विषयसूची:
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1.भारत के पहले प्रकाश स्तंभ महोत्सव का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: समुद्री सहायता अधिनियम, 2021
मुख्य परीक्षा: भारतीय लाइटहाउस महोत्सव का उद्देश्य भारत के 75 प्रतिष्ठित प्रकाशस्तंभों के समृद्ध समुद्री इतिहास को पुनर्जीवित करना और दुनिया के सामने उनकी शानदार गाथाओं को सामने लाना है। इसके महत्व का आकलन कीजिए।
प्रसंग:
- केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने 23 सितंबर 2023 को गोवा के पणजी में ऐतिहासिक किले अगौड़ा में ‘भारतीय प्रकाश स्तंभ उत्सव’ या भारतीय लाइटहाउस महोत्सव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया।
उद्देश्य:
- इस महोत्सव का उद्देश्य भारत के 75 प्रतिष्ठित प्रकाशस्तंभों के समृद्ध समुद्री इतिहास को पुनर्जीवित करना और दुनिया के सामने उनकी शानदार गाथाओं को सामने लाना है।
विवरण:
- इस महोत्सव के शुभारंभ के साथ, इन प्रतिष्ठित स्थलों की समृद्ध विरासत को उजागर करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ समुद्र तटीय भारत में 75 प्रकाश स्तंभों में सदियों पुराने क्लासिक्स को फिर से जीवंत करने की प्रक्रिया और उन्हें दुनिया के सामने पेश करने के लिए सक्षम किया जा रहा हैं।
- राष्ट्र निर्माण के प्रयास में हम प्रतिष्ठित प्रकाश स्तंभों को शैक्षिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के प्रमुख केन्द्रों का उत्प्रेरक बनाया जा रहा हैं।
- “प्रकाश स्तंभ उत्सव” इसे बदलने का हमारा प्रयास है। इन ऐतिहासिक प्रकाशस्तंभों ने हमारे देश के इतिहास में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य ऐतिहासिक स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों में विकसित करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मार्ग के लिए आधार तैयार करने के लिए भारतीय प्रकाश स्तंभ महोत्सव का लाभ प्राप्त करना है।
- प्रकाश स्तंभ और लाइटशिप महानिदेशालय ने पहले ही 75 ऐसे प्रकाश स्तंभों की पहचान कर ली है और यह उत्सव हमारी समुद्री विरासत का जश्न मनाने और संरक्षित करने की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
- “प्रकाश स्तंभ महोत्सव” एक शानदार उत्सव है जो समय और सुंदरता के माध्यम से एक मनोरम यात्रा होने का वादा करता है।
- यह एक ऐसी यात्रा है जो हमारे समुद्री इतिहास के छिपे हुए रत्नों को उजागर करेगी और हमारे ऐतिहासिक प्रकाश स्तंभों की अनकही गाथाओं को उजागर करेगी।
- केंद्र सरकार ने परिवर्तन के लिए सुधार की पहल के एक हिस्से के रूप में, भारत में पोत परिवहन क्षेत्र में सहायता के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने के लिए लाइटहाउस अधिनियम, 1927 को निरस्त करके समुद्री परिवहन के लिए समुद्री सहायता अधिनियम, 2021 लागू किया।
- इसके अंतर्गत हमने विरासत प्रकाश स्तंभ की नई अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें केंद्र सरकार अपने नियंत्रण में समुद्री परिवहन के लिए किसी भी सहायता को विरासत प्रकाश स्तंभ के रूप में नामांकित कर सकती है।
- समुद्री परिवहन में सहायता के रूप में उनके कार्य के अलावा, ऐसे प्रकाशस्तंभों को शैक्षिक, सांस्कृतिक और पर्यटक उद्देश्यों के लिए विकसित किया जाएगा।
- यह महोत्सव सिर्फ ज्ञान का नहीं है; यह मूल्यों और अवसरों को पैदा करने के बारे में है।
- महोत्सव से अलग, हमारी परिकल्पना प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थलों के रूप में बढ़ावा देना, इन ऐतिहासिक संरचनाओं पुनर्जीवन प्रदान करना और स्थानीय समुदायों और व्यवसायों के लिए अवसर पैदा करना है।
2. आयुष्मान भारत पीएम-जय के 5 वर्ष और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के 2 वर्ष पूर्ण:
सामान्य अध्ययन: 2
स्वास्थ्य:
विषय: स्वास्थ्य,मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से सम्बंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय),आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम),राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए)।
मुख्य परीक्षा: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय),आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) जैसी योजनाएं भारत में स्वास्थ्य सुधार में कहाँ तक सफल रही हैं ? समीक्षा कीजिए।
प्रसंग:
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय) के पांच साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
उद्देश्य:
- इस कार्यक्रम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ-साथ शिक्षा, थिंक-टैंक, उद्योग और मीडिया के प्रतिनिधियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी होगी।
विवरण:
- 23 सितंबर 2018 को लॉन्च किए गए आयुष्मान भारत पीएम-जय ने स्वास्थ्य, उत्पादकता और समृद्धि की नई गाथा लिखी है।
- इस योजना के 5.5 करोड़ लाभार्थी नि: शुल्क अस्पतालों में भर्ती हुए जिस पर सरकार द्वारा 69,000 करोड़ रुपये मूल्य का व्यय किया गया।
- इस योजना ने न केवल करोड़ों गरीबों और वंचित परिवारों के लिए अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित किया है, बल्कि उनके परिवारों को स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले विनाशकारी व्यय से भी बचाया है।
- 27 सितंबर 2021 को लॉन्च की गई एबीडीएम सरकार की एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न हितधारकों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मार्ग बनाना है।
- पिछले 2 वर्षों में 45 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) बनाए गए हैं। इसके अलावा, 30 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड इन एबीएचए खातों से जुड़े हुए हैं।
- योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा वितरण को मजबूत करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना है।
- दोनों प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं का लक्ष्य भारत में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए सुलभ, उपलब्ध, किफायती और स्केलेबल स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।
- आरोग्य मंथन में एबी पीएम-जय और एबीडीएम के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक पैनल चर्चा और इंटरैक्टिव सत्र होंगे।
- उद्घाटन सत्र के बाद ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज, कन्वर्जेंस और डिजिटल हेल्थ’ पर एक पूर्ण सत्र होगा, इसके अलावा दो प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न सत्र होंगे।
- एनएचए इस कार्यक्रम के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और स्वास्थ्य सुविधाओं को भी सम्मानित करेगा।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. एक्सरसाइज युद्ध अभ्यास-23:
- “एक्सरसाइज युद्ध अभ्यास” का 19वां संस्करण 25 सितंबर से 8 अक्टूबर 2023 तक फोर्ट वेनराइट, अलास्का, अमेरिका में आयोजित किया जा रहा है।
- यह भारतीय सेना और अमेरिकी सेना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक वार्षिक अभ्यास है।
- अभ्यास का पिछला संस्करण नवंबर 2022 में भारत के उत्तराखंड के औली में आयोजित किया गया था।
- अभ्यास के इस संस्करण में भारतीय सेना के 350 कर्मियों की एक टुकड़ी भाग लेगी।
- मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट से जुड़ी एक बटालियन इस अभ्यास में भारतीय सेना का नेतृत्व करेगी।
- अमेरिका की ओर से पहली ब्रिगेड कॉम्बैट टीम की 1-24 इन्फैन्ट्री बटालियन भाग लेगी।
- इस दौरान, दोनों देशों के सैन्य बल संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सहयोग बढ़ाने के लिए आवश्यक सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला का अभ्यास करेंगे।
- साथ ही दोनों पक्षों के भाग लेने वाले सैन्य अधिकारी आपसी अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए विस्तृत चर्चा करेंगे।
- अभ्यास की अवधारणा संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के भाग VII के तहत ‘पर्वतीय रेंज/अत्यंत प्रतिकूल मौसम स्थितियों में एकीकृत लड़ाकू टीमों की तैनाती’ है।
- कमांड पोस्ट अभ्यास और चयनित विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा शैक्षिक वार्ता भी कार्यक्रम का हिस्सा होगी।
- फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास में ब्रिगेड स्तर पर दुश्मन बलों के खिलाफ एकीकृत युद्ध समूहों की पहचान, ब्रिगेड/बटालियन स्तर पर एकीकृत निगरानी ग्रिड, हेलिबोर्न/एयरबोर्न और फोर्स मल्टीप्लायरों की तैनाती, संचालन के दौरान रसद और हताहत प्रबंधन की पुष्टि, निकासी और युद्ध चिकित्सा सहायता और ऊंचाई वाले क्षेत्रों और अत्यंत प्रतिकूल मौसम स्थितियों की स्थिति में लागू अन्य पहलुओं की पुष्टि शामिल है।
- इस अभ्यास में विचारों के आदान-प्रदान और सर्वोत्तम अभ्यास जैसे युद्ध इंजीनियरिंग, बाधा निवारण, बारूदी सुरंग और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस सहित युद्ध कौशल की एक विस्तृत श्रृंखला को भी शामिल किया जाएगा।
- “एक्सरसाइज युद्ध अभ्यास-23” से दोनों सेनाओं को एक-दूसरे से सीखने में मदद मिलेगी और दोनों सेनाओं के बीच संबंध मजबूत होंगे।
2. उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक:
- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह 26 सितम्बर 2023 को अमृतसर, पंजाब में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
- उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में पंजाब, हरियाणा, राजस्थानऔर हिमाचल प्रदेश राज्यतथा केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ शामिल हैं।
- बैठक का आयोजन भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन अंतर राज्य परिषद सचिवालाय द्वारा पंजाब सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।
- राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत वर्ष 1957 में पांच (5) क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी।
- केंद्रीय गृह मंत्री इन पांचों क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष हैं और क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य हैं, जिनमे से एक मुख्यमंत्री (हर साल बारी-बारी से) उपाध्यक्ष होते हैं।
- राज्यपाल द्वारा प्रत्येक राज्य से 2 और मंत्रियों को परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया जाता है।
- प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति का भी गठन किया है।
- क्षेत्रीय परिषदें दो या अधिक राज्यों अथवा केंद्र और राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर नियमित संवाद और चर्चा के लिए एक व्यवस्थित तंत्र के जरिए सहयोग बढ़ाने का मंच प्रदान करती हैं।
- क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकारी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ये परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं।
- सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से जून, 2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों मेंBविभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की कुल 53 बैठकें हुईं है जिसमें स्थायी समितियों की 29 बैठकें और क्षेत्रीय परिषदों की 24 बैठकें शामिल है।
- क्षेत्रीय परिषदें व्यापक मुद्दों पर चर्चा करती हैं जिनमें भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, पंजाब विश्वविद्यालय में संबंधन (affiliation), PMGSY के तहत सड़क निर्माण कार्य, नहर परियोजना एवं जल बंटवारा, राज्य- पुनर्गठन से सम्बंधित मुद्दे, बुनियादी ढांचे के विकास में भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण और वन सम्बन्धी अनुमति,उड़ान योजना के तहत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी तथा क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल हैं।
- क्षेत्रीय परिषदों की प्रत्येक बैठक में राष्ट्रीय महत्व् के अनेक मुद्दों पर भी चर्चा की जा रही है।
- इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों(FTSC) का कार्यान्वयन,प्रत्येक गांव के 5 किमी के भीतर बैंकों/इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की सुविधा,देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) का निर्माण, पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करना, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर कम करना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी और राष्ट्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दें शामिल है।
- क्षेत्रीय परिषदों की बैठक में, स्थायी समिति द्वारा चुनी गयी प्रत्येक राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश की एक-एक गुड प्रैक्टिस का सदस्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुतीकरण भी किया जा रहा है।
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