विषयसूची:
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1. पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और UNDP के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: UNDP।
मुख्य परीक्षा: पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास हेतु सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- 22 अगस्त, 2023 को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDoNER) और UNDP ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
उद्देश्य:
- इस समझौते के तहत UNDP MDoNER को SDG पर तेजी से प्रगति के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा जिसमें निगरानी, मूल्यांकन और दक्षता उन्नयन; आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों का समर्थन; प्रशासन, एवं स्वस्थ प्रथाओं को बढ़ाने में उभरती प्रौद्योगिकियों की तैनाती शामिल है।
विवरण:
- पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री ने कहा की प्रधानमंत्री का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामाजिक और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी के विकास पर है और UNDP इस लक्ष्य को हासिल करने में मंत्रालय की मदद करेगा।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने क्षेत्र में लोगों के जीवन को बदलने के लिए बुनियादी ढांचा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उल्लेखनीय कदम उठाए हैं।
- इस यात्रा में, UNDP विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला SDG सूचकांक के माध्यम से डेटा-आधारित निर्णय को बढ़ावा देने में हमारा मुख्य साझेदार रहा है।
- NER जिला SDG इंडेक्स ने प्रमुख ‘पीएम-डिवाइन’ योजना बनाने में मदद की है, जो विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को इस क्षेत्र में आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा और सामाजिक विकास का वित्त पोषण करता है।
- UNDP पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर SDG स्थानीयकरण पर तकनीकी सहायता प्रदान करके लक्ष्य को पाने की दिशा में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय प्रयासों का सहयोग एवं कार्यक्रमों के कार्यान्वयन तथा निगरानी के लिए बेहतर क्षमता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
2. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई- गवर्नेस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं सीमाएं और संभावनाएं।
प्रारंभिक परीक्षा: इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, डिजिटल इंडिया पहल।
प्रसंग:
- बैंकिंग सेवाओं के क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी बदलाव करते हुए, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने अपने लाभ का सिलसिला जारी रखा है जो स्थायी वित्तीय समावेशन और नागरिक सशक्तिकरण के प्रति अपने दृढ़ समर्पण को दोहराता है।
उद्देश्य:
- IPPB ने डिजिटल इंडिया पहल को आगे बढ़ाने और देश में कोई भी पीछे न छूटे और यहां तक कि दूरदराज के इलाकों तक पहुंच बढ़े के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्धता साबित की है।
विवरण:
- IPPB को वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 20.16 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ, जो बैंक के लिए जबरदस्त प्रगति का वर्ष है, उत्पन्न करने की असाधारण उपलब्धि हासिल की है।
- कुल राजस्व में 66.12 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 17.36 प्रतिशत की कुल परिचालन लागत में वृद्धि को पार कर गई और इस उपलब्धि के यही मुख्य कारक रहे हैं।
- इन्हीं वजहों से IPPB ग्राहक-केंद्रित और लागत प्रभावी बैंकिंग मॉडल की शक्ति को प्रदर्शित कर पाया है।
- 1,55,000 डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 1,35,000) और सहायता प्राप्त 3,00,000 डाक कर्मचारियों वाले विश्व के सबसे बड़े डाक नेटवर्क का लाभ उठाकर आज IPPB भारत में बैंकिंग सुविधा से वंचित और कम बैंकिंग सुविधा वाले आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बैंक बन गया है।
- देश के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा आम आदमी को उनके दरवाजे पर जन-केंद्रित वित्तीय सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
- इस प्रकार, राष्ट्रीय स्तर पर एक फिजिटल (फिजिकल+डिजिटल) बैंकिंग सेवा मंच बनाया गया है, जिसमें पारंपरिक बैंकिंग सुविधाओं को उनकी पारंपरिक बाधाओं के पार एक अलग तरीके से संचालित करने की परिकल्पना की गई है।
- एक उद्देश्य के साथ लाभ की यह यात्रा एक सामूहिक प्रयास रही है।
- IPPB डाकियों/ग्रामीण डाक सेवकों की अथक सेवाओं का ऋणी है जिन्होंने यात्रा में बहुत योगदान दिया है।
- IPPB, ऋण रेफरल सेवाओं, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमयोगियों के लिए अंत्योदय श्रमिक सुरक्षा योजना जैसे कम लागत वाले स्वास्थ्य और आकस्मिक उत्पादों, पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र और नागरिकों को सरकार तक पहुंच सक्षम करने वाले मोबाइल अपडेट, बाल आधार नामांकन, आधार आधारित बैंकिंग लेनदेन (AEPS) और पीएम किसान जैसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम तथा नागरिक सेवाओं की पहल सहित नई शुरू की गई सेवाओं के साथ वित्तीय समृद्धि के बीज बोता रहेगा।
- ‘निवेशक दीदी’ जैसी इसकी पहल देश भर में महिला लाभार्थियों तक पहुंचने में सक्षम रही है और उन्हें भविष्य के सशक्त भारत की मजबूत नींव रखने के लिए आवश्यक वित्तीय साक्षरता प्रदान करने में मदद मिली है।
- आने वाले समय में IPPB का लक्ष्य डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करके आखिरी छोर तक पहुंच के अंतर को पाटते हुए खुद को एक सार्वभौमिक सेवा मंच में बदलना है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक:
- भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100 प्रतिशत इक्विटी के साथ संचार।
- IPPB को पहली सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था।
- बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक बनाने के विचार से की गई है।
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मूल उद्देश्य उन लोगों के लिए बाधाओं को दूर करना है जिनके पास बैंकिंग सुविधा नहीं है या बैकिंग सुविधा जरूरत से कम है।
- डाक नेटवर्क का लाभ उठाकर आखिर छोर तक ऐसे लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है।
- IPPB की पहुंच और इसका ऑपरेटिंग मॉडल इंडिया स्टैक के प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है – सीबी-एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से ग्राहकों के दरवाजे पर सरल और सुरक्षित तरीके से पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति-रहित बैंकिंग को सक्षम करना इसमें शामिल है।
- किफायती इनोवेशन की सहायता से जनता के लिए बैंकिंग को आसान बनाने पर अधिक ध्यान देते हुए IPPB 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज इंटरफेस के माध्यम से सरल और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।
- यह कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- भारत तब समृद्ध होगा जब प्रत्येक नागरिक को आर्थिक रूप से सुरक्षित और सशक्त बनने का समान अवसर मिलेगा।
- हमारा आदर्श वाक्य- ‘प्रत्येक ग्राहक महत्वपूर्ण है, प्रत्येक लेनदेन महत्वपूर्ण है और प्रत्येक जमा राशि मूल्यवान है’, इस दिशा में सही साबित होता है।
पृष्ठ्भूमि:
- अपनी स्थापना के बाद से, IPPB देश भर में लाखों परिवारों तक डोरस्टेप बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने के सपने से प्रेरित रहा है।
- यह यात्रा वर्ष 2017 में रांची, झारखंड और रायपुर, छत्तीसगढ़ में शुरू की गई पायलट शाखाओं के साथ शुरू हुई और इसे आखिरी छोर तक एक प्रमुख बैंकिंग सेवा प्रदाता बनाने के लिए उल्लेखनीय रूप से कम समय में अभूतपूर्व सफलता मिली है।
3. NCAP (न्यू कार असेसमेंट कार्यक्रम) की शुरुआत:
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा:
विषय:बुनियादी ढांचा- सड़क।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) से संबंधित जानकारी।
मुख्य परीक्षा: भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) मोटर वाहनों की दुर्घटना संबंधी सुरक्षा का एक तुलनात्मक मूल्यांकन करने में किस प्रकार सहायक है।
प्रसंग:
- केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने नई दिल्ली में भारत न्यू कार असेसमेंट कार्यक्रम (भारत एनसीएपी) की शुरुआत की।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य भारत में 3.5 टन वाले वाहनों के लिये सुरक्षा मानकों को बढ़ाकर सड़क सुरक्षा में इजाफा करना है।
- सुरक्षित वाहन खरीदने के बेहतर विकल्प वाला यह कार्यक्रम उपभोक्ताओं को सुविधा देने वाली एक पहल है।
विवरण:
- भारत-NCAP से भारत में वाहनों की सुरक्षा और उनकी गुणवत्ता में बहुत बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही सुरक्षित वाहनों के निर्माण के लिए ओईएम के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
- भारत एनसीएपी और AIS-197 के तहत नई सुरक्षा-व्यवस्था निर्माताओं और उपभोक्ताओं, दोनों के लिए लाभदायक है।
- यह हमारे नागरिकों के जीवन की रक्षा करने तथा हमारे मोटर-वाहन उद्योग को दुनिया में पहले नंबर पर लाने के लिए सहायक होगा।
- यह कार्यक्रम 3.5T GVW के नीचे वाली M-1 श्रेणी के स्वीकृत वाहनों पर लागू होगा।
- यह ऐच्छिक कार्यक्रम है, जिसमें निर्धारित मॉडल वाले वाहनों की विभिन्न किस्मों की जांच की जायेगी।
- यह कार्यक्रम एक अक्टूबर, 2023 से शुरू होगा और मोटर-वाहन उद्योग मानक (AIS) 197 पर आधारित होगा।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिस्पर्धी सुरक्षा वृद्धि की इको-प्रणाली को विकसित करना है, जिससे उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा होगी।
- उपभोक्ता ‘क्रैश-टेस्ट’ द्वारा वाहन का तुलनात्मक मूल्यांकन करके उसके बारे में फैसला कर सकते हैं।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिस्पर्धी सुरक्षा वृद्धि की इको-प्रणाली को विकसित करना है, जिससे उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा होगी।
- NCAP सभी OEM को यह अवसर देगा कि वे वैश्विक सुरक्षा मानकों का पालन करते हुये वाहनों का निर्माण करें।
- यह कार्यक्रम केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (CIRT) के तत्वावधान में चलाया जायेगा। यह कार्यक्रम समस्त हितधारकों से सलाह-मशिवरा करने के बाद तैयार किया गया है।
4. ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग और पंचायती राज मंत्रालय की वार्षिक क्षमता निर्माण योजना का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: वार्षिक क्षमता निर्माण योजना।
मुख्य परीक्षा: वार्षिक क्षमता निर्माण योजना शासन के मुख्य कार्यों को करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली में ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग और पंचायती राज मंत्रालय की वार्षिक क्षमता निर्माण योजना का शुभारंभ किया।
उद्देश्य:
- यह योजना सेवाओं के वितरण, कार्यक्रम के कार्यान्वयन और शासन के मुख्य कार्यों को करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- साथ ही बेहतर प्रदर्शन के लिए जरूरी दक्षता हासिल करने के लिए अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे मंत्रालय/विभाग जन आधारित उद्देश्यों को प्राप्त कर बेहतर प्रदर्शन कर सके।
विवरण:
- विजन न्यू इंडिया @2047 को पूरा करने के मकसद से क्षमता निर्माण आयोग ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, नागरिकों को लोक प्रशासन के केंद्र में रखकर, उभरती तकनीक और 3 स्तंभों- व्यक्तिगत, संगठनात्मक और संस्थागत, के माध्यम से वार्षिक क्षमता निर्माण योजना तैयार करने का तरीका अपनाया है, जिनका इस्तेमाल लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में सकारात्मक योगदान के तौर पर एक मार्गदर्शक के रूप में किया जाता है।
- सभी विभागों की दक्षता और कार्य नीतियों को सुधारने में ACBP का गहरा प्रभाव पड़ेगा, जिससे नए भारत के दृष्टिकोण को हासिल करने में तेजी आएगी।
- वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (ACBP) एक योजना दस्तावेज है, जिसे मंत्रालय/विभाग/संगठन (MDO) के अधिकारियों की क्षमता में वृद्धि की आवश्यकताओं के आधार पर तैयार किया गया है।
- इसे क्षमता की आवश्यकता का विश्लेषण (CNA), अधिकारियों की जरूरत के हिसाब से क्षमताओं की प्राथमिकता और मंत्रालय के लिए क्षमता के महत्व के जरिए निर्धारित किया जाता है।
- इसका मकसद यह है कि MDO ने क्षमता निर्माण पर जो संसाधनों का निवेश किया है उसका बेहतर परिणाम मिल सके।
- ACBP को लागू करने और उसे कायम रखने के लिए सभी तीनों विभागों में एक क्षमता निर्माण इकाई (CBU) बनाई गई है।
- ACBP के कार्यान्वयन के लिए विभाग के वेतन मद का 2.5 प्रतिशत खर्च निर्धारित किया जाएगा।
- दूसरी तिमाही, तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही के लिए अधिकारियों की प्रशिक्षण जरूरतों को CBU प्राथमिकता देगा।
- प्रशिक्षण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से होगा।
- सीबीसी ने अधिकारियों को विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए संस्थानों और ज्ञान साझेदारों की पहचान कर ली है।
- मंत्रालय ACBP के असर का पता लगाने के लिए विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों को दिए गए प्रशिक्षण के प्रभाव का भी आकलन करेगा।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारतीय तटरक्षक बल ने समुद्री सहयोग बढ़ाने पर फिलीपींस तटरक्षक बल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
- भारत और फिलीपींस के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, भारतीय तटरक्षक बल ने समुद्री सहयोग बढ़ाने पर फिलीपीन तटरक्षक (PCG) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर 22 अगस्त 2023 को तटरक्षक मुख्यालय, नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए हैं।
- दोनों पक्षों ने समुद्री क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों पर पहली द्विपक्षीय बैठक भी की।
- हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन का उद्देश्य समुद्री कानून प्रवर्तन (MLE), समुद्री खोज और बचाव (M-SAR) और समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया (MPR) के क्षेत्र में दोनों तटरक्षक संगठनों के बीच पेशेवर भागीदारी को बढ़ाना है।
- इस समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन से क्षेत्र में सुरक्षित, संरक्षित और स्वच्छ समुद्र सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समुद्री सहयोग बढ़ेगा।
- दोनों समुद्री एजेंसियों के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करके और संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण सहयोग बढ़ा कर पेशेवर संबंधों को मजबूत करने में समर्पण का प्रतीक है।
- चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए व्यापक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आकर्षित कर रहा है:
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मॉरीशस के सूचना एवं प्रौद्योगिकी, संचार और नवाचार मंत्री (MITCI) मंत्री श्री दर्शनानंद दीपक बालगोबिन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय मॉरीशस प्रतिनिधिमंडल से भेंट के बाद कहा कि चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए व्यापक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आकर्षित कर रहा है।
- केंद्रीय मंत्री ने संयुक्त रूप से भारत-मॉरीशस उपग्रह निर्माण के प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में उनसे मुलाकात की।
- भारत और मॉरीशस तीसरे पक्ष अर्थात् अन्य देशों के मिशनों को सहायता प्रदान करने के लिए मॉरीशस में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो के ग्राउंड स्टेशन का उपयोग करने पर भी सहमत हुए हैं।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अमरीका की यात्रा के दौरान आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।
- इस तरह से भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में कार्य करने वाले दुनिया के अन्य देशों के साथ एक समान भागीदार के रूप में सहयोग करने की अपनी इच्छा प्रकट की है।
- श्री बालगोबिन ने इससे पहले 17 अगस्त, 2023 को बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो का दौरा किया था।
- इसरो ने प्रस्तावित भारत-मॉरीशस संयुक्त उपग्रह के तकनीकी विवरण व अनुप्रयोग क्षमताएं उनके समक्ष प्रस्तुत कीं।
- दोनों देशों के मंत्री यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी सहित तीसरे पक्ष के मिशनों को भविष्य में शामिल करने के लिए मॉरीशस में स्थापित किये गए इसरो के भू केंद्र के दायरे का विस्तार करने पर सहमत हुए हैं।
- इसके अलावा भी ऐसे ही सहयोग बढ़ाने और कार्य योजनाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए मौजूदा समझौता ज्ञापन में संशोधन पर हस्ताक्षर किये जाने की योजना है।
- मॉरीशस ने 3 दशकों से अधिक समय से उपग्रह और प्रक्षेपण यानों की निगरानी करने के उद्देश्य से इसरो के भू केंद्र की देखभाल की है।
- वर्तमान में यह ग्राउंड स्टेशन मॉरीशस में संचालित दो एंटीना (11 मीटर व्यास के) के साथ लगातार अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत ने वर्ष 1999 में रिमोट सेंसिंग सेंटर की स्थापना करके तथा मॉरीशस क्षेत्र से संबंधित उपग्रह डेटा प्रदान करके मॉरीशस की सहायता की है।
- मॉरीशस के अधिकारियों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों पर भारतीय संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों से लाभ मिला है।
- डॉ. जितेंद्र सिंह और श्री बालगोबिन ने निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से अंतरिक्ष सहयोग जैसे क्षेत्रों पर भी चर्चा की:
- पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का डाटा साझा करना;
- मॉरीशस से संबंधित उपग्रह डाटा, भू-स्थानिक परतों और मूल्य वर्धित सेवाओं के साथ ‘भारत-मॉरीशस अंतरिक्ष पोर्टल’ का विकास करना;
- अंतरिक्ष क्षेत्र में औद्योगिक स्तर पर सहयोग के लिए चर्चा प्रारंभ करना।
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