विषयसूची:
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26 April 2024 Hindi PIB
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1.कजाकिस्तान में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का समर्थन
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ),सागर-एसएजीएआर।
प्रसंग:
- रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने 26 अप्रैल, 2024 को अस्ताना, कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया।
विवरण:
- बैठक के दौरान सभी एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों द्वारा एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। बैठक के बाद एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमें एससीओ के रक्षा मंत्रियों ने अन्य पहलों के अलावा, ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के विचार को विकसित करने पर सहमति व्यक्त की, जो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के प्राचीन भारतीय दर्शन का परिचायक है।
- बैठक में रक्षा सचिव ने एससीओ क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने एससीओ सदस्य देशों की समृद्धि और विकास के लिए आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति ज़ीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- श्री गिरिधर अरमाने ने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के भारत के लंबे समय से चले आ रहे प्रस्ताव का उल्लेख किया। उन्होंने हिंद-प्रशांत के लिए भारत द्वारा प्रस्तावित ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर-एसएजीएआर)’ की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला।
एससीओ के बारे में:
- जून 2001 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ‘शंघाई फाइव’ के विस्तार के बाद अस्तित्त्व में आया था। वर्ष 1996 में ‘शंघाई फाइव’ का गठन रूस, चीन, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान ने साथ मिलकर किया था। वर्तमान में विश्व के 9 देश (कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत, पाकिस्तान और ईरान) एससीओ के सदस्य हैं।
- इस संगठन के उद्देश्यों में क्षेत्रीय सुरक्षा, सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों की संख्या में कमी करना, और आतंकवाद की चुनौती पर कार्य करना आदि शामिल हैं। एससीओ का मुख्यालय बीजिंग (चीन) में है। एससीओ की आधिकारिक भाषा चीनी और रूसी है।
2.विश्व ऊर्जा कांग्रेस 2024
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण:
विषय: पर्यावरण संरक्षण,जलवायु परिवर्तन।
मुख्य परीक्षा: नेट जीरो, नवीकरणीय ऊर्जा ।
प्रसंग:
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने रॉटरडैम, नीदरलैंड में विश्व ऊर्जा कांग्रेस के 26वें संस्करण में “नई परस्पर निर्भरता: विश्वास, सुरक्षा और जलवायु अनुकूलन” विषय पर एक पैनल चर्चा में भाग लिया।
प्रस्ताव:
- विश्व ऊर्जा कांग्रेस पैनल ने मौजूदा वैश्विक ऊर्जा संकट पर भी चर्चा की, जिसमें सीएमडी ने ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विविधीकरण और मजबूत बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मजबूत बिजली नेटवर्क के माध्यम से क्षेत्रीय बाजारों को एकीकृत करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने बांड बाजार को मजबूत बनाने और अतिरिक्त वैश्विक और स्थानीय निवेश बढ़ाने के लिए घरेलू पेंशन/बीमा फंड से प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) का 4% -5% नवीकरणीय ऊर्जा बांड में आवंटित करने का प्रस्ताव भी रखा।
विवरण:
- चर्चा के दौरान, इरेडा के सीएमडी ने ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में भारत की यात्रा के बारे में जानकारी साझा की और देश के भीतर नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने के कार्य को आगे बढ़ाने में इरेडा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म-ईंधन ऊर्जा क्षमता हासिल करने का भारत का महत्वाकांक्षी लक्ष्य उसे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में आशा की किरण के रूप में स्थापित करता है। उन्होंने वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। उन्होंने इंगित किया कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से प्रगति के साथ भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है।
- देश की सबसे बड़ी विशुद्ध हरित वित्त पोषण करने वाली एनबीएफसी के रूप में इरेडा ऊर्जा परिवर्तन के कार्य में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सीएमडी ने जोखिमों को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए नवीन वित्तीय साधनों के उपयोग के माध्यम से ऊर्जा परिवर्तन परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करने में इरेडा के प्रयासों पर जोर दिया।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.कोच्चि में ‘चैलेंजेस एंड प्रॉस्पेक्टिव सॉल्यूशंस इन इनलैंड वाटरवेज एंड शिपबिल्डिंग’ पर सम्मेलन
- केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के साथ मिलकर हाल ही में कोच्चि, केरल में दो दिवसीय सम्मेलन (23-24 अप्रैल) का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में ‘चैलेंजेस एंड प्रॉस्पेक्टिव सॉल्यूशंस इन इनलैंड वाटरवेज एंड शिप बिल्डिंग’ (अंतर्देशीय जलमार्ग और जहाज निर्माण में चुनौतियां और संभावित समाधान) विषयक समुद्री क्षेत्र के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने के लिए विभिन्न राज्य विभागों, उद्योग विशेषज्ञों तथा हितधारकों को आमंत्रित किया गया।
- सम्मेलन में चार व्यावहारिक सत्र शामिल थे, जिनमें समुद्री उद्योग को कार्बन से मुक्त करने, अंतर्देशीय जल परिवहन और जहाज निर्माण में महत्वपूर्ण चुनौतियों पर विचार करना शामिल था। प्रतिभागियों ने प्रमुख चुनौतियों को साझा करने में सक्रिय रूप से भाग लिया और घरेलू जहाज निर्माण को बढ़ावा देने के अलावा, जलमार्गों में कार्गो मोडल शिफ्ट को तेजी से हासिल करने के लिए सरकार द्वारा संभावित पहल का सुझाव दिया।
2.भारतीय वायु सेना डिजिलॉकर एकीकरण के साथ डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ा रही है
- भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 26 अप्रैल, 2024 को नई दिल्ली में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत एक प्रमुख पहल, डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म के साथ एकीकरण करके एक परिवर्तनकारी डिजिटल यात्रा का स्भुभारंभ किया है।
- नई दिल्ली में वायुसेना मुख्यालय, वायु भवन में आयोजित एक औपचारिक कार्यक्रम में, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने डिजिलॉकर की सुरक्षित और सुलभ दस्तावेज़ भंडारण सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आज महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
- यह अग्रणी एकीकरण सेवारत और सेवानिवृत्त भारतीय वायुसेना कर्मियों के महत्वपूर्ण सेवा प्रपत्रों को डिजिटल रूप से जारी करने, एक्सेस करने और सत्यापित करने के तरीके में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करके, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) डेटा सुरक्षा, परिचालन दक्षता और सूचना तक निर्बाध पहुंच के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
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