सागर मिशन प्रधानमंत्री के सागर (S.A.G.A.R – Security and Growth for all in the Region) पहल से प्रेरित है जिसका अर्थ है क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास। जहाँ सागर पहल व्यापक तौर पर भारत के समुद्री- पड़ोसी देशों के आर्थिक एवं सामरिक सुरक्षा व समृद्धि से जुड़ा है वहीं “मिशन सागर” के तहत मई 2020 से भारतीय नौसेना द्वारा तैनात किये गये जहाज I.N.S केसरी ने 25 दिसंबर 2021 को मोजाम्बिक के मापुटो बंदरगाह में प्रवेश किया। यह SAGAR पहल के अनुरूप ऐसी 8वीं तैनाती है और विदेश मंत्रालय तथा भारत सरकार की अन्य एजेंसियों के द्वारा संचालित की जा रही है। नौसैनिक जहाजों की ये तैनातियां भारत के समुद्री- पड़ोसी देशों के साथ सामंजस्य से की गई हैं और भारत के साथ इन देशों के कुटनीतिक सम्बन्धों को और मजबूत करती हैं।
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सागर मिशन की आवश्यकता क्यों ?
सागर मिशन एक अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा से जुड़ी पहल है | इसके तहत कोरोना वैश्विक महामारी से निपटने में सहायता के लिए भारत सरकार ने मालदीव, मोजाम्बिक, मॉरीशस, मेडागास्कर, कोमोरोस,सूडान ,जिबूती ,वियतनाम ,मोरिशस ,सिश्ली आदि कुल 15 देशों के अनुरोध पर भारतीय नौसेना के जहाज I.N.S केसरी को भेजा है, जिसमें दो चिकित्सा सहायता टीमें,एक लैंडिंग शिप टैंक और Covid-19 से संबंधित आवश्यक दवाओं और आवश्यक खाद्य पदार्थों की 500 टन की खेप है। इसके साथ ही I.N.S केसरी के द्वारा मोजाम्बिक के सशस्त्र बलों के लिए दो फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट और आत्मरक्षा उपकरण भी भेजे गये ताकि भारत-मोजाम्बिक सामरिक सम्बन्धों को और सशक्त किया जा सके । समुद्र में 215 दिनों से अधिक समय में की गई इन तैनातियों ने अब तक कुल 3,000 मीट्रिक टन से अधिक खाद्य सहायता, 300 मीट्रिक टन से अधिक एल.एम.ओ, 900 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और 20 आई.एस.ओ कंटेनरों की सहायता प्रदान की है। इन मिशनों के संचालन के दौरान, भारतीय नौसेना के जहाजों ने अब तक लगभग 40,000 समुद्री मिल (1 nautical mile = 1.85 km) की कुल दूरी तय कर ली है | इसके लिए लगभग 10 लाख मानव-घंटे का निवेश किया जा चुका है। इस मिशन के तहत मॉरीशस और कोमोरोस में चिकित्सा सहायता टीमें तैनात की जाएंगी, जिससे Covid-19 के अलावा डेंगू बुखार के भी नियंत्रण का प्रयास किया जाएगा । इसके अलावा, मॉरीशस के लिए आयुर्वेदिक दवाओं की एक विशेष खेप भी भेजी जा रही है। मेडागास्कर और कोमोरोस के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां भी शामिल हैं, जो पहले ही मॉरीशस, मालदीव और सेशेल्स को भेजी जा चुकी हैं। इन प्रयासों से भारत ने न केवल विश्व सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता सिद्ध की है बल्कि क्षेत्र में अपने नेत्रित्व कौशल की भी दावेदारी पेश की है |
भारत सरकार के अन्य प्रमुख सैन्य मिशन
ऑपरेशन पोलो (1948) |
भारतीय सेना द्वारा दक्षिण भारत में हैदराबाद के निज़ाम मीर उस्मान अली के शासन का अंत किया और हैदराबाद रियासत को भारतीय संघ में विलीन किया गया । |
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ऑपरेशन विजय (1961) |
गोवा, दमन और दीव और अंजिदिव द्वीपों को पुर्तगालियों के शासन से छुड़ाकर भारत सरकार के कब्जे में लिया गया । |
ऑपरेशन कैक्टस लिलि (1971) |
भारतीय वायु सेना द्वरा बांग्लादेश की मुक्ति के लिए चलाया गया | |
ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984) |
भारतीय सेना द्वारा 1984 में अमृतसर स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर को ख़ालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए चलाया गया | |
ऑपरेशन पवन (1987) |
1987 के अंत में श्रीलंका में LTTE (Liberation Tigers of Tamil Elam) को निशस्त्र कर जाफना को नियंत्रण में लेने के लिए भारतीय शांति सेना द्वारा किया गया अभियान | |
ऑपरेशन कैक्टस (1988) |
पैराकमांडोज़ (भारत) और मार्कोस द्वारा किराये के तमिल राष्ट्रवादी सैनिकों को मालदीव की राजधानी माले में सत्ता परिवर्तन करने से रोकने के लिए चलाया गया । |
ऑपरेशन राहत (2013) |
2013 के उत्तराखंड बाढ़ के दौरान भारतीय वायु सेना द्वारा चालाया गया बचाव अभियान | |
ऑपरेशन मैत्री (2015) |
भूकंपग्रस्त नेपाल में भारतीय सेना का राहत व बचाव कार्य | |
ऑपरेशन ऑल आउट (2015) |
असम के बोडो नक्सलियों का खात्मा करने के लिए | |
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