विषयसूची:
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1. वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023 में भारत का 40वां स्थान बरकरार:
सामान्य अध्ययन: 3
आर्थिक विकास:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों को जुटाने, संवृद्धि और विकास से संबंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: ,वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन,भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)।
मुख्य परीक्षा: भारत के जीआईआई रैंकिंग में लगातार सुधार अपार ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्ट-अप ईको सिस्टम और सार्वजनिक और निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए अद्भुत कार्यों के कारण है। टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा प्रकाशित वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023 रैंकिंग में 132 अर्थव्यवस्थाओं में से भारत का 40वां स्थान बरकरार है।
उद्देश्य:
- वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) में पिछले कई वर्षों से भारत 2015 में 81वें स्थान पर था जो 2023 में सुधरकर 40वें स्थान पर पहुंच गया।
- महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व संकट के खिलाफ लड़ाई में नवाचार सबसे आगे रहा है और देश को महामारी से संभलने की सामर्थ्य में यह निर्णायक रहा है।
विवरण:
- GII रैंकिंग में लगातार सुधार अपार ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्ट-अप ईको सिस्टम और सार्वजनिक और निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए अद्भुत कार्यों के कारण है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग जैसे वैज्ञानिक विभाग सहित सरकार के सभी विभागों; जैव प्रौद्योगिकी विभाग; अंतरिक्ष विभाग; और परमाणु ऊर्जा विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग ने राष्ट्रीय नवाचार ईको सिस्टम को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अटल इनोवेशन मिशन ने इनोवेशन इकोसिस्टम के विस्तार में प्रमुख भूमिका निभाई है।
- नीति आयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नीति-आधारित नवाचार के लिए बेहतर राष्ट्रीय प्रयास सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।
- इसने राज्यों और जिलों में नवाचार इको-सिस्टम के विस्तार में भी भूमिका निभाई है। नीति आयोग ने जीआईआई सहित वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति की निगरानी और मूल्यांकन पर निरंतर जोर दिया है।
- जीआईआई दुनिया भर के देशों में नवाचार के नेतृत्व वाले सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों का आकलन करने के लिए दुनिया भर की सरकारों के लिए एक विश्वसनीय उपकरण है।
- पिछले कुछ वर्षों में, जीआईआई ने खुद को विभिन्न सरकारों के लिए एक नीति उपकरण के रूप में स्थापित किया है और उन्हें मौजूदा यथास्थिति पर विचार करने में मदद की है।
- भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) भी नवाचार-संचालित अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की यात्रा में सहयोग कर रहा है।
- इस वर्ष CII और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के साथ साझेदारी में, नीति आयोग 29 सितंबर, 2023 को जीआईआई 2023 के भारत शुभारंभ की मेजबानी कर रहा है।
2. सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम परीक्षण के साथ आपातकालीन संचार बढ़ाने हेतु दूरसंचार विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण साथ आए:
सामान्य अध्ययन: 3
प्रौद्योगिकी एवं आपदा प्रबंधन:
विषय: संचार प्रौद्योगिकी एवं आपदा और आपदा प्रबंधन।
प्रारंभिक परीक्षा: सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम,दूरसंचार विभाग (डॉट),राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)।
प्रसंग:
- दूरसंचार विभाग (डॉट) भारत में दूरसंचार क्षेत्र के विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से विकासात्मक नीतियां तैयार करने के लिए उत्तरदायी है। सरकार का मिशन नवाचार को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा करते हुए सभी नागरिकों के लिए किफायती और प्रभावी दूरसंचार सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना है।
उद्देश्य:
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सहयोग से दूरसंचार विभाग सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम का व्यापक परीक्षण करेगा।
- इस पहल का उद्देश्य आपदाओं के दौरान आपातकालीन संचार को मजबूत बनाना और हमारे सम्मानित नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता देना है।
विवरण:
- भारत के लोगों और उनके समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अनवरत प्रतिबद्धता में सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम विभिन्न दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में कठोर परीक्षण से गुजरेगा।
- विभिन्न मोबाइल ऑपरेटरों और सेल ब्रॉडकास्ट सिस्टम की आपातकालीन अलर्ट ब्रॉडकास्टिंग क्षमताओं की दक्षता और प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए ये परीक्षण देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर आयोजित किए जाएंगे।
- सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम एक अत्याधुनिक तकनीक का प्रतिनिधित्व करता है, जो हमें निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों के भीतर सभी मोबाइल उपकरणों पर महत्वपूर्ण और सीमित समय के लिए प्रासंगिक आपदा प्रबंधन संदेशों को प्रसारित करने में सक्षम बनाता है, भले ही प्राप्तकर्ता निवासी हों या आगंतुक।
- महत्वपूर्ण आपातकालीन जानकारी यथासंभव अधिक से अधिक व्यक्तियों तक तुरंत पहुंचाना सुनिश्चित करता है।
- सरकारी एजेंसियां और आपातकालीन सेवाएं जनता को संभावित खतरों की सूचना देने और गंभीर परिस्थितियों के दौरान महत्वपूर्ण अपडेट प्रदान करने के लिए सेल ब्रॉडकास्ट का उपयोग करती हैं।
- सेल ब्रॉडकास्ट के सामान्य अनुप्रयोगों में गंभीर मौसम की चेतावनी ( उदाहरण के लिए, सुनामी, अचानक बाढ़, भूकंप), सार्वजनिक सुरक्षा के संदेश, निकासी नोटिस और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जैसे आपातकालीन अलर्ट देना शामिल है।
- इस प्रयास के तहत, भारत भर में विभिन्न राज्यों में परीक्षण आयोजित किए जा रहे हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.लैंगिक समानता और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए सीआरआईआईआईओ 4 गुड मॉड्यूल लॉन्च:
- केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने लड़कियों और लड़कों के बीच लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए एक नया ऑनलाइन, जीवन कौशल सीखने का मॉड्यूल ‘सीआरआईआईआईओ 4 गुड’ लॉन्च किया हैं।
- यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद, यूनिसेफ और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सहयोग से अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में शुरू किया गया था।
- ‘सीआरआईआईआईओ 4 गुड ‘ के माध्यम से, खेल की शक्ति और क्रिकेट की लोकप्रियता का उपयोग बालिकाओं को सशक्त बनाने और लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता फैलाने के माध्यम के रूप में किया जा सकता है।
- ‘सीआरआईआईआईओ 4 गुड’ के यह शिक्षण मॉड्यूल अत्यधिक आकर्षक हैं, और वे मज़ेदार, इंटरैक्टिव तरीके से लड़कियों और लड़कों के बीच आवश्यक जीवन कौशल और लैंगिक समानता के बारे में बात करने के लिए क्रिकेट की शक्ति का उपयोग करते हैं।
- ‘सीआरआईआईआईओ 4 गुड ‘ लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, लड़कियों को जीवन कौशल से अवगत कराने और खेलों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए 8 क्रिकेट-आधारित एनीमेशन फिल्मों की एक श्रृंखला है।
- क्रिकेट को लेकर युवा दर्शकों की लोकप्रियता और उनके जुनून का उपयोग करते हुए, आईसीसी और यूनिसेफ ने बच्चों और युवाओं को महत्वपूर्ण जीवन कौशल अपनाने और लैंगिक समानता के महत्व की सराहना करने के लिए प्रेरित करने के लिए ये मॉड्यूल जारी किए।
- आठ मॉड्यूल के विषय हैं: नेतृत्व, समस्या-समाधान, आत्मविश्वास, निर्णय लेना, बातचीत, सहानुभूति, टीम वर्क और लक्ष्य निर्धारण तथा क्रिकेट उदाहरणों का उपयोग करके अत्याधुनिक एनीमेशन के माध्यम से इनकी कल्पना की जाती है।
- स्थानीय बारीकियों पर गहन शोध ने इन फिल्मों को वास्तविक और प्रासंगिक बना दिया है।
2. राष्ट्रीय टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन:
- वस्त्र मंत्रालय ने 7वीं एमएसजी बैठक के दौरान जियोटेक, प्रोटेक, इंडुटेक, सस्टेनेबल टेक्सटाइल, स्पोर्टटेक, स्मार्ट ई-टेक्सटाइल, मेडिटेक सेगमेंट के प्रमुख कार्यनीतिक क्षेत्रों में 46.74 करोड़ रुपये की 18 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी।
- केंद्रीय वस्त्र, वाणिज्य और उद्योग तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के मिशन संचालन समूह (एमएसजी) की 7वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में टेक्निकल टेक्सटाइल के स्वदेशी विकास के लिए उद्योग और संस्थान की सक्रिय और मजबूत भागीदारी आवश्यक है।
- इन 18 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में से 14 उच्च मूल्य वाली परियोजनाएं हैं, 3 प्रोटोटाइप अनुदान परियोजनाएं हैं और 1 आइडिएशन ग्रांट परियोजना है।
- इन परियोजनाओं में टेक्निकल टेक्सटाइल के विभिन्न अनुप्रयोग क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनमें जियोटेक की 1, प्रोटेक की 2, इंदुटेक की 2, स्पोर्टटेक की 2, सस्टेनेबल टेक्सटाइल की 5, मेडिटेक की 3, स्मार्ट और ई टेक्सटाइल की 3 और जियोटेक्सटाइल की 1 परियोजना शामिल है।
- भारत में आयात पर निर्भर टेक्निकल टेक्सटाइल वस्तुओं और विशेष फाइबर के अतिरिक्त विश्व स्तर पर अत्यधिक आयातित टेक्निकल टेक्सटाइल वस्तुओं के अनुसंधान एवं विकास पर जोर दिया जाना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास के मोर्चे पर प्रगति की भी समीक्षा की, जिसमें 151.02 करोड़ रुपये मूल्य के 15 सार्वजनिक और 11 निजी संस्थानों के 26 आवेदनों को दस्तावेज प्रस्तुत करने, प्रयोगशाला अवसंरचना की खरीद और टेक्निकल टेक्सटाइल के विभिन्न अनुप्रयोग क्षेत्रों में प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मंजूरी दी गई।
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