आयुष्मान भारत दिवस प्रतिवर्ष 30 अप्रैल को मनाया जाता है | “आयुष्मान भारत” देश की स्वास्थ्य क्षेत्र की सबसे व्यापक योजना है जिसे “मोदी-केयर” भी कहा गया (क्योंकि यह नरेंद्र मोदी के नेत्रित्व वाली सरकार के द्वारा अमेरिका के “ओबामा -केयर” की तर्ज़ पर शुरू की गई) | यह योजना केन्द्रीय वित्त बजट 2018 में शुरू की गई थी जिसके दो मुख्य स्तंभ हैं, पहला ,देश में एक लाख हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स स्थापित करना एवं दूसरा , 10 करोड़ परिवारों को रूपये 5.00 लाख प्रतिवर्ष के स्वास्थ्य बीमा कवच से जोड़ना ,जो कि भारतीय आबादी का लगभग 40% हिस्सा हैं | आयुष्मान भारत योजना (A.B.Y) में समाज के कमजोर वर्ग के लगभग 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा लाभ दिया जा रहा है | साल 2008 में यूपीए सरकार द्वारा लांच किये गये राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (NHBY) को भी आयुष्मान भारत योजना में मिला दिया गया है | इस लेख में इस योजना की विस्तृत जानकारी दी गई है |
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आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) का लक्ष्य
इस योजना के निम्नवत लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं –
- “आयुष्मान भारत” स्वास्थ्य सेवा वितरण के क्षेत्रीय और संकुचित दृष्टिकोण से हट कर, एक व्यापक और अपेक्षित स्वास्थ्य सेवा की ओर बढ़ने का प्रयास है | इस योजना का उद्देश्य प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली (प्रिवेन्शन, प्रमोशन एवं एंबुलेटरी केयर) को समग्रित रूप से सम्बोधित करना है | आयुष्मान भारत अबाध्य स्वास्थ्य सेवाओं की ओर एक बड़ा क़दम है |
- एबीवाई के माध्यम से गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना | सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के 8.03 करोड़ परिवार और शहरी क्षेत्र के 2.33 करोड़ परिवार आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) के दायरे में आयेंगे |
- आयुष्मान भारत योजना में हर परिवार को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बिमा मिलता है |
- सरकार की कोशिश यह है कि महिला, बच्चे और वरिष्ठ नागरिकों को एबीवाई में खास तौर पर शामिल किया जाय | आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल होने के लिए परिवार के आकार और उम्र सम्बन्धी कोई शर्त नहीं है |
- इस योजना के तहत सरकारी एवं निजी दोनों प्रकार के अस्पताल में एबीवाई के लाभार्थियों का निःशुल्क इलाज हो सकता है |
- शहरी क्षेत्र में 11 पूर्व निर्धारित पेशे/कामकाज के हिसाब से लोग आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल हो सकते हैं | राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में पहले से शामिल लोग स्वतः आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल हो गए हैं |
- ग्रामीण क्षेत्र में कच्चा मकान में रहने वाले परिवार , परिवार में किसी व्यस्क (16-59 साल) का नहीं होना, परिवार की मुखिया एक महिला का होना , परिवार में कोई दिव्यांग का होना , अनुसूचित जाति/जनजाति और भूमिहीन व्यक्ति/दिहाड़ी मजदूर इत्यादि के तहत आने वाले लोग भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं | इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के बेघर व्यक्ति, निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी और क़ानूनी रूप से मुक्त बंधुआ आदि स्वत: आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल हो जायेंगे |
- शहरी क्षेत्र में भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले, रेहड़ी-पटरी दुकानदार, मोची, फेरी वाले, सड़क पर कामकाज करने वाले अन्य व्यक्ति,कंस्ट्रक्शन साईट पर काम करने वाले मजदूर, प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर, सिक्योरिटी गार्ड, कुली ,स्वीपर, सफाई कर्मी, घरेलू काम करने वाले, हेंडीक्राफ्ट का काम करने वाले लोग, टेलर, ड्राईवर, रिक्शा चालक, दुकान पर काम करने वाले लोग और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति इत्यादि को भी इस योजना में समाहित करने का लक्ष्य है |
- आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) का लाभार्थी अस्पताल में एडमिट होने के लिए कोई राशी नहीं चुकाएगा | अस्पताल में दाखिल होने से लेकर इलाज तक का सारा खर्च इस योजना में कवर किया जायेगा | आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) के लाभ में अस्पताल में दाखिल होने से पहले और बाद के कुछ खर्च भी कवर किये जायेंगे |
- हर अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र नियुक्त होगा, वह मरीज की मदद करेगा और उसे अस्पताल की सुविधाएं दिलाने में मदद करेगा | अस्पताल में एक “हेल्प डेस्क” भी होगा जो दस्तावेज चेक करने, स्कीम में नामांकन के लिए सत्यापन में मदद करेगा |
- आयुष्मान भारत योजना में तकरीबन हर बीमारी के लिए चिकित्सा और अस्पताल में दाखिल होने का खर्च कवर है | स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत योजना में कुल 1354 पैकेज शामिल किये हैं | इसमें कोरोनरी बायपास, घुटना बदलना और स्टंट डालने जैसे खर्चीले इलाज भी शामिल हैं |
- आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में इलाज का खर्च केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) से 15-20 प्रतिशत कम है |
- यह योजना सतत विकास लक्ष्यों (S.D.G) और इसकी रेखांकित प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति ना छूटे (No One Is Left Behind)
आयुष्मान भारत योजना का कार्यान्वयन
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना ने अब तक 75,532 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र को शुरू किया है | इसने 2022 के अंत तक 5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है | लाभार्थियों को सामाजिक-आर्थिक जनगणना डेटाबेस से चुने जाने का लक्ष्य है | आयुष्मान भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कवर है | यह योजना अस्पताल में भर्ती होने से 15 दिन पहले और 15 दिनों के बाद तक के कार्यकाल को कवर करती है | इसमें दवाओं और जांचों का खर्च भी शामिल होता है | इस योजना में ऐसे पैकेज हैं, जिनमें केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं की तुलना में 15% तक सस्ता घुटना रीप्लेसमेंट, बाईपास और अन्य उपचार शामिल हैं | “आयुष्मान मित्र” पहल के अंतर्गत बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने की भी योजना शुरू की गई है | आयुष्मान मित्र पहल के तहत दस लाख से अधिक रोजगार सृजित किये गये । आयुष्मान मित्र को सीधे निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में तैनात किया गया था | इस योजना के तहत नियोजित युवाओं को 15,000 रुपये का वेतन दिया जाता है | इसके अलावा, उन्हें प्रत्येक लाभार्थी पर 50 रुपये का प्रोत्साहन(incentive) भी मिलता है | आयुष्मान मित्र लाभार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं एवं हर प्रकार से उनकी सहायता करते हैं |
स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (H.W.C) : फरवरी 2018 में, भारत सरकार ने मौजूदा उप केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (P.H.C) को बदलकर 1,50,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (HWC) बनाने की घोषणा की | यह पहल, व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Comprehensive P.H.C) और स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों के घरों तक पहुंचाने के लिए लक्षित है | इन केंद्रों में नि:शुल्क आवश्यक दवाइयाँ, गैर-संचारी रोगों सहित नैदानिक एवं मातृ और बाल स्वास्थ्य सेवाएँ भी उपलब्ध हैं |
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (P.M.J.A.Y) : आयुष्मान भारत के तहत दूसरा घटक प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना है जिसे पीएम-जय के नाम से भी जानते हैं | यह योजना 23 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा रांची, झारखंड में शुरू की गई | प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त-पोषित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा/आश्वासन योजना है | यह योजना भारत में सार्वजनिक व निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य उपचार के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की धन राशि लाभार्थियों को मुहया कराती है | 10.74 करोड़ से भी अधिक गरीब व वंचित परिवार (या लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) इस योजना के लाभ के दायरे में आते हैं | प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना चिकित्सा उपचार से उत्पन अत्यधिक ख़र्चे को कम करने में मदद करती है, जो एक अध्ययन के अनुसार प्रत्येक वर्ष लगभग 6 करोड़ भारतीयों को गरीबी की रेखा से नीचे पहुचा देता है | इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने से 3 दिन पहले और 15 दिन बाद तक का नैदानिक उपचार, स्वास्थ्य इलाज व दवाइयाँ मुफ्त उपलब्ध होतीं हैं | इस योजना के तहत परिवार के आकार, आयु या लिंग पर कोई सीमा नहीं है | इस योजना के तहत पहले से मौजूद विभिन्न चिकित्सीय परिस्थितियों और गम्भीर बीमारियों को पहले दिन से ही शामिल किया जाता है | प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एक पोर्टेबल योजना है, अर्थात लाभार्थी इसका लाभ पूरे देश में किसी भी सार्वजनिक या निजी सूचीबद्ध अस्पताल में उठा सकतें हैं | इस योजना में लगभग 1,393 बीमारियाँ और पैकेज शामिल हैं जैसे की दवाइयाँ, आपूर्ति, नैदानिक सेवाएँ, चिकित्सकों की फीस, कमरे का शुल्क, ऑपरेशन थिएटर और आई-सी-यू शुल्क इत्यादि में मुफ़्त उपलब्ध हैं | स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निजी अस्पतालों की प्रतिपूर्ति सार्वजनिक अस्पतालों के बराबर की जाती है | इस योजना में 5,00,000 रुपये का लाभ पूरे परिवार को मिलता है, अर्थात इसका उपयोग परिवार के एक या सभी सदस्यों द्वारा किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बिमा योजना के तहत पाँच सदस्यों की पारिवारिक सीमा थी | उन योजनाओं में सुधार लाते हुए, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की संरचना इस प्रकार की गई है कि परिवार के आकार या सदस्यों की उम्र पर कोई सीमा नहीं रखी गई है | इसके अतिरिक्त , पहले से मौजूद विभिन्न बीमारियों को इस योजना में पहले दिन से ही शामिल किया जाता है | इसका अर्थ यह है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में नामांकित होने से पहले किसी भी प्रकार की बीमारी या स्वास्थ्य अवस्थिती से पीड़ित व्यक्ति उन सभी चिकित्सीय परिस्थितियों के लिए, और साथ ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना योजना के तहत सारे उपचार, प्राप्त करने के लिए पहले दिन से ही लाभार्थी है |
इस योजना के निम्नलिखित लाभ हैं :-
- चिकित्सिक परीक्षा, उपचार और परामर्श (Consult)
- अस्पताल में भर्ती से पूर्व ख़र्चा
- दवाइयाँ और चिकित्सा उपभोग्य
- गैर-गहन और गहन स्वास्थ्य सेवाएँ
- नैदानिक और प्रयोगशाला (Lab) जांच
- चिकित्सा आरोपण सेवाएं (जहां आवश्यक हो)
- अस्पताल में रहने का ख़र्चा
- अस्पताल में खाने का ख़र्चा
- उपचार के दौरान उत्पन्न होने वाली जटिलताएँ
- अस्पताल में भर्ती होने के बाद 15 दिनों तक की देखभाल इत्यादि
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