विषयसूची:
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1. “लिंग समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका” कार्यक्रम:
सामान्य अध्ययन: 2
सामाजिक न्याय:
विषय: केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन ,इन अति संवेदन शील वर्गों की रक्षा एवं बहतरी के लिए गठित तंत्र,विधि ,संस्थान एवं निकाय।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय लिंग एवं बाल केंद्र (एनजीसीसी)।
मुख्य परीक्षा: लिंग समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास’ की दिशा में एक आदर्श बदलाव कैसे साबित हो सकता हैं। चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी 28 नवंबर 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में “लिंग समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका” का शुभारंभ करेंगी।
उद्देश्य:
- ‘नारी शक्ति’ को और ज्यादा मजबूती प्रदान करने के सरकार के लक्ष्य के साथ, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश में लैंगिक समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के पहल में अग्रणी बना हुआ है और लिंग-समावेशी संचार मार्गदर्शिका पर केंद्र सरकार की यह यात्रा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
विवरण:
- यह एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के समर्पण को दर्शाता है, जहां महिलाएं न केवल राष्ट्र के विकास के योगदान में समान भागीदार बनें, बल्कि ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास’ की दिशा में एक आदर्श बदलाव भी साबित हों।
- “लिंग समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका का शुभारंभ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी), राष्ट्रीय लिंग एवं बाल केंद्र (एनजीसीसी), मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) द्वारा बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) और संयुक्त राष्ट्र महिला के समर्थन में एक सहयोगी प्रयास है।
- लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी ने अपने अथक प्रयासों ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है कि लैंगिक समानता हमारी रोजमर्रा की प्रशासनिक पहुंच का एक अभिन्न अंग बन सके।
- अकादमी में सिविल सेवकों का प्रशिक्षण भी लैंगिक समानता प्रशासनिक ढांचे का संस्थागतकरण पर केंद्रित है।
- एलबीएसएनएए का उद्देश्य लिंग-समावेशी माहौल का निर्माण करना और उस अंतर्दृष्टि को शामिल करना और उपयोग करना है।
- यह सहयोगात्मक प्रयास यह सुनिश्चित करता है कि दिशा-निर्देश में उल्लिखित सिद्धांत प्रशासनिक प्रथाओं का एक व्यावहारिक और अभिन्न घटक बन सकें, जो लिंग-समावेशी और सशक्त राष्ट्र को बढ़ावा देने के लिए एमडब्ल्यूसीडी की प्रतिबद्धता को और ज्यादा मजबूत कर सकें।
- यह व्यापक दृष्टिकोण देश में ज्यादा न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज के प्रति मंत्रालय के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. प्रेसिडेंट्स कलर (राष्ट्रपति का निशान) पुरस्कार:
- राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, 01 दिसंबर 2023 को आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी), पुणे को उसके प्लैटिनम जुबली वर्ष में प्रेसिडेंट्स कलर (राष्ट्रपति का निशान) पुरस्कार प्रदान करेंगी।
- एएफएमसी एक प्रमुख सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) प्रतिष्ठान है।
- यह देश के अग्रणी मेडिकल कॉलेजों में से एक है।
- यह पुरस्कार राष्ट्र के प्रति एएफएमसी की 75 वर्षों की शानदार और अनुकरणीय सेवा का प्रमाण है।
- एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्वारा एक विशेष कवर और डाक टिकट तथा एक स्मारक सिक्का भी जारी किया जाएगा।
- राष्ट्रपति ‘प्रजना’, आर्म्ड फोर्सेज सेंटर फॉर कम्प्यूटेशनल मेडिसिन का ई-उद्घाटन भी करेंगी, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान करने वाले अग्रणी वैश्विक संस्थानों के साथ एएफएमसी को लीग में स्थापित करेगा।
- एएफएमसी, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में चिकित्सा शिक्षा का स्रोत है, जो अपने लोकाचार और चिकित्सा प्रशिक्षण के उच्चतम मानकों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
- इस कॉलेज का असाधारण प्रशिक्षण और प्रशासनिक बुनियादी ढांचा न केवल सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा शिक्षा प्रदान कराता है, बल्कि अपने विभिन्न खेलों और पाठ्येतर गतिविधि क्लबों के माध्यम से मेडिकल कैडेटों के समग्र विकास के अवसर भी उपलब्ध कराता है।
- इस प्रतिष्ठित संस्थान से निकलने वाले मेडिकल कैडेटों को सेना, नौसेना और वायु सेना में कमीशन दिया जाता है।
- प्रेसिडेंट्स कलर, को ‘राष्ट्रपति का निशान’ भी कहा जाता है, जो किसी सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
2. “राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2023”:
- वरगिस कुरियन के जन्मदिन पर 26 नवंबर को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- यह विशेष दिन “भारत में श्वेत क्रांति के जनक” डॉ वर्गीज कुरियन की जयंती के सम्मान में मनाया जाता है, जो कि हमारे देश में डेयरी क्षेत्र की उपलब्धि और महत्व पर प्रकाश डालता है।
- भारत विश्व में दूध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी है और वैश्विक बाजारों में अपनी पहचान बना रहा है।
- डॉ. कुरियन ने डेयरी उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों ने भारत को अपनी डेयरी जरूरतों के मामले में आत्मनिर्भर बना दिया।
- कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री श्री रुपाला ने “बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी 2023” जारी की, जो 2022-23 में दूध, अंडा, मांस और ऊन उत्पादन को दर्शाता है और एक कॉफी टेबल बुक- “मिल्की वे ओवर द इयर्स” को जारी किया, जो डेयरी क्षेत्र में 10 वर्षों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है।
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