विषयसूची:
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25 February 2024 Hindi PIB
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1. राजस्थान में भारत-जापान संयुक्त अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा:
विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन।
प्रारंभिक परीक्षा: अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’।
प्रसंग:
- भारतीय सेना और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’का 5वां संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ।
उद्देश्य:
- इस अभ्यास का आयोजन 25 फरवरी से 9 मार्च 2024 तक किया जा रहा है।
- अभ्यास का उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत अर्ध-शहरी परिस्थितियों में संयुक्त अभियानों को पूरा करने के लिए संयुक्त क्षमताओं में वृद्धि करना है।
- यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास और विशेष हथियार कौशल पर केंद्रित होगा।
विवरण:
- अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है और इसका वैकल्पिक रूप से आयोजन भारत और जापान में किया जाता है। दोनों देशों की टुकड़ी में 40-40 जवान शामिल हैं।
- जापानी दल का प्रतिनिधित्व 34वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट के सैनिकों द्वारा और भारतीय सेना दल का प्रतिनिधित्व राजपूताना राइफल्स की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है।
- अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यास में अस्थायी ऑपरेटिंग बेस की स्थापना, एक इंटेलिजेंस, निगरानी और टोही (आईएसआर) ग्रिड बनाना, मोबाइल वाहन चेक पोस्ट स्थापित करना, एक विरोधी और दुश्मन के क्षेत्र में कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन करने, हेलिबोर्न ऑपरेशन और हाउस इंटरवेंशन ड्रिल्स शामिल होंगे।
- ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल और देश की बढ़ती रक्षा औद्योगिक क्षमता को दर्शाने वाले हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा।
- अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ दोनों देशों को सामरिक संचालन करने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपने श्रेष्ठ अभ्यासोंको साझा करने में सक्षम बनाएगा।
- इस अभ्यास से दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन क्षमता, सौहार्द्र और सहयोग बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
- इससे रक्षा सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध सुदृढ़ होंगे।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. प्रधानमंत्री ने सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया, जिसे लगभग 980 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। लगभग 2.32 किलोमीटर लंबा यह सेतु का देश का सबसे लंबा केबल-आधारित सेतु है।
- “ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाला सुदर्शन सेतु लगभग 980 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
- सुदर्शन सेतु एक अनूठे डिजाइन वाला सेतु है, जिसमें दोनों ओर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण के चित्रों से सजा हुआ एक फुटपाथ है।
- इस सेतु के फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होती है।
- यह सेतु परिवहन को आसान बनाएगा और द्वारका एवं बेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा में लगने वाले के समय में काफी कमी लाएगा।
- इस सेतु के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को बेट द्वारका तक पहुंचने के लिए नौका परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था।
- यह प्रतिष्ठित सेतु देवभूमि द्वारका आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण भी होगा।
2. प्रधानमंत्री ‘भारत टेक्स 2024’ का उद्घाटन करेंगे:
- प्रधानमंत्री 26 फरवरी को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में देश में आयोजित होने वाले वस्त्र क्षेत्र से जुड़े वैश्विक स्तर के अब तक के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक, ‘भारत टेक्स 2024’ का उद्घाटन करेंगे।
- ‘भारत टेक्स 2024’ का आयोजन 26-29 फरवरी, 2024 के दौरान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के 5एफ विजन से प्रेरणा लेते हुए, इस कार्यक्रम में फाइबर, फैब्रिक और फैशन के जरिए खेत (फार्म) से लेकर विदेश (फॉरेन)पर एकीकृत रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया है,जो संपूर्ण वस्त्र मूल्य श्रृंखला को कवर करता है।
- यह आयोजन वस्त्र क्षेत्र में भारत की शक्ति को प्रदर्शित करेगा और वैश्विक वस्त्र महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करेगा।
- कुल 11 वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों के एक संघ द्वारा आयोजित और सरकार द्वारा समर्थित, ‘भारत टेक्स 2024’ व्यापार और निवेश के दोहरे स्तंभों पर आधारित है।
- इसमें स्थिरता पर अत्यधिक ध्यान दिया गया है।
- इसमें स्थिरता और चक्रीयता पर समर्पित मंडप, एक ‘इंडी हाट’, भारतीय वस्त्र विरासत, स्थिरता एवं वैश्विक डिजाइन जैसे विविध विषयों पर फैशन प्रस्तुतियों के साथ-साथ संवादात्मक (इंटरैक्टिव) फैब्रिक परीक्षण क्षेत्र और उत्पादों के प्रदर्शन का भी समावेश होगा।
- ‘भारत टेक्स 2024’ में वस्त्र क्षेत्र से जुड़े छात्रों, बुनकरों, कारीगरों और वस्त्र क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के अलावा नीति निर्माताओं एवं वैश्विक स्तर के सीईओ, 3,500 से अधिक प्रदर्शकों, 100 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक खरीदारों और 40,000 से अधिक व्यापारिक आगंतुकों की भागीदारी की उम्मीद है।
- इस आयोजन के दौरान 50 से अधिक घोषणाओं और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिससे वस्त्र क्षेत्र में निवेश एवं व्यापार को और अधिक बढ़ावा मिलेगा तथा निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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