रवींद्र जयंती प्रतिवर्ष बांग्ला पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार बैशाख महीने के 25 वें दिन मनाई जाती है, जिसे “पोचिशे बोइशाख” कहा जाता है । ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह तिथि 7 से 9 मई के आस पास आती है । यह जयंती ‘गुरुदेव’ रवींद्रनाथ टैगोर (या रवींद्रनाथ ठाकुर) के जन्म दिवस के अवसर पर मनाई जाती है। रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता के जोड़ासांको में हुआ था। उनकी ख्याति भारत के महानतम लेखकों ,विचारकों व स्वतंत्रता सेनानियों में से एक के रूप में है । वर्ष 2022 में यह जयंती 7 मई को मनाई गई जबकि वर्ष 2023 में यह तिथि 9 मई को आयेगी । इस लेख में हम आपको गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बारे महत्वपूर्ण जानकारी देने के साथ साथ भारत में मनाई जाने वाली अन्य महत्वपूर्ण जयंतियों की भी जानकारी देंगे । अंग्रेजी माध्यम में इस विषय पर जानकारी के लिए देखें Rabindranath Tagore Jayanti
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रवींद्रनाथ टैगोर : एक परिचय
रवींद्रनाथ टैगोर आधुनिक भारत की महानतम हस्तियों में से एक माने जाते हैं। वह एक कवि, लेखक, विचारक, दार्शनिक, गीतकार और चित्रकार थे, जिन्होंने पश्चिमी विश्व में भारतीय संस्कृति के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विश्व को उनकी सबसे बड़ी देन संभवतः उनकी शांति, अहिंसा व अंतर्राष्ट्रीयवाद (Internationalism) की अवधारणा है। उनका जन्म कोलकाता (तब कलकत्ता) के जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी में 7 मई, 1861 को हुआ था (बांग्ला कैलेंडर के अनुसार, टैगोर का जन्म 1268 में हुआ था) । उनके पिता का नाम देवेंद्र नाथ टैगोर था और माता का नाम शारदा देवी था । टैगोर अपने 13 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। रवींद्रनाथ टैगोर बचपन से बैरिस्टर बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 1878 में इंग्लैंड के ब्रिजस्टोन पब्लिक स्कूल में दाखिला भी लिया और बाद में लंदन के विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई भी की, लेकिन 1880 में बिना परीक्षा दिए और बिना कानून की डिग्री लिए ही वह वापस भारत आ गए। प्रतिष्ठित ‘ठाकुर’ परिवार के सदस्य के रूप में टैगोर रंगमंच, गायन (बंगाली और पश्चिमी), शास्त्रीय संगीत और साहित्यिक वाद-विवाद के कौशल के धनि थे। उन्होंने मानवतावाद और सार्वभौमिकता की वकालत की। टैगोर का स्थान न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में विशिष्ट है। वह 1913 में ‘गीतांजलि’ के लिए साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले गैर-यूरोपीय थे। उन्होंने इस कार्य के माध्यम से भारतीय साहित्य को विश्व में एक नई पहचान दी। उन्होंने 3 देशों, भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के लिए राष्ट्रगान की रचना की/प्रेरणा स्रोत बने। 1915 में यूनाइटेड किंगडम के किंग जॉर्ज पंचम द्वारा टैगोर को ‘नाइटहुड’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था। हालांकि, उन्होंने 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद विरोध स्वरुप अपनी नाइटहुड उपाधि का त्याग कर दिया था। उन्होंने 2,200 से भी अधिक गीत लिखे हैं जिन्हें ‘रवीन्द्र संगीत’ के नाम से जाना जाता है। रवींद्रनाथ टैगोर के गीत हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की ‘ठुमरी शैली’ से प्रभावित थे।
रवींद्रनाथ टैगोर के विषय में कुछ परीक्षोपयोगी तथ्य
- रवींद्रनाथ टैगोर को ‘गुरुदेव’ , ‘कविगुरु’ एवं ‘विश्व- कवि’ के नाम से भी जाना जाता है। गुरुदेव की उपाधि उन्हें महात्मा गाँधी ने दी थी ।
- रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत के राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के साथ -साथ बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ की भी रचना की (1905 में ) । आनंद समाराकुन द्वारा रचित श्रीलंका का राष्ट्रगान “श्रीलंका माथा” या “श्रीलंका माता” भी उनकी ही रचनाओं से प्रेरित है ।
- 1913 में उन्हें उनकी रचना गीतांजलि के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया । गीतांजलि की लोकप्रियता के कारण इसका अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी, रूसी आदि भाषाओँ में अनुवाद किया गया। नोबेल पुरस्कार पाने वाले वह पहले भारतीय थे।
- स्वामी विवेकानंद के बाद टैगोर दूसरे भारतीय व्यक्ति थे जिन्होंने विश्व धर्म संसद को संबोधित किया था ।
- रवींद्रनाथ टैगोर को प्रकृति से भी गहरा लगाव था।
- रवींद्रनाथ टैगोर ने लगभग एक हजार कविताएँ और दो हज़ार गीत लिखे हैं। चित्रकला, संगीत और भावनृत्य के प्रति इनके विशेष अनुराग के कारण “रवींद्र संगीत” नाम की एक अलग विधा की ही उत्पति हो गई जो आज भी संगीत के प्रेमियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है ।
- टैगोर ने पश्चिम बंगाल में कोलकाता से लगभग 180 कि॰मी॰ उत्तर की ओर बीरभूम जिले के अंतर्गत बोलपुर के समीप “शांति निकेतन” नाम की एक शैक्षिक और सांस्कृतिक संस्था की स्थापना की। यह अपनी तरह का अनूठा संस्थान माना जाता है। 1901 में स्थापित यह प्रायोगिक विद्यालय 1921 में ‘विश्व भारती विश्वविद्यालय’ बन गया।
- रविंद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई द्विजेन्द्रनाथ दार्शनिक और कवि थे वही उनके दूसरे भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर इंडियन सिविल सेवा में शामिल होने वाले प्रथम भारतीय थे। 1883 में रविंद्र नाथ टैगोर का विवाह मृणालिनी देवी से हुआ। जबकि उनके पिता देवेंद्र नाथ टैगोर ब्रह्म समाज से जुड़े थे |
- आठ साल की उम्र में रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी पहली कविता लिखी थी। वहीं 16 साल की उम्र में टैगोर की पहली लघुकथा प्रकाशित हो गई थी।
- उन्होंने अपनी पहली कविताएंँ ‘भानुसिम्हा’ (Bhanusimha) उपनाम से 16 वर्ष की आयु में प्रकाशित की थीं।
- 7 अगस्त, 1941 को कलकत्ता में उनका निधन हो गया।
- अपनी काव्य कृति गीतांजलि के अतिरिक्त उनकी कुछ अन्य प्रमुख कृतियाँ हैं: – नैवैद्य, पूरबी, बलाका, क्षणिका, चित्र और सांध्यगीत, काबुलीवाला और सैकड़ों अन्य कहानियाँ उपन्यास यथा -गोरा, घरे बाइरे और ‘रवींद्र के निबंध’ ।
कला जगत को रवींद्रनाथ टैगोर की देन : रवींद्र संगीत
“रवीन्द्र संगीत” रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित संगीत की एक विधा है। जैसा कि हम जानते हैं ,टैगोर न केवल चिंतक व लेखक थे ,बल्कि वे एक कुशल कवि -गीतकार भी थे जिन्होंने लगभग 2200 से भी अधिक गीतों की रचना की । उनके इन्हीं गीतों के आधार पर रवीन्द्र संगीत की रचना हुई । रवीन्द्र संगीत में स्रोतों के रूप में भारतीय शास्त्रीय संगीत और पारंपरिक लोक संगीत का उपयोग किया जाता है । |
भारत में मनाई जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण जयंतियां (एवं पूण्यतिथियां)
भारत में मनाई जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण जयंतियां (एवं पूण्यतिथियां) |
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क्रम | जयंती | तिथि |
1 | स्वामी विवेकानंद जयंती (स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस के अवसर पर यह “राष्ट्रीय युवा दिवस” के रूप में मनाया जाता है) | 12 जनवरी |
2 | ‘नेताजी’ सुभाष चन्द्र बोस जयंती | 23 जनवरी |
3 | महात्मा गांधी पुण्यतिथि (महात्मा गांधी के निधन – दिवस के अवसर पर यह ‘शहीद दिवस’ के रूप में याद किया जाता है; 1948 में इसी तिथि को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी) | 30 जनवरी |
4 | गुरु रविदास जयंती (यह जयंती भक्ति काल के प्रमुख संत एवं समाज सुधारक संत रविदास के जन्म दिवस की अवसर पर मनाई जाती है, जिनका जन्म 14वीं सदी में हुआ था) | माघ पूर्णिमा (फरवरी में) |
5 | शहीद दिवस (23 मार्च का दिन भी शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है क्योंकि इसी दिन सन 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी) | 23 मार्च |
6 | राममनोहर लोहिया जयंती (यह जयंती भारत के प्रख्यात समाजवादी विचारक डॉ. राममनोहर लोहिया के जन्म दिवस के अवसर पर मनाई जाती है) | 23 मार्च |
7 | डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती | 14 अप्रैल |
8 | मेजर ध्यानचंद जयंती (हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यान चंद के जन्म दिवस के अवसर पर यह तिथि भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाई जाती है) | 29 अगस्त |
9 | सर्वपल्ली राधाकृष्णन जयंती (भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर यह तिथि भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाई जाती है) | 5 सितंबर |
10 | एम. विश्वेश्वरैया जयंती (मैसूर रियासत के दीवान और विश्व- विख्यात अभियंता मोक्षगुंदम विश्वेश्वरैया के जन्म दिवस के अवसर पर यह तिथि अभियंता दिवस/इंजीनियर्स डे के रूप में मनाई जाती है) | 15 सितंबर |
11 | महात्मा गांधी जयंती (अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस) | 2 अक्टूबर |
12 | लाल बहादुर शास्त्री जयंती | 2 अक्टूबर |
13 | लोकनायक जयप्रकाश नारायण जयंती | 11 अक्टूबर |
14 | सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती (राष्ट्रीय एकता दिवस) | 31 अक्टूबर |
15 | मौलाना अबुल कलाम आजाद जयंती (राष्ट्रीय शिक्षा दिवस) | 11 नवंबर |
16 | डॉ. सलीम अली जन्म दिवस (देश के विख्यात पक्षी विज्ञानी /ओर्निथोलोजिस्ट सलीम अली के जन्म दिवस के अवसर पर यह तिथि राष्ट्रीय पक्षी दिवस के रूप में मनाई जाती है) | 12 नवंबर |
17 | जवाहर लाल नेहरू जयंती (देश के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस के अवसर पर यह तिथि बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है; जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को व निधन 27 मई 1964 को हुआ था ) | 14 नवंबर |
18 | डॉ. भीमराव अंबेडकर पुण्यतिथि | 6 दिसंबर |
19 | श्री निवास रामानुजन जयंती / राष्ट्रीय गणित दिवस (तमिल नाडु के श्री निवास रामानुजन आधुनिक काल के महानतम गणितज्ञों में से एक थे ; अपने केवल 33 वर्ष के जीवनकाल में रामानुजन ने दुनिया को 3500 गणितीय सूत्र दिए । उनकी उपलब्धियों के कारण भारत सरकार द्वारा गणितज्ञ एस. रामानुजन के जन्म-दिवस को राष्ट्रीय गणित दिवस के तौर पर मनाए जाने की घोषणा 26 फरवरी 2012 को की गई थी) | 22 दिसंबर |
20 | चौधरी चरण सिंह जयंती (भारत के किसान राजनेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर 23 दिसम्बर को किसान दिवस मनाया जाता है ) | 23 दिसंबर |
21 | अटल बिहारी वाजपेयी जयंती (भारत रत्न एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर प्रतिवर्ष 25 दिसम्बर को सुशासन दिवस मनाया जाता है ) | 25 दिसंबर |
22 | महावीर जयंती / महावीर स्वामी जन्म कल्याणक (जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्म दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को महावीर जयंती या महावीर स्वामी जन्म कल्याणक मनाया जाता है। जैनों का सबसे प्रमुख पर्व है। | चैत्र शुक्ल त्रयोदशी |
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