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25 दिसंबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. मेडटेक मित्र: एक रणनीतिक पहल का शुभारंभ:
  2. सुशासन दिवस के अवसर पर मिशन कर्मयोगी का विस्तारित संस्करण लॉन्च:
  3. एस्ट्रोसैट द्वारा नए उच्च चुंबकीय क्षेत्र वाले न्यूट्रॉन तारे में पाए गए मिली-सेकंड विस्फोट से तारकीय संस्थाओं को समझने में सहायता मिल सकती है:
  4. प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) पर आईईसी अभियान की शुरुआत:

1. मेडटेक मित्र: एक रणनीतिक पहल का शुभारंभ:

सामान्य अध्ययन: 2

स्वास्थ्य:

विषय: स्वास्थ्य,शिक्षा,मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सवाओं के विकास और प्रबंधन से सम्बंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: मेडटेक मित्र।

मुख्य परीक्षा: मेडटेक मित्र उभरते स्टार्टअप्स को सशक्त बनाएगा और नवाचारों में आसानी, अनुसंधान एवं विकास करने में आसानी, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सेवा प्रदान करने में आसानी को सुनिश्चित करेगा। टिप्पणी कीजिए।

प्रसंग:

  • केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने मेडटेक मित्र: मेडटेक इनोवेटर्स और एडवांस हेल्थकेयर सॉल्यूशंस को सशक्त बनाने के लिए एक रणनीतिक पहल का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया।

उद्देश्य:

  • मेडटेक मित्र एक ऐसा मंच है जो देश की युवा प्रतिभाओं को सहायता प्रदान कर उनके शोध, ज्ञान, तर्क को अंतिम रूप देने और उन्हें नियामक अनुमोदन प्राप्त करने में मदद करेगा।
  • मेडटेक मित्र भारत में नवोदित उद्यमियों और अन्वेषकों के लिए एक मंच है; यह मंच एक इकोसिस्‍टम, एक समुदाय से बढ़कर है; यह एक परिवर्तनकारी बदलाव का अग्रदूत है।
  • मेडटेक मित्र उभरते स्टार्टअप्स को सशक्त बनाएगा और नवाचारों में आसानी, अनुसंधान एवं विकास करने में आसानी, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सेवा प्रदान करने में आसानी को सुनिश्चित करेगा।

विवरण:

  • चिकित्सा उपकरण क्षेत्र भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग है। विकसित भारत के विज़न की दिशा में, भारत 2047 तक देश में स्वास्थ्य परिदृश्य को बदलने के विज़न के साथ स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपना रहा है।
  • भारत का मेडटेक क्षेत्र 80 प्रतिशत तक आयात पर निर्भर है, इस बात का उल्लेख करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि देश में ही चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति हो सके।
  • इस क्षेत्र ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं और चिकित्सा दवा पार्कों, मेडटेक अनुसंधान नीति तथा मेडटेक प्रोत्साहन योजना के लिए निवेश के कार्यान्वयन के साथ अभूतपूर्व प्रगति देखी है।
  • यह सहयोगी पहल किफायती, गुणवत्तापूर्ण मेडटेक उपकरणों और डायग्नोस्टिक्स के स्वदेशी विकास की सुविधा प्रदान करेगी जिससे इस क्षेत्र की आयात निर्भरता में काफी कमी आएगी।
  • इस क्षेत्र की वृद्धि और क्षमता को रेखांकित करते हुए डॉ. मांडविया ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत 2030 तक 50 बिलियन डॉलर का उद्योग बन जाएगा।
  • मेडटेक मित्र भारत में उभरते उद्यमियों और अन्वेषकों के लिए एक मंच है। यह मंच एक इकोसिस्टम, एक समुदाय से बढ़कर है। यह क्रांतिकारी परिवर्तन का अग्रदूत है।
  • देश में स्वास्थ्य सेवा के परिदृश्य में बदलाव लाने के लिए सटीक और किफायती स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • मेडटेक मित्र एक ऐसी पहल है जो विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ाने और स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उनके साथ साझेदारी करने के लिए चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों को एक मंच प्रदान करती है।
  • मेडटेक मित्र उभरते स्टार्ट-अप को सशक्त बनाएगा और नवाचार में आसानी, अनसुंधान एवं विकास करने में आसानी, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सेवा प्रदान करने में आसानी सुनिश्चित करेगा।
  • चिकित्सा उपकरणों के इकोसिस्टम के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास को समग्र रूप से बढ़ावा देने के साथ मेडटेक मित्र का यह मंच सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए काम करेगा, जो विकसित भारत का एक अभिन्न अंग बनने के लिए राष्ट्र के प्रत्येक हिस्से तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को और सुदृढ़ करने में मदद करेगा।

2. सुशासन दिवस के अवसर पर मिशन कर्मयोगी का विस्तारित संस्करण लॉन्च:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: शासन व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेहि के महत्वपूर्ण पक्ष,ई- गवर्नेस-अनुप्रयोग,मॉडल ,सफलताएं सीमाएं और संभावनाएं।

प्रारंभिक परीक्षा: मिशन कर्मयोगी,विकास (वेरिएबल एंड इमर्सिव कर्मयोगी एडवांस्ड सपोर्ट)।

मुख्य परीक्षा: मिशन कर्मयोगी के विस्तारित संस्करण विकास (वेरिएबल एंड इमर्सिव कर्मयोगी एडवांस्ड सपोर्ट) का सुशासन में भूमिका एवं महत्व पर टिप्पणी कीजिए।

प्रसंग:

  • केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री ने 12 क्षेत्र विशिष्ट क्षमता निर्माण ई-लर्निंग पाठ्यक्रम भी शुरू किए।

उद्देश्य:

  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने विकास (वेरिएबल एंड इमर्सिव कर्मयोगी एडवांस्ड सपोर्ट) नाम से एक नए मिश्रित शिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया।

विवरण:

  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि पीएम मोदी ने महिला कर्मचारियों के लिए ‘जीवनयापन को आसान’ बनाने की दिशा में कई पहल शुरू की हैं।
    • इनमें केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों के लिए शिशु जन्म या जन्म के कुछ दिनों के भीतर शिशु की मृत्यु के मामले में 60 दिन की विशेष मातृत्व अवकाश देना, 730 दिन सीसीएल; जब कोई कर्मचारी सीसीएल पर हो तो अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) की सुविधा, सरकारी कर्मचारियों के लिए दिव्यांग बच्चे के मामले में 22 साल की सीमा को हटाकर बाल देखभाल अवकाश और दिव्यांग महिला कर्मचारियों को बच्चे की देखभाल के लिए 3000 रुपये प्रति माह की दर से विशेष भत्ता दिया जाना शामिल है।
  • केंद्र सरकार नागरिक-केंद्रित, कुशल और पारदर्शी शासन को बढ़ावा देने और सेवा वितरण में सुधार करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में 2014 से देशव्यापी ‘सुशासन सप्ताह/दिवस’ मना रही है।

मिशन कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर शुरू की गई नई सुविधाओं का विवरण :

  • माई आईजीओटी – माई आईजीओटी व्यक्तिगत अधिकारी के होम पेज पर लक्षित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जो सीधे उस अधिकारी की अद्वितीय क्षमता निर्माण आवश्यकताओं को पूरा करता है जैसा कि उनके मंत्रालयों/विभागों के लिए क्षमता-निर्माण योजना में चिन्हित किया गया है।
  • इससे अत्यधिक व्यक्तिगत, केंद्रित और लक्षित क्षमता-निर्माण की सुविधा मिलती है, जिससे व्यक्तिगत और संगठनात्मक प्रवीणता की जरूरतों के बीच एकदम दुरुस्‍त संबंध सुनिश्चित होता है।
  • ब्‍लेंडेड प्रोग्राम – आईजीओटी-कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर ब्‍लेंडेड प्रोग्राम अधिकारियों की गतिशील प्रशिक्षण जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी स्तरों पर प्रशिक्षण पद्धतियों तक समान पहुंच की सुविधा प्रदान करेंगे।
    • ब्‍लेंडेड प्रोग्राम पारंपरिक ऑफलाइन (व्यक्तिगत रूप से) कक्षा पाठ्यक्रमों को ऑनलाइन शिक्षण घटकों के साथ जोड़ते हैं।
    • यह अधिकारियों और संकाय को आमने-सामने कक्षा में बातचीत के अमूल्य लाभों को बरकरार रखते हुए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लचीलेपन और सुविधा का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है।
  • क्यूरेटेड प्रोग्राम – आईजीओटी कर्मयोगी पर क्यूरेटेड प्रोग्राम मंत्रालयों/विभागों और प्रशिक्षण संस्थानों की विविध शिक्षण जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
    • पाठ्यक्रम प्रदाता एक अनुरूप शिक्षण यात्रा प्रदान करने के लिए प्रोग्रामेटिक दृष्टिकोण के साथ आईजीओटी से प्रासंगिक सामग्री, संसाधनों और मूल्यांकन को क्यूरेट करने में सक्षम होंगे।
  • डीओपीटी के कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग लैब (केडीएलएल) द्वारा डीओपीटी की वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (एसीबीपी) के हिस्से के रूप में दो महीने की अवधि में 12 क्षेत्र विशिष्ट क्षमता निर्माण ई-लर्निंग पाठ्यक्रम विकसित किए गए हैं।
    • सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण हेतु ई-लर्निंग पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए अगस्त 2021 में राज्‍य मंत्री (पीपी) ने केडीएलएल का उद्घाटन किया था।
    • डीओपीटी की वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (एसीबीपी) 27 सितंबर 2023 को केन्‍द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने शुरू की थी।
    • ये 12 पाठ्यक्रम न केवल डीओपीटी में कार्यरत सिविल सेवकों की डोमेन योग्यता जरूरतों को पूरा करेंगे, बल्कि अन्य सरकारी संगठनों को दैनिक आधार पर कार्यात्मक मामलों को प्रभावी तरीके से संभालने में भी मदद करेंगे।
  • विकास (वेरिएबल एंड इमर्सिव कर्मयोगी एडवांस्ड सपोर्ट) एक नया मिश्रित शिक्षण कार्यक्रम है जो केंद्रीय सचिवालय में मध्य प्रबंधन सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण के लिए है।
  • विकास आईजीओटी के साथ एक मिश्रित कार्यक्रम है जिसमें केंद्र सरकार के लिए आवश्यक कार्यात्मक, व्यवहारिक और तकनीकी दक्षताओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए आईएसटीएम में 33 घंटे के ऑफ़लाइन प्रशिक्षण के साथ 30 घंटे का प्रशिक्षण शामिल है।

3. एस्ट्रोसैट द्वारा नए उच्च चुंबकीय क्षेत्र वाले न्यूट्रॉन तारे में पाए गए मिली-सेकंड विस्फोट से तारकीय संस्थाओं को समझने में सहायता मिल सकती है:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां;देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: एस्ट्रोसैट, मैग्नेटार।

प्रसंग:

  • एस्ट्रोसैट, भारत की पहली मल्टी-वेवलेंथ अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है, जिसने अल्ट्राहाई चुंबकीय क्षेत्र (मैग्नेटर) के साथ एक नए और विशिष्‍ट न्यूट्रॉन तारे से चमकीले सब-सेकेंड एक्स-रे विस्फोट का पता लगाया है।

उद्देश्य:

  • इससे मैग्नेटर्स की दिलचस्प चरम खगोल भौतिकी स्थितियों को समझने में सहायता मिल सकती है।

विवरण:

  • मैग्नेटार ऐसे न्यूट्रॉन तारे हैं जिनमें अल्‍ट्राहाई चुंबकीय क्षेत्र होता है जो स्थलीय चुंबकीय क्षेत्र की तुलना में बहुत अधिक मजबूत होता है।
  • सामान्‍य रूप से कहें तो मैग्नेटर का चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से एक क्वाड्रिलियन (एक करोड़ शंख) गुना अधिक मजबूत होता है।
    • उनमें उच्च-ऊर्जा विद्युत चुम्बकीय विकिरण के उत्सर्जन की शक्ति इन वस्तुओं में चुंबकीय क्षेत्र का क्षरण है।
    • इसके अलावा, मैग्नेटर्स मजबूत अस्थायी परिवर्तनशीलता को प्रदर्शित करते हैं, जिसमें सामान्‍य रूप से धीमी गति से घूमना, तेजी से घूमना, चमकीले लेकिन छोटे विस्फोट शामिल होते हैं जो महीनों तक चलते रहते हैं।
  • ऐसे एक मैग्नेटर को एसजीआर जे1830-0645 कहा जाता था, जिसकी अक्टूबर 2020 में नासा के स्विफ्ट अंतरिक्ष यान ने खोज की थी। यह अपेक्षाकृत युवा (लगभग 24,000 वर्ष) और पृथक न्यूट्रॉन तारा है।
  • एस्ट्रोसैट के साथ ब्रॉड-बैंड एक्स-रे ऊर्जा में मैग्नेटर का अध्ययन करने और इसकी विशेषताओं का पता लगाने के उद्देश्‍य के लिए प्रेरित होकर वैज्ञानिकों ने एस्ट्रोसैट पर दो उपकरणों- बड़े क्षेत्र वाले एक्स-रे आनुपातिक काउंटर (एलएएक्सपीसी) और सॉफ्ट एक्स-रे टेलीस्कोप (एसएक्सटी) का उपयोग करके इस मैग्नेटर का समय और स्‍पेक्‍ट्रल का विश्लेषण किया है।
  • “एक मुख्य निष्कर्ष 33 मिलिसेकंड की औसत अवधि के साथ 67 छोटे सब-सेकंड एक्स-रे विस्फोटों का पता लगाना था।
    • इन विस्फोटों में से एक सबसे चमकीला विस्‍फोट लगभग 90 मिलीसेकंड का रहा।
  • यह अध्‍ययन रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक सूचना में प्रकाशित हुआ।
  • जिसमें यह निष्कर्ष निकाला गया है कि एसजीआर जे1830-0645 एक विशिष्‍ट मेगनेटर है जो अपने स्पेक्ट्रा में उत्सर्जन लाइन को प्रदर्शित करता है।
  • इस अध्ययन में कहा गया है कि उत्सर्जन लाइनों की उपस्थिति और इसकी संभावित उत्पत्ति या तो आयरन की प्रतिदीप्ति, प्रोटॉन साइक्लोट्रॉन लाइन या एक उपकरणीय प्रभाव के कारण हुई जो चर्चा का कारण बनी हुई है।
  • एसजीआर जे1830-0645 में ऊर्जा-निर्भरता कई अन्य मगनेटरों में पाई गई ऊर्जा से भिन्न थी।
  • यहां, न्यूट्रॉन तारे की सतह (0.65 और 2.45 किमी की रेडियस) से उत्पन्न होने वाले दो थर्मल ब्लैकबॉडी उत्सर्जन घटक थे।
  • इस प्रकार, यह शोध मैग्नेटर्स और उनकी चरम खगोलीय स्थितियों के बारे में हमारी समझ को आगे बढ़ाने में योगदान देता है।
  • यह देखा है कि समग्र एक्स-रे उत्सर्जन के स्पंदित घटक ने ऊर्जा के साथ महत्वपूर्ण भिन्नता दर्शायी है।
  • यह ऊर्जा के लिए लगभग 5 किलोइलेक्ट्रॉन वोल्ट (केवी) तक बढ़ गया और उसके बाद इसमें भारी गिरावट देखी गई। यह प्रवृत्ति कई अन्य मैग्‍नेटरों में पाई गई प्रवृत्ति से अलग है।
  • शोध दल अब इन अत्यधिक ऊर्जावान उत्सर्जनों की उत्पत्ति को समझने और यह पता लगाने के लिए अपने आगे के अध्ययन का विस्तार करने की योजना बना रहा है कि क्या ये उत्‍सर्जन खगोलीय है या यांत्रिक‍ प्रकृति के हैं।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) पर आईईसी अभियान की शुरुआत:

  • देश भर के 200 जिलों में 22000 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी), बहुसंख्यक जनजातीय बस्तियों और पीवीटीजी परिवारों तक पहुंचने के उद्देश्य से, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत एक सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान की शुरुआत की है।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर, 2023) को झारखंड के खूंटी जिले से पीएम-जनमन की शुरुआत की।

अभियान का उद्देश्य:

  • व्यापक आईईसी अभियान शुरू में 100 जिलों में प्रारंभ किया गया है, जिसमें 18 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लगभग 500 ब्लॉक और 15,000 पीवीटीजी बस्तियां शामिल हैं। दूसरे चरण में, इस अभियान में बाकी बचे हुए जिले सम्मिलित होंगे।
  • यह अभियान एक प्रयास है, जिसका उद्देश्य इन आदिवासी समुदायों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करके पीवीटीजी परिवारों को उनके व्यक्तिगत अधिकारों और उनकी बस्तियों को पूरी तरह से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
  • अभियान अवधि के दौरान, आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाण पत्र और जन धन खाते प्रदान किए जाएंगे, क्योंकि ये अन्य योजनाओं जैसे आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड आदि जारी करने के लिए बुनियादी आवश्यकताएं हैं।
  • यह पहल, प्रत्येक पीवीटीजी परिवार को शामिल करना सुनिश्चित करेगी, जो दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण पहुंच से बाहर है तथा उनके द्वार पर सुविधाएं प्रदान करेगी। इन कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए हाट बाजार, सीएससी, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जाएगा।

मिशन का उद्देश्य:

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस मिशन को मंजूरी दे दी है, जो अनुसूचित जनजातियों संबंधी विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक 24,104 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा: 15,336 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा: 8,768 करोड़ रुपये) के बजटीय परिव्यय के साथ, 9 प्रमुख संबद्ध मंत्रालयों/विभागों से संबंधित 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है।
  • अन्य योजनाओं और मंत्रालयों/विभागों से जुड़े अन्य 10 हस्तक्षेपों की भी पहचान की गई है, जो पीएम गरीब कल्याण योजना, आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार वगैरह के लंबित मामलों को हल करने जैसे पीवीटीजी के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

विस्तृत कार्य योजना:

  • 15 दिसंबर, 2023 को आयोजित राष्ट्रीय मंथन शिविर के दौरान, इस मिशन की कार्यान्वयन रणनीति पर चर्चा हुई, जहां केंद्र और राज्य सरकार के 700 से अधिक अधिकारियों ने संयुक्त रूप से गहन विचार-विमर्श किया।
    • क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिसके दौरान 9 मंत्रालयों/विभागों ने एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की।
    • राज्यों की प्रतिबद्धता को दर्शाती यह योजना मिशन के तहत उच्चाधिकार प्राप्त समिति के समक्ष प्रस्तुत की गई है, जिसमें संबंधित मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री शामिल हैं।
    • इस मंथन शिविर में बताया गया कि इन समुदायों में कई परिवारों के पास आधार, जाति प्रमाण पत्र और जन धन खाता नहीं है, जिसके कारण उनके लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाना मुश्किल हो सकता है।
    • इन बुनियादी आवश्यकताओं को एक सप्ताह में अभियान चलाकर पूरा करने के लिए इन 100 जिलों के जिलाधिकारियों सहित यूआईडीएआई, सीएससी, कृषि मंत्रालय, पीएमजेएवाई तथा अन्य विभागों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।

अभियान गतिविधियां:

  • इस आवश्यकता के आकलन के आधार पर, आज (25 दिसंबर, 2023) से एक राष्ट्रव्यापी आईईसी अभियान चालू होगा।
    • अभियान के एक हिस्से में लाभार्थी संतृप्ति शिविर और स्वास्थ्य शिविर भी शामिल होंगे। ये शिविर पीवीटीजी बस्तियों में व्यक्तिगत/घरेलू लाभ और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए योजनाओं के तहत तत्काल लाभ प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
    • इसके अतिरिक्त, विभिन्न राज्यों में जनजातीय अनुसंधान संस्थान, जिला, ब्लॉक और जनजातीय बस्ती स्तरों पर इन गतिविधियों की योजना बनाने और निष्पादित करने में, सहायता करेंगे।

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