विषयसूची:

  1. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में एच9एन2 के प्रकोप और बच्चों में सांस की बीमारी वाले क्षेत्रों की बारीकी से निगरानी कर रहा है
  2. भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास सूर्य किरण- XVII पिथौरागढ़ में आरंभ
  3. भारत और ब्रिटेन ने रक्षा परामर्शी समूह की बैठक आयोजित की
  4. गेहूं में 60% क्षेत्र को जलवायु अनुकूलित किस्‍मों से आच्‍छादित करने का लक्ष्‍य

1. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में एच9एन2 के प्रकोप और बच्चों में सांस की बीमारी वाले क्षेत्रों की बारीकी से निगरानी कर रहा है

सामान्य अध्ययन: 2

स्वास्थ्य

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय

प्रारंभिक परीक्षा: एच9एन2 (एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस), पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी)

मुख्य परीक्षा: वर्तमान और भविष्य की महामारियों/आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने की चुनौतियां एवं इस सन्दर्भ में सरकारी पहलों की भूमिका

प्रसंग:

  • वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर, पिछले कुछ हफ्तों में चीन में श्वसन रोगों की घटनाओं में बढ़ोतरी की सूचना है।

विवरण:

  • बच्चों में सांस संबंधी बीमारी के सामान्य कारण ही सामने आए है और असामान्य रोगज़नक़ या किसी भी अप्रत्याशित नैदानिक कारकों की पहचान नहीं हुई है।
  • चीन में अक्टूबर 2023 में एच9एन2 (एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस) के मानव मामले की पृष्ठभूमि में देश में एवियन इन्फ्लूएंजा के मानव मामलों से बचने की तैयारी के उपायों पर चर्चा करने के लिए हाल ही में डीजीएचएस की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समग्र जोखिम मूल्यांकन से पता चलता है कि मानव से मानव में संक्रमण फैलने की संभावना कम है और डब्ल्यूएचओ को अब तक सूचित एच9एन2 के मानव मामलों में मृत्यु दर भी कम है।
  • मानव, पशुपालन और वन्य जीव क्षेत्रों के बीच निगरानी को मजबूत करने और समन्वय में सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया।
  • भारत किसी भी तरह की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
  • भारत इस तरह के सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने की दिशा में एक समग्र और एकीकृत रोडमैप अपनाने के लिए एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण शुरू कर रहा है।
  • विशेष रूप से कोविड महामारी के बाद से स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को भी काफी मजबूत किया गया है।
  • पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) की शुरुआत प्रधानमंत्री ने की थी, जो वर्तमान और भविष्य की महामारियों/आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने में स्वास्थ्य प्रणालियों को तैयार करने के लिए प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक सभी स्तरों पर देखभाल की निरंतरता में स्वास्थ्य प्रणालियों और संस्थानों की क्षमताओं का विकास कर रहा है।
  • इसके अलावा, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत भारत के निगरानी और पहचान नेटवर्क को कोविड-19 महामारी के दौरान चुनौतीपूर्ण स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने का समृद्ध अनुभव है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास सूर्य किरण- XVII पिथौरागढ़ में आरंभ

  • 17वें संयुक्त सैन्याभ्यास सूर्य किरण में हिस्‍सा लेने के लिए 334 सैन्‍य कर्मियों वाली नेपाल सेना की एक टुकड़ी भारत पहुंची है।
  • यह अभ्यास 24 नवंबर से 07 दिसंबर 2023 तक उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आयोजित किया जाएगा।
  • यह एक वार्षिक कार्यक्रम है और दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
  • 354 सैन्‍य कर्मियों वाली भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नेपाल सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व तारा दल बटालियन कर रही है।
  • सैन्‍याभ्यास का उद्देश्य शांति स्थापना अभियानों पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुताबिक जंगल युद्ध, पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत में संचालन प्रक्रिया को बढ़ाना है।
  • यह सैन्‍याभ्यास ड्रोनों की तैनाती और ड्रोन-रोधी उपायों, चिकित्सा प्रशिक्षण, विमानन पहलुओं और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित होगा।
  • इन गतिविधियों के माध्यम से, सैनिक अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएंगे, अपने युद्ध कौशल को निखारेंगे और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपने समन्वय को मजबूत करेंगे।
  • यह सैन्‍याभ्यास भारत व नेपाल के सैनिकों को विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच उपलब्‍ध करेगा, उत्‍कृष्‍ट व्‍यवहारों को साझा करेगा और एक-दूसरे की परिचालन प्रक्रियाओं की गहरी समझ को बढ़ावा देगा।
  • सूर्य किरण सैन्‍याभ्यास भारत और नेपाल के बीच वर्तमान मैत्री, विश्वास, आम सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत बंधन का प्रतीक है।
  • यह व्यापक रक्षा सहयोग के प्रति दोनों देशों की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए एक उत्पादक और फलदायी जुड़ाव के लिए मंच तैयार करता है।
  • इस अभ्यास का उद्देश्य साझे सुरक्षा लक्ष्‍यों को प्राप्त करना और दो मित्रवत पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना है।

2. भारत और ब्रिटेन ने रक्षा परामर्शी समूह की बैठक आयोजित की

  • रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने नई दिल्ली में ब्रिटेन के रक्षा सचिव डेविड विलियम्स के साथ वार्षिक भारत-ब्रिटेन रक्षा परामर्शी समूह (डीसीजी) की बैठक की सह-अध्यक्षता की।
  • उन्होंने कई क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की, वर्तमान में जारी रक्षा सहयोग कार्यकलापों की समीक्षा की, हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिति और संभावित सहयोग, कई अन्य संभावनाओं सहित मिसाइल प्रणालियों और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन में रक्षा औद्योगिक सहयोग प्रस्तावों पर चर्चा की।
  • दोनों पक्षों ने संयुक्त अभ्यास, सामुद्रिक क्षेत्र जागरूकता और सूचना आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित करने के साथ समुद्री क्षेत्र में बढ़ती परस्पर बातचीत और संयुक्त गतिविधियों की योजना बनाई।
  • उन्होंने भारत-ब्रिटेन 2+2 विदेश और रक्षा संवाद की शुरुआत तथा सभी संबंधित क्षेत्रों में सैन्य भागीदारी की बढ़ती गति की सराहना की।
  • बाद में, डेविड विलियम्स ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

3. गेहूं में 60% क्षेत्र को जलवायु अनुकूलित किस्‍मों से आच्‍छादित करने का लक्ष्‍य

  • केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्‍यक्षता में कृषि भवन में फसलों के संबंध में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
  • इस दौरान बताया गया कि इस वर्ष गेहूं में करीब 60% क्षेत्र को जलवायु अनुकूलित किस्‍मों से आच्‍छादित करने का लक्ष्‍य रखा गया है।
  • ऐसी किस्‍मों से उत्‍पादन में स्थिरता लाने में सहजता होगी।
  • खरीफ फसलों के प्रदर्शन एवं अनुमानित उपज के संदर्भ में यह बताया गया कि मानसून की देरी से आमद और अगस्‍त माह में कम बरसात से फसलों की बढ़वार प्रभावित हुई, किंतु सितंबर में मानसूनी वर्षा ज्‍यादातर प्रदेशों में सामान्‍य रहने से खरीफ का उत्‍पादन अधिक प्रभावित नहीं होने की संभावना है।
  • रबी की बुवाई के संदर्भ में बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मृदा में नमी की औसत मात्रा अच्‍छी है और बुवाई का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है।
  • रबी में औसत 648.33 लाख हेक्टेयर की खेती होती है। वर्तमान समय तक करीब 248.59 लाख हेक्टेयर की बुवाई हो चुकी है।
  • विशेष तौर पर गेहूं के मामले में इस वर्ष करीब 60% क्षेत्र को इन किस्‍मों से आच्‍छादित करने का लक्ष्‍य है।

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