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28 दिसंबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय वर्षांत समीक्षा 2023:
  2. वर्षांत समीक्षा 2023- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की उपलब्धियां और पहलें:
  3. मिसाइल सह गोला बारूद (एमसीए) बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78) पोत का जलावतरण:

1.कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय वर्षांत समीक्षा 2023:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

मुख्य परीक्षा: कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की 2023 की वर्षांत समीक्षा कीजिए।

प्रसंग:

  • कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने कॉरपोरेट प्रशासन के ढांचे में वर्ष 2023 के दौरान ‘अनुपालन में आसानी’ और ‘व्यापार करने में आसानी’ को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित करना जारी रखा है।

विवरण:

  • त्वरित कॉरपोरेट निकास के लिए केन्द्रीय निपटारे (सी-पेस) की स्थापना स्वैच्छिक बंदी का विकल्प चुनने वाली कंपनियों के लिए त्वरित स्वीकृति की सुविधा हेतु एक सजग दृष्टिकोण अपनाने का प्रतीक है।
    • विशेष रूप से, वर्ष 2023 के दौरान कुल 1,96,028 कंपनियों और एलएलपी को निगमित किया गया, जोकि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में ठोस वृद्धि को दर्शाता है।
  • एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, कंपनी (समझौता, व्यवस्था और समामेलन) नियम, 2016 में संशोधन क्षेत्रीय निदेशकों (आरडी) को विलय की मंजूरी में तेजी लाने का अधिकार देता है।
    • संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित और राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त परिवर्तनकारी प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक, 2023 में कई महत्वपूर्ण बदलावों का समावेश है।
    • इन बदलावों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए सीसीआई की मंजूरी और अंतिम आदेशों के लिए 150 दिनों की समयसीमा को कम करना शामिल है।
  • कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने प्रकटीकरण संबंधी आवश्यकताओं को बेहतर बनाते हुए कंपनी (भारतीय लेखा मानक) संशोधन नियम, 2023 के जरिए प्रमुख लेखांकन संबंधी मानकों में भी संशोधन का समावेश किया।
    • इसके अतिरिक्त, कंपनी (निगमन) नियम, 2014 में रणनीतिक संशोधन नौकरशाही संबंधी बाधाओं को कम करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • अतिरिक्त ई-फॉर्म के लिए सीधे निपटारे (एसटीपी) की सुविधा को अपनाने से मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हुआ है, इलेक्ट्रॉनिक स्वीकृति में तेजी आई है और कामकाज सुव्यवस्थित हो गया है।
  • कंपनी (विवरणिका और प्रतिभूतियों का आवंटन) दूसरा संशोधन नियम, 2023 बड़ी निजी कंपनियों के लिए शेयरों के अनिवार्य डिमटेरियलाइजेशन की शुरुआत करता है, जो नियमों को बाजार के समकालीन रुझानों के अनुरूप करता है।

वर्ष 2023 के दौरान कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की कुछ प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

  • अतिरिक्त ई-फॉर्म के जरिए निपटारे के तरीके से इन फॉर्मों को मानवीय हस्तक्षेप के बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्वीकृत किया जा सकता है और इस प्रकार ‘अनुपालन में आसानी’ और ‘व्यापार करने में आसानी’ होगी।
  • कंपनी (समझौता, व्यवस्था और समामेलन) नियम, 2016 को मई, 2023 में संशोधित किया गया है।
  • संशोधित नियमों के अनुसार, यदि कोई क्षेत्रीय निदेशक (आरडी) धारा 232 के तहत विलय की योजना पर विचार करने के लिए एनसीएलटी के समक्ष आवेदन दाखिल नहीं करता है या प्रदान की गई समय सीमा के भीतर धारा 233 के तहत विलय की मंजूरी के लिए पुष्टिकरण आदेश जारी नहीं करता है, तो यह यह माना जाएगा कि आरडी को कोई आपत्ति नहीं है और पुष्टिकरण आदेश तदनुसार जारी किया जाएगा।
  • प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 29 मार्च, 2023 को लोकसभा द्वारा और 3 अप्रैल, 2023 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया और 11 अप्रैल, 2023 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई।

प्रतिस्पर्धा संशोधन अधिनियम, 2023 की कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

  • 2000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाले लेनदेन के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
  • सीसीआई के लिए संयोजन के लेनदेन पर अंतिम आदेश पारित करने की समयसीमा 210 दिनों से घटाकर 150 दिन कर दी गई है।
  • यह अधिनियम उन प्रतिष्ठानों के दायरे का विस्तार करता है जिन्हें प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौतों का हिस्सा माना जा सकता है।
  • वर्तमान में, समान व्यवसायों में लगे उद्यमों या व्यक्तियों को प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौतों का हिस्सा माना जा सकता है।
  • यह अधिनियम इसका विस्तार करते हुए इसमें ऐसे उद्यमों या व्यक्तियों को भी शामिल करता है जो समान व्यवसायों में संलग्न नहीं हैं।
  • यह अधिनियम प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौतों (कार्टेल को छोड़कर) और वर्चस्व की स्थिति के दुरुपयोग की जांच के तेजी से समाधान हेतु निपटान और प्रतिबद्धता का एक ढांचा प्रदान करता है।
  • संयोजनों के नियमन के उद्देश्य से, यह अधिनियम नियंत्रण की परिभाषा को प्रबंधन, मामलों या रणनीतिक वाणिज्यिक निर्णयों पर वास्तविक प्रभाव डालने की क्षमता के रूप में संशोधित करता है।
  • कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी (भारतीय लेखा मानक) संशोधन नियम, 2023 को अधिसूचित किया है।
  • कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने वर्ष 2023 या 2024 के लिए डाक मतपत्र के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर निर्णय करने की समयसीमा 30 सितंबर, 2024 तक या उससे पहले के लिए बढ़ा दी है।
  • कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी (निगमन) नियम, 2014 में संशोधन किया है जिसके माध्यम से पंजीकृत कार्यालय के स्थानांतरण के लिए दायर आवेदन के निपटारे के समय लगने वाली लागत को हटा दिया है।
  • जब दिवाला दिवालियापन संहिता, 2016 (2016 का 31) की धारा 31 के तहत स्वीकृत एक समाधान योजना के तहत कंपनी का प्रबंधन नए प्रबंधन द्वारा संभाला जाता है और समाधान योजना के खिलाफ किसी भी अदालत या न्यायाधिकरण में कोई अपील लंबित नहीं है और पूछताछ, निरीक्षण, जांच लंबित नहीं है या उक्त समाधान योजना के अनुमोदन के बाद शुरू नहीं की गई है, तो पंजीकृत कार्यालय को स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई है।
  • अधिसूचना संख्या जीएसआर 802(ई) के तहत कंपनी (विवरणिका एवं प्रतिभूतियों का आवंटन) दूसरा संशोधन नियम, 2023 के माध्यम से एक नया नियम जोड़ा गया है जो बड़ी निजी कंपनियों (यानी छोटी कंपनियों के अलावा अन्य निजी कंपनियों) के शेयरों के अनिवार्य डिमटेरियलाइजेशन का प्रावधान करता है। इस उद्देश्य के लिए बदलाव की पर्याप्त समयावधि प्रदान की गई है।

2. वर्षांत समीक्षा 2023- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की उपलब्धियां और पहलें:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

मुख्य परीक्षा: 2023 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की उपलब्धियां और पहलों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र कृषि आय बढ़ाने और गैर-कृषि रोजगार सृजित करने, संरक्षण और प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे में कृषि और गैर- कृषि निवेश के माध्यम से कृषि और संबद्ध क्षेत्र के उत्पादन में फसल के बाद के नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उद्देश्य:

  • तदनुसार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए कई पहलों को शुरू किया है और वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान अपनी योजनाओं में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।

विवरण:

पिछले वर्ष की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं:

  • मंत्रालय बजट के माध्यम से क्षेत्रीय सहायता में वृद्धि:
    • भारत सरकार ने वर्ष 2023-24 में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए मंत्रालय को 3287.65 करोड़ रुपये आवंटति किए हैं, जो 2022-23 में 1901.59 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान (आर.ई.) से लगभग 73 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

क्षेत्रीय उपलब्धियों में भारी उछाल:

  • खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 2014-15 में 1.34 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर, 2021-22 में, 2.08 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
  • अप्रैल 2014-मार्च 2023 के दौरान, इस क्षेत्र ने 6.185 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई इक्विटी प्रवाह आकर्षित किया है।
  • कृषि-निर्यात में प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात की हिस्सेदारी 2014-15 में 13.7 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 25.6 प्रतिशत हो गई है।
  • कुल पंजीकृत/संगठित क्षेत्र में 12.22 प्रतिशत रोजगार के साथ, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र संगठित विनिर्माण क्षेत्र में सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं में से एक है।

योजनाओं के अंतर्गत उपलब्धियाँ-

  • (ए) प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई):
    • जनवरी 2023 से अब तक, पीएमकेएसवाई की विभिन्न घटक योजनाओं के तहत कुल 184 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और कुल 110 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिसके फलस्वरूप 13.19 लाख मीट्रिक टन की प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता हो गई है।
    • स्वीकृत परियोजनाओं के पूरा होने पर 3360 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है, जिससे लगभग 3.85 लाख किसानों को लाभ होगा और इसके परिणामस्वरूप 0.62 लाख से अधिक प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।
  • कुल मिलाकर, अब तक, पीएमकेएसवाई की विभिन्न घटक योजनाओं के तहत, कुल 1401 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
  • इनमें से 832 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिसके परिणामस्वरूप 218.43 लाख मीट्रिक टन की प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता प्राप्त कर ली गई है।
    • स्वीकृत परियोजनाओं के पूरा होने पर, 21217 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है, जिससे लगभग 57 लाख किसानों को लाभ होगा और 8.28 लाख से अधिक प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की आशा है।
  • पीएमकेएसवाई ने कृषि उपज की कीमतों में वृद्धि और इसके घाटे में कमी के मामले में महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव डाला है।
  • कोल्ड चेन परियोजनाओं पर एनएबीसीओएन की मूल्यांकन अध्ययन रिपोर्ट दर्शाती है कि स्वीकृत परियोजनाओं में से 70 प्रतिशत के पूरा होने से मत्स्य पालन के मामले में अपशिष्ट कटौती में 70 प्रतिशत तक और डेयरी उत्पादों के मामले में 85 प्रतिशत तक महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

(बी) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई):

  • आत्मनिर्भर अभियान के तहत, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने इस योजना के लिए 2020-25 की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ क्षेत्र में ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्रोत्साहित करने के लिए जून, 2020 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नाम से एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की थी।
  • यह सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के लिए पहली सरकारी योजना है और इसका लक्ष्य ऋण आधारित सब्सिडी और एक जिला एक उत्पाद के दृष्टिकोण को अपनाकर 2 लाख उद्यमों को लाभान्वित करना है।
  • जनवरी 2023 से, पीएमएफएमई योजना के ऋण आधारित सब्सिडी घटक के तहत कुल 51,130 ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जो योजना के लॉन्च के बाद से किसी भी कैलेंडर वर्ष के दौरान सबसे बड़ी उपलब्धि है।
  • 1.35 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को बीज पूंजी सहायता के रूप में 440.42 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
  • इस अवधि के दौरान 4 इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए और उनका उद्घाटन किया गया, जो सूक्ष्म उद्यमों को उत्पाद विकास सहायता प्रदान करते हैं।
  • योजना की शुरुआत के बाद से, अब तक, व्यक्तिगत लाभार्थियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और उत्पादक सहकारी समितियों को पीएमएफएमई योजना के ऋण आधारित सब्सिडी घटक के तहत कुल 65,094 ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
  • 2.3 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को बीज पूंजी सहायता के रूप में 771 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
  • 205.95 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ओडीओपी प्रसंस्करण लाइनों और संबद्ध उत्पाद लाइनों में 76 इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की मंजूरी दी गई है।
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) –
  • भारत के प्राकृतिक संसाधन एन्डाउमेंट के अनुरूप वैश्विक खाद्य विनिर्माण चैंपियंस के निर्माण का समर्थन करने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांडों का समर्थन करने के लिए, केंद्रीय क्षेत्र योजना- “खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई)” को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 31 मार्च 2021 को 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई थी।
  • यह योजना 2021-22 से 2026-27 तक छह साल की अवध के लिए लागू की जा रही है।
  • योजना के घटक हैं- चार प्रमुख खाद्य उत्पाद खंडों के विनिर्माण को प्रोत्साहन देना, जैसे पकाने के लिए तैयार/खाने के लिए तैयार (आरटीसी/आरटीई) खाद्य पदार्थ जिनमें श्रीअन्न आधारित उत्पाद, प्रसंस्कृत फल और सब्जियां, समुद्री उत्पाद और मोत्ज़ारेला चीज़ (श्रेणी-I), शामिल हैं।
    • दूसरा घटक एसएमई (श्रेणी-II) के नवोन्वेषी/जैविक उत्पादों के उत्पादन से संबंधित है। तीसरा घटक इन-स्टोर ब्रांडिंग, शेल्फ स्पेस रेंटिंग और मार्केटिंग के लिए मजबूत भारतीय ब्रांडों के उद्भव को प्रोत्साहित करने के लिए विदेश में ब्रांडिंग और मार्केटिंग (श्रेणी-III) के लिए समर्थन से संबंधित है।
    • पीएलआईएसएफपीआई के तहत बचत से, आरटीसी/आरटीई उत्पादों में श्रीअन्न के उपयोग को प्रोत्साहित करने और इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना के तहत उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए श्रीअन्न आधारित उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएमबीपी) के तहत इसके उत्पादन, मूल्यवर्धन और बिक्री को बढ़ावा देना है।
  • 10 अगस्‍त 2023 को, 1000 करोड़ रुपये के परिव्यय (जो अन्य खंडों से बचत से प्राप्त हुआ है) के साथ श्रीअन्न-आधारित उत्पादों (श्रीअन्न 2.0) के निर्माण के लिए ईओआई आमंत्रित करने के लिए मंत्रालय ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
  • खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र (पीएलआईएसएफपीआई) के लिए उत्पाद आधारित प्रोत्साहन योजना की विभिन्न श्रेणियों के तहत अब तक कुल 176 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
    • इस योजना से 7722 करोड़ रुपये का निवेश, 1.20 लाख करोड़ रुपये के प्रसंस्कृत खाद्य बिक्री कारोबार में वृद्धि और 2.50 लाख रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना थी।
    • योजना के तहत समर्थित कंपनियों को अब तक 584.30 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
    • समर्थित परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 2.01 लाख करोड़ रुपये का प्रसंस्कृत खाद्य बिक्री कारोबार, 7099 करोड़ रुपये का निवेश और 2.36 लाख रोजगार सृजन पहले ही हासिल किया जा चुका है।
  • 22 एमएसएमई सहित 30 कंपनियां पीएलआईएसएमबीपी के तहत श्रीअन्न आधारित उत्पादों को बढ़ावा देने में शामिल हैं।
  • इस योजना में अनुमोदित खाद्य उत्पादों में न्यूनतम 15 प्रतिशत श्रीअन्न सामग्री के उपयोग की परिकल्पना की गई है।

(4) “अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष (आईवाईएम)-2023) के भाग के रूप में गतिविधियाँ/उपलब्धियाँ”:

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष में श्री अन्न, मंत्रालय के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक रहा है।
  • मंत्रालय ने अपनी योजनाओं के माध्यम से श्री अन्न प्रसंस्करण और संरक्षण बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
  • पीएलआईएसएफपीआई के तहत 800 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 30 श्रीअन्न आधारित प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिसमें 8 बड़ी संस्थाओं और 22 एमएसएमई के प्रस्ताव शामिल हैं।
  • अब तक, 91.08 करोड़ करोड़ रुपये के कुल 1825 ऋण पीएमएफएमई योजना के तहत विभिन्न राज्यों से निजी श्रीअन्न प्रसंस्करण इकाइयों के लिए स्वीकृत किये गये हैं।
    • इसके अलावा, मंत्रालय ने अपनी पीएमएफएमई योजना के तहत श्रीअन्न उत्पादों वाले 19 जिलों को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के रूप में पहचाना है ।

(5) “अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईएम)-2023) के भाग के रूप में गतिविधियाँ/उपलब्धियाँ”:

  • मंत्रालय ने 3-5 नवंबर, 2023 के दौरान प्रगति मैदान, नई दिल्ली में एक वैश्विक खाद्य कार्यक्रम “वर्ल्ड फूड इंडिया” (डब्ल्यूएफआई) का आयोजन किया।
  • आयोजनों के मुख्य घटक थे – प्रदर्शनी, सम्मेलन और ज्ञान सत्र, फूड स्ट्रीट, श्री अन्न आधारित गतिविधियाँ, भारतीय एथनिक खाद्य उत्पाद और विशिष्ट मंडप खंड।
  • इनका फोकस था- (ए) फल और सब्जियां; (बी) डेयरी और मूल्यवर्धित डेयरी उत्पाद; (सी) मशीनरी और पैकेजिंग; (डी) खाने के लिए तैयार/पकाने के लिए तैयार और (ई) प्रौद्योगिकी और नवाचार आदि पर।
  • वर्ल्ड फूड इंडिया’ 2023 का उद्घाटन 3 नवंबर 2023 को भारत मंडपम के प्लेनरी हॉल में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।
  • 5 नवंबर को भारत मंडपम में आयोजित ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के समापन सत्र में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की गरिमामयी उपस्थिति रही।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. मिसाइल सह गोला बारूद (एमसीए) बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78) पोत का जलावतरण:

  • 08 x मिसाइल सह गोला बारूद परियोजना का चौथा पोत भारतीय नौसेना के लिए विशाखापत्तनम के एमएसएमई शिपयार्ड, मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है।
  • 28 दिसंबर 2023 को मिसाइल सह गोला बारूद बार्ज, एलएसएएम 10 को मुंबई में नाद (करंजा) के लिए स्थित नौसेना डॉकयार्ड से जलावतरित किया गया।
  • इस समारोह की अध्यक्षता सीओवाई (एमबीआई) के सीएमडीई एमवी राज कृष्णा ने की।
  • 08 x मिसाइल सह गोला बारूद बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए अनुबंध पर 19 फरवरी 2021 को रक्षा मंत्रालय और विशाखापत्तनम के एमएसएमई शिपयार्ड, मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
  • भार उठाने में सक्षम इन पोतों के नौसेना में शामिल होने से छोटे बांधों और बाहरी बंदरगाहों पर अन्य जहाजों के लिए सामान/गोला-बारूद का परिवहन, रसद की लदान और पोतारोहण तथा अवरोहण की सुविधा के द्वारा भारतीय नौसेना की सैन्य गतिविधियों के संचालन को गति मिलेगी।
  • ये पोत प्रासंगिक रूप से नौसेना के नियमों तथा भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित किए गए हैं।
  • इस नौका का मॉडल परीक्षण डिजाइन चरण के दौरान विशाखापत्तनम के नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था।
  • ये पोत भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।

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