विषयसूची:
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22 March 2024 Hindi PIB
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1. प्रधानमंत्री की भूटान के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक और विभिन्न समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध
मुख्य परीक्षा: वर्त्तमान परिस्थितियों, विशेषकर चीन की नीति को देखते हुए भारत एवं भूटान के आपसी संबंध का महत्त्व
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मुलाकात हुई । यह मुलाक़ात थिम्पू में सम्मान में आयोजित दोपहर के भोजन पर हुई।
विवरण:
- दोनों नेताओं ने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, युवाओं के आदान-प्रदान, पर्यावरण एवं वानिकी तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति जताई।
- भारत और भूटान के बीच दीर्घकालिक और असाधारण संबंध हैं, जिनमें सभी स्तरों पर अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ शामिल है।
- बैठक से पहले, प्रधानमंत्री मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल कनेक्टिविटी, अंतरिक्ष, कृषि, युवा संपर्क आदि से संबंधित विभिन्न समझौता ज्ञापनों/समझौतों के आदान-प्रदान के साक्षी बने।
- टेंड्रेलथांग, थिम्पू में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भूटान के राजा द्वारा भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी पहले विदेशी नेता हैं जिन्हें ये प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया है।
- भूटान के राजा ने दिसंबर 2021 में ताशीछोडजोंग, थिम्पू में आयोजित भूटान के 114वें राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान ये पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की थी।
- ये पुरस्कार भारत-भूटान की मित्रता को सुदृढ़ करने में प्रधानमंत्री मोदी के योगदान और उनके जन केंद्रित नेतृत्व को मान्यता देता है।
- इसके प्रशस्ति पत्र में उल्लेख है कि ये पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उभार का सम्मान करता है और भारत के साथ भूटान के विशेष बंधन को स्वीकृति प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने भारत को परिवर्तन के पथ पर अग्रसर किया है तथा भारत का नैतिक आधिपत्य और वैश्विक कद बढ़ा है।
- पूर्व में स्थापित रैंकिंग और परंपरा के अनुसार, ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो को लाइफटाइम अचीवमेंट के एक अलंकरण के तौर पर स्थापित किया गया था और ये भूटान का सर्वोच्च सम्मान है जो सब सम्मानों, अलंकरणों और पदकों में सर्वोपरि है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. भारत की तितलियों और पतंगों (लेपिडोप्टेरा) पर एक एक सचित्र मार्गदर्शिका
- जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने एक पुस्तक प्रकाशित की, जिसका शीर्षक है, ‘एन इलस्ट्रेटेड गाइड टू द लेपिडोप्टेरा ऑफ इंडिया: टैक्सोनोमिक प्रोसेजर्स, फैमिली कैरेक्टर, डायवर्सिटी एंड डिस्ट्रीब्यूशन’।
- इस किताब को डॉ. धृति बनर्जी, निदेशक, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जैडएसआई) के साथ डॉ. नवनीत सिंह, डॉ. राहुल जोशी और डॉ. पी. सी. पठानिया, जैडएसआई के वैज्ञानिक और हांगकांग के लेपिडोप्टेरा विशेषज्ञ, डॉ. आर.सी. केन्ड्रिक द्वारा संयुक्त रूप से लिखा गया है।
- यह किताब 2019 में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जैडएसआई) द्वारा आयोजित 6वें एशियाई लेपिडोप्टेरा संरक्षण संगोष्ठी के दौरान विचार-विमर्श से निकली कई चीजों में से एक है, जहां एक ऐसी पुस्तक के लिए व्यापक रूप से चर्चा की गई थी, जो लेपिडोप्टेरोलॉजी के क्षेत्र में शौकिया और पेशेवरों दोनों का मार्गदर्शन कर सके।
- यह परियोजना कोविड-19 महामारी के लॉकडाउन के दौरान शुरू की गई। इसके बाद, लेखकों ने लगातार चार वर्ष तक इस क्षेत्र से संबंधित जानकारी को अद्यतन किया और अंत में इसका परिणाम इस पुस्तक के रूप में सामने आया।
- इस किताब का उद्देश्य भारत में पाई जाने वाली तितलियों और पतंगों के सभी परिवारों और सुपरफैमिलीज़ के लिए मुख्य नैदानिक लक्षणों को संक्षेप में बताना है।
- बेसल विभाजन की प्रमुख विशेषताओं और तितलियों और पतंगों के विभिन्न समूहों की सुपरफैमिली कंपोजिशंस को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।
- यह पुस्तक क्षेत्र में वाउचर सामग्री को इकट्ठा करने और क्यूरेट करने के तरीकों, प्रयोगशाला में अपनाई जाने वाली टैक्सोनोमिक प्रक्रियाओं, सुपरफैमिली और पारिवारिक स्तर की पहचान और विश्व स्तर पर लेपिडोप्टेरान विविधता और वितरण के पैटर्न के बारे में ज्ञान की रूपरेखा तैयार करती है।
- भारत के लिए, यह इलेस्ट्रेटेड गाइड अपनी तरह की पहली किताब है। वैश्विक लेपिडोप्टेरा की विविधता को 166,320 प्रजातियों, 143 परिवारों और 43 सुपरफैमिली में अद्यतन किया गया है, जिनमें से 13,124 प्रजातियां, 101 परिवार और 31 सुपरफैमिली भारत में पाई जाती हैं।
2. अर्थव्यवस्था में हाइड्रोजन और ईंधन सेल के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की 41वीं संचालन समिति की बैठक में उद्योग आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया
- इस माह 18 से 22 मार्च, 2024 के दौरान नई दिल्ली में भारत द्वारा आयोजित “अर्थव्यवस्था में हाइड्रोजन और ईंधन सेल के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी (आईपीएचई)” की 41वीं संचालन समिति की बैठक के उद्योग आउटरीच कार्यक्रम के एक भाग के रूप में चौथे दिन को हितधारकों के परामर्श दिवस के रूप में आयोजित किया गया।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छ और हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख हितधारकों के बीच सहयोग व संवाद को बढ़ावा देना था।
- उद्योग आउटरीच कार्यक्रम में चर्चा की गई कि स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण की दिशा में जाने के लिए हरित (ग्रीन हाइड्रोजन) विश्व स्तर पर एक समाधान के रूप में उभर रही है क्योंकि यह कठिन क्षेत्रों, दीर्घकालिक ऊर्जा भंडारण और गतिशीलता में अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से योगदान करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
- भारत के प्रचुर नवीकरणीय संसाधनों और एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र को देखते हुए ग्रीन हाइड्रोजन में अगले 20 वर्षों में अर्थव्यवस्था पर पर्याप्त सकारात्मक प्रभाव के साथ देश की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला की संरचना में भारी बदलाव लाने की क्षमता है।
- जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में बताया गया और इस चुनौती से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता का उल्लेख किया गया कि ग्रीन हाइड्रोजन के अनुप्रयोगों सहित अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइजेशन करने से इन चुनौतियों पर काबू पाने में सहायता मिलेगी।
- हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गई और कहा गया कि आईपीएचई के भाग लेने वाले सदस्य देश भारत के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, इसके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रयासों तथा लागू की जा रही नीतियों और नियामक ढांचे से प्रभावित हैं।
- चर्चा में हरित हाइड्रोजन और इसके यौगिकों के निर्यात को सुविधाजनक बनाने वाली व्यापार नीतियां बनाने के लिए भागीदार देशों के बीच सहयोग के महत्व पर बल दिया गया।
- यह सत्र कच्चे माल के लिए आपूर्ति-श्रृंखला में लचीलापन लाने करने और संयुक्त प्रयासों के माध्यम से सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को लागू करने पर केंद्रित था।
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