Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

28 अक्टूबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. कोयला खदान वित्तपोषण की दिशा में कोयला मंत्रालय की नई पहल
  2. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने जापान के ओसाका में G7 व्यापार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया
  3. पुरस्कार समारोह – सरदार के एम पणिक्कर ‘एनआईबी’ निबंध प्रतियोगिता
  4. भारतीय पैरा-एथलीटों ने एशियाई पैरा खेलों में भारत के अब तक के सबसे अधिक पदकों के साथ इतिहास रचा

कोयला खदान वित्तपोषण की दिशा में कोयला मंत्रालय की नई पहल

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

आर्थिक विकास

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा संसाधनों को जुटाने से संबंधित विषय।

मुख्य परीक्षा: कोयला क्षेत्र को और अधिक निवेशक हितैषी बनाने के लिए सुधार।

प्रसंग:

  • कोयला मंत्रालय (MoC) ने भारत में कोयला क्षेत्र में उदारीकरण लाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल ने कोयले की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध हटाकर वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत की है। इस पहल ने व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कोयला खदानों के वित्तपोषण और लचीली नीलामी शर्तों के प्रावधान भी पेश किए।

विवरण:

  • जून 2020 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी की पहली किस्त के शुभारंभ के अनुसरण में, कोयला मंत्रालय ने सात चरणों में 91 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की है।
  • इन नीलामियों में व्यापक भागीदारी बढ़ाने के लिए, मंत्रालय कोयला क्षेत्र में सुधारों की एक श्रृंखला लागू कर रहा है, जो इसे अधिक निवेशक-अनुकूल क्षेत्र बनाएगा।
  • फोकस का एक प्रमुख क्षेत्र कोयला खदानों के संचालन के लिए वित्तीय सहायता हासिल करना है। उद्योगों ने बैंकों/वित्तीय संस्थानों (FI) से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला है।
  • पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) मानदंडों के बढ़ते असर के कारण, अधिकांश बैंक/वित्तीय संस्थान कोयले से संबंधित परियोजनाओं में शामिल होने में अनिच्छा दिखाती हैं।
  • इन चुनौतियों का समाधान करने और वित्तपोषण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए, मंत्रालय ने “भारत में वाणिज्यिक कोयला खदानों के वित्तपोषण” पर एक ‘हितधारक परामर्श’ का आयोजन किया।
  • इस कार्यक्रम में कोयला खदान आवंटियों और वित्तीय संस्थानों तथा बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य वाणिज्यिक कोयला खनन के वित्तपोषण से संबंधित चिंताओं को दूर करना और सभी हितधारकों से इस सिलसिले में प्रतिक्रिया तथा सुझाव एकत्र करना था।
  • परामर्श के दौरान, बैंकों ने कोयला खदानों को वित्तपोषित करने की इच्छा व्यक्त की है, बशर्ते परियोजना व्यवहार्यता और इक्विटी निवेश दृश्यता को विस्तृत व्यावसायिक योजनाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया जाए।
  • इस बात को मानते हुए कि निकट भविष्य में कोयला प्राथमिक ऊर्जा स्रोत बने रहने की उम्मीद है, कोयला मंत्रालय ने वित्तीय सेवा विभाग (DFS) से कोयला क्षेत्र को ‘अवसंरचना क्षेत्र’ के तहत वर्गीकृत करने पर विचार करने का अनुरोध किया।
  • यह पुनर्वर्गीकरण बैंकों और वित्तीय संस्थानों को समयबद्ध तरीके से कोयला क्षेत्र की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से नीतियां बनाने में सक्षम करेगा।
  • मंत्रालय ने आवश्यकता को पूरा करने के लिए संबंधित समय-सीमा के साथ-साथ कोयला खदान के विकास और परिचालन के लिए आवश्यक वित्तपोषण की मात्रा निर्धारित करने के लिए कोयला खदान आवंटियों से प्रतिक्रिया आमंत्रित की।
  • उद्योग की मांगों को कुशलतापूर्वक संबोधित करने में मदद के लिए, यह एकत्रित जानकारी बैंकों/वित्तीय संस्थानों (FI) के साथ साझा की गई है।
  • बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने नोडल शाखाओं की पहचान करने के लिए भी कदम उठाए हैं, जो कोयला खदान परिचालन के लिए आवश्यक वित्तपोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एकल खिड़की के रूप में कार्य करेंगे।
  • अब तक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक वाणिज्यिक कोयला खदान के विकास के लिए वित्तीय सहायता दी है और अन्य भी ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं। बैंक/वित्तीय संस्थान (FI) भी विकास और परिचालन समयसीमा के अनुरूप वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिए बोर्ड-अनुमोदित नीतियां बनाने की प्रक्रिया में हैं।
  • पिछले चार दशकों में भारतीय कोयला क्षेत्र के महत्वपूर्ण परिवर्तन और स्वदेशी कोयला भंडार की प्रचुरता को ध्यान में रखते हुए, निकट भविष्य में कोयले को ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत बने रहने की परिकल्पना की गई है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने जापान के ओसाका में G7 व्यापार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया:
  • केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्‍त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने 28 अक्टूबर को जापान के ओसाका में G7 व्यापार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। श्री गोयल ने आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन बढ़ाने के विषय पर कई सुझाव दिए।
  • श्री गोयल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में निवेश और आपूर्ति श्रृंखलाओं के नवाचार और डिजिटलीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
  • श्री गोयल ने आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण और कर्मियों के कौशल और पुनः कौशल की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
  • उन्होंने सरकारों से आग्रह किया कि वे एक देश से दूसरे देश में भेजी जाने वाली वस्‍‍तुओं की आपूर्ति श्रृंखला की आवाजाही को आसान बनाने और सीमा-पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए एक नियामक ढांचे पर सहयोग करें। श्री गोयल ने G-20 की नई दिल्ली घोषणा में उल्लिखित ग्‍लोबल वेल्‍यू चेन (GVS) के मानचित्रण के लिए जेनेरिक फ्रेमवर्क का उल्‍लेख किया।
  • G7 एक अंतरसरकारी मंच है जिसमें दुनिया के सात महत्वपूर्ण देश शामिल हैं। G7 वैश्विक नेटवर्क संपदा का आधे से अधिक, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 30-43 प्रतिशत और दुनिया की जनसंख्‍या का 10 प्रतिशत हिस्सा है। भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिन्हें G7 ने ओसाका में व्यापार मंत्रियों की इस बैठक में आमंत्रित किया है।
  1. पुरस्कार समारोह – सरदार के एम पणिक्कर ‘एनआईबी’ निबंध प्रतियोगिता:
  • नौसेना स्टाफ के प्रमुख (CNS) एडमिरल आर हरि कुमार ने अपने कक्ष में एक संक्षिप्त पुरस्कार समारोह के दौरान कमांडर एम अरुण चक्रवर्ती को पहला ‘NIB’ (नेवीज इंटेलेक्चुअल बीकन) पुरस्कार प्रदान किया।
  • कमांडर एम अरुण चक्रवर्ती भारतीय नौसेना के सरदार के एम पणिक्कर ‘NIB’ निबंध प्रतियोगिता के विजेता हैं।
  • इस निबंध प्रतियोगिता को नौसेना समुदाय के बीच पढ़ने, लिखने और सोचने के कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
  • यह पुरस्कार समुद्री रणनीतिक विचारक सरदार के एम पणिक्कर की स्मृति में शुरू किया गया है, जिन्होंने महासागरों और समुद्री मामलों के महत्व के बारे में भारत में समुद्री जागृति/चेतना लाई।
  1. भारतीय पैरा-एथलीटों ने एशियाई पैरा खेलों में भारत के अब तक के सबसे अधिक पदकों के साथ इतिहास रचा:
  • भारतीय पैरा-एथलीटों ने एशियाई पैरा खेलों में भारत के अब तक के सबसे अधिक पदकों के साथ इतिहास रच दिया है।
    • उन्होंने 29 स्वर्ण पदकों सहित कुल 111 पदक जीते। इससे पहले भारत ने एशियाई पैरा खेलों के 2010 संस्करण में 14 पदक, 2014 में 33 और 2018 में 72 पदक जीते थे।
  • इन खेलों की शुरुआत के बाद से यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जहां भारत समग्र पदक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा। भारत ने इस वर्ष अपना सबसे बड़ा दल भेजा था, जिसमें 303 एथलीट (191 पुरुष और 112 महिला) शामिल थे।
  • कुल 111 पदकों में से महिला एथलीटों ने 40 पदकों का योगदान दिया है, यानी कुल पदकों में 36 प्रतिशत की हिस्सेदारी की।

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*