विषयसूची:
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1.”मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई (नमस्ते)”
सामान्य अध्ययन: 2
सामाजिक न्याय:
विषय:सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: “मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई (नमस्ते)” के बारे में
मुख्य परीक्षा: “मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई (नमस्ते)” के निहितार्थ
प्रसंग:
- हालाँकि, हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (SRMS) और सरकार के अन्य प्रयासों के चलते, हाथ से मैला उठाने वाले के सामने काम के खतरे लगभग समाप्त हो गए है, लेकिन सीवरों की जोखिमपूर्ण सफाई के कारण सीवर/सेप्टिक टैंकों से संबंधित कई मौतों की खबरें समय-समय पर प्रेस में प्रकाशित होती है।
- इस प्रकार, इन दिनों मुख्य समस्या सीवर और सेप्टिक टैंकों की जोखिमपूर्ण सफाई और सुरक्षा सावधानियों का पालन न करना है, जिसके कारण बहुमूल्य मानव जीवन की हानि होती है। इस जोखिमपूर्ण सफाई को खत्म करने, सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई करने वाले कर्मियों की मौतों को रोकने और उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेइ) तथा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचय़ूए) ने संयुक्त रूप से “मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई (नमस्ते) ” नामक एक योजना तैयार की है।
विवरण:
- सफाई कामगारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (SRMS) के मौजूदा घटकों को नमस्ते योजना के घटकों के रूप में रखा गया है। यह योजना 2025-26 तक तीन वर्षों के दौरान देश के सभी 4800 से ज्यादा शहरी स्थानीय निकायों (ULB) में लागू की जानी है। इस योजना पर 349.70 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी।
नमस्ते घटक के हस्तक्षेप:
- सीवर/सेप्टिक टैंक कर्मियों की पहचान(SSW) : नमस्ते में सीवर/सेप्टिक टैंक कर्मियों (SSW) के पहचानने की परिकल्पना की गई है। SSW की सूची संबंधित यूएलबी से प्राप्त की जाएगी और उसके बाद प्रोफाइलिंग शिविरों के माध्यम से SSW की विस्तृत प्रोफाइलिंग की जाएगी।
- व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण और सीवर/सेप्टिक टैंक कर्मियों (SSW) को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट का वितरण।
- जोखिमपूर्ण सफाई कार्यों के लिए स्वच्छता प्रतिक्रिया इकाइयों (SRU) को सुरक्षा उपकरणों के लिए सहायता।
- स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभों का विस्तार: चिन्हित SSW और उनके परिवारों को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए, उन्हें आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत कवर किया जाएगा। उन पहचाने गए सफाई कामगारों और सीवर/सेप्टिक टैंक कर्मियों (SSW) के परिवारों के लिए एबी-पीएमजेएवाई का प्रीमियम, जो पहले कवर नहीं किया गया था, नमस्ते के तहत वहन किया जाएगा।
- आजीविका सहायता: यह कार्य योजना मशीनीकरण और उद्यम विकास को बढ़ावा देगी। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (NSKFDC) सफाई कामगारों, स्वच्छता श्रमिकों और उनके आश्रितों को स्वच्छता उद्यमी योजना (SUY) के तहत स्वच्छता संबंधी उपकरण और वाहन खरीदने के लिए धन की उपलब्धता और आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, ताकि उन्हें “स्वच्छता उद्यमी” बनाया जा सके। इसके अलावा, चिन्हित सफाई कामगारों और उनके आश्रितों को स्वरोजगार परियोजना के लिए पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करना जारी रखा जाएगा।
- पहचाने गए सफाई कामगारों और उनके आश्रितों को 3000/- रुपये के मासिक वजीफे के साथ-साथ, दो साल तक की अवधि के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- MOSJE और MOHUA के कार्यक्रमों का अभिसरण: सीवर/सेप्टिक टैंक कर्मियों (SSW) की सुरक्षा दोनों मंत्रालयों – MOSJE और MOHUA – की संयुक्त जिम्मेदारी है। इसलिए, नमस्ते का लक्ष्य नमस्ते घटकों के प्रशासन और कार्यान्वयन के लिए दोनों मंत्रालयों के बीच अभिसरण को मजबूत करना है। यह कार्य योजना मौजूदा सफाईकर्मियों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (SRMS), स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम), दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) और एनएसकेएफडीसी के उपलब्ध वित्तीय आवंटन का लाभ उठाती है और सीवर/सेप्टिक टैंक कर्मियों (एसएसडब्ल्यू) को व्यावसायिक, सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाती है।
- सूचना, शिक्षा एवं संचार (IEC) अभियान: नमस्ते के हस्तक्षेप के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यूएलबी और एनएसकेएफडीसी द्वारा संयुक्त रूप से बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा। प्रचार के लिए प्रमुख स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया तथा होर्डिंग्स का उपयोग स्थानीय भाषा और अंग्रेजी/हिंदी में किया जाएगा। प्रचार-प्रसार के दौरान सोशल मीडिया का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
- MIS और वेबसाइट: नमस्ते के लिए समर्पित वेबसाइट की मदद से मजबूत MIS का कार्यान्वयन और निगरानी होगी।
2.गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में भारतीय तटरक्षक बल के लिए चार तीव्र निगरानी पोतों के निर्माण कार्य की शुरुआत
सामान्य अध्ययन: 3
रक्षा,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन ।
प्रारंभिक परीक्षा: तीव्र निगरानी पोत
प्रसंग:
- रक्षा सचिव ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GS) में चार तटरक्षक तीव्र निगरानी पोतों (FPV) के निर्माण कार्य की शुरुआत की।
विवरण:
- GSL द्वारा डिज़ाइन किया गया FPV एक मध्यम दूरी का हथियार से लैस सतह वाला जहाज है, जिसकी लंबाई 51.43 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है। यह पोत दोहरे इंजन से संचालित होता है और इसकी अधिकतम गति 27 नॉट है। जहाज का डिस्प्लेसमेंट लगभग 320 टन है और यह कठिन समुद्री परिस्थितियों में काम करने में सक्षम है।
- भारतीय तटरक्षक बल के लिए ये जहाज GSL के इन-हाउस डिजाइन पर आधारित हैं और इनमें सबसे आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत मशीनें और कम्प्यूटरीकृत नियंत्रण प्रणालियाँ लगाई जाएंगी, जिससे ये भारतीय तटरक्षक बल के अत्याधुनिक तेज़ गश्ती जहाज बन जाएंगे।
3 .रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट जहाजों के लिए HSL के साथ 19,000 करोड़ रुपये का अनुबंध किया
सामान्य अध्ययन: 3
रक्षा,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन ।
प्रारंभिक परीक्षा: फ्लीट सपोर्ट जहाज
प्रसंग:
- रक्षा मंत्रालय ने 25 अगस्त, 2023 को भारतीय नौसेना के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट शिप (FSS) के अधिग्रहण के लिए हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL), विशाखापत्तनम के साथ एक 19,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
विवरण:
- यह रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा प्रोत्साहन होगा क्योंकि इन जहाजों को HSL, विशाखापत्तनम द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया जाएगा। मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने 16 अगस्त, 2023 को अपनी बैठक में इन जहाजों के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी।
- FSS को ईंधन, पानी, गोला-बारूद और भंडार के साथ समुद्र में जहाजों को फिर से भरने के लिए नियोजित किया जाएगा, जिससे भारतीय नौसेना के बेड़े को बंदरगाह पर लौटने के बिना लंबे समय तक संचालित करने में सक्षम बनाया जा सके। ये जहाज बेड़े की रणनीतिक पहुंच और गतिशीलता को बढ़ाएंगे।
- इन जहाजों के शामिल किए जाने से भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता में काफी वृद्धि होगी। जहाजों को लोगों को निकालने तथा मानव सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के लिए भी तैनात किया जा सकता है।
- 44,000 टन के फ्लीट स्पोर्ट जहाज भारतीय शिपयार्ड द्वारा भारत में निर्मित होने वाले अपनी तरह के पहले होंगे। यह परियोजना आठ वर्षों में लगभग 168.8 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजन करेगी। इन जहाजों का निर्माण भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को एक नया आयाम प्रदान करेगा और एमएसएमई सहित संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा। अधिकांश उपकरण और प्रणालियां स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त की जा रही हैं, ये जहाज सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ के एक गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.प्रधानमंत्री को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से विभूषित किया गया:
- ग्रीस की राष्ट्रपति कतेरीना सकेलारोपोलू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से विभूषित किया।
- द ऑर्डर ऑफ ऑनर की स्थापना 1975 में की गई थी। सितारे के आमुख पर देवी एथेना का मुख अंकित है। इसके साथ ‘‘ओनली द राइचस् शुड बी ऑनर्ड’’ (केवल सत्यनिष्ठ व्यक्तियों का सम्मान हो) इबारत उकेरी हुई है।
- ग्रीस के राष्ट्राध्यक्ष उन प्रधानमंत्रियों और प्रसिद्ध हस्तियों को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से विभूषित करते हैं, जिन्होंने विशिष्ट पदों पर रहते हुए ग्रीस की स्थिति में वृद्धि करने में योगदान किया है।
2. प्रधानमंत्री ने ग्रीस के प्रधानमंत्री से मुलाकात की:
- प्रधानमंत्री ने 25 अगस्त, 2023 को ग्रीस के प्रधानमंत्री महामहिम किरियाकोस मित्सोताकिस से मुलाकात की।
- दोनों राजनेताओं ने अकेले और शिष्टमंडल के साथ चर्चा की।
- ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोताकिस ने चन्द्रयान अभियान की सफलता पर प्रधानमंत्री को बधाई दी और इसे मानवता की सफलता के रूप में व्यक्त किया।
- मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय साझेदारी के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई, जिनमें व्यापार व निवेश, रक्षा व सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, अवसंरचना, डिजिटल भुगतान, नौवहन, फार्मा, कृषि, प्रवास व आवागमन, पर्यटन, कौशल विकास, संस्कृति, शिक्षा और लोगों के बीच मेल-मिलाप जैसे क्षेत्र शामिल थे। दोनों राजनेताओं ने यूरोपीय संघ, हिंद-प्रशांत और भूमध्य सागर सहित क्षेत्रीय तथा बहुपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों राजनेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान का आह्वान किया।
- दोनों पक्षों ने अपने संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाने पर सहमति जताई।
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