विषयसूची:

  1. प्रधानमंत्री ने केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का दौरा किया:
  2. स्वयं प्लस ( SWAYAM Plus) प्लेटफॉर्म लॉन्च:
  3. प्रधानमंत्री मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर नई हवाई पट्टी और एक जेट्टी का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे:
  4. ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’:
  5. भारतीय सेना ने 46-मीटर के मॉड्यूलर पुल के साथ अपनी ब्रिजिंग क्षमता को मजबूत बनाया:
  6. राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) ने थाईलैंड सरकार के थाई पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:

27 February 2024 Hindi PIB
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1. प्रधानमंत्री ने केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का दौरा किया:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां;देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: गगनयान मिशन,शिव-शक्ति प्वॉइं,चंद्रयान,विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र से सम्बन्धित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: गगनयान मिशन का भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के भविष्य पर क्या प्रभाव होगा।

प्रसंग:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का दौरा किया और लगभग 1800 करोड़ रुपये की तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

उद्देश्य:

  • इन परियोजनाओं में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा में एसएलवी एकीकरण सुविधा (पीआईएफ); महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई ‘सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा’; और वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम में ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’ शामिल हैं।

विवरण:

  • प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन की प्रगति की भी समीक्षा की और नामित चार अंतरिक्ष यात्रियों को ‘एस्ट्रोनॉट विंग्स’ प्रदान किये।
    • नामित अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं
  • प्रधानमंत्री ने भारत की चंद्रयान सफलता को याद किया, जब भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना था। आज “शिव-शक्ति प्वॉइंट” पूरी दुनिया को भारतीय शक्ति से परिचित करा रहा है।
  • उन्होंने गगनयान के चार नामित अंतरिक्ष यात्रियों का परिचय कराये जाने को एक ऐतिहासिक अवसर बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, “वे सिर्फ चार नाम या व्यक्ति नहीं हैं, वे 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में ले जाने वाली चार ‘शक्तियां’ हैं।
  • 40 वर्ष बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है, लेकिन इस बार टाइम भी हमारा है, काउंट-डाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।
  • प्रधानमंत्री ने मनोनीत अंतरिक्ष यात्रियों से मिलने और उन्हें देश से परिचित कराने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पूरे देश की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दीं।
  • प्रधानमंत्री ने नामित चार अंतरिक्ष यात्रियों पर सेलिब्रिटी की तरह लगातार ध्यान देने के संबंध में कुछ आशंकाएं भी व्यक्त कीं, जो उनके प्रशिक्षण में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। उन्होंने नामित अंतरिक्ष यात्री और उनके परिवारों के साथ सहयोग करने की अपील की, ताकि वे बिना विचलित हुए अपना प्रशिक्षण जारी रख सकें।
  • उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गगनयान के अधिकांश उपकरण भारत में निर्मित हैं।
  • उन्होंने दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में भारत के आसन्न प्रवेश के साथ गगनयान की तैयारी के सुखद संयोग का उल्लेख किया।
  • भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में नारी शक्ति की भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “चाहे वह चंद्रयान हो या गगनयान, महिला वैज्ञानिकों के बिना ऐसी किसी भी परियोजना की कल्पना नहीं की जा सकती।” इसरो में 500 से अधिक महिलाएं नेतृत्वकारी पदों पर हैं।
  • देश के अंतरिक्ष क्षेत्र की पूर्ण क्षमता का दोहन करने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना और इस सेक्टर में तकनीकी तथा अनुसंधान व विकास क्षमता को बढ़ाने के प्रति प्रधानमंत्री के संकल्प को गति मिलती है, क्योंकि विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम की उनकी यात्रा के दौरान तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है।
  • परियोजनाओं में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी एकीकरण सुविधा (पीआईएफ); महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई ‘सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा’; और वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम में ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’ शामिल हैं। अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए विश्व स्तरीय तकनीकी सुविधाएं प्रदान करने वाली ये तीन परियोजनाएं लगभग 1800 करोड़ रुपये की संचयी लागत पर विकसित की गई हैं।
  • श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पीएसएलवी एकीकरण सुविधा (पीआईएफ) पीएसएलवी प्रक्षेपण की आवृत्ति को प्रति वर्ष 6 से 15 तक बढ़ाने में मदद करेगी।
  • यह अत्याधुनिक सुविधा एसएसएलवी और निजी अंतरिक्ष कंपनियों द्वारा डिजाइन किए गए अन्य छोटे प्रक्षेपण व्हिकल्स के प्रक्षेपण को भी पूरा कर सकती है।
  • आईपीआरसी महेंद्रगिरि में नई ‘सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा’ सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और चरणों के विकास को सक्षम करेगी, जो वर्तमान लॉन्च व्हिकल्स की पेलोड क्षमता को बढ़ाएगी।
  • यह सुविधा 200 टन तक के थ्रस्ट वाले इंजनों का परीक्षण करने के लिए तरल ऑक्सीजन और केरोसिन आपूर्ति प्रणालियों से सुसज्जित है।
  • वायुमंडलीय उड़ान के दौरान रॉकेट और विमानों के वर्गीकरण के लिए एयरोडायनेमिक टेस्टिंग के वास्ते विंड टनल्स आवश्यक हैं।
  • वीएसएससी में जिस “ट्राइसोनिक विंड टनल” का उद्घाटन किया जा रहा है, वह एक जटिल तकनीकी प्रणाली है। यह हमारी भविष्य की प्रौद्योगिकी विकास आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
  • अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन की प्रगति की भी समीक्षा की और नामित अंतरिक्ष यात्रियों को ‘एस्ट्रोनॉट विंग्स’ प्रदान किए।
  • गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है, जिसके लिए विभिन्न इसरो केंद्रों पर व्यापक तैयारी चल रही है।

2. स्वयं प्लस ( SWAYAM Plus) प्लेटफॉर्म लॉन्च:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: विषय: सरकार की नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप एवं उनके डिजाइन तथा इनके अभिकल्पन से उत्पन्न होने वाले विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: SWAYAM प्लस प्लेटफॉर्म से सम्बन्धित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: SWAYAM प्लस प्लेटफॉर्म से का महत्व।

प्रसंग:

  • केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में SWAYAM प्लस प्लेटफॉर्म लॉन्च किया।

उद्देश्य:

  • यह आयोजन एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज के पोषण के सामूहिक संकल्प का एक प्रमाण है, जो शिक्षा द्वारा समर्थित है जो सुलभ, न्यायसंगत और भविष्य की मांगों के साथ संरेखित है।

विवरण:

  • श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनईपी2020 के कार्यान्वयन के साथ, एक पूरी नई पीढ़ी तैयार करनी होगी।
  • उद्योग जगत के लिए देश के युवाओं के लिए भविष्य के पाठ्यक्रमों जैसे सेमी-कंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि पाठ्यक्रमों की आवश्यकता है। कैसे भारत में एसटीईएम शिक्षा में महिला नामांकन दुनिया में सबसे ज्यादा हो गया है।
  • कामकाजी पेशेवर SWAYAM प्लेटफॉर्म को एक वाहन के रूप में उपयोग करके इसमें भाग लें और NEP2020 के मल्टीपल-एंट्री-मल्टीपल-एग्जिट का लाभ उठाएं।
  • यह प्लेटफॉर्म उच्च शिक्षा के 43 मिलियन छात्रों और कामकाजी पेशेवरों को जोड़कर कक्षा का दायरा बढ़ाएगा।
  • स्वयं प्लस के साथ व्यावहारिक शिक्षा, रोजगार योग्यता, उद्यमिता, नौकरी केंद्रित और व्यावहारिक प्रशिक्षण उस दिशा में एक कदम है।
  • विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रत्येक छात्र को सशक्त बनाने के लिए पाठ्यक्रम स्थानीय भाषाओं में होने चाहिए, क्योंकि नवाचार की कोई भाषा नहीं होती है।
  • एसटीईएम शिक्षा से आगे बढ़कर, संगीत, चित्रकला, रचनात्मक कला, मानविकी और उदार कला से जुड़े पाठ्यक्रमों को हमारे युवाओं में सर्वांगीण विकास लाने के लिए मंच का हिस्सा बनना होगा।
  • साथ ही उद्योग जगत के नेताओं और विश्वविद्यालयों और संस्थानों के विषय विशेषज्ञों से अलग-अलग क्षेत्रों में पाठ्यक्रमों में योगदान देने के लिए अधिक भागीदारी का आग्रह किया, जिन्हें आईआईटी मद्रास द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।
  • कई संस्थागत तंत्र होंगे, जो आवश्यकता-आधारित और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के प्रस्तावों की जांच करेंगे। सामग्री देश की 12 प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी।
  • बड़ी संख्या में शिक्षार्थियों के लिए शैक्षिक अवसर प्रदान करने वाला मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) प्लेटफॉर्म स्वयं, 2017 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
  • एनईपी 2020 के अनुरूप, SWAYAM प्लस प्लेटफॉर्म में अब उद्योग की जरूरतों का समर्थन करने वाले पाठ्यक्रम शामिल होंगे जो शिक्षार्थियों की रोजगार क्षमता को बढ़ाते हैं।
  • L&T, Microsoft, CISCO और अन्य उद्योग दिग्गजों के सहयोग से विकसित, SWAYAM प्लस में बहुभाषी सामग्री, AI-सक्षम मार्गदर्शन, क्रेडिट पहचान और रोजगार के रास्ते जैसे नवीन तत्व शामिल हैं।

स्वयं प्लस मुख्य रूप से निम्नलिखित लक्ष्य हासिल करने पर केंद्रित है:

  • शिक्षार्थियों, पाठ्यक्रम प्रदाताओं, उद्योग, शिक्षा जगत और रणनीतिक साझेदारों सहित पेशेवर और कैरियर विकास में सभी हितधारकों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण, जिसमें शिक्षार्थी, पाठ्यक्रम प्रदाता, उद्योग, शिक्षाविद और रणनीतिक भागीदार शामिल हैं; एक ऐसे तंत्र को सक्षम करना जो सर्वोत्तम उद्योग और अकादमिक भागीदारों द्वारा प्रदान किए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणपत्रों और पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट मान्यता प्रदान करता है; टियर 2 और 3 कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षार्थियों तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, देश भर में सीखने के लिए एक बड़े शिक्षार्थी आधार तक पहुंचना और स्थानीय भाषाओं में संसाधनों के माध्यम से सीखने के विकल्पों के साथ चुने हुए विषयों में शिक्षार्थी की जरूरतों के आधार पर रोजगार-केंद्रित पाठ्यक्रम प्रदान करना।
  • स्वयं प्लस में समय के साथ-साथ मूल्य वर्धित सेवाओं के रूप में मेंटरशिप, छात्रवृत्ति और नौकरी प्लेसमेंट जैसी सुविधाओं को लाने की भी परिकल्पना की गई है, इस प्रकार शिक्षार्थियों के लिए सभी स्तरों पर अपस्किलिंग/री-स्किलिंग को आगे बढ़ाने के लिए एक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सकता है, जैसे कि प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या डिग्री।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. प्रधानमंत्री मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर नई हवाई पट्टी और एक जेट्टी का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ 29 फरवरी 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मॉरीशस के अगालेगा द्वीप में छह सामुदायिक विकास परियोजनाओं के साथ-साथ नई हवाई पट्टी और सेंट जेम्स जेट्टी का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे।
  • इन परियोजनाओं का उद्घाटन भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत और दशकों पुरानी विकास साझेदारी का प्रमाण है।
  • ये परियोजनाएं मॉरीशस के मुख्य क्षेत्र और अगालेगा द्वीप के बीच बेहतर संपर्क की आवश्यकता को पूरा करेंगी, समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगी और सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहन प्रदान करेंगी।
  • इन परियोजनाओं का उद्घाटन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हाल ही में 12 फरवरी 2024 को दोनों नेताओं द्वारा मॉरीशस में यूनीफ़ाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और रूपे कार्ड सेवाओं का शुभारंभ किया गया था।

2. ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’:

  • केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता तथा जल शक्ति राज्य मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर पुणे में “विकसित भारत संकल्प यात्रा” में भाग लेंगे।
  • जहां वह 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ के विज़न की दिशा में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से चर्चा करेंगे।
  • यह “विकसित भारत संकल्प यात्रा” एक राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसे ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में व्यापक आउटरीच पहलों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इसके प्राथमिक उद्देश्यों में विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों तक पहुंचना, इन योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का प्रसार करना, लाभार्थियों के साथ बातचीत को बढ़ावा देना और भविष्य के लाभों के लिए संभावित लाभार्थियों का नामांकन करना शामिल है।
  • यह अभियान भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों, केंद्र सरकार के संगठनों और संस्थानों को शामिल करते हुए एक व्यापक दृष्टिकोण का द्योतक है।
  • इसका व्यापक उद्देश्य सभी हितधारकों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करना है, जिससे नागरिकों को सशक्त बनाया जा सके और विकसित भारत के विजन को मूर्तरूप रूप दिया जा सके।

3. भारतीय सेना ने 46-मीटर के मॉड्यूलर पुल के साथ अपनी ब्रिजिंग क्षमता को मजबूत बनाया:

  • भारतीय सेना ने 46-मीटर मॉड्यूलर ब्रिज को शामिल करके अपनी ब्रिजिंग क्षमता को बढ़ाया है।
  • डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) द्वारा निर्मित ब्रिजिंग सिस्टम को औपचारिक रूप से एक समारोह में सौंपा गया था।
  • अगले चार वर्षों में 2,585 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 41 सेट धीरे-धीरे शामिल किए जाएंगे। यह मैकेनिकल रूप से लॉन्च किया गया सिंगल-स्पैन, पूर्ण डेक वाला 46-मीटर का असॉल्ट ब्रिज है, जो सेना को नहरों तथा खाइयों जैसी बाधाओं को आसानी से पार करने में सक्षम बनाता है।
  • यह भारतीय सेना के इंजीनियरों की महत्वपूर्ण ब्रिजिंग क्षमता को बढ़ाएगा क्योंकि ये पुल अत्यधिक गतिशील, मजबूत हैं और त्वरित तैनाती तथा पुनर्प्राप्ति के लिए डिजाइन किए गए हैं, जो मशीनीकृत संचालन की तेज गति प्रकृति के साथ संरेखित हैं।
  • मॉड्यूलर ब्रिज के प्रत्येक सेट में 8×8 हेवी मोबिलिटी वाहनों पर आधारित सात केरियर वाहन और 10×10 हेवी मोबिलिटी वाहनों पर आधारित दो लॉन्चर वाहन शामिल हैं।
  • पुल को त्वरित लॉन्चिंग और फिर से प्राप्‍त करने की क्षमताओं के साथ नहरों और खाइयों जैसी विभिन्न प्रकार की बाधाओं पर तैनात किया जा सकता है।
  • उपकरण अत्यधिक मोबाइल, बहुमुखी, मजबूत है और पहिएदार तथा ट्रैक किए गए मशीनीकृत वाहनों के साथ तालमेल रखने में सक्षम है।
  • मॉड्यूलर पुल मैन्युअल रूप से लॉन्च किए गए मीडियम गर्डर ब्रिज (एमजीबी) की जगह लेंगे।
  • भारतीय सेना में एमजीबीका उपयोग वर्तमान में किया जा रहा है।
  • स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित मॉड्यूलर पुलों के एमजीबी की तुलना में कई लाभ होंगे जैसे बढ़ी हुई अवधि, निर्माण के लिए कम समय और पुनर्प्राप्ति क्षमता के साथ मैकेनिकल लॉन्चिंग।
  • मॉड्यूलर ब्रिज का शामिल होना भारतीय सेना की ब्रिजिंग क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
    • यह उन्नत सैन्य उपकरणों को डिजाइन करने और विकसित करने में भारत की कौशल को उजागर करता है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ तथा रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए देश की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
  • इन पुलों को शामिल करना न केवल भारतीय सेना की परिचालन प्रभाव को बढ़ाता है बल्कि रक्षा प्रौद्योगिकी और मैनुफैक्‍चरिंग में भारत की बढ़ती प्रमुखता को भी दिखाता है।

4. राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) ने थाईलैंड सरकार के थाई पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:

  • आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर और थाईलैंड सरकार की सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के थाई पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग ने नई दिल्ली में आयुर्वेद और थाई पारंपरिक चिकित्सा में एक अकादमिक सहयोग की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।
  • यह पहल प्रतिभागियों की समानता एवं पारस्परिक लाभ के आधार पर, आयुर्वेद और थाई पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने, सुविधा प्रदान करने और विकसित करने के लिए की गई है।
  • यह समझौता ज्ञापन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों, शैक्षणिक एवं तकनीकी गतिविधियों के लिए विशेषज्ञों का आदान-प्रदान करने, अनुसंधान, सूचना, प्रौद्योगिकियों का आदान-प्रदान एवं पारंपरिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का संचालन करने की सुविधा प्रदान करेगा।
  • साथ ही नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की 10वीं बैठक आयोजित की गई।
  • प्रतिभागी अकादमिक एवं तकनीकी गतिविधियों को सुविधापूर्ण बनाने तथा आपसी लाभ के लिए अनुसंधान में सहयोग को प्रोत्साहित करने एवं बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
  • इनमें अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए विशेषज्ञों, शिक्षण प्रशिक्षकों, चिकित्सकों और छात्रों का आदान-प्रदान और समायोजन तथा ज्ञान, अनुभव, सूचना, प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना शामिल है।
  • साथ ही शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करना, प्रतिभागियों की आपसी सहमति से प्रतिभागियों और सहयोग के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों द्वारा आयोजित सम्मेलनों, कार्यशालाओं, सेमिनारों और कार्यक्रमों में विशेषज्ञों की भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है।
  • इस समझौता ज्ञापन के दौरान, प्रतिभागी अपनी क्षमताओं के आधार पर थाईलैंड और भारत में प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की सुविधा प्रदान करके समानता एवं पारस्परिक लाभ के आधार पर आपसी सहयोग और सहयोगात्मक गतिविधियों के साथ एक-दूसरे का समर्थन करेंगे, दोनों देशों में व्याप्त सामान्य रोगों पर सहयोगात्मक अनुसंधान अध्यन आयोजित करेंगे, जिसमें प्रतिभागियों और नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और छात्रों का दौरा और विचारों का आदान-प्रदान करना शामिल है।
  • एनआईए और थाई पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग, थाईलैंड का नियामक तंत्र अपने सर्वोत्तम अभ्यास और अभ्यास के दिशा-निर्देशों और अध्ययन एवं प्रशिक्षण के पाठ्यक्रमों पर अपनी-अपनी जानकारी साझा करेंगे, जिसमें भारत और थाईलैंड में बारी-बारी से सम्मेलनों/बैठकों का आयोजन करना और समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करना और सहयोगी कार्यक्रमों के परिणामों का मूल्यांकन करना शामिल है।

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