसी प्रोजेक्ट्स (बीईईपी), पुराने पंखों, एयर कंडीशनर एवं पारंपरिक लाइट फिटिंग, मोटरों को बदलना, इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना और छत पर सौर परियोजनाओं की स्थापना शामिल है।
- एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तौर पर, कोयला/लिग्नाइट के पीएसयू ने कमांड क्षेत्रों, परिसरों, कंपनी के मुख्यालयों, सभी खदानों, कार्यालयों, गोदामों, कॉलोनियों, आवासों, परिसरों, शौचालयों आदि में सभी पारंपरिक लाइटों की जगह ऊर्जा की दृष्टि से किफायती एलईडी लाइटों का उपयोग सफलतापूर्वक शुरू कर दिया है।
- स्थिरता और ऊर्जा दक्षता के प्रति प्रतिबद्धता की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह व्यापक कार्यान्वयन न केवल प्रकाश संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों के साथ अकुशल प्रकाश प्रणालियों को बदलने की दिशा में एक समर्पित प्रयास को भी दर्शाता है।
- इसके अलावा, इन प्रयासों ने पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन में 1.17 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर की कमी आई।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. आयुष मंत्रालय के अधीन सीसीआरएएस के मानव संसाधन विकास केंद्र- ‘आयुष दीक्षा’ का शिलान्यास समारोह
- आयुष मंत्रालय के अधीन नई दिल्ली स्थित केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् के ‘आयुष दीक्षा – भारत सरकार का एक मानव संसाधन विकास केंद्र’ के निर्माण के लिए ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के भरतपुर स्थित केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) में शिलान्यास समारोह का आयोजन है।
- यह संस्थान सामान्य रूप से आयुष और विशेष रूप से आयुर्वेद के सभी हितधारकों को राष्ट्रीय स्तर पर एक शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करेगा।
- इसके अलावा यह क्षमता विकास, आयुर्वेद में मानव संसाधनों को मजबूत करने, अनुसंधान व विकास को सुविधाजनक बनाने, उच्च गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के साथ राजस्व सृजित करने के लिए अन्य राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहभागिता में भी सहायता करेगा।
- भुवनेश्वर स्थित सीएआरआई (केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान) भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है। यह अभूतपूर्व पहल आयुर्वेद में वैज्ञानिक आधार पर अनुसंधान को बढ़ावा देने और आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- केंद्र सरकार पूरे कैलेंडर वर्ष में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करेगी और यह आयुष क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधनों को सुदृढ़ करने की दिशा में मौजूदा सरकार की पहल का हिस्सा है।
2. पर्यटन मंत्रालय द्वारा वार्षिक विशाल कार्यक्रम “भारत पर्व” का आयोजन
- भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में दिल्ली के लाल किले के सामने लॉन और ज्ञान पथ पर नौ दिवसीय वार्षिक मेगा कार्यक्रम “भारत पर्व” आयोजित करने जा रहा है।
- 2016 से आयोजित होने वाला यह उत्सव इस वर्ष 23 से 31 जनवरी तक मनाया जा रहा है।
- इस विशाल कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण हैं: गणतंत्र दिवस परेड की झांकी, क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा गतिशील सांस्कृतिक प्रदर्शन और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सांस्कृतिक मंडलों द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियां, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले खान-पान के स्टाल, हस्तशिल्प और हथकरघा प्रदर्शन और सशस्त्र बल बैंड द्वारा उत्साही प्रदर्शन।
- देखो अपना देश को प्रोत्सहन प्रदान करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी के माध्यम से एक अनुभवात्मक क्षेत्र भी स्थापित किया गया है।
- इसके अतिरिक्त, इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की विविध पाक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों की पेशकश करने वाले स्टालों के साथ एक फूड कोर्ट भी स्थापित किया जाएगा।
- सांस्कृतिक अनुभव को बढ़ाने के लिए, एक अखिल भारतीय शिल्प बाज़ार स्थापित किया जाएगा, जिसमें हस्तशिल्प और हथकरघा स्टॉल होंगे, जो समग्र प्रदर्शन की समृद्धि और जीवंतता को बढ़ाएंगे।
- देश के विविध पर्यटक आकर्षणों को प्रदर्शित करने के लिए 30 से अधिक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के विषयगत मंडप भी स्थापित किए गए हैं।
- दिल्ली स्थित विभिन्न क्षेत्रीय सांस्कृतिक संघों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन भी आयोजित किए जाएंगे।
- भारत पर्व देश भर के स्थानीय कारीगरों द्वारा अपने उत्पादों को प्रदर्शित और बेचकर इसमें भाग लेकर वोकल फॉर लोकल यानी स्थानीय उत्पाद को भी बढ़ावा दे रहा है।
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