विषयसूची:
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1. भारत से जापान के लिये हरित अमोनिया आपूर्ति के एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: हरित अमोनिया, हरित हाइड्रोजन,एसीएमई,आईएचआई।
मुख्य परीक्षा: भारत से जापान के लिये हरित अमोनिया आपूर्ति के समझौते का दोनों देशो के लिए महत्व।
प्रसंग:
- भारत की अग्रणी नवीकरणीय उर्जा कंपनी एसीएमई समूह और जापान के एकीकृत भारी उद्योग समूह आईएचआई कार्पोरेशन ने ओडीशा, भारत से जापान के लिये हरित अमोनिया आपूर्ति के लिये एक आफटेक टर्म शीट पर हस्ताक्षर किये हैं।
उद्देश्य:
- जापान की कंपनी आईएचआई और भारतीय कंपनी एसीएमई के बीच इस टर्म शीट के तहत ओडीशा की गोपालपुर परियोजना के फेज-1 से दीर्घकालिक आधार पर 0.4 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) हरित अमोनिया की आपूर्ति की जायेगी।
- दोनों कंपनियां उत्पादन से लेकर लाजिस्टिक, जापानी उपभोक्ताओं को आपूर्ति और कुल मिलाकर उत्सर्जन में कमी लाने के लिये विद्युत उत्पादन के विभिन्न अनुप्रयोगों तथा जापान में विभिन्न औद्योगिक उपयोगों में हरित अमोनिया के लिये बाजार सृजन के वास्ते भागीदारी करना चाहती हैं।
विवरण:
- हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के क्षेत्र में यह दुनिया का सबसे पहला और सबसे बड़ा समझौता है।
- जापान भारत का एक करीबी दोस्त और भागीदार रहा है। हरित गतिविधियों को बढ़ाने वाला नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र का यह गठबंधन हमारी भागीदारी को और मजबूत बनायेगा।
- हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया बनाने की भारत की लागत दुनिया में पहले ही सबसे प्रतिस्पर्धी है।
- हम दुनिया में हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया विनिर्माण करने वाले सबसे बड़े विनिर्माताओं में एक बनकर उभर रहे हैं।
- जापान के साथ हमारी भागीदारी रणनीतिक है, यह और मजबूत होगी। जापान और अन्य विकसित देशों में हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया की बड़ी आवश्यकता है, जिसकी भारत बहुत ही प्रतिस्पर्धी दरों पर आपूर्ति करने में सक्षम है।
- यह समझौता एक एतिहासिक अवसर है, जो कि एक नई दुनिया की ओर ले जायेगा।
- यह एक नई दुनिया होगी जहां हम जीवाश्म ईंधन और कार्बन के स्थान पर हरित और नवीकरणीय ईंधन जैसे कि हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया का इस्तेमाल करेंगे।
- भारत में वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी हरित हाइड्रोजन की संभावना को देखते हुये एसीएमई और आईएचआई के बीच की यह भागीदारी उल्लेखनीय रूप से सफल होगी।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा द्वारा स्थापित भारत- जापान स्वच्छ उर्जा भागीदारी दोनों देशों के बीच सहयोग को आगे बढ़ा रही है।
- राजदूत ने केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय मंत्री से जापान सरकार के आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्रालयों और भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय को शामिल करते हुये हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया संयुक्त आशय घोषणापत्र (जेडीआई) पर जल्द हस्ताक्षर कराने का भी आग्रह किया।
- भारत निर्यात के साथ साथ घरेलू खपत के लिये ऐसे अनुप्रयोगों जिन्हें अन्यथा कार्बन मुक्त करना मुश्किल है, में नवीकरणीय संसाधनों को विकसित करने और प्रतिस्पर्धी हरित अणुओं का उत्पादन करने की अच्छी स्थिति में है।
- गोपालपुर में हरित अमोनिया परियोजना को विकसित करने में भारत सरकार और ओडीशा सरकार के समर्थन की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
- यह समझौता एसीएमई के साथ पहले के सहमति ज्ञापन (MoU) पर आधारित है और यह इस नई पीढ़ी के ईंधन के लिये बाजार विकसित करने में दोनों कंपनियों के बीच मजबूत संबंधों और गठबंधन का प्रतिनिधित्व करता है।
- ओडीशा के गोपालपुर में हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजना को एसीएमई द्वारा तैयार किया जा रहा है जिसकी कुल क्षमता 1.2 एमएमटीपीए तक होगी और इसे अलग अलग चरणों में तैयार किया जायेगा, पहला उत्पादन 2027 में होने की उम्मीद है। अपने जीवन काल के दौरान यह परियोजना वैश्विक जीएचजी उत्सर्जन में 54 मिलियन टन कार्बन डाईआक्साइड के समान कमी लाने में मदद करेगी।
पृष्ठ्भूमि:
एसीएमई के बारे में:
- एसीएमई समूह भारत में सबसे बड़े स्वतंत्र नवीकरणीय विद्युत उत्पादकों में से एक है, जिसके पोर्टफोलियो में 5 गीगावाट से अधिक की नवीकरणीय उर्जा क्षमता परिचालन में अथवा क्रियानवयन के विभिन्न स्तरों पर है।
- वर्ष 2021 में एसीएमई ने बीकानेर, राजस्थान में शायद दुनिया का पहला हरित अमोनिया संयंत्र बनाया।
- अपने अनुभव और ताकत के आधार पर एसीएमई इलेक्ट्रान से अणुओं तक की एक अग्रणी हरित उर्जा प्रदाता बनने की आकांक्षा रखता है और यह भारत, ओमान और अमेरिका में अनेक हरित हाइड्रोजन और अमोनिया परियोजनाओं को विकसित कर रहा है।
- इसके पीछे उसका उद्देश्य 2032 तक सी. 10 एमएमटीपीए हरित अमोनिया अथवा उसके समान हाईड्रोन/डेरिवेटिव का पोर्टफोलिया तैयार करना है।
- भारत को हरित ईंधन का बड़ा केन्द्र बनाने के भारत सरकार के मिशन की अनुरूप् आगे बढ़ते हुये एसीएमई भारत में कई संभावित ग्राहकों के साथ हरित हाइड्रोजन और अमोनिया आपूर्ति के लिये काम कर रहा है।
- एसीएमई की हरित हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव्ज की अंतरराष्ट्रीय बाजार में विपणन के लिये जापान, मध्य पूर्व, यूरोप और अमेरिका में कार्यालय और प्रतिनिधियों के साथ वैश्विक स्तर पर उपस्थिति है।
आईएचआई के बारे में:
- आईएचआई एक प्रमुख जापानी एकीकृत भारी उद्योग समूह है जिसकी स्थापना 1853 में हुई थी और इसने तटीय मशीनरी, पुल, संयंत्रों, एयरो- इंजन और अन्य विनिर्माण क्षेत्रों में विसतार के लिये अपनी जहाजनिर्माण तकनीक का लाभ उठाया।
- आईएचआई ने संसाधन, उर्जा और प्र्यावरण, सामाजिक अवसंरचना, औद्योगिक प्रणाली, सामान्य- प्रयोजन मशीनरी, और एयरो इंजन, अंतरिक्ष और रक्षा व्यवसाय खंड में विभिन्न समाधान प्रदान किये हैं।
- यह अमोनिया फायरिंग के लिये प्रौद्योगिकी विकसित कर रहा है और अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त करने में मदद करने के लिये कार्बन मुक्त ईंधन अमोनिया आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण कर रहा है।
2. उपराष्ट्रपति भारतीय गणतंत्र के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में ‘हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ अभियान का उद्घाटन करेंगे:
सामान्य अध्ययन: 2
संविधान:
विषय: भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार,विकास,विशेषताएँ संशोधन,महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
प्रारंभिक परीक्षा: न्याय सेतु,न्याय बंधु (प्रो बोनो लीगल सर्विसेज) कार्यक्रम।
मुख्य परीक्षा: ‘हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ अभियान के उदेश्यों पर टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 24 जनवरी, 2024 को भारतीय गणतंत्र के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में एक वर्ष तक चलने वाले अखिल भारतीय अभियान ‘हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ का उद्घाटन करेंगे।
उद्देश्य:
- अभियान का उद्देश्य भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करना और हमारे देश को बांधने वाले साझा मूल्यों का उत्सव मनाना है।
- इस राष्ट्रव्यापी पहल में संवैधानिक व्यवस्था में उल्लिखित आदर्शों को बनाए रखने के लिए गर्व और उत्तरदायित्व की भावना जगाने की परिकल्पना की गई है।
- इस पहल के माध्यम से हर नागरिक को विभिन्न माध्यमों से इस अभियान में शामिल होने का अवसर मिलेगा और यह उन्हें देश की लोकतांत्रिक यात्रा में सार्थक रूप से योगदान करने में सशक्त बनाएगा।
विवरण:
अभियान के दौरान शामिल किए जाने वाले कुछ विषयों में शामिल हैं:
- सबको न्याय-हर घर न्याय का उद्देश्य सामान्य सेवा केंद्रों के ग्राम स्तरीय उद्यमियों के माध्यम से ग्रामीणों को जोड़ना और उन्हें सबको न्याय प्रतिज्ञा पढ़ने के लिए प्रेरित करना है; ‘न्याय सहायक’ के माध्यम से आकांक्षी ब्लॉकों और जिलों में लोगों कों उनके घर पर ही विभिन्न नागरिक-केंद्रित कानूनी सेवाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा।
- राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर, न्याय सेवा मेला आयोजित किया जाएगा जो व्यक्तियों के लिए विभिन्न कानूनी और साथ ही सरकार की अन्य सेवाओं और योजनाओं पर मार्गदर्शन, जानकारी और समर्थन प्राप्त करने के लिए मंच के रूप में कार्य करेगा।
- नव भारत नव संकल्प नाम की एक अन्य गतिविधि का उद्देश्य जनता को पंच प्राण प्रतिज्ञा पढ़कर पंच प्राण के संकल्पों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
- तीसरी गतिविधि विधि जागृति अभियान का उद्देश्य प्रो बोनो क्लब योजना के तहत लॉ कॉलेजों द्वारा अंगीकृत गांवों में पंच प्राण का संदेश देने के लिए छात्रों को शामिल करना है।
- इसका उद्देश्य बहुत ही आकर्षक, मनोरंजक और यादगार तरीके से अधिकारों, उत्तरदायित्वों और अधिकारों की कानूनी जानकारी का प्रसार करना है।
- इसका उद्देश्य ग्राम विधि चेतना, वंचित वर्ग सम्मान और नारी भागीदारी पहल के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों तक पहुँचना भी है।
- कार्यक्रम के दौरान, न्याय सेतु का शुभारंभ किया जाएगा जो एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी पहल है जिसका उद्देश्य आखिरी सिरे तक कानूनी सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना और विस्तारित करना है।
- यह कानूनी जानकारी, कानूनी सलाह और कानूनी सहायता के लिए एक एकीकृत कानूनी इंटरफ़ेस प्रदान करेगा और इस प्रकार एक अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज को सक्षम बनाएगा।
- इस कार्यक्रम के दौरान न्याय तक पहुँच पर योजना उपलब्धि पुस्तिका नवोन्मेषी समाधान से युक्त’ (दिशा) ‘ का भी विमोचन किया जाएगा।
- दिशा योजना टेली लॉ प्रोग्राम के अंतर्गत देश के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित टेली-लॉ सिटीजन्स मोबाइल ऐप और 2.5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के उपयोग के माध्यम से 67 लाख से अधिक नागरिकों को मुकदमे-पूर्व सलाह से जोड़ा गया है।
- न्याय बंधु (प्रो बोनो लीगल सर्विसेज) कार्यक्रम का उद्देश्य प्रो बोनो लीगल सर्विसेज कार्यक्रम के लिए विकेंद्रीकरण और एक वितरण ढांचा तैयार करना है।
- इसने 24 बार काउंसिलों में 10,000 से अधिक प्रोबोनो अधिवक्ताओं का एक नेटवर्क बनाया है, 25 उच्च न्यायालयों में न्याय बंधु पैनल बनाए हैं और देश के 89 लॉ स्कूलों में प्रो बोनो क्लबों का गठन किया है।
- इसके अलावा, देश भर में 14 एजेंसियों के सहयोग से कार्यान्वित किए जा रहे वेबिनार और कानूनी साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से 7 लाख से अधिक लाभार्थियों को उनके कानूनी अधिकारों, कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया है।
- इसके साथ ही, यह आयोजन न्याय विभाग के साथ अपने सहयोग को औपचारिक रूप देने के लिए भाषिनी और इग्नू प्रतिनिधियों को भी एक साथ लाएगा।
- भाषिनी के साथ साझेदारी न्याय तक पहुंच में भाषा की बाधाओं को समाप्त करेगी। भाषिनी के समाधान पहले से ही न्याय सेतु- कानूनी सेवाओं की टेली सुविधा में शामिल किए गए हैं।
- इग्नू के साथ साझेदारी से पैरा लीगल को कानूनों के विभिन्न क्षेत्रों में प्रमाणपत्र प्राप्त करने, उनके शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने और कानूनी सहायता एवं समर्थन के विभिन्न क्षेत्रों में उनके कौशल और रोजगार क्षमता में वृद्धि करने का अवसर मिलेगा।
- ‘हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ अभियान का संचालन विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा किया जा रहा है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. ग्रामीण विद्युतीकरण निगम:
- संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार, उधार दरों में वृद्धि और वित्तीय लागत के प्रभावी प्रबंधन के कारण, ग्रामीण विदुयुतीकरण निगम (आरईसी) 10,003 करोड़ रुपये का अपना अब तक का उच्चतम 9 महीने का लाभ प्राप्त करने में सक्षम हुआ है।
- लाभ में वृद्धि के कारण, 31 दिसंबर 2023 तक कुल संपत्ति बढ़कर 64,787 करोड़ रुपये की हो गई है, जो साल-दर-साल 18 प्रतिशत की वृद्धि है।
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के बारे में:
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत एक ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी), और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है।
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है, जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाएं जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
- हाल ही में, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता प्रदान की है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, सूचना प्रौद्योगिकी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य, स्टील और रिफाइनरी जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्र सम्मिलित हैं।
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के लिए ऋण प्रदान करता है।
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय बिजली फंड (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100 प्रतिशत गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया।
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है।
- केंद्र सरकार की ओर से ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) को प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का दायित्व भी सौंपा गया है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) की 30 सितंबर, 2023 को कुल परिसंपत्ति 63,117 करोड़ रुपये है।
2. सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2024:
- सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को पहचान दिलाने और सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की स्थापना की हैं।
- आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 2024 की संस्थागत श्रेणी के लिए 60 पैराशूट फील्ड हॉस्पिटल, उत्तर प्रदेश को सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2024 के लिए चुना गया है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आपदा के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को पहचानने और सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के नाम से एक वार्षिक पुरस्कार स्थापित किया है।
- इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाती है।
- संस्था के मामले में 51 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र तथा किसी व्यक्ति के मामले में 5 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र पुरस्कार के रूप में दिया जाता है।
- वर्ष-2024 के पुरस्कार के लिए 1 जुलाई, 2023 से ऑनलाइन नामांकन मांगे गए थे। वर्ष 2024 की पुरस्कार योजना का प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार किया गया। पुरस्कार योजना के जवाब में, संस्थानों और व्यक्तियों से 245 वैध नामांकन प्राप्त हुए।
- आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में 2024 पुरस्कार के विजेता के उत्कृष्ट कार्य का सारांश इस प्रकार है:
- 60 पैराशूट फील्ड हॉस्पिटल, उत्तर प्रदेश की स्थापना 1942 में हुई थी।
- यह भारतीय सशस्त्र बलों का एकमात्र हवाई चिकित्सा प्रतिष्ठान है, जिसकी विभिन्न वैश्विक संकटों में अपनी असाधारण सेवा के लिए पहचान है।
- प्राथमिक मिशन में शांति और युद्ध दोनों के समय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन शामिल है।
- इसने उत्तराखंड बाढ़ (2013), ऑपरेशन ‘मैत्री’ (2015) के तहत नेपाल भूकंप और इंडोनेशियाई सुनामी के दौरान ऑपरेशन समुद्र मैत्री (2018) के अंतर्गत चिकित्सा सहायता प्रदान की थी।
- हाल ही में, फरवरी 2023 में तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के जवाब में, यूनिट ने तेजी से 99 सदस्यीय टीम को इकट्ठा किया और हटे प्रांत के स्कूल भवन में 30 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित करने के लिए संसाधन की कमी और भाषा की बाधा को पार करते हुए तुर्की में भारत की अग्रणी स्तर -2 चिकित्सा सुविधा की स्थापना की।
- यूनिट ने बचाव, आपदा के समय घायलों के इलाज की वरीयता का निर्धारण (ट्राइएज), सर्जरी, दंत उपचार, एक्स रे और प्रयोगशाला सुविधाओं सहित चिकित्सा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान की और ‘ऑपरेशन दोस्त’ के अंतर्गत 12 दिनों की अवधि के दौरान 3600 रोगियों की देखभाल की पेशकश की।
3. सीबीडीटी ने टाइम-सीरीज डेटा के माध्यम से प्रत्यक्ष कर संबंधी आंकड़े जारी किए:
- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रत्यक्ष करों के संग्रह और संचालन से संबंधित प्रमुख आंकड़े समय-समय पर सार्वजनिक रूप से जारी करता रहा है।
- सीबीडीटी ने ‘समेकित टाइम-सीरीज डेटा’ जारी किया है जिसे वित्त वर्ष 2022-23 तक अपडेट किया गया है।
इनमें से कुछ आंकड़ों की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- प्रत्यक्ष करों का शुद्ध संग्रह वित्त वर्ष 2013-14 के 6,38,596 करोड़ रुपये से 160.52% बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 16,63,686 करोड़ रुपये हो गया है।
- वित्त वर्ष 2022-23 में 19,72,248 करोड़ रुपये के सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह ने वित्त वर्ष 2013-14 के 7,21,604 करोड़ रुपये के सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह की तुलना में 173.31% से भी अधिक की वृद्धि दर्ज की है।
- प्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात वित्त वर्ष 2013-14 के5.62% से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 6.11% हो गया है।
- कर संग्रह की लागत वित्त वर्ष 2013-14 में कुल संग्रह के 0.57% से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में कुल संग्रह का 0.51% हो गई है।
- वित्त वर्ष 2022-23 में दाखिल किए गए आईटीआर की कुल संख्या 7.78 करोड़ है, जो वित्त वर्ष 2013-14 में दाखिल किए गए कुल 3.80 करोड़ आईटीआर की तुलना में 104.91% की वृद्धि दर्शाती है।
- सार्वजनिक रूप से टाइम-सीरीज डेटा की उपलब्धता भारत में प्रत्यक्ष करों के संचालन की प्रभावशीलता और दक्षता के विभिन्न सूचकांकों के दीर्घकालिक रुझानों का अध्ययन करने में शिक्षाविदों, अनुसंधान विद्वानों, अर्थशास्त्रियों और आम जनता के लिए काफी उपयोगी साबित होगी।
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