विषयसूची:
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1.अर्जेंटीना,मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और UAE का ब्रिक्स में स्वागत:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय:महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान,संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।
प्रारंभिक परीक्षा: ब्रिक्स एवं ब्रिक्स प्लस।
मुख्य परीक्षा: ब्रिक्स की स्थापना से लेकर वर्तमान में इसकी प्रगति की समीक्षा तथा भूमिका पर टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री ने 24 अगस्त 2023 को ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस डायलॉग को संबोधित किया।
उद्देश्य:
- अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स देश और यहां मौजूद मित्र राष्ट्र बहुध्रुवीय दुनिया को मजबूत करने में योगदान दे सकते हैं।
विवरण:
- पिछले दो दिनों में, ब्रिक्स की सभी चर्चाओं में, हमने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं पर बल दिया है।
- हमारा मानना है कि ब्रिक्स द्वारा इन मुद्दों पर विशेष महत्त्व दिया जाना वर्तमान समय की ज़रूरत है।
- हमने BRICS फोरम का विस्तार करने का भी निर्णय लिया है। हम सभी पार्टनर देशो का स्वागत करते है।
- हमने ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर, इसका विस्तार करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। जिसमे अर्जेंटीना,मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और UAE का ब्रिक्स में स्वागत करने के लिए सहमत हुए हैं।
- भारत का यह मत रहा है कि नए सदस्यों के जुड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में और मज़बूत होगा, तथा हमारे सभी साझा प्रयासों को एक नया बल देने वाला होगा।
- इस कदम से विश्व के अनेक देशों का बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में विश्वास और सुदृढ़ होगा।
- यह वैश्विक संस्थानों और मंचों को, प्रतिनिधि और समावेशी बनाने एक पहल है।
- जब हम “ग्लोबल साउथ” शब्द का प्रयोग करते हैं, तो यह मात्र कूटनीतिक शब्द नहीं है।
- हमारे साझा इतिहास में हमने उपनिवेशवाद और रंगभेद का मिलकर विरोध किया है।
- अफ्रीका की भूमि पर ही महात्मा गाँधी ने अहिंसा और शांतिपूर्ण प्रतिरोध जैसी महत्त्वपूर्ण अवधारणाओं को विकसित किया, परखा और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इसका इस्तेमाल किया।
- उनकी सोच और विचारों ने नेल्सन मंडेला जैसे महान नेता को प्रेरित किया।
- इतिहास के इस आधार पर हम अपने आधुनिक संबंधों को एक नया स्वरूप दे रहे हैं।
- भारत ने अफ्रीका के साथ संबंधो को उच्च प्राथमिकता दी है।
- उच्च-स्तरीय बैठकों के साथ साथ, हमने अफ्रीका में 16 नए दूतावास खोले हैं।
- आज भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है, और पांचवा सबसे बड़ा निवेशक देश है।
- सूडान, बुरुंडी और रवांडा में पावर प्रोजेक्ट्स हों, या इथियोपिया और मलावी में शुगर प्लांट्स।
- मोजाम्बिक, कोत दिव्वार और एस्वातिनी में टेक्नोलॉजी पार्क्स हों, या तंज़ानिया और यूगांडा में भारतीय विश्वविद्यालयों द्वारा बनाये गए कैंपस।
- भारत ने अफ्रीका के देशों की क्षमता निर्माण और बुनियादी ढांचे का विकास को हमेशा प्राथमिकता दी है।
- एजेंडा 2063 के अंतर्गत अफ्रीका को भविष्य का ग्लोबल पावर हाउस बनाने की यात्रा में भारत एक विश्वसनीय और निकट साझेदार है।
- अफ्रीका में डिजिटल डिवाइड को कम करने के लिए हमने टेली-एजुकेशन और टेली-मेडिसिन में पन्द्रह हज़ार से भी अधिक छात्रवृत्ति प्रदान की हैं।
- हमने नाइजीरिया, इथियोपिया और तंज़ानिया में रक्षा अकादमियाँ और कॉलेज का निर्माण किया है।
- बोत्सवाना, नामीबिया, यूगांडा, लेसोथो, ज़ाम्बिया, मॉरिशस, सेशेल्स और तंज़ानिया में प्रशिक्षण के लिए टीम भेजी गई हैं।
- लगभग 4400 भारतीय शांति, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, अफ्रीका में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं।
- आतंकवाद और पायरेसी के विरुद्ध लड़ाई में भी हम अफ्रीका के देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
- कोविड महामारी के कठिन समय में हमने अनेक देशों को खाद्य पदार्थों और वैक्सीन की आपूर्ति की।
- अब हम अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर कोविड और अन्य वैक्सीन की संयुक्त विनिर्माण पर भी काम कर रहे हैं।
- मोजाम्बिक और मालावी में चक्रवात हों या मेडागास्कर में बाढ़, भारत प्रथम सहयोगी के रूप में सदैव अफ्रीका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है।
- वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए हमने तीन अफ़्रीकी देशों तथा कई विकासशील देशों को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया है।
- भारत ने अफ्रीकन यूनियन को G-20 की स्थायी सदस्यता देने का प्रस्ताव भी रखा है।
- मेरा मानना है कि ब्रिक्स और आज उपस्थित सभी मित्र देश मिलकर बहुध्रुवीय वर्ल्ड को सशक्त करने में सहयोग कर सकते हैं।
- काउंटर टेररिज्म, पर्यावरण सुरक्षा, क्लाइमेट कार्रवाई, साइबर सिक्यूरिटी, फ़ूड एवं हेल्थ सिक्यूरिटी, ऊर्जा सिक्यूरिटी, लचीली सप्लाई चेन के निर्माण में हमारे हित समान हैं। सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
- प्रधानमंत्री ने सभी देशों को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन; एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड; आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन; एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य;बिग कैट अलायन्स; ग्लोबल के लिए केन्द्र ट्रेडिशनल मेडिसिन जैसे हमारे अंतरराष्ट्रीय पहलों में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया।
- भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक से जुड़ने के लिए, अपने अपने विकास में उसका लाभ उठाने के लिए सबको आमंत्रित किया ।
पृष्ठभूमि:
- प्रधानमंत्री ने 22 से 24 अगस्त तक जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया, इसके बाद वे 25 अगस्त को द्विपक्षीय यात्रा के लिए ग्रीस जाएंगे – 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ग्रीस की पहली यात्रा है।
2.डीएसी ने सशस्त्र बलों की प्रचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 7,800 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को स्वीकृति दी:
सामान्य अध्ययन: 3
रक्षा,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन ।
प्रारंभिक परीक्षा: रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी),भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल)।
प्रसंग:
- रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में 24 अगस्त, 2023 को लगभग 7,800 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की गई।
विवरण:
- भारतीय वायु सेना की दक्षता बढ़ाने के लिए डीएसी ने खरीद (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों पर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सुइट की खरीद और संस्थापना के लिए एओएन की स्वीकृति दी, जो हेलीकॉप्टरों की क्षमता में और वृद्धि करेगा।
- ईडब्ल्यू सुइट की खरीद भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से की जाएगी।
- डीएसी ने मशीनीकृत पैदल सेना और बख्तरबंद रेजिमेंटों के लिए मैदान-आधारित स्वायत्त प्रणाली की खरीद के लिए एओएन भी प्रदान किया है जो मानव रहित निगरानी, गोला-बारूद, ईंधन और पुर्जों की लॉजिस्टिक डिलीवरी और युद्ध क्षेत्र में हताहतों की निकासी जैसे प्रचालनों में सक्षम बनाएगी।
- 7.62×51 मिमी लाइट मशीन गन (एलएमजी) और ब्रिज लेइंग टैंक (बीएलटी) की खरीद के प्रस्ताव को भी डीएसी द्वारा स्वीकृति दे दी गई है।
- जहां एलएमजी के समाविष्ट होने से पैदल सेना बलों की लड़ने की क्षमता में वृद्धि होगी, वहीं बीएलटी के शामिल होने से मशीनीकृत बलों की आवाजाही में तेजी आएगी।
- प्रोजेक्ट शक्ति के तहत भारतीय सेना के लिए रग्डाइज्ड (मजबूत) लैपटॉप और टैबलेट की खरीद के लिए एओएन भी प्रदान की गई है।
- ये सभी खरीद केवल स्वदेशी विक्रेताओं से की जाएगी।
- भारतीय नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों की प्रचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए डीएसी ने हथियारों की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.पेलमा खदान माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर मोड के तहत कोयला उत्पादन करने वाली पहली ओपनकास्ट खदान बन जाएगी:
- एसईसीएल की पेलमा खदान एमडीओ (माइन डेवलपर और ऑपरेटर) मोड के तहत छत्तीसगढ़ की पहली ओपनकास्ट खदान बन जाएगी।
- साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने रायगढ़ क्षेत्र में स्थित पेलमा ओपनकास्ट खदान को संचालित करने के लिए पेलमा कोलियरीज के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- इस समझौते के अनुसार, पेलमा कोलियरीज अगले 20 वर्षों तक खदान का संचालन करेगी, जिसके तहत पेलमा कोलियरीज, परियोजना की डिजाइनिंग, वित्तपोषण, खरीद, निर्माण, संचालन और रखरखाव से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होगी।
- 20 वर्षों की अवधि के दौरान खदान से कुल 219 मिलियन टन से अधिक कोयला निकालने का प्रस्ताव है और 15 मिलियन टन वार्षिक कोयले का लक्ष्य रखा गया है।
- खदान से उच्च गुणवत्ता वाला जी-12 ग्रेड का कोयला निकाला जाएगा।
- माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर मोड खदान संचालन की एक नई अवधारणा है जिसके तहत सरकार और निजी उद्यम देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।
- इससे एसईसीएल को कोयला उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह परियोजना कोल इंडिया के एक बिलियन टन उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
- साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड अपनी पुरानी और बंद पड़ी खदानों को एमडीओ मोड पर शुरू करने में सफल रही है।
- बिश्रामपुर क्षेत्र की केतकी यूजी ने एमडीओ मोड पर कोयला उत्पादन करने वाली भारत की पहली कोयला खदान बनने का गौरव हासिल किया है।
- साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) रायगढ़ क्षेत्र कोयला भंडार के मामले में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र है और यह क्षेत्र भविष्य में एसईसीएल के कुल उत्पादन में प्रमुख योगदान देगा।
- यह लगभग 1900 मिलियन टन के अनुमानित कोयला भंडार के साथ देश का तीसरा सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है।
- एसईसीएल द्वारा कोयले की त्वरित निकासी के लिए इस क्षेत्र में रेल कॉरिडोर भी विकसित किया जा रहा है।
2. टेली-लॉ 2.0 का शुभारंभ:
- न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने से संबंधित अनुच्छेद 39A के संवैधानिक अधिदेश को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध, न्याय विभाग (डीओजे) 25 अगस्त, 2023 को सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में टेली-लॉ 2.0 कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
- यह टेली-लॉ के तहत इस कानूनी सलाह सेवा को न्याय बंधु (प्रो बोनो) कार्यक्रम के तहत कानूनी प्रतिनिधित्व सेवाओं के साथ एकीकृत भी करता है।
- यह आम नागरिक को एकल पंजीकरण और टेली-लॉ के एकल गेटवे के माध्यम से कानूनी सलाह, कानूनी सहायता और कानूनी प्रतिनिधित्व तक पहुंच प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।
- इस कार्यक्रम में अग्रिम पंक्ति के उन पदाधिकारियों का भी अभिनंदन किया जाएगा, जो जमीनी स्तर पर लोगों को उनकी दहलीज पर कानूनी सेवाओं की प्रदायगी सुनिश्चित करते हैं।
कार्यक्रम के दौरान निम्नलिखित प्रदर्शित/जारी किया जाएगा :
- टेली-लॉ पर पांच साल (2017-2022) की यात्रा दर्शाने वाली फिल्म “टेली-लॉ” का प्रदर्शन;
- “टेली-लॉ-2.0” का शुभारंभ जिसमें टेली-लॉ और न्याय बंधु ऐप एकीकृत है और इसके ई-ट्यूटोरियल का विमोचन;
- “वॉयस ऑफ बेनिफिशियरी” का विमोचन जो टेली-लॉ सेवा का लाभ उठाने में लाभार्थियों के अनुभवों का वर्णन करता है;
3. इनवॉयस प्रोत्साहन योजना ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ का शुभारंभ 1 सितंबर, 2023 से:
- भारत सरकार अपनी एक महत्वपूर्ण पहल के तहत राज्य सरकारों के सहयोग से ग्राहकों द्वारा अपनी कुल खरीद का इनवॉइस/बिल मांगने के चलन को बढ़ावा देने के लिए ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ के नाम से एक ‘इनवॉइस प्रोत्साहन योजना’ शुरू करने जा रही है।
- इस योजना का उद्देश्य आम जनता के व्यवहार में आमूलचूल बदलाव लाना है, ताकि वे विक्रेताओं से ‘बिल मांगने’ को अपना अधिकार और हक मानना शुरू कर दें।
- यह योजना 1 सितंबर 2023 को शुरू की जाएगी।
- यह योजना आरंभ में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में असम, गुजरात और हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेशों पुडुचेरी, दादरा व नगर हवेली और दमन व दीव में शुरू की जाएगी।
- जीएसटी पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं (असम, गुजरात और हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेशों पुडुचेरी, दादरा व नगर हवेली और दमन व दीव में पंजीकृत) द्वारा उपभोक्ताओं को जारी किए गए सभी बी2सी इनवॉइस इस योजना के लिए उपयुक्त पात्र होंगे।
- भारत के सभी निवासी इस योजना में भाग लेने के पात्र होंगे, चाहे उनका राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कोई भी क्यों न हो।
4. मामल्लापुरम में संरचनात्मक अखंडता पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन:
- संरचनात्मक अखंडता पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीओएनएस 2023) का उद्घाटन 23 अगस्त, 2023 को तमिलनाडु के मामल्लापुरम में किया गया।
- इसमें वैश्विक जलवायु परिवर्तन के कारण विद्युत संयंत्र, पेट्रोकेमिकल उद्योगों और भारत की प्रतिष्ठित संरचनाओं की गिरावट पर प्रकाश डाला।
- कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण के कारण होने वाले संरचनात्मक क्षरण को रोकने के लिए एक नवीन पद्धति विकसित करने पर बल दिया है।
- संरचनात्मक अखंडता पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2023 का आयोजन संयुक्त रूप से इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र, कलपक्कम और सोसाइटी फॉर फेल्योर एनालिसिस द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास, इंडियन सोसाइटी फॉर नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग, कलपक्कम चैप्टर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स कलपक्कम चैप्टर और इंडियन स्ट्रक्चरल इंटीग्रिटी सोसायटी के सहयोग से किया गया है।
- टेक्सास विश्वविद्यालय, अमेरिका के प्रो. के. रवि-चंदर ने संरचनात्मक अखंडता पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2023 का पहला पूर्ण व्याख्यान दिया, जिसमें इलास्टोमेरिक सामग्रियों में दरार की शुरुआत पर एक समग्र परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया गया।
- उन्होंने इलास्टोमर्स में क्षति का अध्ययन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न सिद्धांतों को संक्षेप में प्रस्तुत किया और प्रयोग के नए रूपों के माध्यम से प्रकट अंतराल क्षेत्रों की पहचान की।
- इन प्रयोगों के माध्यम से, उन्होंने इलास्टोमेरिक सामग्रियों में क्षति की शुरुआत और प्रसार पर महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्रस्तुत किए और इन्हें अन्य वर्गों की सामग्रियों में क्षति के साथ सफलतापूर्वक आपस में संबद्ध किया।
- संरचनात्मक अखंडता पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2023 में भारत और विदेश से लगभग 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया है, जिसमें मैकेनिकल इंजीनियर, सामग्री वैज्ञानिक, शिक्षाविद, उद्योग विशेषज्ञ, संयंत्र प्रबंधक और नियामक कर्मी शामिल हैं।
- सम्मेलन में परमाणु, रक्षा, एयरोस्पेस, रसायन और तेल उद्योगों में संरचनाओं तथा संचालन उपकरणों की संरचनात्मक अखंडता का आकलन करने एवं सुनिश्चित करने में हालिया विकास और भविष्य की दिशाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
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