विषयसूची:

  1. प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में भारत टेक्स 2024 का उद्घाटन किया:
  2. गर्भवती महिला में भ्रूण की आयु को सटीक रूप से निर्धारित करने के लिए भारत-के लिए उपयुक्त विशिष्ट मॉडल विकसित किया गया:
  3. किशोरियों के पोषण में सुधार के लिए आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एकजुट होकर काम करेंगे:
  4. ‘पर्पल फेस्ट’ का आयोजन:
  5. केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में एफसीवी तंबाकू उत्पादकों के लिए ब्याज मुक्त ऋण की स्वीकृति दी:
  6. पहला सफल लेजर कूल्ड पॉज़िट्रोनियम प्राप्त हुआ:

26 February 2024 Hindi PIB
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1. प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में भारत टेक्स 2024 का उद्घाटन किया:

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था:

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और नियोजन, आर्थिक संसाधन से लाभ,विकास तथा रोजगार से संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: भारत टेक्स।

मुख्य परीक्षा: भारत टेक्स के निहितार्थ।

प्रसंग:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में देश में आयोजित होने वाले अब तक के सबसे बड़े वैश्विक टेक्सटाइल कार्यक्रमों में से एक, भारत टेक्स 2024 का उद्घाटन किया।

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य कपड़ा क्षेत्र में भारत की ताकत को प्रदर्शित करना और इसकी वैश्विक कपड़ा पावरहाउस स्थिति को मजबूत करना है।
  • इस आयोजन का लक्ष्य कपड़ा क्षेत्र में निवेश, व्यापार और निर्यात को बढ़ावा देते हुए 50 से अधिक घोषणाओं और समझौता ज्ञापनों को बढ़ावा देना है।
  • भारत टेक्स 2024 प्रधानमंत्री के 5एफ विजन (फाइबर, फैब्रिक और फैशन फोकस के माध्यम से खेत से विदेशी तक) के अनुरूप, संपूर्ण कपड़ा मूल्य श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करेगा,जो संपूर्ण कपड़ा मूल्य श्रृंखला को कवर करता है।

विवरण:

  • भारत टेक्स 2024 का आयोजन 26-29 फरवरी 2024 तक किया जा रहा है।
  • यह कपड़ा क्षेत्र में भारत की शक्ति को प्रदर्शित करेगा और वैश्विक कपड़ा महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करेगा।
  • 11 कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषदों के एक संघ द्वारा आयोजित और सरकार द्वारा समर्थित, भारत टेक्स 2024 व्यापार और निवेश के दोहरे स्तंभों पर बनाया गया है, जिसमें स्थिरता पर अत्यधिक ध्यान दिया गया है।
  • 100 से अधिक वैश्विक पैनलिस्टों के साथ 65 से अधिक ज्ञान सत्र विभिन्न क्षेत्र-संबंधित मुद्दों को संबोधित करेंगे।
  • इसमें स्थिरता और निरंतरता पर समर्पित मंडप, एक ‘इंडी हाट’, भारतीय कपड़ा विरासत, स्थिरता और वैश्विक डिजाइन जैसे विविध विषयों पर फैशन प्रस्तुतियां,फैब्रिक परीक्षण क्षेत्र और उत्पाद प्रदर्शन इस आयोजन का हिस्सा हैं।
  • भारत टेक्स 2024 में नीति निर्माताओं और वैश्विक सीईओ के साथ 3,500 से अधिक प्रदर्शकों, 100 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक खरीदारों और 40,000 से अधिक व्यापारिक आगंतुकों के अलावा कपड़ा छात्रों, बुनकरों, कारीगरों और कपड़ा श्रमिकों के भाग लेने की उम्मीद है।
  • आयोजन के दौरान 50 से अधिक घोषणाओं और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिससे कपड़ा क्षेत्र में निवेश और व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा तथा निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

2. गर्भवती महिला में भ्रूण की आयु को सटीक रूप से निर्धारित करने के लिए भारत-के लिए उपयुक्त विशिष्ट मॉडल विकसित किया गया:

सामान्य अध्ययन: 2

स्वास्थ्य,सामाजिक न्याय:

विषय: स्वास्थ्य,शिक्षा,मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से सम्बंधित मुद्दे। जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन ,इन अति संवेदन शील वर्गों की रक्षा एवं बहतरी के लिए गठित तंत्र,विधि ,संस्थान एवं निकाय।

प्रारंभिक परीक्षा: गर्भिणी-जीए2 मॉडल।

मुख्य परीक्षा: गर्भवती महिला में भ्रूण की आयु को सटीक रूप से निर्धारित करने के लिए भारत के लिए विकसित किये गए उपयुक्त विशिष्ट मॉडल पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • जैव प्रौद्योगिकी नवाचार एवं अनुसन्धान परिषद – ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च एंड इन्वोवेशन काउंसिल-बीआरआईसी – ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंसेज एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट- टीएचएसटीआई) फरीदाबाद और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला में भ्रूण की आयु को सटीक रूप से निर्धारित करने के लिए एक भारत-के लिए उपयुक्त विशिष्ट मॉडल विकसित किया है।

विवरण:

  • वर्तमान में, भ्रूण की आयु [गर्भकालीन आयु (गैस्टेशनल एज- जीए)] पश्चिमी देशों की जनसंख्या के लिए विकसित एक सूत्र (फार्मूले) का उपयोग करके निर्धारित की जाती है और इसके भारतीय जनसंख्या में भ्रूण की वृद्धि में भिन्नता के कारण गर्भावस्था के बाद के भाग में लागू होने पर गलत होने की संभावना होती है।
  • नव विकसित दूसरी और तीसरी तिमाही का जीए फॉर्मूला, गर्भिणी-जीए 2, भारतीय जनसंख्या के लिए भ्रूण की आयु का सटीक अनुमान लगाता है, जिससे त्रुटि लगभग तीन गुना कम हो जाती है।
  • गर्भवती महिलाओं की उचित देखभाल और सटीक प्रसव तिथि निर्धारित करने के लिए सटीक जीए आवश्यक है।
  • गर्भिणी-जीए2 पहला ऐसा अंतिम -तिमाही जीए अनुमान मॉडल है जिसे भारतीय जनसंख्या डेटा का उपयोग करके विकसित और शुरू में मान्य किया गया है।
  • गर्भिणी –जीए 2 जो नियमित रूप से मापे जाने वाले तीन भ्रूण अल्ट्रासाउंड मापदंडों का उपयोग करता है।
  • गर्भिणी-जीए 2 मॉडल विकसित करने के लिए आनुवंशिक एल्गोरिदम-आधारित तरीकों का प्रयोग किया, जिसे गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे तिमाही में लागू करने पर, वर्तमान में उपयोग की जाने वाली तुलना में अधिक सटीक था।
    • उदाहरण के लिए, हैडलॉक की तुलना में गर्भिणी –जीए 2 मॉडल, जीए अनुमान माध्य त्रुटि (एस्टीमेशन मीडियन एरर) को तीन गुना से अधिक कम कर देता है।
  • अल्ट्रासाउंड डेटिंग प्रारंभिक गर्भावस्था में जीए का निर्धारण करने के लिए देखभाल का मानक है। यद्यपि भारत में महिलाओं का एक बड़ा वर्ग गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में अपना पहला अल्ट्रासाउंड कराता है।
  • बेहतर सटीकता के साथ इन महिलाओं में भारतीय जनसंख्या -विशिष्ट जीए फ़ॉर्मूले का अनुप्रयोग संभावित रूप से गर्भावस्था देखभाल में सुधार कर सकता है और जिससे बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
    • यह सटीक डेटिंग देश में गर्भावस्था के परिणामों के लिए महामारी विज्ञान के अनुमानों की सटीकता को भी बढ़ाएगी।
    • एक बार संभावित अखिल भारतीय समूहों में मान्य (वैलिडेट) होने के बाद, इस गर्भिणी –जीए 2 को पूरे भारत के क्लीनिकों में लागू किया जा सकता है I
    • जिससे प्रसूति विशेषज्ञों (आब्स्टिट्रिशियन्स) और नवजात शिशु विशेषज्ञों (नियोनेटोलोजिस्ट्स) द्वारा दी जाने वाली देखभाल में सुधार होगा तथा परिणामस्वरूप भारत में मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. किशोरियों के पोषण में सुधार के लिए आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एकजुट होकर काम करेंगे:

  • आयुर्वेद हस्तक्षेपों के माध्यम से किशोरियों के पोषण में सुधार के लिए आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों मंत्रालय भारत को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए सहयोग कर रहे हैं। ‘एनीमिया मुक्त भारत’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए दोनों मंत्रालयों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • “मिशन उत्कर्ष के तहत पांच जिलों में आयुर्वेद हस्तक्षेपों का उपयोग कर किशोरियों में एनीमिया नियंत्रण” के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य के तहत यह साझा पहल की गई।
  • दोनों मंत्रालयों ने संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि पहले चरण में, पांच राज्यों के पांच आकांक्षी जिलों अर्थात् असम-धुबरी ; छत्तीसगढ़-बस्तर; झारखंड – पश्चिमी सिंहभूम; महाराष्ट्र – गढ़चिरौली; राजस्थान – धौलपुर में किशोरियों (14-18 वर्ष) में एनीमिया की स्थिति में सुधार लाने पर ध्यान दिया जा सकता है।
  • आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एनीमिया की प्रवृत्ति वाले जिलों (जहां एनीमिया का औसत प्रसार लगभग 69.5 प्रतिशत है) में लगभग 95,000 किशोरियों के पोषण में सुधार के उद्देश्य से आज इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना में पांच जिलों के लगभग 10,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को शामिल किया जाएगा।
  • किशोरावस्था में एनीमिया के कारण शारीरिक और मानसिक क्षमता कम हो जाती है तथा कार्य और शैक्षिक प्रदर्शन में एकाग्रता कम हो जाती है। लड़कियों में यह भविष्य में सुरक्षित मातृत्व के लिए भी एक बड़ा ख़तरा प्रस्‍तुत करता है।
  • बच्चों, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं में कुपोषण की चुनौती से निपटना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक है जिसके लिए “सक्षम आंगनबाडी” और ” पोषण” योजना का संचालन किया जाता हैं।
    • यह योजना देश भर में 13.97 लाख आंगनबाड़ियों के सहयोग से संचालित की जा रही है। 14 से 18 वर्ष के आयु वर्ग की लड़कियों पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि 18 वर्ष के बाद जब उनकी शादी होती है तो वे भविष्य में स्वस्थ बच्चों को जन्म दे सकती हैं।
    • आयुष के साथ हमने “पोषण माह” और “पोषण पखवाड़ा” के साथ 2.7 करोड़ से अधिक आयुष आधारित गतिविधियां संचालित की हैं।

2. ‘पर्पल फेस्ट’ का आयोजन:

  • राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान में 26 फरवरी, 2024 को एक दिवसीय ‘पर्पल फेस्ट’ का आयोजन किया गया है।
  • भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘पर्पल फेस्ट’ का उद्देश्य विभिन्न तरह की दिव्यांगता और लोगों के जीवन पर इनके प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समाज के भीतर दिव्यांगजनों के बारे में समझ, स्वीकृति और समावेशन को बढ़ावा देना है।

3. केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में एफसीवी तंबाकू उत्पादकों के लिए ब्याज मुक्त ऋण की स्वीकृति दी:

  • आंध्र प्रदेश में एफसीवी तम्बाकू उत्पादकों की कठिनाइयों को देखते हुए, भारत सरकार ने तम्बाकू बोर्ड संबंधी उत्पादक कल्याण कोष से उन उत्पादक सदस्यों को 10,000 रुपये का ब्याज मुक्त ऋण स्वीकृत किया है, जिनकी फसलें आंध्र प्रदेश में इस चक्रवाती भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
    • यह केवल आंध्र प्रदेश फसल मौसम 2023-24 के लिए केवल एक बार दिया जाने वाला ब्याज मुक्त ऋण है।
    • यह धनराशि 2023-24 आंध्र प्रदेश फसल मौसम से संबंधित तंबाकू उत्पादकों की नीलामी बिक्री आय से वसूल की जाएगी।
  • वर्तमान में, कर्नाटक में एफसीवी तंबाकू की नीलामी चल रही है।
    • अब तक, बोर्ड द्वारा कर्नाटक में अपने ई-नीलामी मंचों के माध्यम से लगभग 85.12 मिलियन किलोग्राम एफसीवी तंबाकू का विपणन किया जा चुका है।
    • तम्बाकू उत्पादकों को मिलने वाली औसत कीमत में 12.49 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, यानी यह कीमत पिछले वर्ष 228.01 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर चालू वर्ष में 256.48 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।
  • कर्नाटक में, राज्य सरकार ने 2 एफसीवी तम्बाकू उत्पादक तालुकों को छोड़कर, सभी तालुकों को सूखा क्षेत्र घोषित कर दिया है।
    • इसकी वजह से एफसीवी तंबाकू उत्पादकों की आजीविका प्रभावित हुई है।
    • इसके कारण, केंद्र सरकार ने केवल कर्नाटक फसल मौसम 2023-24 के लिए पंजीकृत उत्पादकों के अतिरिक्त उत्पादन और अपंजीकृत उत्पादकों के अनधिकृत उत्पादन की बिक्री पर जुर्माना माफ करने के बाद, तंबाकू बोर्ड नीलामी मंच पर एफसीवी तंबाकू की बिक्री की अनुमति देने का फैसला लिया है।
  • फ्लू क्यूर्ड वर्जीनिया (एफसीवी) तंबाकू का उत्पादन भारत में मुख्य रूप से 2 राज्यों, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में किया जाता है।
  • वर्तमान में, आंध्र प्रदेश में इस फसल का मौसम चल रहा है, जहां 42,915 एफसीवी तंबाकू उत्पादक हैं और कर्नाटक में नीलामी चल रही है, जहां 39,552 एफसीवी तंबाकू उत्पादक हैं।
  • तीन दिसंबर से 5 दिसंबर 2023 तक, मिचॉंग चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश में भारी बारिश हुई थी।
    • आंध्र प्रदेश में एलुरु, पूर्वी गोदावरी, काकीनाडा, प्रकाशम, नेल्लोर, बापटला, पालनाडु और गुंटूर जिलों में उगाई जाने वाली एफसीवी तंबाकू की फसल इन भारी चक्रवाती बारिश की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुई है।
    • आंध्र प्रदेश में चालू फसल मौसम में एफसीवी तंबाकू को 75,355 हेक्टेयर में बोया गया था, जिसमें से लगभग 20 प्रतिशत यानि 14,730 हेक्टेयर बोयी गई फसल भारी वर्षा के कारण प्रभावित हुई।
    • एफसीवी तम्बाकू की फसल फसल के बह जाने, खड़ी फसल के डूबने, जल जमाव और परिणामस्वरूप खड़ी फसल के मुरझा जाने से प्रभावित हुई है।

4. पहला सफल लेजर कूल्ड पॉज़िट्रोनियम प्राप्त हुआ:

  • शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग ने पहली बार पॉज़िट्रोनियम के लेजर कूलिंग का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है, जो एक अल्पकालिक हाइड्रोजन जैसा परमाणु है।
  • यह बाउंड-स्टेट क्वांटम इलेक्ट्रोडायनामिक्स के लिए एक आदर्श परीक्षण क्षेत्र उपलब्ध कराता है।
  • एंटीहाइड्रोजन प्रयोग: ग्रेविटी, इंटरफेरोमेट्री, स्पेक्ट्रोस्कोपी (एईजीआईएस) सहयोग ने इस सफलता को प्राप्त करने के लिए यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (सीईआरएन) में कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए गए हैं।
  • ये परिणाम उन्नत अध्ययन करने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं जिससे भौतिक प्रकृति की बेहतर समझ को बढ़ावा मिल सकता है, जिसमें प्रकाश और आवेशित पदार्थ के बीच परस्पर क्रिया के माध्यम से पदार्थ और एंटी-पदार्थ शामिल हैं।
  • पॉज़िट्रोनियम एक मौलिक परमाणु है जिसमें एक इलेक्ट्रॉन ( ई -) और एक पॉज़िट्रॉन ( ई +) शामिल है।
    • इलेक्ट्रॉन और पॉज़िट्रॉन लेप्टान हैं, और वे विद्युत चुम्बकीय और कमजोर बलों के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं।
    • एक सामान्य परमाणु बेरिऑन और लेप्टान के मिश्रण से बना होता है। चूँकि पॉज़िट्रोनियम केवल इलेक्ट्रॉनों और पॉज़िट्रॉन से बना होता है और इसमें कोई सामान्य परमाणु पदार्थ नहीं होता है, इसलिए इसे विशुद्ध रूप से लेप्टोनिक परमाणु होने का अनूठा गौरव प्राप्त है।
  • यह शोध अब इस अनूठी प्रणाली के बोस आइंस्टीन कंडेनसेट्स जैसे विदेशी कई कण प्रणालियों के निर्माण के द्वार खोलता है।
    • यह एईजीआईएस प्रयोग में एंटी-हाइड्रोजन के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण अग्रदूत प्रयोग है, जिसका तुल्यता सिद्धांत का परीक्षण करने का एक दीर्घकालिक लक्ष्य है।

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