विषयसूची:
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1. कैबिनेट ने भारत और इटली के बीच प्रवासन और आवाजाही समझौते को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: प्रवासी भारतीय।
मुख्य परीक्षा: भारत और इटली के बीच प्रवासन और आवाजाही समझौते पर टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और इटली सरकार के बीच प्रवासन और आवाजाही समझौते पर हस्ताक्षर और उसकी पुष्टि करने से संबंधित विदेश मंत्रालय के प्रस्ताव को अपनी पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य:
- इस समझौते से लोगों के बीच परस्पर संपर्क में वृद्धि होगी, विद्यार्थियों, कुशल कामगारों , कारोबारियों और युवा पेशेवरों की आवाजाही को बढ़ावा मिलेगा और दोनों पक्षों के बीच अनियमित प्रवासन से संबंधित मुद्दों पर सहयोग को मजबूती मिलेगी।
- यह समझौता अध्ययन के बाद के अवसरों, इंटर्नशिप, पेशेवर प्रशिक्षण के तंत्रों सहित वर्तमान इतालवी वीज़ा व्यवस्था को परिमित करता है जो फ्लो डिक्री के तहत मौजूदा श्रम आवाजाही मार्गों के तहत भारत के लिए लाभ का आश्वासन देते हैं।
विवरण:
कुछ प्रमुख प्रावधान नीचे सूचीबद्ध हैं:
- इटली में शैक्षणिक/व्यावसायिक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रारंभिक पेशेवर अनुभव हासिल करने के इच्छुक भारतीय विद्यार्थियों को 12 महीने तक के लिए इटली में अस्थायी निवास की अनुमति दी जा सकती है।
- फ्लो डिक्री के तहत, इतालवी पक्ष ने 2023-2025 तक मौसमी और गैर-मौसमी दोनों कामगारों के लिए वृद्धिशील आरक्षित कोटे की पेशकश की है। (मौसमी श्रमिकों के लिए कुल आरक्षित कोटा 8000 है), (गैर-मौसमी कामगारों के लिए कुल आरक्षित कोटा 12000 है)।
- इसके अतिरिक्त, यह समझौता युवा आवाजाही तथा स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा सेवा क्षेत्रों में योग्य भारतीय पेशेवरों की भर्ती की सुविधा पर समझौतों के माध्यम से भारत और इटली के बीच आवाजाही के मार्गों को आगे बढ़ाने पर संयुक्त कार्य करने को भी औपचारिक रूप देता है, जिस पर संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) के तहत चर्चा की जाएगी।
- अनियमित प्रवासन के खिलाफ लड़ाई में दोनों पक्षों के बीच सहयोग को भी समझौते के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया है।
- यह समझौता दो अधिसूचनाओं में से अंतिम की प्राप्ति की तारीख के बाद दूसरे महीने के पहले दिन से लागू होगा, जिसके द्वारा पक्ष एक-दूसरे को इसके लागू होने के लिए आवश्यक आंतरिक प्रक्रियाओं के पूरा होने और 5 वर्ष की अवधि के लिए लागू रहने के बारे में सूचित करेंगे।
- जब तक कि किसी भी भागीदार द्वारा इसे समाप्त नहीं किया जाता, समझौता समान क्रमिक अवधि के लिए स्वचालित रूप से नवीनीकृत हो जाएगा।
- यह समझौता जेडब्ल्यूजी के माध्यम से इसकी निगरानी के लिए एक औपचारिक तंत्र प्रदान करता है जो समय-समय पर, सुविधाानुसार आभासी या वास्तविक रूप से बैठक करेगा और इसके कार्यान्वयन की निगरानी करेगा।
- जेडब्ल्यूजी उपयुक्त जानकारी साझा करेगा, समझौते के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करेगा और कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए आवश्यकतानुसार सभी उचित प्रस्तावों पर चर्चा करेगा।
पृष्ठ्भूमि:
- इस समझौते पर 2 नवंबर, 2023 को भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और इटली की ओर से विदेश मामले और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री श्री एंटोनियो तजानी ने हस्ताक्षर किए।
2. कैबिनेट ने भारत और मलेशिया के बीच प्रसार भारती और रेडियो टेलीविज़न मलेशिया (आरटीएम), मलेशिया के बीच प्रसारण में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत-मलेशिया सबंधों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- कैबिनेट ने भारत और मलेशिया के बीच प्रसार भारती और रेडियो टेलीविज़न मलेशिया (आरटीएम), मलेशिया के बीच प्रसारण में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान कर दी हैं।
उद्देश्य:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को प्रसार भारती और रेडियो टेलीविज़न मलेशिया (आरटीएम), मलेशिया के बीच एमओयू/समझौते पर 07 नवंबर, 2023 को हुए हस्ताक्षर से अवगत कराया गया, जिसमें प्रसारण, समाचारों के आदान-प्रदान और ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रमों के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की अपार क्षमता है, साथ ही इससे मलेशिया के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- इसके साथ ही प्रसार भारती द्वारा विभिन्न देशों के साथ हुए एमओयू की कुल संख्या 46 हो गई है।
विवरण:
- प्रसार भारती राष्ट्र निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और देश तथा विदेश, दोनों में सभी को सार्थक और सटीक कन्टेंट प्रदान करने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करता है।
- ये समझौता ज्ञापन अन्य देशों में कन्टेंट के वितरण, अंतरराष्ट्रीय प्रसारकों के साथ साझेदारी विकसित करने और नई प्रौद्योगिकियों की मांगों को पूरा करने के लिए नई रणनीतियों की खोज में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।
- एमओयू पर हस्ताक्षर करने का प्रमुख लाभ संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, खेल, समाचार और अन्य क्षेत्रों में नि:शुल्क/गैर-नि:शुल्क आधार पर कार्यक्रमों के आदान-प्रदान से जुड़ा है।
- भारत के लोक सेवा प्रसारक, प्रसार भारती ने रेडियो और टेलीविजन के क्षेत्र में सार्वजनिक प्रसारण में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए मलेशिया के लोक सेवा प्रसारक, रेडियो टेलिविज़न मलेशिया के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. कैबिनेट ने न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में भारत का महावाणिज्य दूतावास खोलने को मंजूरी दी
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में भारत का महावाणिज्य दूतावास खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
- ऑकलैंड में भारत का महावाणिज्य दूतावास खुलने से भारत का राजनयिक पदचिह्न बढ़ाने में मदद मिलेगी और भारत की बढ़ती वैश्विक भागीदारी को देखते हुए भारत का राजनयिक प्रतिनिधित्व सुदृढ़ होगा। इससे भारत के रणनीतिक और वाणिज्यिक हितों को बढ़ावा देने और ऑकलैंड में भारतीय समुदाय का बेहतर ढंग से कल्याण कर पाने में भी सहायता होगी।
- इस वाणिज्य दूतावास के 12 महीने की समय सीमा के भीतर खोले जाने और पूरी तरह से चालू हो जाने की संभावना है।
2. कैबिनेट ने 2024 मौसम के लिए खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 2024 मौसम के लिए खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है।
- किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिए, सरकार ने 2018-19 के केन्द्रीय बजट में घोषणा की थी कि सभी अनिवार्य फसलों का एमएसपी अखिल भारतीय भारित उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना स्तर पर तय किया जाएगा।
- 2024 सीज़न के लिए मिलिंग खोपरा की उचित औसत गुणवत्ता के लिए एमएसपी 11,160/- रुपये प्रति क्विंटल और बॉल खोपरा के लिए 12,000/- रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
- इससे मिलिंग कोपरा के लिए 51.84 प्रतिशत और बॉल कोपरा के लिए 63.26 प्रतिशत का मार्जिन सुनिश्चित होगा, जो उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत से 1.5 गुना से भी अधिक है।
- मिलिंग खोपरा का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जबकि बॉल/खाद्य खोपरा को सूखे फल के रूप में खाया जाता है और धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
- केरल और तमिलनाडु मिलियन कोपरा के प्रमुख उत्पादक हैं, जबकि बॉल कोपरा का उत्पादन मुख्य रूप से कर्नाटक में होता है।
- 2024 मौसम में मिलिंग खोपरा के लिए एमएसपी में पिछले मौसम की तुलना में 300/- रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के मूल्य में 250/- रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।
- पिछले 10 वर्षों में, सरकार ने मिलिंग खोपरा और बॉल कोपरा के लिए एमएसपी को 2014-15 में 5,250 रुपये प्रति क्विंटल और 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 में 11,160 रुपये प्रति क्विंटल और 12,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया जिसमें क्रमशः 113 प्रतिशत और 118 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
- उच्च एमएसपी न केवल नारियल उत्पादकों के लिए बेहतर लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगा, बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खोपरा उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी करेगा।
- मौजूदा मौसम 2023 में खरीद पिछले सीज़न (2022) की तुलना में 227 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत देती है।
- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नैफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत खोपरा और छिलके रहित नारियल की खरीद के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप में कार्य करना जारी रखेंगे।
3. न्यायमूर्ति कोंडा माधव रेड्डी की 100वीं जयंती:
- आंध्र प्रदेश और बॉम्बे उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल, दिवंगत न्यायमूर्ति कोंडा माधव रेड्डी की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक विशेष भारतीय डाक कवर उपराष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया।
- यह पहल महान दिवंगत न्यायाधीश कोंडा माधव रेड्डी को एक उचित सम्मान और श्रद्धांजलि है।
- 15 अगस्त 1872 को जन्मे न्यायमूर्ति रेड्डी एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत की न्याय और शिक्षा प्रणाली में भारी योगदान दिया।
- न्यायमूर्ति रेड्डी को एक मृदुभाषी, विचारशील, चिंतनशील, न्याय की सहज भावना वाले तर्कसंगत और निष्पक्ष तथा तथ्यों और कानून के बारे में गहन जानकारी रखने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है।
- दिवंगत न्यायमूर्ति कोंडा माधव रेड्डी के जीवन का केंद्रीय संदेश समावेशी समाज था।
- उन्होंने कई शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों की स्थापना की।
- धरती पुत्र, न्यायमूर्ति रेड्डी अंत तक अपने पैतृक गांव, धर्मसागर में कृषक बने रहे।
- जैसे-जैसे भारत अपने शताब्दी वर्ष, भारत@2047, के करीब पहुंच रहा है, हमें न्यायमूर्ति रेड्डी द्वारा प्रतिपादित और बल दिए गए आदर्शों – सेवा, न्याय और करुणा को याद रखना चाहिए, क्योंकि इन्हें एक समावेशी समाज और एक जीवंत लोकतंत्र का आधार बनना चाहिए।
न्यायपालिका:
- भारत का कानूनी परिदृश्य हाल के महीनों में बड़े सकारात्मक बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जिसका इसकी प्रगति और मानवता के छठे हिस्से के कल्याण पर जबरदस्त सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- पिछले दशक के दौरान, न्यायिक प्रणाली में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, ई-कोर्ट परियोजना और राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के माध्यम से डिजिटलीकरण पर जोर दिया गया है। इनसे न केवल पारदर्शिता और पहुंच बढ़ी है, बल्कि लंबित मामलों में भी कमी आई है।
- प्रमुख कानूनी सुधारों में वाणिज्यिक न्यायालयों की स्थापना और मध्यस्थता कानूनों में संशोधन शामिल हैं, जिनका लक्ष्य तेजी से विवाद समाधान करना है।
- समाज के वंचित वर्गों के लिए कानूनी सहायता तंत्र को मजबूत करने, सभी के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) जैसी पहल की गई है।
- उल्लेखनीय बात यह है कि भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के तहत, सर्वोच्च न्यायालय ने लोगों को उनकी अपनी भाषा में न्याय दिलाने सहित कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- सुप्रीम कोर्ट कागज रहित हो गया है, और यहां तक कि अदालतें (अधिवक्ताओं सहित) भी कागज रहित काम कर रही हैं। 99% जिला अदालतें संबंधित उच्च न्यायालयों से जुड़ी हुई हैं, और उच्च न्यायालय कागज रहित पारिस्थितिकी तंत्र की ओर बढ़ रहे हैं।
विधानमंडल की उपलब्धियाँ: अभी कुछ दिन पहले ही तीन नये आपराधिक संहिता विधेयकों को भारत के माननीय राष्ट्रपति की मंजूरी मिली।
- नए कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – ने सजा के बजाय न्याय पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली को औपनिवेशिक विरासत से मुक्त कर दिया है। यह एक स्मारकीय और क्रांतिकारी परिवर्तन है कि भारतीय दंड संहिता अब न्याय संहिता बन गई है।
- संसद द्वारा नारी शक्ति वंदन अधिनियम का पारित होना हमारे कानूनी परिदृश्य में एक और मील का पत्थर था। यह कानून एक लंबे समय से प्रतीक्षित उपाय का प्रतीक है जो महिलाओं को हमारे लोकतंत्र में उनका उचित स्थान देगा और हमारे समाज के आधे हिस्से की आवाज को बढ़ाएगा।
कार्यकारी अधिकारी:
- सरकार द्वारा जन भागीदारी के माध्यम से सबसे परिवर्तनकारी कदम उठाए गए हैं, जो हमारे लोकतंत्र की ताकत को उजागर करते हैं।
- राष्ट्रव्यापी “स्वच्छ भारत” अभियान शुरू करने से लेकर अग्रणी डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से लगभग एक अरब लोगों को ऑनलाइन लाने तक, जिसकी विश्व बैंक और आईएमएफ द्वारा सराहना की गई है।
- 2022 में हमारा डिजिटल लेनदेन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के संयुक्त लेनदेन का चार गुना था। हमारे यूपीआई को सिंगापुर जैसे देश भी अपना रहे हैं।
- अब हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। हम पहले ही कनाडा और ब्रिटेन से आगे निकल चुके हैं और जल्द ही जापान और जर्मनी से भी आगे निकल जाएंगे।
- अगस्त 2023 में भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अपना चंद्रयान-3 मानवरहित यान उतारा, यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का पहला और एकमात्र देश बन गया!
- जी20: कुछ ही दिनों बाद, हमने नई दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं की मेजबानी की।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्थायी जी20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ के प्रवेश का समर्थन किया और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ग्लोबल साउथ की आवाज़ को पहले की तरह बढ़ाया। यूरोपीय संघ पहले से ही जी20 का हिस्सा था। भारत ग्लोबल साउथ की बहुत सशक्त आवाज बन गया।
- जी20 अध्यक्ष के रूप में, भारत ने दुनिया को यथास्थिति का एक विकल्प, जीडीपी-केंद्रित से मानव-केंद्रित प्रगति की ओर बदलाव की पेशकश करने की मांग की।
- समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्य-उन्मुख और निर्णायक – ये चार शब्द जी20 अध्यक्ष के रूप में हमारे दृष्टिकोण को परिभाषित करते हैं। इन कार्यों के परिणामस्वरूप, आज हम विश्व बैंक के अनुसार सबसे तेजी से बढ़ती सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और निवेश और अवसर के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में पहचाने जाते हैं।
प्रौद्योगिकी:
- विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के आगमन से नई चुनौतियों के साथ-साथ अवसर भी सामने आ रहे हैं। एक समय था जब हम प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए दूसरे देशों की ओर देखते थे, फिर हम उनकी ओर देखते थे कि वे हमें प्रौद्योगिकी देंगे, फिर वे सीमित अर्थों में प्रौद्योगिकी से अलग हो जाएंगे, इसलिए हम बहुत पीछे रह गए।
- भारत पहले से ही खुद को दुनिया के उन कुछ देशों में से एक के रूप में स्थापित कर चुका है जो ऐसी प्रौद्योगिकियों पर शोध और उपयोग के मामले में अपना रास्ता बना रहा है।
- हमने पहले से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 6जी और ग्रीन एनर्जी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर अपने प्रयासों को निर्देशित किया है, ताकि भारत@2047 सिर्फ एक दृष्टि न हो बल्कि एक वास्तविकता हो और जो हमारी सपनों की दुनिया से आगे निकल जाए!
- अब हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
- 2047 तक, जब हम अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहे हैं, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे पास एक बार फिर से नालंदा, विक्रमशिला, तक्षशिला जैसे संस्थान होंगे जो न केवल भारत के लिए, बल्कि बड़े पैमाने पर पूरे विश्व के लिए अमूल्य विचार और शिक्षा के केंद्र बनेंगे।
- न्यायमूर्ति कोंडा माधव रेड्डी अलग व्यक्तित्व थे। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपना जीवन भारत की सेवा में समर्पित कर दिया। एक व्यक्ति जिसने सर्वोच्च न्यायालय के आदर्श वाक्य, यतो धर्मस्ततो जय: को बरकरार रखा, जिसका अर्थ है कि जहां धार्मिकता और नैतिक कर्तव्य है, वहां जीत है।
- जस्टिस कोंडा माधव रेड्डी का जीवन और कार्य आज के युवा दिमागों को एक बेहतर और मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा देते रहेंगे क्योंकि हम 2047 में अपने सपनों का देश बनाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।
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