विषयसूची:
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1. भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी):
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा:
विषय:बुनियादी ढांचा- सड़क।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) से संबंधित जानकारी।
मुख्य परीक्षा: भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) मोटर वाहनों की दुर्घटना संबंधी सुरक्षा का एक तुलनात्मक मूल्यांकन करने में किस प्रकार सहायक है।
प्रसंग:
- केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी 22 अगस्त, 2023 को बहु-प्रतीक्षित भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) को लॉन्च करेंगे।
उद्देश्य:
- इस प्रोग्राम का उद्देश्य कार ग्राहकों को बाजार में उपलब्ध मोटर वाहनों की दुर्घटना संबंधी सुरक्षा का एक तुलनात्मक मूल्यांकन करने के लिए एक उपकरण प्रदान करना है।
- यह प्रोग्राम भारत में 3.5 टन तक के मोटर वाहनों के सुरक्षा मानकों को बढ़ाकर सड़क सुरक्षा में सुधार करने की सरकार की प्रतिबद्धता में उल्लेखनीय कदम है।
विवरण:
- इस प्रोग्राम के अंतर्गत, कार निर्माता स्वेच्छा से मोटर-वाहन उद्योग मानक (AIS) 197 के अनुसार परीक्षण की गई अपनी कारों की पेशकश कर सकते हैं।
- इन परीक्षणों में कार की प्रदर्शन क्षमता के आधार पर, कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट और चाइल्ड ऑक्यूपेंट की स्टार रेटिंग प्रदान की जाएगी।
- संभावित कार ग्राहक विभिन्न वाहनों के सुरक्षा मानकों की तुलना करने के लिए इन स्टार रेटिंग का उल्लेख कर सकते हैं और उसके अनुरूप अपना खरीद का निर्णय ले सकते हैं।
- यह उम्मीद है कि इससे सुरक्षित कारों की मांग बढ़ेगी, जिससे कार निर्माता ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
- उच्च सुरक्षा मानकों के साथ, भारतीय कारें वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगी, जिससे भारत में कार निर्माताओं की निर्यात की क्षमता बढ़ेंगी।
- इस प्रोग्राम से भारत में सुरक्षा के प्रति संवेदनशील कार बाजार के विकसित होने की उम्मीद है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. सतत विकास लक्ष्य (SDG):
- भारत सरकार का पंचायती राज मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर सरकार के पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर, ‘थीम 8 पर विषयगत दृष्टिकोण; सुशासन वाली पंचायत’ को अपनाने के माध्यम से ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में 21-23 अगस्त 2023 के दौरान आयोजन कर रहा है।
- पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विकसित ‘मेरी पंचायत मोबाइल ऐप’ और एनसीबीएफ के संचालन दिशानिर्देश, सेवा-स्तरीय बेंचमार्क, स्व-मूल्यांकन और मॉडल अनुबंध भी राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के दौरान जारी किए जाएंगे।
- इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के संदर्भ में सर्वोत्तम रणनीतियों, दृष्टिकोणों, समावेशी कार्यों और नवाचारी मॉडलों और श्रेष्ठ प्रक्रियां, ढांचे की निगरानी, प्रोत्साहन का प्रदर्शन तथा ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) में SDG के विषयों को प्रतिबिंबित करना है।
पृष्ठभूमि:
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्य 1 जनवरी, 2016 से लागू हुए।
- भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने सतत् विकास लक्ष्यों के लिए विषयगत दृष्टिकोण अपनाया है।
- यह ‘वैश्विक योजना’ प्राप्त करने के लिए ‘स्थानीय कार्रवाई’ सुनिश्चित करने वाला दृष्टिकोण है।
- इस दृष्टिकोण का उद्देश्य PRI विशेषकर 17 ‘लक्ष्यों’ को ‘9 विषयों’ में जोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में सतत् विकास लक्ष्यों को स्थानीय बनाना है।
- उचित नीतिगत निर्णयों और संशोधनों के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) और ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) के दिशानिर्देशों में सुधार हुआ है, जो ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों (LSDG) के स्थानीयकरण की प्रक्रिया को सुचारू बनाते हैं।
- पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण करने के एजेंडे का अनुपालन करने में भारत सरकार का पंचायत राज मंत्रालय, विषयगत कार्यशालाओं/सम्मेलनों की श्रृंखलाओं का आयोजन कर रहा है, जो राज्य/केन्द्रशासित प्रदेशों के सहयोग से पंचायती राज विभाग, राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज के राज्य संस्थान, मंत्री और विभाग तथा अन्य हितधारक, निकट सहयोग से विभिन्न स्थलों पर पंचायती राज संस्थानों द्वारा आत्मसात 9 विषयों पर आधारित सतत् विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण करने के बारे में आयोजित किए जा रहे हैं।
- स्थानीय सतत् विकास लक्ष्यों का प्रभावी और प्रभावशाली कार्यान्वयन तभी हो सकता है जब अवधारणा और इसकी प्रक्रिया को त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थानों (PRI) द्वारा ठीक से समझा, अपनाया और कार्यान्वित किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि कोई भी पीछे न छूट जाए।
- LSDG थीम 8 का विजन देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सुशासन एक आवश्यक घटक है। यह लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए समाज में चुनिंदा समूहों के विपरीत सरकार और शासी निकायों की इस जिम्मेदारी पर केंद्रित है कि किस तरह से सत्ता वाले लोग शक्ति का उपयोग करते हैं।
- सुशासन का सेवा वितरण और प्रगति से सीधा संबंध है। सुशासन के लिए टीमवर्क प्रौद्योगिकी, समयसीमा, पारदर्शिता और परिवर्तन के 5टी स्तंभ फ्रेमवर्क आवश्यक हैं।
- यह सभी नागरिक सेवाओं को समय पर उचित और पारदर्शी विधि से लोगों की सेवा करने की ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी पर केंद्रित है।
- सुशासन वाले गांव में आवश्यक रूप से बहुत जीवंत, मजबूत और सक्रिय ग्राम सभा होनी चाहिए, जिसमें बड़ी लोकप्रिय भागीदारी, अच्छी चर्चा और समावेशी निर्णय लेने की यह परिकल्पना की गई है कि ग्राम पंचायत एक सूचना सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करती है, जिसमें सभी सूचनाओं का सक्रिय रूप से जानकारी देना और शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना शामिल है।
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