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30 अक्टूबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. ‘प्रवर्तन मामलों में सहयोग पर प्रथम वैश्विक सम्मेलन (जीसीसीईएम)’ का उद्घाटन:
  2. जहाज डीएससी ए 21 (यार्ड 326) का शुभारंभ:
  3. चौथा गोवा समुद्री सम्मेलन:
  4. प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य पर केन्‍द्र के हस्तक्षेप से घरेलू बाजार में मूल्य वृद्धि रुकी:

1. ‘प्रवर्तन मामलों में सहयोग पर प्रथम वैश्विक सम्मेलन (जीसीसीईएम)’ का उद्घाटन:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय:महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान,संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।

प्रारंभिक परीक्षा:विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ),केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी)।

प्रसंग:

  • केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में प्रवर्तन मामलों में सहयोग पर प्रथम तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन (जीसीसीईएम) के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की।

उद्देश्य:

  • जीसीसीईएम का शुभारंभ दरअसल वर्ष 2022 में डीआरआई स्थापना दिवस के उद्घाटन समारोह में अपने पिछले साल के संबोधन में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा दिए गए सुझाव में निहित है जिसमें समय पर खुफिया जानकारी साझा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रवर्तन एजेंसियों के बीच अधिक’ से-अधिक सहयोग एवं गठबंधन करने के महत्व पर विशेष जोर दिया गया था और इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया था कि भारत की जी20 अध्यक्षता के वर्ष में सीबीआईसी और डीआरआई को इस उद्देश्‍य से एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन अवश्‍य ही आयोजित करना चाहिए।

विवरण:

  • इस पृष्ठभूमि में विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ), ब्रुसेल्स के परामर्श से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधीनस्‍थ राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) 30 अक्टूबर से लेकर 1 नवंबर 2023 तक वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है जिसकी थीम है ‘नेटवर्क से लड़ने के लिए नेटवर्क की आवश्यकता होती है’।
  • इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य अंतर्दृष्टि, एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की सुविधा प्रदान करना और भारतीय सीमा शुल्क के साझेदार प्रशासनों या संगठनों के साथ सहयोग बढ़ाने और नई साझेदारियां करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है।
  • डब्ल्यूसीओ ने सदस्य प्रशासनों और उन अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सीमा शुल्क के साथ सहयोग किया है, जिनमें डब्ल्यूसीओ के क्षेत्रीय खुफिया संपर्क कार्यालय (आरआईएलओ) और डब्ल्यूसीओ के सचिवालय के वरिष्ठ प्रतिनिधित्व शामिल हैं।
  • प्रवर्तन मामलों में सहयोग पर वैश्विक सम्मेलन दरअसल दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के नेटवर्किंग और सहयोगात्मक प्रयासों की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे अंततः न केवल भारत की अर्थव्यवस्था, बल्कि विश्व अर्थव्यवस्था भी लाभान्वित होगी।
  • केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सीमा शुल्क के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं यानी सुविधाजनक बनाना और प्रवर्तन।
    • ये सीमा शुल्क और प्रवर्तन एजेंसियों के कामकाज के मूल में होने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अधिकारियों को समर्पण भाव के साथ काम करना चाहिए, प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए, अवैध व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट की रोकथाम के लिए घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ जानकारी और कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी साझा करनी चाहिए।
    • इन एजेंसियों का अनुभव अंतरराष्ट्रीय व्यापार में व्याप्त बुराइयों की रोकथाम सुनिश्चित करने की दिशा और रास्ता दिखाएगा।
  • केंद्रीय वित्त मंत्री ने लाल चंदन (रेड सैंडर्स) सहित इमारती लकड़ी के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए आरआईएलओ एशिया-प्रशांत और आरआईएलओ मध्य-पूर्व के सहयोग से भारतीय सीमा शुल्क विभाग के ‘ऑपरेशन शेष’ के चौथे चरण का भी शुभारंभ किया।
    • श्रीमती सीतारमण ने अन्य बहुमूल्य वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण पर जोर देने के साथ-साथ लाल चंदन के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने पर विशेष बल दिया।
  • श्रीमती सीतारमण ने दुनिया भर में सीमा शुल्क प्रवर्तन एजेंसियों के बीच ज्ञान साझा करने में विश्व सीमा शुल्क संगठन की विशेष भूमिका को भी स्वीकार किया।
  • इसके अलावा, भारत की विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि भी तस्करी और वाणिज्यिक धोखाधड़ी की रोकथाम के क्षेत्र में विभिन्न सत्रों वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.जहाज डीएससी ए 21 (यार्ड 326) का शुभारंभ:

  • भारतीय नौसेना के लिए मेसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल), कोलकाता द्वारा बनाए जा रहे 05 एक्स डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट (डीएससी) प्रोजेक्ट के दूसरे जहाज ‘डीएससी ए 21’ का शुभारंभ 30 अक्टूबर 23 को टीटागढ़, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में हुगली नदी पर किया गया।
  • इस समारोह की अध्यक्षता कार्मिक प्रमुख वीएडीएम के स्वामीनाथन ने की। नौसेना की समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए, श्रीमती लैला स्वामीनाथन ने जहाज का शुभारंभ किया।
  • इन जहाजों को बंदरगाहों और तटीय जल में गोताखोरी कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इनमें अत्याधुनिक गोताखोरी उपकरण लगाए गए हैं।
    • वे लगभग 300 टन के विस्थापन के साथ 30 मीटर लंबे कैटामरन पतवार वाले जहाज हैं।
    • 05 एक्स डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट के निर्माण के अनुबंध पर 12 फरवरी, 2021 को रक्षा मंत्रालय और मेसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड, कोलकाता के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
  • इन जहाजों को प्रासंगिक नौसेना नियमों और भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है।
    • डिजाइन चरण के दौरान जहाजों का हाइड्रोडायनामिक विश्लेषण/मॉडल परीक्षण नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम में किया गया था।
    • ये जहाज भारत सरकार/रक्षा मंत्रालय की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।

2. चौथा गोवा समुद्री सम्मेलन:

  • रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 30 अक्टूबर, 2023 को गोवा समुद्री सम्मेलन ( गोवा मेरीटाइम कॉन्कलेव-जीएमसी) के चौथे संस्करण के मुख्य भाषण में जलवायु परिवर्तन, समुद्री लूट, आतंकवाद, नशीली दवाओं की तस्करी, अत्यधिक मछली पकड़ना और खुले समुद्र में व्यापार की आजादी जैसी आम समुद्री चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय सहयोगात्मक शमन ढांचे की स्थापना का आह्वान किया है।
  • 29 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुए इस तीन दिवसीय सम्मेलन में कोमोरोस के रक्षा प्रभारी प्रतिनिधि श्री मोहम्मद अली यूसुफ़ और हिंद महासागर के 11 अन्य देशों- बांग्लादेश इंडोनेशिया, मेडागास्कर, मलेशिया, मालदीव, मॉरीशस, म्यांमार, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड के नौसेनाओं के प्रमुख/समुद्री बलों के प्रमुख/अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
  • रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हिंद समुद्री क्षेत्र को कम सुरक्षित और कम समृद्ध बनाने के जिम्मेदार स्वार्थी हितों से बचते हुए सामान्य समुद्री प्राथमिकताओं को सहयोगात्मक ढंग से पूरा करने की आवश्यकता है।
    • उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों का सम्मान करने के महत्व को रेखांकित किया, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) 1982 में प्रतिपादित किया गया था।
  • श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक स्वतंत्र, खुली और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था हम सबकी प्राथमिकता है। ऐसी समुद्री व्यवस्था में ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ यानि ताकत का जोर के लिए कोई स्थान नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और समझौतों का पालन हमारा आदर्श होना चाहिए।
  • रक्षा मंत्री ने जलवायु परिवर्तन पर कहा कि सहयोगात्मक शमन ढांचे में उन देशों को शामिल किया जा सकता है जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने और टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए आपस में मिलकर काम कर रहे हैं।
    • उन्होंने बताया कि दुनिया इस समस्या से उबर सकती है यदि सभी देश हरित अर्थव्यवस्था में निवेश करके उत्सर्जन में कटौती करने की जिम्मेदारी स्वीकार करें और जरूरतमंद देशों के साथ प्रौद्योगिकी और पूंजी साझा करें।
  • श्री राजनाथ सिंह ने अवैध, असूचित और अनियमित (आईयूयू) मछली पकड़ने का भी उल्लेख किया, यह ऐसी चुनौती है जो संसाधनों के अत्यधिक दोहन से जुड़ा है।
    • इस तरह मछली पकड़ने से समुद्री इकोसिस्टम और टिकाऊ मत्स्य पालन को खतरा होता है।
    • यह हमारी आर्थिक सुरक्षा और क्षेत्रीय एवं वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए भी ख़तरा है।
    • निगरानी डेटा के संकलन और साझाकरण के लिए बहुराष्ट्रीय सहयोगात्मक प्रयास समय की मांग है।
  • रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इन शमन ढांचों को स्थापित करने के लिए देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और संसाधनों तथा विशेषज्ञता को साझा करने का आह्वान किया।
  • आईओआर के महत्ता को बताते हुए, देश के समुद्री हितों की रक्षा करने और संकट के समय क्षेत्र में मदद के लिए सबसे पहले पहुंचने वाली भारतीय नौसेना की सराहना की।
  • सम्मेलन में मुख्य भाषण के बाद रक्षा मंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ स्टालों का दौरा किया, जो आयोजन स्थल पर लगाए गए हैं।
    • इसका उद्देश्य सम्मेलन में 12 देशों से आए प्रतिनिधिमंडलों को अत्याधुनिक हथियारों, उपकरणों और प्लेटफार्मों के स्वदेशी विनिर्माण में भारत के रक्षा उद्योग की बढ़ती क्षमताओं से रूबरू कराना है।
  • इस चौथे संस्करण का विषय ‘हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा: सामान्य समुद्री प्राथमिकताओं को सहयोगात्मक शमन ढांचे में बदलना’ है।
    • नेवल वॉर कॉलेज, गोवा के तत्वावधान में सम्मेलन के दौरान कई सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
  • इस दौरान निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रख्यात वक्ताओं और विषय विशेषज्ञों के साथ बातचीत आयोजित की जा रही है:
    • आईओआर में समुद्री सुरक्षा हासिल करने के लिए नियामक और कानूनी ढांचे में अंतराल की पहचान करना।
    • समुद्री खतरों और चुनौतियों से निपटने के लिए जीएमसी राष्ट्रों के लिए एक सामान्य बहुपक्षीय समुद्री रणनीति और संचालन प्रोटोकॉल का निर्माण।
    • संपूर्ण आईओआर में उत्कृष्टता केंद्र के साथ सहयोगात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पहचान और स्थापना।
    • सामूहिक समुद्री दक्षताओं को उत्पन्न करने की दिशा में आईओआर में मौजूदा बहुपक्षीय संगठनों के माध्यम से की जाने वाली गतिविधियों का लाभ उठाना।

3. प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य पर केन्‍द्र के हस्तक्षेप से घरेलू बाजार में मूल्य वृद्धि रुकी:

  • प्‍याज का निर्यात रोकने और घरेलू बाजारों में उपलब्धता बनाए रखने के लिए 29 अक्टूबर 2023 से 31 दिसम्‍बर 2023 तक प्याज पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लागू करने के सरकार के फैसले का असर महाराष्ट्र के बाजारों में तत्‍काल प्रभाव से दिखाई देने लगा है, जहां प्‍याज की कीमतों में पिछले सप्ताह दर्ज की गई उच्चतम कीमत से 5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
  • महाराष्ट्र के सभी बाजारों में प्याज की भारित औसत कीमत में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई है और खपत केन्‍द्रों में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई है।
  • उपभोक्ता कार्य विभाग स्थिर घरेलू कीमतें और उपभोक्ताओं के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दैनिक आधार पर प्याज के निर्यात और कीमतों की निगरानी कर रहा है।
    • नवम्‍बर महीने में बढ़ती मांग को देखते हुए, विभाग ने मंडी में बिक्री और उच्च कीमतों वाले केन्‍द्रों पर खुदरा उपभोक्ताओं को रियायती बिक्री कर प्याज का सुरक्षित भंडार (बफर स्टॉक) बाजार में जारी करना शुरू कर दिया है।
    • इसमें 170 से अधिक शहरों की 685 चलती-फिरती खुदरा दुकानों के माध्यम से बिक्री शामिल है।
    • नैफेड और एनसीसीएफ ने प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उच्च मूल्य केन्‍द्रों में वितरित करने के लिए खरीफ फसल की अतिरिक्त 2 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद भी शुरू कर दी है।

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