विषयसूची:
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1. जल शक्ति मंत्रालय ने लघु सिंचाई (MI) संबंधी योजनाओं पर छठी गणना रिपोर्ट जारी की:
सामान्य अध्ययन: 3
कृषि:
विषय: सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली।
मुख्य परीक्षा: लघु सिंचाई (MI) संबंधी योजनाओं पर जारी छठी गणना रिपोर्ट पर टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने 26 अगस्त 2023 को लघु सिंचाई योजनाओं पर छठी गणना रिपोर्ट जारी की।
उद्देश्य:
- देश में लघु सिंचाई (एमआई) संबंधी योजनाओं का आकलन।
विवरण:
- इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में 23.14 मिलियन लघु सिंचाई (एमआई) योजनाएं बताई गई हैं, जिनमें से 21.93 मिलियन (94.8%) भूजल (जीडब्ल्यू) और 1.21 मिलियन (5.2%) सतही जल (एसडब्ल्यू) योजनाएं हैं।
- देश में सबसे अधिक लघु सिंचाई योजनाएं उत्तर प्रदेश में हैं, इसके बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु का स्थान है।
- भूजल योजनाओं में अग्रणी राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना हैं।
- सतही जल योजनाओं में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।
- भूजल योजनाओं में खोदे गए कुएं, कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल शामिल हैं।
- सतही जल योजनाओं में सतही प्रवाह और सर्फस लिफ्ट योजनाएं शामिल हैं।
- पांचवी गणना की तुलना में छठी लघु सिंचाई गणना के दौरान लघु सिंचाई योजनाओं में लगभग 1.42 मिलियन की वृद्धि हुई है।
- राष्ट्रीय स्तर पर, भूजल और सतही जल स्तर की योजनाओं में क्रमशः 6.9% और 1.2% की वृद्धि हुई है।
- लघु सिंचाई योजनाओं में खोदे गए कुंओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक है, इसके बाद कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल हैं।
- महाराष्ट्र कुएं खोदने, सतही प्रवाह और सर्फस लिफ्ट योजनाओं में अग्रणी राज्य है।
चित्र स्रोत: PIB
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- उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब क्रमशः कम गहरे ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल में अग्रणी राज्य हैं।
- सभी लघु सिंचाई योजनाओं में से, 97.0% ‘उपयोग में हैं’, 2.1% ‘अस्थायी रूप से उपयोग में नहीं हैं’ जबकि 0.9% ‘स्थायी रूप से उपयोग में नहीं है’।
- कम गहरे ट्यूबवेल और मध्यम ट्यूबवेल ‘उपयोग में’ योजनाओं की श्रेणी में अग्रणी हैं। अधिकांश लघु सिंचाई योजनाएं (96.6%) निजी स्वामित्व में हैं।
- भूजल योजनाओं में स्वामित्व में निजी संस्थाओं की हिस्सेदारी 98.3% है, वहीं सतही जल योजनाओं में हिस्सेदारी 64.2% है।
- पहली बार, व्यक्तिगत स्वामित्व के मामले में लुघ सिंचाई योजना के मालिक की लैंगिक स्थित के बारे में भी जानकारी एकत्र की गई।
- सभी व्यक्तिगत स्वामित्व वाली योजनाओं में से 18.1% का स्वामित्व महिलाओं के पास है।
- लगभग 60.2% योजनाओं में वित्त का एक ही स्रोत है जबकि 39.8% योजनाओं में वित्त के एक से अधिक स्रोत हैं।
- वित्त के एकल स्रोत में,अधिकांश योजनाओं (79.5%) को व्यक्तिगत किसान की अपनी बचत से वित्तपोषित किया जा रहा है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. सिडनी में ओसइंडेक्स-23 के 5वें संस्करण का आयोजन:
- ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (आरएएन) के बीच द्विवार्षिक ओसइंडेक्स समुद्री अभ्यास का 5वां संस्करण 22-25 अगस्त 2023 को आयोजित किया गया।
- आरएएन से आईएनएस सह्याद्री और आईएनएस कोलकाता ने एचएमएएस चाउल्स और एचएमएएस ब्रिस्बेन के साथ इस अभ्यास में हिस्सा लिया।
- जहाजों और उनके अभिन्न हेलीकॉप्टरों के अलावा, इस अभ्यास में लड़ाकू विमानों और समुद्री गश्ती विमानों की भी भागीदारी रही।
- चार दिनों तक चलने वाले इस अभ्यास में समुद्री संचालन के सभी तीन क्षेत्रों में जटिल अभ्यासों की एक श्रृंखला को शामिल किया गया।
- यह अभ्यास सामान्य प्रक्रियाओं को फिर से मान्य करने तथा भारतीय नौसेना और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बीच घनिष्ठ संबंधों एवं पारस्परिकता की पुष्टि करने के साथ एक उच्च भावना के साथ संपन्न हुआ।
2.पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना ने ई-गवर्नेंस 2023 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता:
- पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व (ग्राम आबादी का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में सुधारित प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण) योजना ने नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए उभरती तकनीकों के अनुप्रयोग के लिए ई-गवर्नेंस 2023 (गोल्ड) राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है।
- यह स्वामित्व टीम द्वारा किए गए उत्कृष्ट और अनुकरणीय कार्यों की मान्यता है।
- प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से विकसित हो रही है।
- शासन सुधारों के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने की पहल के परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं और स्वामित्व कार्यक्रम के तहत प्रौद्योगिकी के उपयोग ने ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नागरिक-केंद्रित शासन और व्यापक ग्राम योजना की दिशा में बहुत मदद की है।
- प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से, स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत के लिए एक एकीकृत परिसंपत्ति सत्यापन समाधान प्रदान करने, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की वित्तीय स्थिरता में सुधार करने और ग्रामीण भारत में जीवन में बदलाव लाने में सफल रही है।
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